भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
भारत और यूरोपीय संघ के स्टार्टअप ने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद कार्य समूह 2 के तहत ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने में सहायता की
Posted On:
20 JUN 2024 7:54PM by PIB Delhi
भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) कार्य समूह 2 ने आज (20 जून, 2024) इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों में बारह उच्च-प्रभाव समाधान प्रदाताओं की विशेषता वाले स्टार्टअप मैचमेकिंग कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन किया। अभिरुचि की अभिव्यक्ति के आह्वान के बाद, प्रत्येक पक्ष के विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र समिति ने वैज्ञानिक योग्यता, बाजार की तत्परता और सहयोग की संभावनाओं के आधार पर एक कठिन प्रक्रिया के माध्यम से इन बारह स्टार्टअप को शॉर्टलिस्ट किया। यह पहल एक स्थायी एजेंडा को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत तथा यूरोपीय संघ के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को चलाने की भारत और यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
इस कार्यक्रम ने स्टार्टअप/एसएमई को अपनी नवीन तकनीकों को पेश करने के लिए एक विशेष मंच प्रदान किया। इस मैचमेकिंग कार्यक्रम में बैटरी रीसाइक्लिंग मूल्य श्रृंखला में संग्रहण से लेकर मूल्यवान खनिज निष्कर्षण तक में काम करने वाले स्टार्ट-अप्स ने भाग लिया। इसमें भारत की ओर से लोहुम, एलडब्ल्यू3 प्राइवेट लिमिटेड, बैटएक्स एनर्जीज, एवरग्रीन लिथियम रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड, मेटास्टेबल मटीरियल्स प्राइवेट लिमिटेड,सेनॉल वेस्ट मैनेजमेंट एलएलपी के साथ-साथ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की ओर से अल्टरिटी, इकोमेट रिफाइनिंग, एनेरिस, प्रिमोबियस, रॉकटेक और टोजेरो स्टार्ट-अप्स शामिल थे।
इस मैचमेकिंग कार्यक्रम की शुरुआत बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ में भारत के राजदूत महामहिम श्री सौरभ कुमार और भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के राजदूत श्री हर्वे डेल्फिन के उद्घाटन भाषण के साथ हुई। उनके संबोधनों में हरित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसमें तेजी से बढ़ते ईवी क्षेत्र में विशेष जोर रहा।
(बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ में भारत के राजदूत महामहिम श्री सौरभ कुमार (बाएं) और भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के राजदूत श्री हर्वे डेल्फिन (दाएं)संबोधित करते हुए)
इसके बाद भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद और यूरोपीय आयोग में अनुसंधानएवं नवाचार के महानिदेशक श्री मार्क लेमैत्रे ने अपने विचार साझा किए।
(भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद और यूरोपीय आयोग में अनुसंधान एवं नवाचार के महानिदेशक श्री मार्क लेमैत्रे अपने विचार साझा करते हुए)
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा, “आज का यह मैचमेकिंग कार्यक्रम बैटरी रीसाइक्लिंग क्षेत्र में दोनों पक्षों की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं और प्रौद्योगिकियों को एक साथ लाया है, जिससे उन्हें आदान-प्रदान करने,नेटवर्किंग बढ़ाने और संभावित निवेश के लिए एक विशेष मंच मिला है। हमारा मानना है कि तीन भारतीय और तीन यूरोपीय संघ के स्टार्ट-अप को प्रदान की गई यह विनिमय यात्रा भारत और यूरोपीय संघ दोनों ओर स्थित ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग सुविधाओं का दौरा करने के लिए अत्यधिक लाभकारी होगी। इससे दोनों क्षेत्रों में ईवी परिदृश्य और पारिस्थितिकी तंत्रों के बारे में उनकी जानकारी और पहुंच बढ़ेगी।”
यूरोपीय आयोग में अनुसंधान एवं नवाचार के महानिदेशक श्री मार्क लेमैत्रे ने नवाचारआधारित यूरोपी संघ-भारत साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा,“उन्नत बैटरी रीसाइक्लिंग की दिशा में प्रत्येक कदम हमारे पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कार्बन-जीत है। यह मैचमेकिंग इवेंट दोनों क्षेत्रों के अभिनव स्टार्टअप को एक साथ लाने की ऐसी पहल है जिसमें शामिल सभी स्टार्टअप ईयू-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की छत्रछाया में हरित समाधानों को बढ़ाना चाहते हैं।”
इस कार्यक्रम में पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक श्री सुकुमार मिश्रा और मानद पीएसए फेलो श्री कार्तिक आत्मनाथन भी शामिल हुए।
अब अगले चरण के रूप में,भारत और यूरोपीय संघ से तीन-तीन स्टार्ट-अप को एक सप्ताह तक बाजार को गहराई से समझने के लिए क्रमशः यूरोपीय संघ और भारत का दौरा करने का अवसर दिया जाएगा। अपनी यात्रा के दौरान, ये तीन चयनित कंपनियां इच्छुक हितधारकों से सीधे जुड़ने, संभावित सहयोगों का पता लगाने और स्थानीय बाजार के माहौल को गहराई से समझने में सक्षम होंगी। यह यात्रा प्रायौगिक परियोजनाओं,वाणिज्यिक अवसरों और/या सह-विकास पहलों की स्थापना की संभावनाओं को सामने लाएगी।
(मैचमेकिंग इवेंट चल रहा है)
भारत और यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद के बारे में
भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी)की घोषणा सबसे पहले यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में की थी। 6 फरवरी, 2023 को स्थापित यह रणनीतिक समन्वय तंत्र दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के गठजोड़ पर चुनौतियों से निपटने और इन क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर केंद्रित है। भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की स्थापना भारत और यूरोपीय संघ के सभी लोगों के लाभ के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टीटीसी दोनों भागीदारों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। भू-रणनीतिक चुनौतियों ने साझा मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में यूरोपीय संघ और भारत के साझा हितों को मजबूत किया है।
टीटीसी भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा, जो 2022 में 120अरब यूरो मूल्य के सामानों के व्यापार के साथ ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है। 2022 में, 17अरब यूरो के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का व्यापार किया गया।
टीटीसी में तीन कार्य समूह शामिल हैं:
- रणनीतिक प्रौद्योगिकी, डिजिटल शासन और डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्य समूह 1
- हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर कार्य समूह 2; और
- व्यापार, निवेश और लचीली मूल्य श्रृंखलाओं पर कार्य समूह 3।
ये कार्य समूह अब चिन्हितउद्देश्यों और प्रमुख कार्यकलापों को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। आज शुरू किया गया मैचमेकिंग कार्यक्रम हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर कार्य समूह 2 के तहत प्रमुख सहमत अल्पकालिक कार्यकलापों में से एक है। हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी कार्य समूह 2 की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय और यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग में अनुसंधान और नवाचार महानिदेशालय कर रहा है।
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