उप राष्ट्रपति सचिवालय
azadi ka amrit mahotsav

उपराष्ट्रपति द्वारा दिये गये ऑल इंडिया रेडियो द्वारा आयोजित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान का मूलपाठ


विषय - "आर्थिक महाशक्ति के रूप में भारत का उदय"

Posted On: 02 DEC 2023 5:01PM by PIB Delhi

सचिव सूचना और प्रसारण मंत्रालय, श्री अपूर्वा चंद्रा जी,

मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रसार भारती, श्री गौरव द्विवेदी जी,

प्रधान महानिदेशक आकाशवाणी, डॉ. वसुधा गुप्ता जी,

एवं सभी उपस्थित गणमान्यजन,

सबसे पहले मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी को नमन करता हूं। देश के प्रथम राष्ट्रपति, भारत रत्न... पर उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान भारत की विधायिका को मजबूत करने का रहा है। संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में 3 वर्ष तक आपने ऐसा संचालन किया कि हर संविधान सभा का सदस्य अपनी प्रतिभा को दिखा पाया। जटिल समस्याएं थी, मत विभाजित था, अलग-अलग दृष्टिकोण थे, फिर भी आपने 3 साल तक ऐसा संचालन किया कि हमें एक अद्भुत संविधान मिला। 3 साल के कार्यकाल में संविधान सभा में कोई व्यवधान नहीं हुआ, सार्थक चर्चा रही, व्यवधान लेश मात्र नहीं था। सहमति ही आधार था। मैं इस मंच से उनसे प्रेरणा लेकर मैं विधायिका के सभी सदस्यों को आवाहन करता हूं कि हमें संविधान सभा में जो आचरण हुआ उसका अनुपालन करना चाहिए। यह हमारे देश के लिए और विश्व के लिए लाभकारी साबित होगा।

आज का विषय - आर्थिक महाशक्ति के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदय को समझने के लिए इतिहास के पन्नों को पलट कर थोड़ा पीछे जाने की जरूरत है। हम सभी जानते हैं कि प्राचीन भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, पर मैंने वह काल देखा है, लोकसभा का सदस्य रहते हुए, केंद्र में मंत्री रहते हुए कि सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में अपना सोना विदेशी बैंकों में इसलिए गिरवी रखा कि हम हमारी साख बचा पाएं। यह बात है 90 की दशक की शुरुआत की। हमें जानना पड़ेगा की इस प्रकार के हालात क्यों पैदा हुए वह जो सफर जो हमने अब तक तय कर है, बहुत मुश्किल था अकल्पनीय, था सोच के पार था वह आज जमीनी हकीकत कैसे हुआ।

एक दशक पहले भारत की अर्थव्यवस्था अत्यंत चिंताजनक स्थिति में थी। भारत को दुनिया के fragile five  देश में गिना जाता था। दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भारत, जहां विश्व को ⅙ आबादी रहती है, वह दुनिया पर एक बोझ था। दुनिया के देश चिंतित थे कि भारत fragile से कैसे ऊपर आएगा। यह मात्र एक दशक पहले की बात है, और आज का नतीजा यह है कि हमने यूके को और फ्रांस को पीछे छोड़कर 2022 में एक महारत हासिल किया और भारत दुनिया की पांचवी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बना।

यह सब भारत के 140 करोड़ देशवासियों की कड़ी मेहनत और कुशल नेतृत्व का परिणाम है इस दशक के अंत तक 2030 तक भारत विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनेगा।

आज का भारत बदला हुआ भारत है। मैंने अपने अपने युवा काल में और 90 के दशक में सांसद काल में, मंत्री काल में, सपना भी नहीं देखा, हिम्मत नहीं कर पता था, सोच नहीं पता था, जो आज जमीनी हकीकत है।

आज भारत कई नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आज का भारत चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। भारत ने चांद पर अमिट छाप छोड़ी है- तिरंगा और शिव शक्ति पॉइंट। यह भारत की सफलता का एक संकेत है। अगर आधारभूत ढांचे के निर्माण की बात करें तोतो भारत की उपलब्धियां जैसे चिनाब पुल उसका निर्माण जो कि विश्व में सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, यह हमारी क्षमता और दक्षता को दर्शाता है।

