उप राष्ट्रपति सचिवालय
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झुंझुनू में 'स्वच्छता ही सेवा 2024' अभियान के उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति के संबोधन का मूल पाठ

Posted On: 17 SEP 2024 12:57PM by PIB Delhi

आप सबको मेरा नमस्कार और इस भूमि को मेरा नमन।

मेरी राजनीतिक यात्रा आज से 35 साल पहले इसी महा झुंझुनू से शुरू हुई थी। मेरे लिए यह सदा ना भूलने वाला पल है।

यह राष्ट्रीय आभियान की शुरुआत है, बहुत बड़े अभियान की शुरुआत है। 'स्वच्छता ही सेवा 2024' इसकी शुरुआत झुंझुनू की भूमि में से हो रही है। पूरा देश अपने आज अपने को देख रहा है। मैं मिट्टी को नमन करता हूं और यही मिट्टी है जिसने मेरी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की जब 1989 में मैं लोकसभा का सदस्य बना।

मनोहर लाल जी कितना अच्छा सहयोग है। आज विश्वकर्मा पूजा भी हम माना रहे है, दो संगम हो गए, और तीसरा बड़ा संगम हो गया। भारत के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी का आज जन्मदिन है। नरेंद्र मोदी जी ने देश में जो कार्य किए हैं, उसमें आज के दिन भी एक बहुत बड़ा योगदान है। शुरुआत उन्होंने की है, 15 अगस्त 2014 को लाल किले से जन भागीदारी का आह्वान स्वच्छता के लिए किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का वह उदभोस एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित हो गया है और देश में निरंतर से बदलाव का प्रतीक है। इस अभियान की वजह से, प्रधानमंत्री की शुरुआत की वजह से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी और व्यापक परिवर्तन आया है। स्वच्छता के प्रति उनकी दृष्टि बदली है। अब कोई चलती गाड़ी से केले का छिलका नहीं फेंकता। अब कोई सड़क के ऊपर रद्दी फेकते हुए चार बार सोचता है पहले ऐसा कभी नहीं था।

स्वच्छता हमारे दैनिक शैली का अंग बन रही है और यह परिवर्तन हमें एक बहुत बड़ा आयाम भी देता है। हम महात्मा गांधी के उस महान सपने को मूर्त रूप दे रहे हैं। जिस कार्य की शुरुआत की गई, वह सब साधुवाद के पात्र हैं, स्वच्छ भारत मिशन कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह सरकारी कार्यक्रम से भी बहुत आगे है। यह सम्मानजनक जीवन का भारत के दुनिया में एक महकती हुई सुगंध पहले उसका प्रतीक है, उसका स्रोत है। जो व्यवहार परिवर्तन के लिए आवाहन किया गया था, उसके कई आयाम होंगेसामाजिक हो गए, आर्थिक हो गए परिवर्तन आर्थिक जगत में गया सामाजिक व्यवहार में गया हमारी दिनचर्या के अंदर काफी सुधार गया।

स्वास्थ्य पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। गंदगी बीमारी की जननी है। जब हम गंदगी को दूर करते हैं और स्वच्छता की ओर बढ़ते हैं, तभी सब ठीक होता है और यह स्वच्छता के माध्यम से ही संभव है, यह देश में हो रहा है। इसका असर आम आदमी की आर्थिक व्यवस्था पर भी पड़ता है। जब स्वच्छता की वजह से बीमारी भगती है जो गंदगी की वजह से हैं हमारे यहां रहती है तो अर्थव्यवस्था भी आम आदमी की ठीक होती है।

पर 140 करोड़ के देश में और शुरुआत में 130 करोड़ के देश में, कोई सोच भी नहीं सकता था, दिल दहक जाता था की हर घर में toilet, ईतने विशाल देश में शौचालय हर घर में हो यह तो कल्पना से परे है पर 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जी ने ठान ली, जैसा माननीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ने बताया, 12 करोड़ शौचालय जमीनी हकीकत हैं। अपने आंकड़ों से बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ODF का स्टेटस क्या है, यह एक साधारण बदलाव नहीं है। यह बदलाव हमारे देश की प्रगति में भी एक बहुत बड़ा मील का पत्थर बन रहा है।

इस अभियान एक अभिशाप खत्म किया गया, माताओं और बहनों के लिए एक अभिशाप था, शौचालय होना The dignity was being compromised and just imagine at such gigantic scale this mission has been taken, it has been accomplished and it is getting now varied form of developments.

