विद्युत मंत्रालय
वर्ष 2031-32 तक कुल स्थापित ताप विद्युत क्षमता 283 गीगावॉट और गैर-जीवाश्म-ईंधन-आधारित क्षमता 500 गीगावॉट होने की संभावना है: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह
Posted On:
08 FEB 2024 2:42PM by PIB Delhi
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान घरेलू कोयला-आधारित संयंत्रों और आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों द्वारा आयातित कोयले का विवरण इस प्रकार है:
(सभी आंकड़े मिलियन टन में)
|
आयातित कोयले की प्राप्ति
|
अवधि
|
घरेलू कोयला आधारित संयंत्रों द्वारा आयात (सम्मिश्रण के लिए)
|
आयातित कोयला आधारित संयंत्र द्वारा आयात
|
कुल आयात
|
प्रतिशत वृद्धि
|
2018-19
|
21.4
|
40.3
|
61.7
|
-
|
2019-20
|
23.8
|
45.5
|
69.2
|
12.3%
|
2020-21
|
10.4
|
35.1
|
45.5
|
-34.3%
|
2021-22
|
8.1
|
18.9
|
27.0
|
-40.6%
|
2022-23
|
35.1
|
20.5
|
55.6
|
106.1%
|
2023-24
(अप्रैलl-दिसंबर)
|
17.1
|
29.5
|
46.6
|
3.9%*
|
*इस वृद्धि की तुलना 2022-23 की इसी अवधि से की गई है।
अप्रैल-दिसंबर (2022-23) अवधि के दौरान, कुल आयात 44.8 मीट्रिक टन था [घरेलू कोयला-आधारित संयंत्रों द्वारा आयात (मिश्रण के लिए): 28.8 मीट्रिक टन + आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों द्वारा आयात: 16.0 मीट्रिक टन]
घरेलू कोयले पर डिज़ाइन किए गए बिजली संयंत्र मिश्रण उद्देश्य के लिए आयातित कोयले का उपयोग करते हैं जबकि आयातित कोयले पर डिज़ाइन किए गए बिजली संयंत्र अपनी ईंधन आवश्यकता के लिए कोयले का आयात करते हैं।
चूँकि कोयला खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के अंतर्गत है, बिजली संयंत्र अपनी व्यावसायिक विवेकशीलता के आधार पर अपनी प्राथमिकता और स्रोत के अनुसार कोयले का आयात करते हैं।
वित्तीय संस्थान दायित्वपूर्ण वित्तपोषण सुनिश्चित करने के लिए कोयला आधारित विद्युत केंद्रों के लिए विशिष्ट ऋण मानदंडों का पालन करते हैं। इन मानदंडों में अधिकतम ऋण के साथ उचित पूंजी संरचना बनाए रखना: 80:20 का इक्विटी अनुपात और आंतरिक रिटर्न दर (आईआरआर) और ऋण सेवा कवरेज अनुपात (डीएससीआर) जैसे स्वीकार्य वित्तीय अनुपात शामिल है। फंड आमतौर पर ऋणदाताओं के संघ द्वारा प्रदान किया जाता है और ऋण चुकौती अवधि परियोजना के आर्थिक जीवन के 80 प्रतिशत तक सीमित है।
इसके अलावा, पर्यावरण अनुपालन एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित अधिकारियों से मंजूरी की आवश्यकता होती है। वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, भूमि अधिग्रहण की स्थिति और संभावित प्रदूषण प्रभाव के साथ-साथ कोयला लिंकेज, जल आवंटन और चिमनी की ऊंचाई के लिए विमानन मंजूरी से संबंधित अन्य वैधानिक मंजूरी जैसे कारकों पर विचार करते हुए परियोजनाओं का गहन विश्लेषण किया जाता है। इन शर्तों और दस्तावेज़ों के पूर्ण अनुपालन पर ही धनराशि वितरित की जाती है।
विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 63 के अंतर्गत बिजली खरीद समझौते (पीपीए) बिजली की खरीद के लिए बिजली मंत्रालय द्वारा जारी मॉडल पीपीए द्वारा निर्देशित होते हैं। मॉडल पीपीए में अन्य बातों के साथ-साथ कानून में बदलाव, अप्रत्याशित घटना, शुल्क, प्रदर्शन सुरक्षा, डिफ़ॉल्ट के परिणाम, भुगतान सुरक्षा व्यवस्था आदि के प्रावधान हैं।
इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने विद्युत खरीद समझौतों (पीपीए) के लिए निम्नलिखित रूपरेखा जारी की है:
-
एफओओ (वित्त, स्वामित्व और संचालन)
-
डीबीएफओओ (डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन)
-
डीबीएफओटी (डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण)