यदि हम डिजिटल पेनिट्रेशन की बात करें डिजिटल पेमेंट की बात करें तो हमारी उपलब्धियों को देखकर दुनिया अचंभित है। आपको बहुत बड़ा संतोष होगा कि 2022 में भारत की जो डिजिटल ट्रांजेक्शनस है वह यूएसऐ, यूके फ्रांस और जर्मनी से चार गुना ज्यादा है।

कभी सोचा नहीं था किसी ने कि भारत की उपलब्धियां इन देशों के बराबर होंगी। चार मिल गए, उसको 4 गुना कर दें तो भी भारत से पीछे हैं। यह वह भारत है जो अतीत में जो था उसी और अग्रसर है।

हम इंटरनेट कंजप्शन की बात करें तो दुनिया आश्चर्यचकित है।  वह समझते थे कि भारत में शिक्षा का प्रसार ज्यादा नहीं है पर जब इंटरनेट कंजप्शन की बात करी, प्रति व्यक्ति कंजप्शन की बात की, तो पता लगा कि हमारी उपलब्धि चीन और यूएसऐ से ज्यादा है और चीन और यूएसऐ को मिला लो तो भी उनसे ज्यादा है।

आज हम चिंतन करें कितना बड़ा बदलाव आया? कैसे इस बदलाव की शुरुआत हुई 2014 में? मैं राजनीति पर संकेत नहीं कर रहा हूं पर भारत जैसे विशाल देश में यदि अगर राजनीतिक स्थायित्व आता है, तो लोगों की प्रतिभा सही दिशा में आगे बढ़ती है। तीन दशक के बाद 2014 में वह मौका आया जब भारत को एक मजबूत, एक पार्टी की सरकार मिली। नतीजा क्या हुआ... भारत में विकसित यूपीआई आज कई देशों ने अपनाया है।

आज भारत सिर्फ अनुसरण करने वाला नहीं है बल्कि वैश्विक स्तर पर कई नए मानदंडों का निर्माण कर रहा है जिससे संपूर्ण विश्व स्वीकार करता है।

Friends, India is today settler of agenda. दुनिया भारत की ओर देख रही है कि इस विषय पर भारत की सोच क्या है? एक जमाना था हम इंतजार करते थे कि नयी तकनीक किसी देश के पास होगी, हम इंतजार करेंगे कि वह हमें दे। आज के हालात यह है कि भारत उन अग्रणी देश में है जो disruptive टेक्नोलॉजी के लिए अनुसंधान कर रहे हैं, बहुत आगे बढ़ रहे हैं।

देवियो और सज्जनो, आज के युग में बिना तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के आर्थिक प्रगति संभव नहीं है। तकनीकी के क्षेत्र में कई नए आयाम जुड़े हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और भारत इन सभी क्षेत्रों में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जब तकनीकी प्रगति की बात हो रही है, तो मैं रेडियो का भी जिक्र करना चाहूंगा। रेडियो के इतिहास में मन की बात पहला कार्यक्रम है जो इतना नियमित और इसने 107 एपिसोड का सफर पूरा कर लिया है।

जब मैं मन की बात के 100 एपिसोड के कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ, मैं आश्चर्यचकित हो गया क्या कुछ मन की बात में नहीं हुआ। किन-किन लोगों का लगाव रहा जुड़ाव रहा, देश के प्रधानमंत्री ने किन-किन लोगों के दिल को छुआ, किन-किन लोगों के दिमाग को प्रभावित किया, वह सब हमारी प्रगति और व्यवस्था के रीड की हड्डी बने। कई कार्यक्रमों में मैं गया और मुझे बहुत अच्छा लगा... अचानक एक लड़का और लड़की आते हैं और बताते हैं कि मैंने मन की बात में प्रधानमंत्री जी से बात की थी, यह मेरी स्टॉल है। बहुत बड़ा कनेक्ट है, इसके लिए मैं भारत के रेडियो और उसकी संस्थान की बहुत सराहना करता हूं।

