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दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) पानी छोड़ने को लेकर अनुशंसा जारी करती है और इसमें पश्चिम बंगाल सरकार, झारखंड सरकार, केंद्रीय जल आयोग (सदस्य सचिव) और डीवीसी के प्रतिनिधि शामिल हैं


डीवीसी की ओर से तय की गई बाढ़ को छोड़ने के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को पहले से सूचित करने से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन किया गया था

Posted On: 19 SEP 2024 6:37PM by PIB Delhi

डीवीसी चार बांधों का संचालन करता है, जो कि मैथन, पंचेत, तिलैया और कोनार हैं। अंतिम बार मैथन और पंचेत से पानी छोड़ा गया था। पानी छोड़ने की सलाह दामोदर घाटी जलाशय विनिमयन समिति (डीवीआरआरसी) की ओर से दी जाती है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार, झारखंड सरकार, केंद्रीय जल आयोग (सचिव सदस्य) और डीवीसी के प्रतिनिधि हैं। 

गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके बाद झारखंड पर गहरे दबाव के चलते, 14/09/2024 से 15/09/2024 तक पश्चिम बंगाल में दामोदार घाटी के निम्न क्षेत्रों में उचित मात्रा में बारिश हुई और 14/09/2024 से 15/09/2024 तक झारखंड के उच्च क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई। 17/09/2024 तक सभी तरह की बारिश बंद हो गई। दक्षिण बंगाल में अमता चैनल और दामोदर नदी के उद्गम क्षेत्र की मुंडेश्वरी नदी उफान पर थीं। अन्य नदियां जैसे शिलाबती, कांगसबती और द्वारकेश्वर, जो कि दामोदर नदी से जुड़ी हुई हैं, उफान पर थीं। इसके चलते इस अवधि के दौरान पानी की निकासी धीमी रही। 

तेनुघाट बांध, जो कि झारखंड सरकार की ओर से कार्यान्वित है और डीवीआरआरसी के नियंत्रण से बाहर है, से 85,000 क्यूसेक रिलीज किया गया, जिससे समस्या और बढ़ गई। डीवीसी की ओर से निर्धारित पानी छोड़ने के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को पहले से सूचना देने से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। 

14/09/2024 से मैथन और पंचेत बांधों से उपरोक्त पानी छोड़ने की सारी सलाह डीवीसी और पश्चिम बंगाल सरकार के परामर्श से दी गई थी। डीवीसी की ओर से निर्धारित पानी छोड़ने के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को पूर्व सूचना देने से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था।

4,23,163 क्यूसेक के संयुक्त अधिकतम इनफ्लो के मुकाबले संयुक्त अधिकतम आउटफ्लो केवल 2,50,885 क्यूसेक था, जिसके चलते बाढ़ में 40.71% की कमी आई। 17.9.24 को सुबह 6 बजे 4,23,163 क्यूसेक के अधिकतम इनफ्लो के मुकाबले आउटफ्लो केवल 90,664 क्यूसेक था। अतः उस समय बाढ़ का 78.57% पानी सोख लिया गया। 

निचली घाटी में पानी निकलने के अवरोधों के साथ बांध से छोड़े जाने वाले पानी के तालमेल को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। डीवीसी ने पंचेत जलाशय को भूमि अधिग्रहण स्तर से आगे जाकर निर्माण करने की अनुमति देने की जिम्मेदारी ली और 17/09/2024 को 17:00 बजे तक आरएल 425.22 फीट के अधिकतम स्तर तक पहुंच गया। 

उपर्युक्त अनियंत्रित कारकों के चलते और बांध सुरक्षा के दृष्टिकोण से, 17/09/2024 को 08:00 बजे से 18:00 बजे तक मैथन और पंचेत बांधों से की गई संयुक्त अधिकतम मात्रा 2.5 लाख क्यूसेक थी, जो हालांकि 19/09/2024 को प्रातः 06:50 बजे धीरे-धीरे कम होकर 80,000 क्यूसेक हो गई थी।

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