वर्ष 2031-32 तक अनुमानित बिजली की मांग को पूरा करने के लिए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा तनावपूर्ण परिदृश्य पर विचार करते हुए उत्पादन योजना अध्ययन किया गया है। अध्ययन के परिणामों के अनुसार, यह परिकल्पना की गई है कि वर्ष 2032 में देश की बेस लोड आवश्यकता को पूरा करने के लिए, आवश्यक कोयला और लिग्नाइट आधारित स्थापित क्षमता 214 गीगावॉट की वर्तमान स्थापित क्षमता के मुकाबले 283 गीगावॉट है। इसे ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने वर्ष 2031-32 तक अतिरिक्त न्यूनतम 80 गीगावॉट कोयला आधारित क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान में, 26380 मेगावाट की तापीय क्षमता निर्माणाधीन है, 11960 मेगावाट की बोली लगाई जा चुकी है और 19050 मेगावाट की मंजूरी चल रही है।
राष्ट्रीय विद्युत योजना में मानी गई नई कोयला आधारित तापीय क्षमता की स्थापना के लिए अनुमानित पूंजी लागत 8.34 करोड़ रुपये/मेगावाट (2021-22 मूल्य स्तर पर) है। इसलिए, तापीय क्षमता वृद्धि में 2031-32 तक न्यूनतम 6,67,200 करोड़ रुपये का व्यय होने की आशा है। ।
कोयला आधारित बिजली संयंत्रों पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने वर्ष 2031-32 तक गैर जीवाश्म ईंधन आधारित स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता को 5,00,000 मेगावाट से अधिक तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, देश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
-
स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देना;
-
30 जून 2025 तक चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए सौर और पवन ऊर्जा की अंतर-राज्य बिक्री के लिए अंतर राज्य पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्क की छूट,
-
वर्ष 2029-30 तक नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) के लिए प्रक्षेप पथ की घोषणा;
-
बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स को भूमि और ट्रांसमिशन प्रदान करने के लिए अल्ट्रा मेगा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क की स्थापना;
-
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम), सोलर रूफटॉप चरण II, 12000 मेगावाट सीपीएसयू योजना चरण II जैसी योजनाएं;
-
नवीकरणीय ऊर्जा की निकासी के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के तहत नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाना और नई सब-स्टेशन क्षमता बनाना;
-
सौर फोटोवोल्टिक प्रणाली/उपकरणों की तैनाती के लिए मानकों की अधिसूचना;
-
निवेश को आकर्षित करने और सुविधा प्रदान करने के लिए परियोजना विकास सेल की स्थापना;
-
ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी और पवन परियोजनाओं से बिजली की खरीद के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के लिए मानक बोली दिशानिर्देश;
-
सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि नवीकरणीय ऊर्जा जनरेटरों को वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) या अग्रिम भुगतान के आधार पर बिजली भेजी जाएगी;
-
हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस नियम 2022 के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की अधिसूचना;
-
“विद्युत (देर से भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम (एलपीएस नियम) की अधिसूचना;
-
एक्सचेंजों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा बिजली की बिक्री की सुविधा के लिए ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (जीटीएएम) का शुभारंभ;
-
भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया; और,
-
वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2027-28 तक नवीकरणीय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा बिजली बोलियों के लिए निर्धारित प्रक्षेप पथ की अधिसूचना जारी की जाएगी। प्रक्षेप पथ के तहत, 50 गीगावॉट/वर्ष आरई बोलियां जारी की जाएंगी।