लोगों को कल्पना नहीं थी, अंदाजा नहीं था, उन्होंने देखा यह मात्र सफाई तक ही सीमित है। अब यह उद्योग बन गया है। Waste is being converted into something which is very best, we are having industrial enterprises startups that are helping us. आज मुझे सौभाग्य मिला है, एक का उद्घाटन करने का। मंत्री जी ने बताया कि पूरे देश में इस तरह के कितने enterprises चल रहे हैं, जिनका आधार कचरा है। विचार करें कि कचरे को एक उपयोगिता में बदल दिया जाए।

स्कैंडिनेवियन कंट्री में एक देश है जिसने शुरुआत करी थी कचरे के लिए, कि कचरा औद्योगिक व्यवस्था का भी साधन बने। वह देश आज के दिन दुनिया से कचरा इम्पोर्ट करता है। हमने कचरे के बारे में जो सोचा है, जिसका निस्तारण हो रहा है, जिसको परिवर्तित किया जा रहा है। That is a great economic activity which is changing the life of many people and improving our urban and rural infrastructure.

और जो बताया गया है माननीय मंत्री जी ने, वह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, वह आम आदमी के जीवन में बदलाव के बिंदु हैं, बदलाव के मापदंड हैं। मुझे तो बहुत अच्छा लगा अपने भारत में, जहां जनता गांव में रहती है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 94% गांव को उनकी ग्राम सभाओ द्वारा ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है और सुखद विषय है, we take pride in it कि 50% ने ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्शन दर्जा हासिल कर लिया है।

You set a target, you achieved the target so significantly. और हमारा राजस्थान तो बिल्कुल पीछे नहीं है, 97.7% गांव ODF plus है, and 65% of them are ODF plus model हैं। और राजस्थान की क्यों झुंझुनूं जिले की बात कीजिए, let us look at the ground and our feet where we are today.

झुंझुनू में 99% गांव ODF Plus है of that मुझे कहते हुए गर्व हो रहा है, 60% of them are ODF plus model. और यह सब संभव हुआ है जन भागीदारी से। यह संभव हुआ है कि जो 15 अगस्त 2014 को उद्घोष हुआ था, वह जन आंदोलन बन चुका है। उस जन आंदोलन ने इतना बड़ा परिवर्तन हमारे सामने रखा है। हमारे शहर पीछे नहीं है। हमारे लगभग 30 प्रतिशत शहरी स्थानीय निकायों को पहले ही ODF plus plus प्रमाणित किया जा चुका है, which means यह एक ऐसी योजना हैं जिसमें गुणात्मक सुधार हर वर्ष आ रहा है, and that is very soothing when it comes to the lifestyle of the people.

निरंतरता से एक दशक मे इस प्रकार की प्रगति होना, the incremental rise in the mission performance over a decade has stunned the people at global level. भारत दुनिया में इसका एक मिसाल बन गया है। आज कचरे से क्या हो रहा है? कचरे से इंधन, कचरे से ऊर्जा, और मैंने देखा है exhibition के अंदर, कचरे से कंपोस्ट, जिसको कहते हैं चक्रीय अर्थव्यवस्था (circular economy)। पहले तो हम कचरे के चक्र में फंसे हुए थे, अब कचरा चक्रीय अर्थव्यवस्था में फंसा हुआ है। It is getting converted into energy, power, and fertiliser.

