श्रम और रोजगार मंत्रालय
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प्रधानमंत्री पैकेज के तहत पांच वर्ष की समयावधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दो लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की घोषणा


केंद्रीय बजट 2024-25 में मुख्य रूप से रोजगार, कौशल विकास, सूक्ष्‍म, लघु और मध्यम उद्यम और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया : श्रीमती निर्मला सीतारमण

Posted On: 23 JUL 2024 7:00PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केंद्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि इस बजट में हमने मुख्य रूप से रोजगार, कौशल विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया है।

नई सरकार के गठन के बाद पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने पांच योजनाओं और नए अवसरों के पैकेज की घोषणा की। इस का उद्देश्य 4.1 करोड़ युवाओें को रोजगार सृजन, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिए पांच वर्ष की समयावधि में दो लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए एक लाख 48 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

इन घोषणाओं के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के तहत में 'रोजगार से जुड़ा प्रोत्साहन' (एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव) के लिए तीन योजनाओं को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि- ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार रोजगार पाने वाले को पहचान दिलाने में मदद करेंगी साथ ही रोजगार देने वाले और रोजगार प्राप्त करने वाले का सहयोग करेंगी।


 

योजना ए : पहली बार रोजगार पाने वाले

यह योजना सभी प्रमुख औपचारिक कार्य क्षेत्रों में कामगार के रूप में शामिल होने वाले नए युवाओं को एक महीने का वेतन उपलब्ध कराएगी। इससे दो वर्ष तक 2.1 करोड़ युवा लाभान्वित होंगे। इस योजना में शामिल होने के लिए पात्रता की सीमा वेतन के रूप में एक लाख रुपये प्रतिमाह तक होगी। कर्मचारी भविष्य निधि- ईपीएफओ में पंजीकृत हुए पहली बार रोजगार पाने वाले लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से एक महीने का वेतन 15 हजार की तीन किस्तों में दिया जाएगा और यह अधिकतम होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

योजना बी : विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन

इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वाले कामगारों के रोजगार से जुड़ा हुआ है। योजना के तहत पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की उम्मीद है। मुख्य रूप से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को सीधे तौर पर एक विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यदि पहली बार रोजगार पाने वाले कामगार की सेवाएं उसकी नियुक्ति के 12 महीनों के अंदर समाप्त कर दी जाती है तो नियोक्ता सब्सिडी लौटा देगा।

योजना सी : नियोक्ताओं को सहायता


रोजगार देने वाले नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। इसमें एक लाख रुपये प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं को ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें 2 वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। इस योजना से 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
 


वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग जगत के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की जा रही है। इसके तहत 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। परिणाम उन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को आधुनिक तरीके से विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और कार्य योजना तैयार किए जाएंगे और नई संभावनाओं के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के तहत पांचवीं योजना के रूप में 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों के दौरान एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण (इसमें कं‍पनियों की भागीदारी स्वैच्छिक होगी) प्राप्त करने के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना की शुरुआत करेगी। उन्हें वास्तविक व्यावसायिक वातावरण, विभिन्न कार्य क्षेत्रों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा। इस योजना के तहत 5,000 रुपये प्रतिमाह का प्रशिक्षण भत्ता और 6,000 रुपये की एक बार में सहायता राशि दी जाएगी। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके लिए कंपनियों से प्रशिक्षण और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत हिस्सा अपनी सीएसआर निधियों से वहन करने की अपेक्षा की जाती है। ऐसे युवा जो 21 से 24 वर्ष के हैं और बेरोजगार हैं, साथ ही किसी भी शैक्षिक गतिविधि में पूर्ण रूप से शामिल नहीं है, वे इस योजना के पात्र हैं और आवेदन कर सकते हैं।

(विस्तृत पात्रता शर्तें बजट भाषण के भाग-ए के अनुलग्नक में दी गई हैं)

 

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