अपने भारत की रीड की हड्डी को मजबूत करने का काम किया है यह, देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री ने जो लग्नशील रूप में भारत की प्रकृति को आगे बढ़ा रहे हैं आपने वह जनता तक पहुंचा है।

3 अक्टूबर 2014 को जब इस लोकप्रिय कार्यक्रम की शुरुआत हुई वह दौर इंटरनेट और डिजिटल क्रांति और सोशल मीडिया का था। और मैं बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री की सोच कितनी गहरी है कि उन्होंने रेडियो का प्लेटफार्म चुना। रेडियो को एक तरीके से न्यू लीज आफ लाइफ मिली रेडियो को हम देखते थे ऊंट की गर्दन में पेड़ के ऊपर बैल की सींग पर और किसान और गांव का आदमी आनंद लेता था। मन की बात ने रेडियो को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया है।

आज मन की बात देश के जन की बात बन गई है, और लोगों तक सार्थक तरीके से पहुंच रही है। मन की बात में प्रधानमंत्री आज तक लगभग 700 से अधिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों और लगभग 270 संतो का उल्लेख कर चुके हैं। ज्यादातर लोगों ने और संतों ने समाज में सकारात्मक दिशा में बदलाव लाने के लिए बड़ा काम किया है, सकारात्मका का संचार मन की बात में रेडियो के माध्यम से किया है, वह इतिहास में अंकित हो गया है।

This is the most impactful transformational revolution in the largest democracy of the planet, home to 1/6th of humanity.

प्रधानमंत्री मोदी जी की लोकप्रियता की वजह से रेडियो के श्रोताओं की संख्या में जबरदस्त बदलाव आया है, आकाशवाणी के पूरे रेडियो नेटवर्क पर 22 भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में इस कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है।

मौजूदा सरकारों के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज भारत विश्व में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है। भारत के युवाओं का कौशल है और प्रतिभा है और इसका लोहा पूरे विश्व ने माना है।

Friends, when it comes to unicorns, India's position in the world is first.

आप थोड़ा सा आत्म चिंतन करेंगे कि हमने इतनी बड़ी सफलता कैसे हासिल की? अर्थव्यवस्था आगे क्यों बढ़ रही है? इसका एक मूल कारण है शासन व्यवस्था में ऐसा बदलाव जिसे सभी को उत्साह के मोड में डाल दिया। एक जमाना था सरकारी दफ्तरों में दलालों का बोलबाला था, भ्रष्टाचार हमारी पृष्ठभूमि में फंस गया था, बिना भ्रष्टाचार से समझौता किए हुए कोई निर्णय नहीं हो सकता था। Power corridor were infested by liaison agents and power brokers who extra legally leveraged decision making. पर ऐसा बदलाव आया जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी और आज के दिन सरकारी तंत्र पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त है। भारत की जो शासकीय व्यवस्था है जिसमें अधिकारी रीड की हड्डी है उन अधिकारियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है और मैं उनको धन्यवाद देता हूं वह साधुवाद के पात्र हैं कि उनकी योग्यता का फायदा भारत के जनमानस को मिल रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत की सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं उसका वैश्विक सम्मान और वैश्विक साख भी कई गुना बढ़ी है। यह मैं समझता हूं कि विवाद का विषय रहा ही नहीं, भारत की आवाज दुनिया की परिप्रेक्ष्य में सुनी जाती है। भारत का किस मुद्दे पर क्या मत है हर किसी ने उसको देखा है। भारत का प्रधानमंत्री विश्व के शिखर नेताओं में से एक है, भारत का हर निर्णय राजनीति में हो या कूटनीति में हो, भारत के हित को देखकर होता है। आज भारत मजबूर भारत नहीं है आज का भारत मजबूत भारत है।

मेरे पद के कारण मैं राजनीति में भागीदार नहीं हूं I am not a stakeholder in politics but I am proud citizen of Bharat. I will not hesitate to take pride in its phenomenal rise if I appreciate the leadership of the Prime Minister, if I appreciate the executive of the country, I do it because I don't want set my eyes away from ground reality that they have performed outstandingly.

