कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया पूसा में कन्या छात्रावास व चयन भवन का लोकार्पण


प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि व किसानों के विकास के लिए केंद्र संकल्पबद्ध- श्री मुंडा

हमारे किसान कहीं भी पीछे नहीं रहें, बल्कि आत्मनिर्भर व सशक्त-समर्थ बनें- कृषि मंत्री

झारखंड के आदिवासी किसानों को पूसा में उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण, प्रक्षेत्र भ्रमण

Posted On: 31 JAN 2024 6:01PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा, दिल्ली में कन्या छात्रावास “फाल्गुनी” व कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल (एएसआरबी) के “चयन भवन” का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, एएसआरबी के चेयरमैन डॉ. संजय कुमार, आईएआईआर के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह भी उपस्थित थे।

समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार, कृषि क्षेत्र एवं कृषकों के विकास के लिए संकल्पबद्ध है और राज्य सरकारों के माध्यम से भी कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों तथा किसान हित में योजनाबद्ध ढंग से कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी चाहते हैं कि हमारे किसान आत्मनिर्भर व सशक्त बनें और इतने सार्म्थ्यवान हो कि देश के साथ ही दुनिया के बाजारों में भी पूर्ति कर सकें। इसके लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के साथ ही विभिन्न योजनओं-कार्यक्रमों के माध्यम से काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हमारे किसान कहीं भी पीछे नहीं रहने चाहिए, इसके लिए खेती को आधुनिक प्रौद्योगिकियों से भी जोड़ा जा रहा है। सेटेलाइट की मदद से भी कृषि क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रधानमंत्री प्रोत्साहित कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र भी काफी अच्छा काम कर रहे हैं। किसानों को आय सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा "प्रधानमंत्री किसान सम्मान" (पीएम किसान) योजना सहित कई योजनाएं चलाई जा रही है। 2047 तक देश को विकसित बनाने के संकल्प के साथ काम हो रहा है।

श्री मुंडा ने समारोह में उपस्थित झारखंड के आदिवासी किसानों का आव्हान किया कि उन्होंने यहां जिन उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण प्राप्त किया व प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान जो श्रेष्ठ पद्धतियां सीखी-समझी, उन्हें सूदरवर्ती क्षेत्रों तक आगे बढ़ाने में योगदान दें। श्री मुंडा ने कहा कि पूसा में दुर्लभ बीजों व पौधों के संरक्षण का काम भी किया जा रहा है। साथ ही, यहां पर गुणवत्ता व पौष्टिकता पर ध्यान देते हुए तेजी से शोध कार्य किया जा रहा है।

श्री मुंडा ने भारत के विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने, जी-20 की अध्यक्षता के माध्यम से विश्व-मित्र बनने, कोरोना के संकटकाल का साहसपूर्वक सामना करने सहित अन्य उपलब्धियों का जिक्र भी किया। राज्यमंत्री श्री चौधरी, सुश्री शोभा करंदलाजे एवं डीजी डा. पाठक व चेयरमैन डॉ. संजय ने भी अपने विचार रखे।

आईएआरआई निदेशक डा. सिंह ने बताया कि “फाल्गुनी” में 500 कमरे हैं। फूड कोर्ट, सौर ऊर्जा प्रणाली, वर्षा जल संचयन प्रणाली, जनेरेटर आधारित पॉवर बैकअप, वाई-फाई नेटवर्क, आर.ओ. पेयजल, अग्निशमन व्यवस्था, पार्किंग, लिफ्ट सभी सुविधाएं प्रदत्त हैं, जिनसे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय छात्राओं का आकर्षण बढ़ेगा। कार्यक्रम में आईसीएआर, आईएआईआर, एएसआरबी के अधिकारी, वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राएं, किसान भी मौजूद थे।

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एसके/एसएम



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