उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
केंद्र ने उचित दर दुकानों की व्यवहार्यता में सुधार करने के लिए पायलट अध्ययन किया
हैदराबाद, गाजियाबाद, जयपुर और अहमदाबाद में यह अध्ययन किया गया
केंद्र के साथ-साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार उचित दर दुकानों में अतिरिक्त सेवाएं प्रदान कर रही हैं
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उचित दर दुकानों के डीलरों को 1,15,803 ऋण दिए
Posted On:
24 JUL 2024 4:03PM by PIB Delhi
चार शहरों - हैदराबाद, गाजियाबाद, जयपुर और अहमदाबाद की 60 उचित दर दुकानों (एफपीएस) की व्यवहार्यता में सुधार के लिए एक पायलट अध्ययन किया जा रहा है। संबंधित राज्यों के नेतृत्व में भारत सरकार इन एफपीएस दुकानों को कार्यशील पूंजी के प्रावधान के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ साझेदारी के द्वारा सहायता प्रदान कर रही है। इसके अलावा पोषण संबंधी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए गैर-पीडीएस वस्तुओं की बिक्री के लिए 'बी2बी' ऑनलाइन थोक समूहकों की स्थापना कर रही है।
उचित दर दुकानों की व्यवहार्यता में सुधार लाने के प्रयासों के तहत, भारत सरकार ने विभिन्न पहल की हैं। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से उचित दर दुकानों पर अतिरिक्त सेवाएं लागू करने का अनुरोध किया है। इन सेवाओं में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) सेवाएं, बैंकों/कॉर्पोरेट बैंकिंग संवाददाताओं के साथ गठजोड़ के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) की बैंकिंग और नागरिक केंद्रित सेवाएं, छोटे (5 किग्रा) एलपीजी सिलेंडरों की खुदरा बिक्री और अन्य वस्तुओं/जनरल स्टोर की वस्तुओं की बिक्री आदि सेवाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, कौशल विकास चुनौतियों का समाधान करने के लिए, यह विभाग उचित मूल्य की दुकानों के मालिकों का आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें नए व्यावसायिक अवसरों में उद्यम करने के लिए आवश्यक उद्यमिता कौशल से लैस करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के माध्यम से क्षमता निर्माण कार्यक्रम या अल्पकालिक कौशल विकास पाठ्यक्रम आयोजित करने की संभावनाओं का भी पता लगा रहा है।
परिचालन जिम्मेदारियों के क्षेत्र के तहत, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे सभी उचित दर दुकानों पर लाभार्थियों के अधिकारों को दर्शाने वाले रंगीन पेंटिंग के साथ टिन की प्लेटों से बनाए गए सूचना बोर्ड प्रदर्शित करें। इसके अलावा, सभी उचित दर दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल्स (ईपीओएस) उपकरणों के साथ वजन तौलने के पैमाने को एकीकृत करें तथा सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवहार्यता का भी पता लगाएं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारियों के तहत संचालित की जाती है, जिसमें इस विभाग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को खाद्यान्नों की खरीद, भंडारण, परिवहन और आवंटन की जिम्मेदारी संभाली है। जबकि, पात्र परिवारों/लाभार्थियों की पहचान, राशन कार्ड जारी करना, आधार सीडिंग, एफपीएस-वार आवंटन और खाद्यान्नों का वितरण, लाभार्थियों का प्रमाणीकरण आदि सहित उचित दर दुकानों (एफपीएस) की लाइसेंसिंग और निगरानी जैसी परिचालन जिम्मेदारियां संबंधित राज्य/संघ शासित प्रदेश सरकार के पास हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 29,872 उचित दर दुकानों को स्वचालित तौलने की मशीनों के साथ ई-पीओएस डिवाइस लगाकर एकीकृत किया गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा लागू किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से 24 नवंबर, 2023 तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 08 अगस्त, 2015 तक पीएमएमवाई की शुरुआत के बाद से एफपीएस डीलरों को कुल 1,15,803 ऋण दिए गए हैं। आंध्र प्रदेश सहित राज्यवार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा एफपीएस डीलरों को दिए गए पीएमएमवाई ऋणों की संख्या का विवरण नीचे दिया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा उचित दर दुकान डीलरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार संख्या दर्शाने वाला विवरण (24 जनवरी 2023 तक) निम्नानुसार है:
क्रमांक
|
राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश का नाम
|
ऋण खातों की संख्या
|
1
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
51
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
14,136
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
182
|
4
|
असम
|
1,769
|
5
|
बिहार
|
4,757
|
6
|
चंडीगढ़
|
259
|
7
|
छत्तीसगढ
|
3,281
|
8
|
दमन, दीव और दादरा तथा नगर हवेली
|
16
|
9
|
दिल्ली
|
464
|
10
|
गोवा
|
68
|
11
|
गुजरात
|
3,118
|
12
|
हरियाणा
|
1,022
|
१३
|
हिमाचल प्रदेश
|
1,242
|
14
|
झारखंड
|
5,964
|
15
|
कर्नाटक
|
3,464
|
16
|
केरल
|
4,115
|
17
|
लक्षद्वीप
|
5
|
18
|
मध्य प्रदेश
|
16,767
|
19
|
महाराष्ट्र
|
10,557
|
20
|
मणिपुर
|
236
|
21
|
मेघालय
|
333
|
22
|
मिजोरम
|
126
|
23
|
नगालैंड
|
282
|
24
|
ओडिशा
|
7,954
|
25
|
पांडिचेरी
|
285
|
26
|
पंजाब
|
1,669
|
27
|
राजस्थान
|
3,308
|
28
|
सिक्किम
|
47
|
29
|
तमिलनाडु
|
5,142
|
30
|
तेलंगाना
|
8,345
|
३१
|
त्रिपुरा
|
1,532
|
32
|
उत्तर प्रदेश
|
7,553
|
33
|
उत्तराखंड
|
2,670
|
34
|
पश्चिम बंगाल
|
3,299
|
35
|
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर
|
1,741
|
36
|
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख
|
44
|
|
कुल
|
1,15,803
|
स्रोत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा भेजे गए आंकड़े
|
यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्रीमती निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
****
एमजी/एआर/आरपी/आईपीएस/एनजे
(Release ID: 2036451)
Visitor Counter : 61