विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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नए धात्विक (मेटल) ऑक्साइड नैनोकम्पोजिट का उपयोग कार्बनिक प्रदूषकों के स्थायी फोटोकैटलिटिक क्षरण (डीग्रेडेशन) के लिए किया जा सकता है

Posted On: 01 JUL 2024 6:38PM by PIB Bhopal

एक नया धात्विक (मेटल) ऑक्साइड नैनोकम्पोजिट विकसित किया गया है जो रंगों और औषधि अपशिष्टों (फार्मास्यूटिकल्स) जैसे कार्बनिक प्रदूषकों के फोटोकैटलिटिक क्षरण (डीग्रेडेशन) में सहायता कर सकता है और इसलिए इसे पर्यावरण की स्वच्छता के लिए टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

  • मेटल ऑक्साइड फोटोकैटलिसिस जल निकायों से कार्बनिक प्रदूषकों (आर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स) को हटाने के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करता है। टाइटेनियम डाइऑक्साइड (टीआईओ2), जिंक ऑक्साइड (जेडएनओ ), और टंगस्टन ट्राइऑक्साइड (डब्ल्यूओ 3) अपने उच्च सतह क्षेत्र और स्थिरता के कारण उल्लेखनीय उत्प्रेरक हैं। प्रकाश के संपर्क में आने पर, वे इलेक्ट्रॉन-छिद्र युग्म (इलेक्ट्रान -होल पेयर्स) उत्पन्न करते हैं जो प्रदूषकों (पॉल्यूटेंट्स) हानिरहित उप-उत्पादों में बदल देते हैं। दक्षता को प्रभावित करने वाले कारकों में धात्विक ऑक्साइड की पसंद, क्रिस्टल संरचना, प्रकाश मानदंडों , प्रदूषक सांद्रता (पॉल्यूटेंट्स कंसंट्रेशन) , पीएच और उत्प्रेरक भारण ( कैटेलिक लोडिंग) शामिल हैं। क्षरण दर को अधिकतम (मैक्सीमाइजिंग) करने के लिए इन कारकों का अनुकूलन (ऑप्टीमाईजेशन) महत्वपूर्ण है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी आईएएसएसटी) में डॉ. अरुंधति देवी और उनकी टीम ने कार्बनिक प्रदूषकों के फोटोकैटलिटिक क्षरण के लिए एक अभिनव धातु ऑक्साइड नैनोकम्पोजिट विकसित किया है। फुलर्स अर्थ (एनआईटीएफ) निकल- अवलेपित (एनआई डोप्ड) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (टीआईओ2) को मिथाइलीन ब्लू को वर्णरहित करने (डीकलराइजेशन) के लिए एक फोटोकैटलिस्ट के रूप में चित्रित और परीक्षित किया गया था। इसने 90 मिनट के लिए दृश्य प्रकाश के अंतर्गत 9.0 पीएच पर रंजक विलयन (डाई सलूशन) का 96.15% वर्णरहित करने (डीकलराइजेशन) का स्तर प्राप्त किया। फुलर्स अर्थ ने अंधेरे में टाइटेनियम डाइऑक्साइड (टीआईओ2) के अवशोषण में सुधार किया, जिससे लागत प्रभावी पर्यावरणीय फोटोकैटलिस्ट का सुझाव मिला। यह शोध कार्य हाल ही में एल्सेविय(इनोर्गनिक केमिस्ट्री कम्युनिकेशन) पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

इस प्रकार निर्मित किए गए नैनोकम्पोजिट में जल विभाजन के माध्यम से उत्प्रेरक, ऊर्जा भंडारण, संवेदन (सेंसर,) प्रकाश को खोजने उसका पता लगाने और उसे नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और प्रणालियों के अध्ययन और अनुप्रयोग की विधा (ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स) के साथ ही जैवचिकित्सकीय (बायोमेडिकल) क्षेत्र, अवलेपन (कोटिंग्स) और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में संभावित अनुप्रयोग हो सकते हैं।

 

प्रकाशन लिंक, डीओआई: https://doi.org/10.1016/j.inoche.2023.110550

 

आगे के पत्राचार के लिए सम्पर्क : डॉ. अरुंधति देवी arundhuti@iasst.gov.in

 

चित्र: फोटोकैटलिटिक क्षरण (डीग्रेडेशन) के मार्ग का योजनाबद्ध प्रतिनिधित्व

 

 

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