वित्त मंत्रालय
बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर आधारित प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर एनएसीआईएन, पलासमुद्रम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
आईपीआर प्रवर्तन में भारतीय सीमा शुल्क की भूमिका को बढ़ाने, सीमा शुल्क अधिकारियों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और आईपीआर उल्लंघनों के खिलाफ रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है: श्री सुरजीत भुजबल
तीन दिवसीय सम्मेलन विभिन्न विषयों पर केंद्रित होगा, जिसमें प्रभावी आईपी प्रशासन और प्रवर्तन तथा भारत में क्षमता निर्माण के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करना शामिल है।
Posted On:
18 SEP 2024 8:43PM by PIB Delhi
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य (सीमा शुल्क) श्री सुरजीत भुजबल ने आज बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) में प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन, आंध्र प्रदेश के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) के नए परिसर में किया।
उम्मीद है कि ये सम्मेलन, आईपी सुरक्षा के प्रति भारत की नीति और प्रतिबद्धता को महत्वपूर्ण रूप से आकार देगा और उसे मजबूत करेगा, ताकि ये संदेश और मजबूती से प्रेषित हो सके कि 'प्रवर्तन और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग ही भारत में प्रभावी आईपी प्रवर्तन की कुंजी है।'
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री भुजबल ने आईपीआर प्रवर्तन में भारतीय सीमा शुल्क की भूमिका को बढ़ाने, सीमा शुल्क अधिकारियों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और आईपीआर उल्लंघनों के खिलाफ रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने भारत में आईपीआर सुरक्षा के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सरकारी एजेंसियों, अधिकार धारकों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग को मजबूत करने का भी लक्ष्य रखा।
यह तीन दिवसीय सम्मेलन विभिन्न विषयों पर केंद्रित होगा, जिसमें प्रभावी आईपी प्रशासन और प्रवर्तन के साथ-साथ भारत में क्षमता निर्माण के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करना, आईपी सुरक्षा में सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और उनका समाधान करने के लिए एनएसीआईएन, पलासमुद्रम में आईपीआर प्रशिक्षण सुविधाओं के ज़रिए अधिकार धारकों के साथ-साथ सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ संवाद शामिल है।
सम्मेलन में अन्य विषयों के अलावा ई-कॉमर्स, राष्ट्रीय आईपी डेटाबेस से संबंधित पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा। इसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, उद्योग संघों और अधिकार धारकों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सम्मेलन का मुख्य आकर्षण एनएसीआईएन, पलासमुद्रम का अत्याधुनिक इमर्सिव ट्रेनिंग सेंटर होगा, जो आईपीआर प्रवर्तन के लिए समर्पित है। यह अत्याधुनिक सुविधा आईपीआर कानूनों और इसके प्रवर्तन की जटिलताओं पर, सीबीआईसी के अधिकारियों और अन्य हितधारकों को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। ये आईपीआर अध्ययन केंद्र उन्नत तकनीकों, इंटरएक्टिव एलएफडी वॉल्स, फ्लिपबुक और लर्निंग कियोस्क के ज़रिए सीखने का अनूठा अनुभव प्रदान करता है। इस केंद्र में प्रमुख आईपीआर मामलों पर संरचित सामग्री के साथ एक स्व-शिक्षण स्थान भी शामिल है, जो आईपीआर कानूनों की गहन समझ और उनके व्यावहारिक प्रयोग को अधिक सक्षम बनाता है।
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एमजी/एआर/एनएस
(Release ID: 2056504)
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