सरकार इस मामले में जितनी सहायता दे सकती है, वह दे रही है। मेरा आप सभी से अनुरोध होगा, देश की नागरिकों से अनुरोध होगा, सरकारी नीतियों का अध्ययन करें, उनका लाभ उठाएं। और यह लाभ व्यक्ति के लिए नहीं, समाज के लिए साबित होता है। एक और अच्छा कार्यक्रम आपने शुरू किया है माननीय मंत्री जी ने। क्योंकि भारतीय प्रजातंत्र में यदि सबसे ज्यादा स्टेक किसी का है, तो वह नवयुवकों का है। Our youth are the greatest stakeholder in the governance and democracy in this nation. और आपको प्रसन्नता होगी कि आज का भारत उत्थान पर है, आर्थिक दृष्टि से और अन्यथा भी। The rise of Bharat is unstoppable, the rise of Bharat is incremental. और तभी तो यह है कि दुनिया की संस्थाएं क्या कहती हैं? भारत is a hotspot and favourite destination of investment and opportunities.

इसका एक कारण आपका स्वच्छता अभियान भी है। पहले भारत की ट्रेन में जब जाते थे, 50 के दशक की बात है, लोग कहते थे, यह क्या हो रहा है? It used to be open शौचालय। और अब देखिए, where have we come? किसी भी परिस्थिति के अंदर आप देख लीजिए, भारत आज के दिन है। वह अकल्पनीय प्रगति है, exponential infrastructure rise. दुनिया का कोई भी देश आज के दिन इतनी प्रगति नहीं कर रहा है, जो भारत कर रहा है। और उसमें स्वच्छता के प्रति जो हमारा ध्यान केंद्रित हो रहा है, that is giving us a cutting edge.

और आपने जो कार्यक्रम शुरुआत किया है, ‘मेरा युवा भारत कार्यक्रम’, 1.5 करोड़ युवाओं ने विकसित भारत के दृष्टिकोण में शामिल होने के लिए आगे बढ़े हैं। I urge the Honorable Minister, all Vice Chancellors, all Principals, and all Headmasters of schools and colleges to inspire and motivate our young minds to get connected to this program. This will change their mindset, improve their commitment to nationalism, and our democracy will get a cutting edge—it will blossom and prosper.

मैं और अधिक युवाओं से एक कार्यक्रम है अच्छा भी लगता है, अंग्रेजी का शब्द भी है और हिंदी का भी My Bharat Swacch Bharat में शामिल हों। They will be then warriors of change—change for the better, change for themselves, and for society at large. स्वच्छ भारत मिशन महिला सशक्तिकरण और आजीविका सृजन का एक शक्तिशाली साधन बन गया है। गंदगी की मार सबसे ज्यादा अपनी माताओं और बहनों पर पड़ती थी। वे तो शुरू से ही स्वच्छता के पक्ष में थीं। अब यह देखकर अच्छा लगता है कि पूरा समाज स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रहा है और इससे एक नया group develop हो रहा है।

In the country, at the moment, we have 10,000 self-help groups जो इस मिशन से अपनी आजीविका कमा रहे हैं। Nari Shakti is getting new cutting edge in economic development and self-sustainability.

और मेरा मन बहुत गदगद हो गया हमने नाम सुना था यूनाइटेड नेशंस का, but when I noticed Smt. Neeru Yadav, a Sarpanch from Lambi Ahir, Jhunjhunu, became our ambassador. She led the delegation to the United Nations. Her story, her journey is a saga of success and commitment to Swachh Bharat. From this platform, I invite her to visit the Indian Parliament as my guest, so the message is loud and clear to all that we have to salute them, we have to respect them.

17 सितंबर से 2 अक्टूबर, मैंने पहले भी कहा, विधि की रचना अजीब होती है। विधि अपना खेल अपने तरीके से खेलती है, और भारत की 5000 साल पुरानी संस्कृति इसका द्योतक है। एक महापुरुष का जन्म 17 सितंबर को हुआ, और दूसरे महा-महापुरुष का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ। दोनों के बीच में गैपीय पखवाड़ा रखा गया। एक के जन्मदिन के ऊपर यह शुरुआत हो रही है, और दूसरे महा-महानायक महापुरुष के जन्मदिन पर एक तरीके से इसका समापन होगा, but this is never-ending—it is a continuous process. मुझे बहुत अच्छा लगा है और माननीय मंत्री जी ने इस पर ध्यान केंद्रित किया है। 3 लाख से अधिक स्वच्छता इकाइयों को साफ करने और बदलने का लक्ष्य रखा रखते है।