यह सब यह सब मुमकिन करने में भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक योगदान है। दोस्तो, जो भी लोग यहां बैठे हैं संचार व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, पूरी तरह से जानकारी है। दुनिया के नेताओं ने जब मुझे कहा भारत ने G20 का जो आयोजन किया है ऐसा आयोजन शायद कोई भविष्य में ना कर पाए। देश के अंदर हर प्रांत में. हर यूनियन टेरिटरी में, जजी20 का कार्यक्रम हुआ है। 60 लोकेशंस एंड 200 इंटरेक्शंस, जो लोग विदेश से आए उन्होंने भारत की 5000 साल पुरानी व्यवस्था सांस्कृतिक विरासत और यहां के जनमानस की योग्यता को खुली आंखों से देखा। मुझे बहुत अच्छा लगा जब युवा साथी भी आए और मेरी उनसे चर्चा हुई। कुछ नहीं भावुक होकर कहा मन करता है हम सदा भारत में ही रहे यह बड़े संतोष का विषय है।

G20 की जो उपलब्धि है वह अर्थव्यवस्था के मामले में बहुत मजबूत है G20 में वह कुछ हासिल हुआ जिसकी कल्पना कोई कर नहीं सकता था G20 में मित्रों यूरोपीय यूनियन एक सदस्य है उसे G20 में भारत के प्रधानमंत्री की सोच की वजह से अफ्रीकन यूनियन एक परमानेंट सदस्य बना यह कितनी बड़ी समानता विश्व के अंदर हुई है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता व्यापारिक दृष्टि से जो नया कॉरिडोर चालू कर गया भारत मिडल ईस्ट और यूरोप पुराने जमाने में था उसको जीवित कर दिया गया यह भारत की उपलब्धि है दुनिया सो रही थी की क्या G20 में दिल्ली डिक्लेरेशन आम राय से बन पाएगा हम राय से बना क्योंकि हमारी प्राचीन सभ्यता का यह मूल मंत्र है जो हमने विश्व को दिया है और विश्व में उसे अपनाया है।

अर्थव्यवस्था का लगाव सबसे ज्यादा इस बात से होता है कि क्या देश का हर नागरिक, हर नवयुवक, हर नवयुवती अपनी प्रतिभा को दिखा सकती है? There is an ecosystem now in place where every young mind can unleash his or her energy; fully exploit potential and talent; live dreams and aspirations they have. Level playing field is the greatest reflection of equality before law.

कभी सोचा नहीं था और कुछ लोग इस भ्रम में इतने हो गए थे कि हम कानून से ऊपर हैं। यह भ्रम टूट गया है, यह ब्रह्म चकनाचूर हो गया है, क्योंकि प्रजातंत्र का सबसे बड़ा मूल मंत्र है कि कानून सर्वोपरि है। प्रजातंत्र कायम नहीं रह सकता अगर कोई कानून से अपने आप को ऊपर मानता है। हर देश के देश के नागरिक का उत्तरदायित्व है कि वह इस बात को आगे तक बढ़ाये कि जब प्रश्न पूछेगा कि आपको न्यायालय से नोटिस मिला है तो आप सड़क पर क्यों है? आप न्यायालय में क्यों नहीं है? यह आपकी सोचने की बात है।

मेरे जीवन का वह दिन मैं भूल नहीं सकता और वह था 20 और 21 सितंबर 2023, तीन दशक तक प्रयास होते रहे कि महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई आरक्षण मिले। सार्थक प्रयास हुए पर सफल नहीं हो पाए। वर्तमान प्रधानमंत्री के नेतृत्व,  उनके प्रयासों की वजह से सब एकमत हुए और भारत की संसद ने दुनिया के लिए एक प्रमाण प्रस्तुत कर इतिहास रच दिया। अब देश के संविधान के तहत महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में एक तिहाई प्रतिनिधित्व का अधिकार मिला है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, इससे बहुत बड़ा बदलाव आएगा और अर्थव्यवस्था और भी ज्यादा छलांग लगाएगी। जब भारत 2047 में अपनी आजादी की सेंटिनल सेलिब्रेशन मना रहा होगा, भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में ऊपर होगा ... We will be Vishwa Guru.

