खान मंत्रालय
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अन्वेषण में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए खान मंत्रालय राष्ट्रीय भू-विज्ञान डेटा रिपॉजिटरी पोर्टल लॉन्च करेगा

Posted On: 18 DEC 2023 8:15PM by PIB Delhi

खान मंत्रालय 19 दिसंबर 2023 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय भू-विज्ञान डेटा रिपॉजिटरी (एनजीडीआर) पोर्टल लॉन्च करेगा। एनजीडीआर देश भर की भू-स्थानिक जानकारी हासिल करने, उन्‍हें साझा करने और उसका विश्लेषण करने के लिए एक व्यापक ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म है। केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) के नेतृत्व में एनजीडीआर की यह पहल महत्वपूर्ण भू-विज्ञान डेटा को सभी लोगों के लिए सुलभ बनाने, अमूल्य संसाधनों तक अभूतपूर्व पहुंच के साथ उद्योगों और शिक्षा जगत के हितधारकों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है।

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के बारे में

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की स्थापना 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिए कोयला भंडार खोजने के लिए की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में जीएसआई न केवल देश में विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवश्यक भू-विज्ञान संबंधी जानकारियों के भंडार के रूप में विकसित हुआ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति के भू-वैज्ञानिक संगठन का दर्जा भी हासिल किया है। इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक जानकारियों और खनिज संसाधनों के आकलन को अद्यतन करना है। इन उद्देश्यों को जमीनी सर्वेक्षण, हवाई एवं समुद्री सर्वेक्षण, खनिजों पूर्वेक्षण एवं जांच, विभिन्‍न विषयों में भू-वैज्ञानिक, भू-तकनीकी, भू-पर्यावरणीय एवं प्राकृतिक खतरों का अध्ययन, ग्लेशियोलॉजी, भूकंपीय-टेक्टोनिक अध्ययन और बुनियादी अनुसंधान के जरिये हासिल किया जाता है।

जीएसआई की प्रमुख भूमिकाओं में नीति निर्माण संबंधी निर्णयों और वाणिज्यिक एवं सामाजिक-आर्थिक जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्देश्यपूर्ण, निष्पक्ष एवं अद्यतन भू-वैज्ञानिक विशेषज्ञता और सभी प्रकार की भू-वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना शामिल है। जीएसआई भारत और इसके अपतटीय क्षेत्रों में जमीन एवं जमीन के भीतर की सभी भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के व्‍यवस्थित दस्तावेजीकरण पर भी जोर देता है। संगठन नवीनतम और लागत कुशल प्रभावी तकनीकों एवं पद्धतियों के जरिये भू-वैज्ञानिक, भू-भौतिकीय एवं भू-रासायनिक सर्वेक्षण के माध्यम से यह कार्य करता है।

सर्वेक्षण और मानचित्रण में जीएसआई की मुख्य दक्षता स्थानिक डेटाबेस (रिमोट सेंसिंग के जरिये प्राप्त डेटाबेस सहित) में वृद्धि, प्रबंधन, समन्‍वय एवं उपयोग के जरिये लगातार बेहतर हो रही है। यह एक 'रिपॉजिटरी' के रूप में कार्य करता है और इसके लिए भू-सूचना विज्ञान क्षेत्र के अन्य हितधारकों के साथ सहयोग एवं समन्‍वय करते हुए भू-वैज्ञानिक सूचना एवं स्थानिक डेटा के विस्‍तार के लिए कंप्यूटर आधारित नवीनतम तकनीकों का उपयोग करता है।

जीएसआई का मुख्यालय कोलकाता में है। उसके छह क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलांग और कोलकाता में हैं। इसके अलावा देश में लगभग हरेक राज्‍य में इसकी इकाई का कार्यालय है। जीएसआई खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय है।

बीआईएसएजी-एन के बारे में

भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) भारत सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है। इसकी स्‍थापना भू-स्‍थानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास एवं प्रबंधन, अनुसंधान एवं विकास, राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग, क्षमता निर्माण एवं सहायक प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

बीआईएसएजी ने प्रमुख मंत्रालयों और लगभग सभी राज्यों के लिए जीआईएस एवं भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को लागू किया है। इसके लिए भू-स्थानिक विज्ञान (जीआईएस रिमोट सेंसिंग, इमेज प्रोसेसिंग, फोटोग्रामेट्री, जीपीएस, सेल फोन आदि), सूचना विज्ञान प्रणाली (एमआईएस, डेटाबेस, ईआरपी, परियोजना प्रबंधन, वेब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि) और गणित विज्ञान प्रणाली (ज्‍यमिति, द्रव, यांत्रिकी, त्रिकोणमिति, बीजगणित आदि) को बीआईएसएजी द्वारा इन-हाउस एकीकृत किया गया है। ये तकनीकी समाधानों को ओपन सोर्स पर प्रदान किए गए है, जिससे लागत में उल्‍लेखनीय बचत होती है।

फिलहाल बीआईएसएजी गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक राज्य एजेंसी है, जो गुजरात में गांधीनगर में स्थित है।

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