नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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ऊर्जा का नया युग अब शुरू हो गया है: श्री श्रीपद वाई. नाइक


हरित हाइड्रोजन प्रतिबद्धता ऊर्जा प्रणालियों को फिर से परिभाषित करने, रोजगार सृजित करने और भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ धरती को सुरक्षित करने का एक ऐतिहासिक अवसर है: श्री अजय के. सूद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार

सम्मेलन में 8,500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया; 3,000 से अधिक युवाओं और छात्रों ने भी भाग लिया

एक अभिनव जीएच2थॉन हैकथॉन, विचारोत्तेजक क्विज, पोस्टर प्रतियोगिता और एक आकर्षक युवा सत्र का आयोजन किया

Posted On: 13 SEP 2024 9:27PM by PIB Delhi

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री श्रीपद वाई. नाइक ने तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन (आईसीजीएच-2024) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, इस बात पर जोर दिया कि भारत ने हाइड्रोजन एजेंडा को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर ऊर्जा परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत की है।

श्री नाइक ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने 19,744 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में जानकारी दी, जो एक व्यापक रणनीति है। इसमें मांग सृजन, उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, नियामक संरचना, अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और सबसे महत्वपूर्ण रूप से कौशल विकास और रोजगार सृजन शामिल है। इसके अलावा, श्री नाइक ने युवाओं के महत्व के बारे में बताते हुए इस बात की पुष्टि की कि युवाओं को आवश्यक कौशल से सशक्त बनाकर, भारत उन्हें एक स्थायी भविष्य के निर्माता बनने के लिए तैयार कर रहा है।

11-13 सितंबर, 2024 को आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने किया, जिसमें 3,000 से अधिक युवा और छात्र सहित 8,500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में नवाचारों, तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी शामिल थी। प्रदर्शनी में प्रदर्शित हाइड्रोजन चालित बस और हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (एच2आईसीई) चालित ट्रक ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद ने कहा, "ग्रीन हाइड्रोजन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता केवल उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने को लेकर नहीं है, जो निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है। यह हमारी ऊर्जा प्रणालियों को फिर से परिभाषित करने, नए रोजगार सृजित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ धरती को सुरक्षित करने के ऐतिहासिक अवसर को पहचानने और उसका लाभ उठाने के बारे में है।"

अपने संबोधन के दौरान, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री भूपिंदर एस. भल्ला ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "ग्रीन हाइड्रोजन महज एक नया ऊर्जा स्रोत ही नहीं है, बल्कि यह भविष्य की ओर एक ऐसा मार्ग है, जहां स्वच्छ ऊर्जा एक आदर्श है, और उद्योग जगत कार्बन मुक्त है। पिछले तीन दिनों में, हमने देखा है कि नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और उद्योग जगत के दिग्गजों के बीच सहयोग कैसे नवाचार को बढ़ावा दे सकता है और ग्रीन हाइड्रोजन एजेंडे को आगे बढ़ा सकता है। यहां जो चर्चाएं हो रही हैं और जो सफलताएं मिलने वाली हैं, वे भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। आगे की यात्रा चुनौतीपूर्ण होगी, लेकिन हमारी सामूहिक महत्वाकांक्षा मजबूत है, और अवसर अपार हैं।"

भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन ने ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नवीन तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "ग्रीन हाइड्रोजन महज एक तकनीकी नवाचार से कहीं अधिक है - यह ऊर्जा के क्षेत्र में एक नए युग का प्रतीक है, जहां स्थायित्व आर्थिक व्यवहार्यता से मिलता है। ऊर्जा का भविष्य अत्याधुनिक तकनीकों से लेकर स्मार्ट बिजनेस मॉडल और वैश्विक सहयोग तक नई सोच की मांग करता है। एक साथ मिलकर हम स्थायी विकास को बढ़ावा देने, लागत कम करने और सभी के लिए एक स्वच्छ, अनुकूल भविष्य बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की क्षमता के द्वार खोल सकते हैं।"

फिक्की की महानिदेशक सुश्री ज्योति विज ने सम्मेलन की सफलता में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए सभी प्रतिभागियों और हितधारकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमारे देश के परिवर्तन लक्ष्यों को सरकार और उद्योग जगत दोनों की ओर से ठोस प्रयासों की आवश्यकता होगी। फिक्की भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से घरेलू तथा निर्यात क्षमता दोनों अवसरों का लाभ उठाने और नेट जीरो की ओर आगे बढ़ने तथा हरित हाइड्रोजन को अपनाने में उपयोगकर्ता उद्योगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

