इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने “साइबर सुरक्षित भारत” पहल के भाग के रूप में ‘साइबर सुरक्षा पर सीआईएसओ कार्यशाला’ का आयोजन किया


ख़तरे की ख़ुफ़िया जानकारी साझा करने के साथ-साथ गोपनीयता को संतुलित करने और डिज़ाइन द्वारा डिजिटल अनुप्रयोगों को सुरक्षित करने की आवश्यकता है: सचिव, एमईआईटीवाई, श्री एस. कृष्णन

कार्यशाला ने साइबर सुरक्षा में उभरती चुनौतियों पर चर्चा में शामिल होने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को एक मंच प्रदान किया; देश में लचीला डिजिटल परिदृश्य सुनिश्चित करने के लिए

Posted On: 18 SEP 2024 6:16PM by PIB Delhi

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने 18 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में 'साइबर सुरक्षा पर मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ) कार्यशाला' का आयोजन किया। साइबर सुरक्षित भारत पहल के भाग के रूप में आयोजित इस कार्यशाला में 250 से अधिक सीआईएसओ, डिप्टी सीआईएसओ, फ्रंटलाइन आईटी अधिकारी और विभिन्न मंत्रालयों और राज्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

उद्घाटन सत्र में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें श्री एस. कृष्णन, सचिव, एमईआईटीवाई; श्री अभिषेक सिंह, अतिरिक्त सचिव, एमईआईटीवाई; सुश्री सविता उत्रेजा, समूह समन्वयक (साइबर सुरक्षा), एमईआईटीवाई और श्री नंद कुमारम, अध्यक्ष और सीईओ, एनईजीडी, एमईआईटीवाई शामिल हैं। उनके व्यावहारिक संबोधन क्षमता निर्माण और सहयोगी प्रयासों के माध्यम से एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

गोपनीयता, खतरे की खुफिया जानकारी साझा करना और सुरक्षित डिजिटल डिज़ाइन को संतुलित करना

श्री एस. कृष्णन, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने सभी संगठनों में स्वतंत्र सूचना सुरक्षा कार्यक्षेत्र का निर्माण करने आवश्यकता पर बल दिया जिससे वे निगरानी और रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य कर सकें। श्री कृष्णन ने खतरे की खुफिया जानकारी साझा करने और डिजाइन द्वारा डिजिटल अनुप्रयोगों को सुरक्षित करने के साथ-साथ गोपनीयता को संतुलित करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि सरकार और समाज में प्रणालियों की सुरक्षा के लिए निरंतर सीखने पर बल दिया।

 

'साइबर स्वच्छता' पहल द्वारा सफाई

अपने उद्घाटन भाषण में, श्री अभिषेक सिंह, अतिरिक्त सचिव, एमईआईटीवाई ने डिजिटल इंडिया अभियान के भाग के रूप में साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया और आपदा प्रबंधन संरचना के समान सुदृढ़ साइबर संकट प्रबंधन योजनाओं का आह्वान किया। उन्होंने साइबर स्वच्छता पहल की शुरुआत की, जिसमें संस्थानों से अपने सिस्टम से मैलवेयर को साफ करने का आग्रह किया गया और इस प्रयास की तुलना स्वच्छता अभियान से की।

 

साइबर सुरक्षा प्रवृत्तियों और नवाचारों पर ध्यान

श्री नंद कुमारम, अध्यक्ष और सीईओ, एनईजीडी ने सीआईएसओ कार्यशालाओं के संचालन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों क्षेत्रों में संगठनों द्वारा किए जा रहे निरंतर परिवर्तन को मान्याता दे रहे हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को सत्रों के दौरान अपने विविध अनुभवों को सक्रियता के साथ संलग्न करने और साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।

सुश्री सविता उत्रेजा, समूह समन्वयक (साइबर सुरक्षा), एमईआईटीवाई ने देश में साइबर सुरक्षा संरचना को बढ़ाने पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने कहा कि उभरती प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने के साथ, सभी संगठनों को अब सीआईएसओ नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। एक सक्रिय दृष्टिकोण के साथ, संगठनों को संपत्ति की पहचान करनी चाहिए, खतरों का पता लगाना चाहिए, प्रभावी रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए और साइबर चुनौतियों से आगे रहने के लिए लचीलापन में सुधार करना चाहिए।

साइबर सुरक्षा पर सीआईएसओ कार्यशाला का उद्देश्य मूल्यवान अंतर्दृष्टि और रणनीतियां प्रदान करना है, जो सीआईएसओ को हमारे डिजिटल परिदृश्य को सुरक्षित रखने में आगे रहने में मदद करेगा। कार्यक्रम के एजेंडे को साइबर सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जीरो-ट्रस्ट संरचना में नवीनतम नवाचारों तक अनेक महत्वपूर्ण विषयों को कवर करने के लिए तैयार किया गया था।

45 सत्रों में 1,662 पेशेवरों को प्रशिक्षण

इसकी शुरुआत 2018 में हुई, सीआईएसओ प्रशिक्षण कार्यक्रम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक सफल सहयोग रहा है। एनईजीडी ने सीआईएसओ गहन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के 45 बैचों का संचालन किया है, जिससे पूरे भारत में 1,662 से अधिक सीआईएसओ, अतिरिक्त सीआईएसओ, डिप्टी सीआईएसओ और फ्रंटलाइन आईटी अधिकारी लाभान्वित हुए हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य साइबर अपराध के बारे में जागरूकता बढ़ाना और संगठनों को अपने डिजिटल अवसंरचना की रक्षा करने के लिए आवश्यक जानकारी देना, उपकरणों से लैस करना और साइबर खतरों को निरंतर प्रतिक्रिया देना है।

साइबर सुरक्षा पर सीआईएसओ कार्यशाला ने वरिष्ठ अधिकारियों को साइबर सुरक्षा में उभरती चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक आवश्यक मंच प्रदान किया, जो देश में एक सुरक्षित और ज्यादा लचीला डिजिटल परिदृश्य के विकास में योगदान देता है।

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