एक चिंता का विषय भी है, आपके लिए चिंतन का है और सबके लिए मंथन का है। जब एक जानकार व्यक्ति, एक समझदार व्यक्ति...  आमजन को इसलिए भ्रमित करना चाहता है कि आमजन को उसकी जानकारी नहीं है, और उसका उद्देश्य है कि मैं कुछ राजनीतिक फायदा कर लूंयह घृणित कार्य है। Those who seek to monetize those uninformed minds, who had good role in governance at one point of time, if this is to exploit ignorance of the people, to generate their political equity, it is shameful.

कल का ही दिन लीजिएहमारी अर्थव्यवस्था का जो ग्रोथ पिछले क्वार्टर में हुआ है - 7.6%, पूरी दुनिया से कह रही हैपर इस ग्रोथ के ऊपर एक जानकार व्यक्ति ने कुछ हद से पहले क्या कहा था। Friends, when our nation is on the rise and the rise is unstoppable, there are bounds to be challenges within and without.

आप सब से मैं आग्रह करूंगाविनती करूंगाइस प्रकार की साजिश इस प्रकार के कुकर्म, उनका पर्दाफाश होना चाहिए। संचार व्यवस्था का इसमें बहुत बड़ा योगदान है और मैं मान कर चलता हूं कि हर भारतीय भारतीयता में अटूट विश्वास रखेगाभारत का सच्चा नागरिक रहेगाभारत के हित को सदा सर्वोपरि रखेगा और जो भी भारत की मर्यादा को कलंकित करने का प्रयास करेगादेश में या विदेश मेंउस प्रयास को हम पूरी तरह से विफल करेंगे।

आज के दिन मैं यह भी कहना चाहूंगा की हर देश के उत्थान में आर्थिक नेशनलिज्म इकोनामिक नेशनलिज्म बहुत जरूरी है। We have to sensitize and enlighten our people. हम विदेश से क्या चीज मांगते हैंकैंडलदियेपतंगेफर्नीचरकर्टन इसलिए कि वहां कुछ सस्ते मिलते हैं। We cannot compromise our economic nationalism for fiscal gain.

मैं आपके माध्यम से हर भारतीय को आवाहन करूंगा, I will appeal to trade, industry, and business. It must believe and subscribe to economic nationalism. भारत की राजनीति का जो यह दौर चल रहे हैं की हर परिस्थिति में हम विश्व पटल पर सबसे आगे रहेउसके लिए जरूरी है कि हमारी अर्थव्यवस्था पूरी मददगार हो। Our economy will get a quantum jump the moment we start subscribing to the enlighten ideas of economic nationalism. और मैं समझता हूं यह विचार हर भारतीय फैला सकता हैहर किसी के लिए इसके दूरगामी परिणाम होंगेकुछ देशों के साथ जो हमारा ट्रेड डिफिसिट 100 बिलियन डॉलर तक हैउसमें कितना बदलाव आ सकता है यह मेरे से ज्यादा आप जानते हैं।

एक बात मैं आपको और बताना चाहता हूं क्योंकि जिस संचार माध्यम से मैं आज बोल रहा हूं उसे संचार माध्यम की पहुंच बहुत दूर तक है। हमारे देश का रॉ मैटेरियल जब बाहर जाता है तब मन में बहुत पीड़ा होती हैसामने दिखता है की क्या हम इसमें वैल्यू ऐड नहीं कर सकतेदूसरा देश जो कर सकता हैहम क्यों नहीं कर सकते। When we will add value to our raw material, there will be employment, there will be blossoming of entrepreneurship.