इससे पहले दिन के दौरान, अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अजय यादव ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को आगे बढ़ाने में सरकार के पूरे दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 13 राज्यों में हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए नीतिगत प्रावधान हैं। उन्होंने बताया कि इस मिशन से 6,00,000 लाख हरित रोजगार के अवसर का सृजन होगा।

श्री यादव ने भारत को हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक तौर पर एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में कौशल, सुरक्षा, पायलट परियोजनाओं, अनुसंधान और विकास के साथ-साथ नवाचार के महत्व पर जोर दिया। यह बदलाव केवल लक्ष्य हासिल करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह भारत के ऊर्जा परिदृश्य और आर्थिक भविष्य को नया आकार देने के बारे में है।

सम्मेलन के दौरान आयोजित पूर्ण सत्रों में अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी और ईरेना द्वारा प्रस्तुत वैश्विक परिप्रेक्ष्य की पहल और प्रगति पर प्रकाश डाला गया। इन सत्रों ने ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को गति देने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के महत्व को चिन्हित किया।

22 ब्रेकआउट सत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के तकनीकी, वित्तीय और नीतिगत पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। हमने इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रियाओं, भंडारण और परिवहन समाधानों, रक्षा क्षेत्र में अनुप्रयोगों और बायोमास मार्गों के एकीकरण के अनुकूलन और स्वदेशीकरण का पता लगाया। हमने परिवहन क्षेत्र के लिए हाइड्रोजन-आधारित ईंधन के भविष्य, शिपिंग और विमानन के लिए निर्बाध एकीकरण और इस्पात उत्पादन तथा तेल रिफाइनरियों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की व्यवहार्यता पर चर्चा की।

सम्मेलन के पहले दिन भारत के ऊर्जा भविष्य को आकार देने और आर्थिक विकास तथा स्थायित्व को बढ़ावा देने में ग्रीन हाइड्रोजन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। दूसरे दिन युवा भागीदारी पर प्रकाश डाला गया, जिसमें सुश्री साइना नेहवाल ने युवा प्रतिभागियों को प्रेरित किया। इसके अलावा, आईआईटी बॉम्बे के नंदलाल गुप्ता ने जीएच2थॉन हैकाथॉन जीता। इसके बाद, एक इंटरैक्टिव पोस्टर प्रतियोगिता में ग्रीन हाइड्रोजन में नवाचारों को प्रदर्शित किया गया।

तीसरे और अंतिम दिन, सम्मेलन ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नवाचार के प्रति भारत के समर्पण को उजागर किया। एक प्रमुख विशेषता "हाइड्रोजन चुनौती: अपने मौलिक ज्ञान का परीक्षण करें" थी, जो इंडियन ऑयल के उप महाप्रबंधक दीपक तनेजा द्वारा संचालित एक आकर्षक क्विज थी, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन विषयों पर सात राउंड शामिल थे। इसमें आईआईटी बॉम्बे के नंदलाल गुप्ता और चंद्रमणि राय विजेता बने। उनके बाद दूसरे स्थान पर आईसीटी मुंबई के अभिषेक जामदार और ओशनिक मौर्य, तीसरे स्थान पर आईआईटी बॉम्बे के तृष्णा ठाकुर और विष्णु टीएस और चौथे स्थान पर ऑनजुबिलेंट सर्विसेज लिमिटेड के विवेक पंचाल और दीपेश पिंपले रहे। इंटरैक्टिव क्विज में दर्शकों की भागीदारी भी शामिल थी, जिससे ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी नवाचारों और नीतियों के बारे में प्रतिनिधियों की समझ बढ़ी।

इसके अलावा, पोस्टर प्रतियोगिता में ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान को प्रदर्शित किया गया। विजेताओं में आईआईटी बॉम्बे के कपिल केदार तिरपुडे और तृष्णा ठाकुर शामिल थे। आईआईटी खड़गपुर के आकाश कुमार बुरोलिया और डॉ. स्वाति नियोगी तथा सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान और वैज्ञानिक एवं नवीन अनुसंधान अकादमी के आर्द्रा एस दर्शन और डॉ. ए मुरुगन को पुरस्कार मिले।

अंतरराष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन सम्मेलन (आईसीजीएच-2024) के इस दूसरे आयोजन में अमेरिका आधिकारिक तौर पर भागीदार देश था।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के साथ मिलकर हरित हाइड्रोजन 2024 (आईसीजीएच2024) का दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) और ईवाई क्रमशः कार्यान्वयन और ज्ञान भागीदार हैं। फिक्की इसमें उद्योग जगत का भागीदार है।

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एमजी/ एआर/ एसकेएस/ डीके



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