इसके अलावा, ताप विद्युत संयंत्रों के उत्सर्जन स्तर में कमी के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गये हैं:
-
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) की अधिसूचना दिनांक 07.12.2015 और इसके बाद के संशोधनों ने इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी), फ़्लू गैस डिसल्फराइजेशन ( एफजीडी), एनओएक्स दहन संशोधन, आदि।
-
सबक्रिटिकल थर्मल इकाइयों पर कुशल अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल/सुपरक्रिटिकल इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन देना।
-
बायोमास सह-फायरिंग- विद्युत मंत्रालय ने आकलन के बाद कोयले के साथ मुख्य रूप से कृषि-अवशेषों से बने बायोमास छर्रों के 5-10 प्रतिशत मिश्रण का उपयोग करने के लिए कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में सह-फायरिंग के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिए बायोमास उपयोग पर तकनीकी व्यवहार्यता नीति जारी की है।
वर्ष 2014 से कोयला, गैस, जल विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न बिजली के प्रतिशत का विवरण नीचे दिया गया है।
विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न विद्युत का प्रतिशत
वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक वर्षवार उत्पादन (दिसंबर तक)
|
स्रोत का नाम
|
2014-15
|
2015-16
|
2016-17
|
2017-18
|
2018-19
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
(दिसंबर त)
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
कुल उत्पादन का प्रतिशत
|
पारंपरिक
|
तापीय
|
Coal
|
72.08
|
73.45
|
73.30
|
72.76
|
71.77
|
69.20
|
68.82
|
69.81
|
70.54
|
71.22
|
Lignite
|
3.20
|
2.92
|
2.80
|
2.66
|
2.51
|
2.37
|
2.21
|
2.49
|
2.23
|
1.86
|
Diesel
|
0.13
|
0.03
|
0.02
|
0.02
|
0.01
|
0.01
|
0.01
|
0.01
|
0.01
|
0.02
|
Naptha
|
0.09
|
0.01
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.01
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
Natural gas
|
3.61
|
4.00
|
3.95
|
3.83
|
3.62
|
3.49
|
3.68
|
2.41
|
1.47
|
1.83
|
उप योग
|
79.10
|
80.42
|
80.07
|
79.28
|
77.92
|
75.07
|
74.72
|
74.72
|
74.25
|
74.93
|
परमाणु
|
3.25
|
3.19
|
3.05
|
2.93
|
2.75
|
3.35
|
3.11
|
3.16
|
2.82
|
2.77
|
जल विद्युत
|
11.64
|
10.34
|
9.86
|
9.64
|
9.80
|
11.21
|
10.88
|
10.16
|
9.98
|
8.77
|
भूटान आयात
|
0.45
|
0.45
|
0.45
|
0.37
|
0.32
|
0.42
|
0.63
|
0.50
|
0.42
|
0.36
|
परंपरागत कुल
|
94.44
|
94.39
|
93.43
|
92.21
|
90.79
|
90.04
|
89.34
|
88.54
|
87.47
|
86.82
|
नवीकरणीय ऊर्जा
|
पवन
|
3.04
|
2.81
|
3.70
|
4.03
|
4.51
|
4.65
|
4.35
|
4.60
|
4.42
|
5.33
|
सौर
|
0.42
|
0.63
|
1.09
|
1.98
|
2.85
|
3.61
|
4.37
|
4.93
|
6.28
|
6.44
|
बायोमास
|
0.28
|
0.32
|
0.34
|
0.26
|
0.20
|
0.21
|
0.25
|
0.23
|
0.19
|
0.19
|
बायो गैस
|
1.06
|
1.10
|
0.80
|
0.91
|
0.99
|
0.78
|
0.82
|
0.84
|
0.79
|
0.43
|
लघु जल विद्युत
|
0.72
|
0.71
|
0.62
|
0.59
|
0.63
|
0.68
|
0.74
|
0.70
|
0.69
|
0.62
|
अन्य
|
0.03
|
0.02
|
0.02
|
0.03
|
0.03
|
0.03
|
0.12
|
0.15
|
0.16
|
0.16
|
नवीकरणीय ऊर्जा कुल
|
5.56
|
5.61
|
6.57
|
7.79
|
9.21
|
9.96
|
10.66
|
11.46
|
12.53
|
13.18
|
महा योग
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
100.00
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
यह जानकारी केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज, 8 फरवरी, 2024 को लोकसभा में दो अलग-अलग प्रश्नों के लिखित उत्तर में दी है।
***
एमजी/एआर/आरपी/एमकेएस/डीके-
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