ऐसा महारत आपने मुख्यमंत्री के काल में नौकरी देने में भी रखा था जैसे स्वच्छता, एक जटिल थी, हम स्वच्छता कैसे रख सकते हैं, शौचालय कैसे बना सकते हैं, जनसंख्या इतनी ज्यादा है—यह सोचना क्या व्यावहारिक है? ऐसा ख्याल 2014 में लोगों के मन में आया था। लेकिन आज 12 करोड़ शौचालय हकीकत हैं। उसी तरह, जब आप मुख्यमंत्री बने, तो मनोहर लाल जी क्या करेंगे, नौकरी तो पर्ची से मिलती है, नौकरी तो सिफारिश से मिलती है। पर यह नौकरी में स्वच्छता लाये, नौकरी में स्वच्छता का प्रतीक बने और मेरा मन गदगद हो गया जब एक बच्चे ने कहा कि मेरा परिवार कभी सोच भी नहीं सकता था कि डाकिया वह चिट्ठी लेकर आएगा जो अपॉइंटमेंट लेटर था क्योंकि हमने तो किसी से सिफारिश कराई नहीं थी। आपके पास अब पूरे देश का जुम्मा है स्वच्छता कायम करने कामैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।

दोस्तों, एक दशक के बाद आज नई शुरुआत हो रही है। यह अभियान सफाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, यह हमारे विचारों, आदतों और जीवनशैली मे सकारात्मक बदलाव लाएगा, और आर्थिक उन्नति में बहुत जबरदस्त योगदान करेगा, आइए हम संकल्प लें कि स्वच्छता को स्वभाव से, संस्कार से, और संस्कृति से जोड़ें, क्योंकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है। मैं इस अभियान के अंतर्गत अपने स्वच्छता कर्मियों का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ।

Their job is fundamental, their job is basic, we must salute them. We must hold them in high respect as a matter of fact, they are engaged in a very solemn activity, which is not only for society but for the planet.

स्वच्छता एक सेवा है—it is sublime commitment to humanity. यह एक कैसी सेवा है जिसका फायदा सभी को मिलता है। हमें इसको ग्रहण करना चाहिए, अपनाना चाहिए, खुले मन से अपनाना चाहिए। जब पूरा समाज एकजुट होकर इस दिशा में काम करेगा, तब मेरे मन में कोई शंका नहीं है मैं पूर्ण रूप से आशावान हू, एक स्वच्छ, सशक्त भारत का निर्माण हम कर पाएंगे। हमारी जो यात्रा चल रही है, वह यात्रा सफल होगी। मुझे एक श्लोक याद आ रहा है, जो बहुत महत्वपूर्ण है और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है. it is essence of our 5000 years civilization ethos.

स्वच्छताः सर्वधनं, स्वच्छताः सर्वरोगहरम्।
स्वच्छताः सर्वसुखदं, स्वच्छताः सर्वलक्षणम्।।

हमें ध्यान देना चाहिए कि हम यह सब करें। मैं अपनी बात समाप्त करूंगा एक आवाहन के साथ। आज पूरे देश में एक महायज्ञ हो रहा है, उस महायज्ञ का उद्देश्य है कि 2047 में भारत विकसित हो। यह एक बहुत बड़ी महायात्रा है, it is मैराथन मार्च है, जिसमें हर कोई भागीदार है। मेरा आप सभी से अनुरोध रहेगा, इस महायज्ञ में आप अपनी आहुति दीजिए। स्वच्छता अभियान को सफल बनाना इसका एक अंग है, और पूर्ण दृष्टिकोण से आहुति दीजिए। निश्चित रूप से Bharat@2047 will be a developed Nation, और हम वह दर्जा प्राप्त करेंगे जो हमारा था सदियों पहले, विश्व गुरु

माननीय मंत्री जी, आपने मुझे मौका दिया, उस भूमि पर दिया, उस प्रदेश में दिया, जिससे मैं जुड़ा हुआ हूं। मैं आपका आभारी हूं और मैं आपको यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह जो कदम एक दशक तक हुआ है, इसका हर वर्ष अब एक दशक के बराबर होगा। The rise will be incremental and it will get vertical at a point of time.

आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद!

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JK/RC/SM


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