भारी उद्योग मंत्रालय

वर्ष 2023 के दौरान इलेक्ट्रिक, पेट्रोल और डीजल वाहनों सहित कुल 2,27,17,562 वाहन पंजीकृत हुए

Posted On: 18 DEC 2023 5:38PM by PIB Delhi

भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग को बढ़ावा देने और ईवी व उन्नत ऑटोमोटिव घटकों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तीन योजनाएं शुरू की हैं। उनका विवरण निम्नलिखित है:

  1. सरकार ने 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण चरण II (फेम इंडिया चरण II) योजना को अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य परिवहन में हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सके और वाहनों होने वाले प्रदूषण के मुद्दों का समाधान करना है। जहां तक ई-बसों, इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई-3डब्ल्यू) और इलेक्ट्रिक चार पहिया (ई-4डब्ल्यू) का संबंध है, यह योजना उन वाहनों को सब्सिडी प्रदान करती है, जो सार्वजनिक परिवहन या व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयोग किए जाते हैं। इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू) के लिए निजी स्वामित्व वाले वाहनों को भी सब्सिडी दी जाती है।

फेम II का उद्देश्य 7,090 ई-बसों, 5 लाख ई-3 व्हीलर, 55,000 ई-4 व्हीलर यात्री कारों (मजबूत हाइब्रिड सहित) और 10 लाख ई-2 व्हीलर की वित्तीय सहायता करना है। फेम II इंडिया योजना के बारे में अधिक जानकारी वेबसाइट https://heavyindustries.gov.in/fame-ii पर उपलब्ध है।

  1. सरकार ने 12 मई 2021 को देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 'राष्ट्रीय उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण कार्यक्रम' को मंजूरी दी है। इस योजना का बजटीय परिव्यय 18,100 करोड़ रुपये है। इस योजना में 50 गीगावाट की संचयी एसीसी बैटरी विनिर्माण क्षमता स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना का विवरण https://heavyindustries.gov.in/pli-scheme-for-national-programme-on-advanced-chemistry- cell-acc-battery-storage पर देखा जा सकता है।
  2. 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज (एएटी) उत्पादों (इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके कंपोनेंट सहित) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस योजना का विवरण https://heavyindustries.gov.in/pli-scheme-automobile-and-auto-component-industry पर देखा जा सकता है।

भारी उद्योग मंत्रालय और नीति आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम ब्याज दर पर सब्सिडी या ऋण देने की योजना तैयार की गई है।

हालांकि, फेम-इंडिया योजना के चरण- II के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को आर्थिक प्रोत्साहन/सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह आर्थिक प्रोत्साहन बैटरी क्षमता से जुड़ा हुआ है। यह वाहन लागत की 20 फीसदी की सीमा के अधीन ई-तिपहिया और ई-चार पहिया के लिए 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा है। इसके अलावा ई-दुपहिया वाहनों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन/सब्सिडी 1 जून, 2023 से वाहन लागत की 15 फीसदी सीमा के साथ 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा निर्धारित की गई है।   

मंत्रालय की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण से संबंधित जानकारी नहीं रखी जाती है। भारत में इलेक्ट्रिक और पेट्रोल/डीजल वाहनों सहित बिक्री किए गए वाहनों की संख्या से संबंधित आंकड़े (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार) संलग्न है।

 

अनुलग्नक

भारत में इलेक्ट्रिक और पेट्रोल/डीजल वाहनों सहित अन्य बिक्री किए गए वाहनों की संख्या से संबंधित आंकड़े

कैलेंडर वर्ष- 2020 से 2023 (12-12-2023 तक) के दौरान पंजीकृत वाहन का विवरण

 

विवरण

2020

2021

2022

2023 (12.12.2023 तक)

पेट्रोल वाहनों की संख्या

1,63,54,918

1,63,15,856

1,78,17,281

1,80,56,749

डीजल वाहनों की संख्या

20,33,747

20,18,742

23,47,488

24,02,341

इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या

1,24,681

3,31,634

10,25,118

14,33,545

उपरोक्त तीनों प्रकार के वाहन का कुल योग

1,85,13,346

 

1,86,66,232

2,11,89,887

2,18,92,635

कैलेंडर वर्ष-वार कुल पंजीकृत वाहन

1,86,41,661

1,89,20,541

2,15,70,361

2,27,17,562

कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुपात

0.0067

0.0175

0.0475

0.0631

 

नोट: 1- दिए गए विवरण केंद्रीकृत वाहन 4 के अनुसार डिजिटलीकृत वाहन रिकॉर्ड के लिए हैं।

2- तेलंगाना और लक्षद्वीप के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, क्योंकि वे केंद्रीकृत वाहन 4 में नहीं हैं।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।

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