आयुष

पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने में एआई को जोड़ने की संभावना का पता लगाने के लिए वैश्विक विशेषज्ञ एआईआईए में एकत्रित हुए

Posted On: 13 SEP 2024 6:08PM by PIB Delhi
  • स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल प्रौद्योगिकियों को जोड़ना आवश्‍यक है, जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में कल्‍पना की गई है- आयुष मंत्रालय के सचिव, वैद्य राजेश कोटेचा
  • पारंपरिक चिकित्सा में एआई पर तकनीकी विवरण अक्टूबर में जारी किया जाएगा
  • बैठक वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एआई का उपयोग करने में व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का मंच तैयार करती है

वैश्विक स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई): पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाना” विषय पर हाइब्रिड मोड में वैश्विक तकनीकी परामर्श समूह की दो दिवसीय बैठक इस उम्‍मीद और विश्‍वास के साथ सम्‍पन्‍न हुई कि अक्टूबर 2024 तक पारंपरिक चिकित्सा में एआई पर भविष्‍य में विस्‍तृत कार्यक्रम का शुरू किया जाना चाहिए। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने 11 और 12 सितम्‍बर 2024 को डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (जीटीएमसी) और डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार विभाग (एआई और डिजिटल फ्रंटियर्स यूनिट) के सहयोग से बैठक का आयोजन किया।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 15 देशों के 60 प्रतिभागियों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्‍ल्‍यूआईपीओ) जैसे प्रमुख वैश्विक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। अगले एक साल के भीतर, इस समूह का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग के मामले के रूप में एआई और आईपी पर डब्‍ल्‍यूएचओ-डब्‍ल्‍यूआईपीओ मार्गदर्शन और एआई के उपयोग के साथ पारंपरिक चिकित्सा पर एक वैश्विक संग्रह और पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एआई पर एक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करना है।

कोटेचा ने स्वास्थ्य सेवा से डिजिटल तकनीकों को जोड़ने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए ई-हेल्थ, एम-हेल्थ, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने पर जोर दिया। उद्घाटन सत्र में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नीति में आयुष सेवाओं और चिकित्सकों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए इन उपकरणों का लाभ उठाने की परिकल्पना की गई है, जिससे पारंपरिक सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा मिलेगा।

वैद्य कोटेचा ने आयुष ग्रिड की कल्‍पना के बारे में विस्तार से बताया कि यह आयुष्मान भारत के सिद्धांतों के अनुरूप भारत के पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक व्यापक आईटी आधार है। आयुष ग्रिड का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के साथ आधुनिक डिजिटल उपकरणों को जोड़कर सुव्यवस्थित करना है, जिससे भारत के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को और आगे बढ़ाया जा सके।

एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा, "यह वैश्विक परामर्श पारंपरिक चिकित्सा में एआई पर मसौदा नीति को परिष्कृत करने का एक अमूल्य अवसर है। विभिन्न क्षेत्रों और सेक्‍टरों से प्राप्त जानकारी के साथ, हम अक्टूबर 2024 तक तकनीकी विवरण की शुरूआत करने के बारे में आशावादी हैं।"

डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ में स्वास्थ्य प्रणालियों के निदेशक डॉ. मनोज झालानी ने बताया कि उन्नत डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से एआई नए चिकित्सीय दृष्टिकोणों की खोज और मौजूदा उपचारों के प्रभावी और अधिकतम इस्‍तेमाल का मार्ग प्रशस्त कर सकता है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा की वैश्विक प्रासंगिकता बढ़ सकती है।

श्री समीर पुजारी, प्रमुख (एआई और डिजिटल फ्रंटियर्स), डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार, डब्ल्यूएचओ, ने डब्ल्यूएचओ-आईटीयू-डब्ल्यूआईपीओ के नेतृत्व वाली स्वास्थ्य के लिए एआई पर वैश्विक पहल के माध्यम से डब्ल्यूएचओ में किए जा रहे कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया। यह पहल मानदंड संबंधी उत्पादों के माध्यम से स्वास्थ्य में एआई को सक्षम, सुविधाजनक और कार्यान्वित करती है, जैसे कि पारंपरिक चिकित्सा में एआई के उपयोग पर आगामी तकनीकी संक्षिप्त विवरण, ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए अभ्यास का एक समुदाय बनाना और स्वास्थ्य में एआई को संभालने के लिए नीतियों के उचित कार्यान्वयन के लिए सरकारों के साथ काम करना।

डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ के डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. कार्तिक अडप्पा ने लगातार असमानताओं के साथ स्वास्थ्य में एआई के तेजी से विकास पर प्रकाश डाला। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सरकारी एआई तत्परता सूचकांक का उल्लेख करते हुए,विशेषज्ञों ने विकसित, विकासशील और अल्पविकसित देशों के बीच बढ़ते विभाजन को देखा। उन्‍होंने चुनौतियों, अवसंरचनात्मक सीमाओं, गोपनीयता संबंधी चिंताओं और नैतिक एआई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में गणमान्‍य अतिथियों में डब्‍ल्‍यूआईपीओ/यूएन से फेई जियाओ, डब्‍ल्‍यूएचओ टीएमसी के तकनीकी अधिकारी माकी काजीवाड़ा; डॉ. जेरेमी वाई.एनजी-पोस्टडॉक्टरल फेलो, कनाडा से; डॉ. काई सियांग- मलेशिया से; दीपिका मिश्रा, एम्स से; मंजीत सिंह, जीटीएमसी से; मनीषा श्रीधर, आईपी विशेषज्ञ डब्ल्यूएचओ; राजेश्वरी सिंह, सलाहकार, (एआई और डिजिटल फ्रंटियर्स), डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार, डब्ल्यूएचओ; कनिका कालरा, तकनीकी अधिकारी, (एआई और डिजिटल फ्रंटियर्स), डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार, डब्ल्यूएचओ; विप्रो, एसोसिएशन ऑफ मेडिकल रिपोर्टिंग ऑर्गनाइजेशन (एएमआरओ), और प्रमुख अनुबंध अनुसंधान संगठनों (सीआरओ) के प्रतिनिधि शामिल थे।

बैठक वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एआई का उपयोग करने में व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए मंच तैयार करती है, जबकि दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा कार्य प्रणालियों की उन्नति को बढ़ावा देती है।

***

एमजी/एआरएम/केपी



(Release ID: 2054835) Visitor Counter : 9


Read this release in: English