जल शक्ति मंत्रालय

जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) पर राष्ट्रीय सम्मेलन में ऐतिहासिक पुस्तक का विमोचन किया गया साथ ही नवीन प्रस्तावों पर प्रकाश डाला गया


केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लखनऊ में राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया, उन्होंने एसबीएम-जी और जेजेएम पर लिखीं पुस्तकों का लोकार्पण भी किया

Posted On: 17 FEB 2024 7:39PM by PIB Delhi

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-(जी)) पर राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन 16 फरवरी 2024 को अभूतपूर्व कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें ग्रामीण डब्ल्यूएएसएच (वाश) क्षेत्र में सतत समाधानों को लेकर एकीकृत दृष्टिकोण पेश किया गया। सम्मेलन के जरिए विचारों और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को बढ़ावा देते हुए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के विविध हितधारकों को एक साथ लाया गया।

सम्मेलन में नवाचार, सहयोग, स्थिरता और परिसंपत्तियों का संचालन और रखरखाव मुख्य मुद्दा रहा। सम्मेलन में एसबीएम-जी और जेजेएम सहित ग्रामीण डब्ल्यूएएसएच (वाश) क्षेत्र में नवीन समाधानों, प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का डिजिटल प्रदर्शन भी किया गया। यह उपस्थित लोगों के लिए इंटरैक्टिव (संवादात्मक) अनुभव जैसा था, जिसमें राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में हुई प्रगति और सफलताओं का व्यापक अवलोकन किया गया।

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सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, उत्तर प्रदेश कैबिनेट के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, गोरखपुर से सांसद श्री रवि किशन और डीडीडब्ल्यूएस की सचिव श्रीमती विनी महाजन सहित अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों की विशिष्ट उपस्थिति रही। कार्यशाला के पहले दिन पैनल चर्चाओं और संवादात्मक सत्रों के माध्यम से कई विषयों को कवर किया गया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने एसबीएम-जी से जुड़ीं तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया।

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उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जल शक्ति श्री स्वतंत्र देव सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार के नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए राज्य में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य ने प्रगति की यात्रा देखी है। जेजेएम और एसबीएम-जी जैसी योजनाओं से बुन्देलखंड, औरैया और अन्य जिले लाभान्वित हो रहे हैं। नेतृत्व में परिवर्तन से पर्यावरण ने यह सुनिश्चित किया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के ये मुद्दे सबसे आगे हैं और यूपी भारत में सबसे अधिक एफएचटीसी वाला राज्य बना हुआ है।

गोरखपुर से सांसद श्री रवि किशन ने भारत की स्वच्छता यात्रा के बारे में बात की, जिसे उन्होंने 'जमीन से जुड़ा' होने के नाते देखा है। उन्होंने स्वास्थ्य और स्वच्छता की चिंताओं के बारे में बात की जो पहले बच्चों को प्रभावित करती थी। उन्होंने कहा कि एसबीएम-जी और जेजेएम जैसे कार्यक्रमों से इसमें गिरावट देखी गई है। ये योजनाएं लोगों और समाज को आवश्यक चीजें प्रदान करता है, जिन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया था। उन्होंने गोरखपुर के दूर-दराज के गांवों के बारे में बात की, जो अब पाइपलाइन कनेक्शन से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि आज स्कूलों और घरों में शौचालय हैं।


कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस सम्मेलन के समय की महत्ता के बारे में बताया जो कि ऐसे वक्त पर आया है जब जेजेएम और एसबीएम-जी दोनों ही अपने आउटपुट के मामले में महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गए हैं। अब स्थायित्व पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने न केवल एसबीएम को शुरू करने बल्कि आगे बढ़कर इसका नेतृत्व और मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के काम पर प्रकाश डाला। एसबीएम-जी पर काम करते समय उनका दृष्टिकोण 'स्वच्छता का सम्मान, संयुक्त की शक्ति' पर केंद्रित है जो स्वच्छता का मार्ग है। उन्होंने एसबीएम-जी और जेजेएम में किए जाने वाले काम के बारे में भी बात की। उन्होंने इसे मिशन मोड में करने पर जोर दिया। यह तब और जरूरी हो जाता है जब हम समाभिरूपता की चिंता का समाधान कर रहे हैं। ऐसे समय में इस प्रकार के सम्मेलन का महत्व और बढ़ जाता है। पानी पर हम जो काम करते हैं वह 'शुद्ध' है और आगे बढ़ने के लिए लोगों को शामिल करने और इसे लोगों का आंदोलन बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो न केवल कार्यक्रम को आगे बढ़ाता है बल्कि इसमें स्थिरता भी लाता है। उन्होंने परिवर्तनकारी मिशनों जैसे जेजेएम और एसबीएम के बारे में बात की। इसके लिए संपूर्ण स्वच्छता के लिए काम जारी रखने की जरूरत है, जिसमें कार्यक्रम समाभिरूपता पर ध्यान देना, खरीद और कार्यान्वयन के लिए उन्नत गुणवत्ता नियंत्रण उपाय और देश में जो बदलाव हम देखना चाहते हैं उसके लिए काम से जुड़े सभी लोगों की ओर से प्रतिबद्धता होनी चाहिए।

 

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पुस्तक लोकार्पण की मुख्य विशेषताएं :
1 स्वच्छता क्रॉनिकल्स : ट्रांसफॉर्मेटिव टेल्स फ्रॉम इंडिया- वॉल्यूम। II (एसबीएम-जी): स्वच्छता क्रॉनिकल वॉल्यूम 2 समाज की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का संकलन है जहां एसबीएम-जी के लिए प्रभावशाली परिवर्तन जारी है। ये कहानियां आंकड़ों से परे हैं, क्योंकि ये ग्रामीण स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता की प्रभावशाली यात्रा को दर्शाती हैं, जो गांवों के ओडीएफ प्लस मॉडल में चल रहे परिवर्तन के प्रमाण के रूप में काम करती हैं।

2 'स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (एसजीएलआर)' प्रणाली बुकलेट एसबीएम-जी दृष्टिकोण में जिम्मेदार स्वच्छता को शामिल करने वाला एक बेंचमार्क सूचकांक है। यह पुस्तिका सुरक्षित स्वच्छता कार्यप्रणाली के लिए एक मार्गदर्शिका है, जो आतिथ्य सुविधाओं में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।

3 तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एलडब्ल्यूएम) प्रौद्योगिकियों पर सार-संग्रह : स्वीकृत प्रौद्योगिकियों, परिचालन दिशानिर्देशों और सफल केस अध्ययनों की एक समेकित पुस्तिका है। यह एलडब्ल्यूएम पर हितधारकों के लिए ज्ञान का भंडार प्रदान करती है। एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। एक स्वच्छ और स्वस्थ ग्रामीण वातावरण को बढ़ावा देती है।

सम्मेलन ने ग्रामीण वॉश क्षेत्र में नवीन समाधानों, तकनीक और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली की विस्तृत प्रस्तुति और डिजिटल प्रदर्शन के माध्यम से क्रॉस-लर्निंग के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया।

सम्मेलन के पहले दिन ने ग्रामीण वाश पहल के परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। पुस्तक का विमोचन दीर्घकालिक और अनुकूल ग्रामीण समाज की दिशा में चल रहे प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान को दिखा रहा है।

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