पर्यटन मंत्रालय

लक्षद्वीप द्वीप समूह में बढ़ रहा पर्यटन

Posted On: 08 FEB 2024 4:41PM by PIB Delhi

लक्षद्वीप द्वीप समूह के विकास के लिए समग्र कार्यनीति सतत विकास अर्जित करने, अनूठी सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संबंधी विशेषताओं को संरक्षित करने और द्वीप समूह में रहने वाले लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर आधारित है। यह लक्षद्वीप को पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक प्रगति को संतुलित करते हुए जिम्मेदार और समावेशी विकास के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित करने की आकांक्षा रखता है। इस कार्यनीति में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए द्वीप की प्राकृतिक सुंदरता का लाभ उठाना, एक मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था बनाना और स्थानीय समुदायों के बीच गर्व और कल्याण की भावना को बढ़ावा देना शामिल है।

कार्यनीतिक योजना और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से समग्र विकास, एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है जहां लक्षद्वीप द्वीप समूह प्रकृति और टिकाऊ आर्थिक प्रथाओं के साथ सामंजस्य बिठा सके। लक्षद्वीप द्वीप समूह के विकास की परियोजनाओं को पर्यावरण, वन और सीआरजेड मंजूरी आदि सहित विभिन्न लागू कानूनों के तहत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

पर्यटन मंत्रालय ने एक गंतव्य और पर्यटन-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया है और एसडी 2.0 के तहत विकास के लिए लक्षद्वीप सहित देश में 57 गंतव्यों को अधिसूचित किया है।

पर्यटन मंत्रालय द्वारा सतत पर्यटन के लिए तैयार की गई राष्ट्रीय कार्यनीति के अनुरूप, पर्यटन संसाधनों के उपभोग में पर्यटकों और पर्यटन व्यवसायों के प्रति सचेत और विचारशील कार्यों के माध्यम से देश में टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'ट्रैवल फॉर लाइफ' पहल शुरू की गई है।

देश में टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म सोसाइटी ऑफ इंडिया (आरटीएसओआई) के साथ मिलकर देश के विभिन्न क्षेत्रों के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल करते हुए क्षेत्रीय कार्यशालाएँ भी आयोजित की। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप सहित दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए फरवरी, 2023 में हैदराबाद में कार्यशाला आयोजित की गई थी।

यह जानकारी आज केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में दी।

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