सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 'आत्मनिर्भर भारत' परिकल्पना को आगे बढ़ाया, मशीनरी और टूलकिट के साथ ग्रामीण कारीगरों को सशक्त किया
खादी और ग्रामोद्योग आयोग प्रधानमंत्री मोदी के ग्राम स्वराज अभियान को गांव-गांव तक पहुंचा रहा है: खादी और ग्रामोद्योग आयोग अध्यक्ष
Posted On:
15 MAR 2024 5:29PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 'विकसित और आत्मनिर्भर भारत' बनाने की आकांक्षा के अनुरूप, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने देश भर के कारीगरों को सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ सशक्त बनाने के अपने मिशन के अंतर्गत आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र के कारीगरों को शीर्ष स्तर के टूलकिट के प्रावधान की सुविधा प्रदान की। उत्तर पश्चिम दिल्ली के त्रिनगर में आयोजित वितरण कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत उपकरण वितरित किए। इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) सदस्य (उत्तर क्षेत्र) श्री नागेंद्र रघुवंशी भी उपस्थिति थे। इस अवसर पर 10 लाभार्थियों को गरिमा के साथ अपनी आजीविका कमाने के लिए कुशलतापूर्वक काम करने की आवश्यकता के अनुरूप 100 मधुमक्खी बक्से प्रदान किए गए। इसके साथ ही खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 40 कारीगरों को कुम्हार का इलेक्ट्रिक चाक, 20 लाभार्थियों को अगरबत्ती मशीनें वितरित कीं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) योजनाओं और कार्यक्रमों की सफलता दर पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने दोहराया कि आयोग ने पिछले तीन वर्षों में एमएमडीए के माध्यम से 55 लाख और आईएसईसी योजना के अंतर्गत 21 लाख आवंटित कर क्षेत्र में आर्थिक विकास और सतत विकास को प्रेरित किया है। वर्ष 2023-24 में, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने पीएमईजीपी के अंतर्गत 47 इकाइयां स्थापित की हैं और मार्जिन मनी के रूप में 322.2 लाख रुपये का वितरण किया है, जबकि हमारी पहल में वर्ष 2021-22 में 216 परियोजनाएं और वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 1097.94 लाख रुपये के मार्जिन मनी का वितरण शामिल है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में हमने दिल्ली के 11 जिलों के 100 चमड़े के जूते के कारीगरों, 200 मधुमक्खी पलकों, 20 प्लंबिंग कारीगरों, 20 अगरबत्ती कारीगरों और 40 मिट्टी के बर्तन के कारीगरों को सहायता प्रदान की है। श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) व्यक्तियों को सशक्त बनाने और सतत विकास को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री मनोज कुमार ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए, विस्तार से बताया कि कैसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान' को प्रोत्साहन देने में 'मोदी सरकार की गारंटी' के आधार पर 'नए भारत की नई खादी' पहल की परिवर्तनकारी क्षमता पर बल दिया। पिछले एक दशक में खादी क्षेत्र की बिक्री में उल्लेखनीय रूप से चौगुनी वृद्धि देखी गई है, जिससे ग्रामीण कारीगरों का काफी उत्थान हुआ है।
अपने संबोधन में उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की वैश्विक पहुंच पर प्रकाश डाला और इसका श्रेय मोदी सरकार के अटूट समर्थन को दिया। उन्होंने कहा कि 'नए भारत की नई खादी' अभियान ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को नया आकार दिया है, जिससे खादी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कारीगरों के पारिश्रमिक में 233 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि का भी उल्लेख किया, जिससे अधिक कारीगर खादी के काम की ओर आकर्षित हुए।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष ने युवाओं के बीच खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 'वोकल फॉर लोकल' यानी स्थानीय के लिए मुखर और 'मेक इन इंडिया' पहल को श्रेय दिया। खादी को प्रोत्साहन देने पर प्रधानमंत्री के फोकस ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपये, 9.50 लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा हुए।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना दिया है। पिछले 10 वर्षों में 'नए भारत की नई खादी' अभियान ने 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' को एक नई दिशा दी है। परिणामस्वरूप, पिछले दशक में खादी उत्पादों की बिक्री में 332 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और कारीगर खादी के काम की ओर आकर्षित हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप समृद्धि आई है।
वितरण कार्यक्रम में बैंकों, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), खादी और ग्रामोद्योग विकास बोर्ड (केवीआईवीबी) और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ खादी संस्थानों, खादी संघों और कारीगरों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
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(Release ID: 2015035)
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