कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एनएसटीआई प्लस की आधारशिला रखी

Posted On: 24 NOV 2023 8:02PM by PIB Delhi

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज क्षेत्रीय स्तर पर मांग-संचालित और उच्च गुणवत्ता कौशल प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा का स्‍तर बढ़ाने के लिए, ओडिशा के युवा वर्ग की क्षमताओं को बढ़ाने हेतु राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) प्लस की आधारशिला रखी। प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के अंतर्गत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) का शीर्ष संगठन एनएसटीआई प्लस, शिल्पकार प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के प्रथम चरण में 500 प्रशिक्षकों को उच्‍च कौशल और पुन:कौशल के लिए सम्मिलित करेगा।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री,श्री प्रीतिरंजन घराई, भुवनेश्वर की सांसद श्रीमती अपराजिता सारंगी, राज्य सभा के सदस्य श्री मुजीबुल्ला खान, ओडिशा के विधायक श्री सुरेश कुमार राउत्रे, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष श्री टी जी सिथाराम, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और प्रशिक्षण महानिदेशालय के महानिदेशक सुश्री त्रिशालजीत सेठी ने इस आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर इसकी शोभा बढ़ाई।

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इस अवसर पर बोलते हुए, शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का हर प्रयास भारत की युवाशक्ति को सशक्त बनाने और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने आगे कहा कि एनएसटीआई उम्मीदवारों के साथ-साथ प्रशिक्षकों को उद्योग क्षेत्र और भविष्य के लिए कौशल युक्‍त बनाने में एक आधुनिक गुरुकुल के रूप में उभर कर आएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि एनएसटीआई का आगामी अत्याधुनिक एकीकृत परिसर नए भारत के युवाओं को 21वीं सदी में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक अत्याधुनिक कौशल और ज्ञान प्रदान करके सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगा, मास्टर प्रशिक्षकों को वर्तमान और भविष्य की उद्योग क्षेत्र की मांगों के अनुरूप विशेषज्ञता प्रदान करेगा और विकसित भारत के विज़न को साकार करने में सहयोग करेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को दुनिया का कौशल केंद्र बनाने के लिए एमएसडीई कई नई और प्रगतिशील पहल का आरंभ कर रहा है और एनएसटीआई प्लस इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जो ओडिशा राज्य द्वारा युवाओं की अन्‍तर्निहित क्षमता का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। भुवनेश्वर के जटनी में 7.8 एकड़ के परिसर में निर्मित, एनएसटीआई प्लस न केवल राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (एसआईआईसी) जैसे संस्थानों को सम्मिलित करेगा, तथापि विविध कौशल विकास गतिविधियों के लिए एक संभावित केंद्र के रूप में उभर कर आएगा।

यह परिकल्पित एनएसटीआई प्लस उभरते स्टार्ट-अप के लिए केंद्र और विभिन्न कौशल कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए एक बहुमुखी केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। इसमें अन्य राज्यों के लिए प्रारुपित प्रशिक्षण सुविधा के रूप में कार्य करने की भी क्षमता है। इसके अलावा, शिक्षक युवाओं के भविष्य को सही दिशा प्रदान करने में मुख्‍य भूमिका निभाते हैं और एनएसटीआई प्लस जैसे संस्थानों में सॉफ्ट कौशल को विकसित करने, नई प्रौद्योगिकियों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने और प्रभावी शिक्षण वातावरण को प्रोत्‍साहित करने के अवसरों को प्रदान करने की क्षमता है।

इस समय इस क्षेत्र में 1,04,134 व्‍यक्तियों के बैठने की क्षमता के साथ 524 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) हैं, और एनएसटीआई प्लस जैसे अनुरूप शिक्षण मॉडल वाले संस्थान व्यावसायिक प्रशिक्षण ढांचे को और अधिक सुलभ, समावेशी और इसके मूर्त रूप में नवीनता के साथ आगे बढ़ाएंगे।

एनएसटीआई शिक्षकों के लिए स्‍कूलों में क्षमता निर्माण केंद्रों की भूमिका भी निभाएंगे। स्थानीय समुदाय की आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का चयन उद्योग क्षेत्र के सहयोग से कुशलतापूर्वक तैयार किया जाएगा। आगामी विकास को बढ़ावा देने के लिए, आधुनिक नए जमाने के कौशल युक्‍त उद्यमियों के लिए एक एकीकृत 4.0 परिसर को विकसित करने हेतु सहयोगात्मक प्रयास किए जाएंगे।

संस्थान की सामरिक स्थिति एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण पहलू है। राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर), कौशल विकास संस्‍थान (एसडीआई), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे प्रीमियम संस्थानों के बीच में स्थित, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रों की सहभागिता को प्रगतिशील बनाने में सहयोग करता है।

विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रस्‍तुत करके, मेगा-हब संस्थान विभिन्न कार्यक्षेत्रों में युवाओं की क्षमता को उभारता है; इसमें इंजीनियर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, अधिकारी और शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्य शामिल हैं जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करते हैं।

प्रशिक्षण पूरा होने पर, मंत्रालय उम्मीदवारों की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) और राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) के सहयोग से छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान करेगा।

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