कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा सहायक उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए की गई पहल
Posted On:
07 AUG 2024 2:05PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने उद्यमिता शिक्षा, प्रशिक्षण और उद्यमिता नेटवर्क तक आसान पहुंच के माध्यम से अधिक समावेशी उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) अपने स्वायत्त संस्थानों, राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के माध्यम से देश में महिलाओं, वंचित समुदायों और निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के बीच उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। मंत्रालय ने उद्यमशीलता की मानसिकता और क्षमताओं का निर्माण करने और उद्यमों की मदद करने और उन्हें विकसित करने के लिए सहायक उद्यमिता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की हैं।
राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति 2015 के अनुसार, उद्यमिता नीति ढांचा संस्कृति, वित्त, विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे, कौशल और व्यापार अनुकूल विनियमों का एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने के लिए विकसित किया गया है।
मंत्रालय ने पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्रों, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, बाइब्रेंट विलेज, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों सहित अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी), अल्पसंख्यकों, दिव्यांगों को उद्यमिता कार्यक्रमों में शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया है। उद्यमिता जागरूकता और विकास कार्यक्रमों के वितरण के लिए इन समूहों को प्राथमिकता दी गई है। महिलाओं के लिए उद्यमशीलता क्षमता का निर्माण करने के लिए विशेष पहल की गई है।
देश भर में उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) और उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) में इन समूहों की सेवा के लिए इनक्यूबेटर और सलाहकारों को नामांकित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
सरकार ने विभिन्न उद्यमिता विकास कार्यक्रम और उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से डिजिटल मार्केटिंग, वित्तीय/ऋण और बाजार संपर्क तथा उद्योग संपर्क जैसे उपायों के माध्यम से प्रतिभागियों के कौशल को उन्नत किया है।
मेंटरशिप सहायता प्रदान करने के लिए उद्योग क्षेत्र, सफल उद्यमियों, बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल करके एक राष्ट्रीय नेटवर्क बनाया गया है। ये मेंटर नवोदित उद्यमियों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करते हैं।
स्टार्टअप इंडिया का उद्देश्य एक सुदृढ़ और विविधतापूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण करना है जिसमें विभिन्न हितधारक शामिल हों। व्यवसाय, नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित उद्देश्य के साथ, स्टार्टअप इंडिया ने स्टार्टअप, सरकारों और कॉर्पोरेट के बीच की दूरी को समाप्त किया है और दीर्घकालिक सहयोग की सुविधा प्रदान की है, इससे स्टार्टअप के विस्तार और विकास को बढ़ावा देने में मदद मिली है। इसमें कॉर्पोरेट्स के साथ सहयोग और जुड़ाव करना शामिल है, विशेषकर आयोजनों, नवाचार चुनौतियों, हैकथॉन और कार्यशालाओं के संबंध में, हितधारकों को निरंतर आधार पर एक-दूसरे से संपर्क शामिल है। सभी सहयोगों का मूल्यांकन और इकोसिस्टम की आवश्यकताओं और सहयोग के दायरे और प्रभावशीलता के आधार पर किया जाता है, जिसमें भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के सभी हितधारकों के बीच अधिक से अधिक पहुंच, बाजार संबंध, ज्ञान साझाकरण जैसे बड़े उद्देश्य को ध्यान में रखा जाता है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा एक सहायक उद्यमशीलता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है। इन पहलों के अतिरिकत्, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों ने देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। इनका विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है।
अनुलग्नक के लिए यहां क्लिक करें
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