जो इकोनामिक नेशनलिज्म में हुई वह दोनों में होगीआज के दिन हमको सबसे पहले अपने देश की सूचना चाहिएफिर हमारे आर्थिक लाभ की सूचना चाहिएपर किसी भी परिस्थिति में आर्थिक लाभ की जगह देश हित ही सर्वोपरि होना चाहिए। हमारे देश की मूल भावना रहनी चाहिए और हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार होना चाहिए।

दोस्तोंदुनिया के वह कौन से देश हैं जो सांस्कृतिक विरासत में हमारा मुकाबला कर सकेपर हमने रास्ता छोड़ दिया था। गत दशक में हमने रास्ता वापस पकड़ लिया हैयूनाइटेड नेशन में प्रधानमंत्री जी ने जाकर दुनिया को बताया कि हमारे वेदों में जो योग के बारे में कहा गया है वह साथ स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण हैइसको दुनिया अपने इंटरनेशनल योगा डे डिक्लेयर हुआ। आज योग योग डे पर और अन्यथा भी दुनिया के हर कोने में मनाया जाता है और भारत की पहचान पराकाष्ठा पर पहुंच गई जब पिछले योग दिवस के ऊपर भारत के प्रधानमंत्री जी ने यूनाइटेड नेशन के प्रांगण में योग कियादुनिया का हर देश का प्रतिनिधित्व वहां था।

आज विश्व के सामने चुनौतियां बहुत हैवह अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई हैंक्लाइमेट चेंज उनमें से एक है भयानक है। रैकलेस यूज ऑफ नेचुरल रिसोर्सेस से, दूसरा है हमारी सांस्कृतिक धरोहर। गांधी जी ने पूरी दुनिया को बतायाइस प्लेनेट पर हर व्यक्ति की आवश्यकता के लिए सब कुछ है। This planet has everything for everyone's need but not for greed.

हम एक बात का संचार करना होगाविश्वास करना होगा कि नेचुरल रिसोर्सेज के कंजम्प्शन में उनके उपभोग में हम यह नहीं कह सकते कि 'मेरे पास आर्थिक ताकत हैमेरी जेब मजबूत हैतो मैं चाहे जितने पानी का चाहेजितने पेट्रोल का चाहेजितने गैस का उपयोग करूं,' यह संभव नहीं है। Optimal utilization of natural resources is fundamental because we are trustees of it.

भारत ने दुनिया को एक नया रास्ता इस बारे में दिखाया है जो एक अत्यंत कारगर साबित हो रहा है। हम विश्व को एक कुटुम्ब मानते हैंवसुधैव कुटुम्बकमजी-20 का मोटो भी यही हैपर कड़ी से कड़ी स्थिति में खुद पीड़ा सहते हुए भारत ने दुनिया के सामने इसका श्रेष्ठ उदाहरण रखा है। जब कोविड की चपेट में पूरी दुनिया थी और हम भी थेभारत ने सिर्फ अपने 130 से ज्यादा करोड़ लोगों का ध्यान ही नहीं दियाबल्कि दुनिया के 100 से ज्यादा देशों तक यह बात पहुंचाई।

उन देशों के लोगउन देशों के लीडर जब मुझे कहते हैं, "Hon’ble Vice-President, we are greatly obligated to India for making available Covaxin while India itself was facing a challenge."

यह भारत की संस्कृति और भारतीय व्यवस्था का मूल मंत्र है कि अब हम अपने पुराने रास्ते पर चल पड़े हैं। और हमारे जो अमृत सरोवर हैंइसको मिशन मोड के अंदर हमने चालू कर हैवर्ना हम भटक गए थे। गांव की तो यह जीवन रेखा हैअब उनको वापस जीवित किया जा रहा है जो आगे तक कारगर साबित होगा।

भारत विश्व गुरु थायह इतिहास हैभारत विश्व गुरु के रास्ते पर अब चल रहा हैयह हकीकत है कि भारत 2047 में विश्व गुरु बनेगा। यह हमारी सोच हैनिश्चित रूप से आप लोगों के प्रयास से नवयुवकों के प्रयास से सार्थक होगा।

देश के युवाओं को खासतौर से कहना चाहूंगाहमारे सामने चुनौतियां थींअवसर नहीं थेहमारा आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल था। पढ़ाई के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता थाहमें स्कॉलरशिप मिल गई तो हमें अच्छी शिक्षा मिल गई। बिजली नहीं थीपानी नहीं थासड़क नहीं थी। आज देखिये, आज का भारत गांव के अंदर भी आपको यह सब सुविधा मिलेगी। यह एक नया कांसेप्ट हैजिसको आप समझिएलोगों को समझाइए। स्मार्ट सिटीज एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट बहुत दूरगामी सोच हैयह आखिरी स्थान पर जो व्यक्ति बैठा हैउसको ऊपर उठाने वाला है

कहते हैंअर्थव्यवस्था देश की क्यों बढ़ी क्योंकि एक व्यक्ति ने सोचा कि देश के हर घर में टॉयलेट होना चाहिए। लोगों को पहले छोटी बात लगीआज के दिन यह हकीकत है। एक व्यक्ति ने सोचा कि माताएं और बहनें आंखों से आंसू बहाती हैं क्योंकि उनको गैस उपलब्ध नहीं है। एक व्यक्ति ने महसूस किया सरकारी तंत्र का फायदा बिना बिचौलियों के तभी मिल सकता हैजब बैंकिंग इंक्लूजन हो। नतीजा हमने देश की अर्थव्यवस्था में बैंकिंग इंक्लूजन का भारी योगदान देखा है। कौन कल्पना कर सकता था कुछ समय पहले कि ऐसी अर्थव्यवस्था होगीकि देश के 11 करोड़ किसानों तक साल में तीन बार सरकारी धन पहुंचेगायह धन 2 लाख 70 हजार करोड़ से ज्यादा पहुंच चुका है। इसकी उपलब्धता इस बात में नहीं है कि सरकारी तंत्र मजबूत हैइसकी उपलब्धता इस बात में है कि सरकारी तंत्र ने किस को इतना मजबूत कर दिया है कि किसान सीधा बिना बिचौलिए के अपने अकाउंट में आपकी सहायता प्रदान करने को तैयार है। यह बदलता हुआ भारत है जो आज हम देख रहे हैं।

इसलिए मैं युवाओं से कहना चाहूंगाआज अवसरों की कोई कमी नहीं हैमौजूदा समय में भ्रष्टाचार का कोई मायना नहीं है। आपके आड़े यह नहीं आ सकताआपको सिर्फ सोचने की आवश्यकता है। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा, "You are the one who can take benefit out of the potential generated by disruptive technologies such as quantum computing and hydrogen mission." आप यह सोचेंगे तो आने वाले 8-10 साल के अंदर ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की वजह से 5 से 6 लाख लोगों को अपॉइंटमेंट मिलेगा and it will add value to the economy to the extent of 7 to 8 lakh crore.

इसका फायदा आप उठा सकते हैं आज के दिन अपने पथ पर अग्रसर होने के लिए। पीछे इसलिए नहीं देखना है कि मेरे परिजन क्या करते थे, मैं किन का बेटा हूंकौन से आर्थिक वैल्यू पर हमारी पकड़ है। These are innovative ideas you can engage in these. दुनिया ने करके दिखाया पर भारत अब इनमें सबसे ज्यादा आगे है। आप यूनिकॉर्न की बात करेंगेस्टार्टअप्स की करेंगे और सब नए बच्चों ने किया है।

अंत में आप सबसे विनम्र आग्रह करना चाहूंगाअपने देश पर, देश की महान उपलब्धियां पर गर्व कीजिए। विश्व शक्ति के रूप में भारत का उदय निश्चित हैयह होकर रहेगा। हम इस पर अग्रसर हैंतीव्र गति से अग्रसर हैं और दुनिया ने भारत के लोहे को पहचान लिया है। आज के दिन जो डिजर्व करता है उसके लिए कोई बाधा नहीं है। व्यवस्था उसके लिए सकारात्मक रास्ता तैयार कर चुकी हैजो योग्य है अंतत: उसको हक मिलकर रहेगा।

इसी के साथ में अपूर्वा जी को और उनके सभी साथियों को धन्यवाद देता हूंएक ऐसे महान पुरुष की याद में स्मृति में, इस अवसर पर आपने जो मुझे दुनिया के 1/6th ह्यूमैनिटी वाले देश में, सबसे पुराने प्रजातंत्र मेंमदर ऑफ़ डेमोक्रेसी में मेरे विचार इस माध्यम से साझा करने का अवसर दिया कि मेरे विचार देश के हर व्यक्ति के पास रेडियो के माध्यम से पहुंच जाएंगे।

आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।

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MS/RC


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