विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

नव विकसित सस्ता रेडिएटिव पेंट भवनों को ठंडा करने के लिए बिजली की खपत को कम कर सकता है

Posted On: 06 NOV 2023 5:34PM by PIB Delhi

एक नया सस्ता, पर्यावरण-अनुकूल रेडिएटिव (विकिरण वाला) कूलिंग पेंट, जिसे विशेष रूप से गर्म मौसम की स्थिति में इमारतों, पेवर्स (फर्श बनाने वाली सामग्री) और टाइल्स जैसी संरचनाओं को प्रभावी ढंग से ठंडा करने के लिए विकसित किया गया है। यह बिजली की खपत को कम कर सकता है और गर्मी के दिनों में जरूरी राहत दे सकता है।

वैश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) के बढ़ने और शहरी ताप द्वीप प्रभावों के कारण शीतलन प्रौद्योगिकियां मानव जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। एयर-कंडीशनर (एसी), बिजली के पंखे और रेफ्रिजरेटर जैसे सक्रिय शीतलन उपकरण भारी मात्रा में बिजली की खपत करते हैं। बड़े पैमाने पर बिजली की इस मांग के साथ सक्रिय शीतलन उपकरण भी काफी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जिससे पृथ्वी की सतह के तापमान में बढ़ोतरी होती है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विकिरण शीतलन तकनीक विकसित की गई है, जो बिजली की खपत के बिना वायुमंडलीय संचरण विंडो (8-13 माइक्रोमीटर) के माध्यम से शीतल वातावरण (लगभग 3 केल्विन) में सीधे तापीय विकिरण उत्सर्जित करके ठंडी सतह प्रदान करती है। इसके परिणामस्वरूप हाल ही में पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग (पीडीआरसी) ने पेवर्स, टाइल्स, बिल्डिंग और ऑटोमोबाइल कूलिंग, सौर सेल और व्यक्तिगत थर्मल प्रबंधन जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए काफी अधिक रुचि उत्पन्न की है।

बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में प्रोफेसर बिवास साहा ने शोधकर्ताओं- प्रसन्ना दास, सौरव रुद्र, कृष्ण चंद मौर्य के सहयोग से अपने नेतृत्व में एक शानदार रेडिएटिव कूलिंग पेंट प्रस्तुत किया है। इसे एक अभिनव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट से विकसित किया गया है। कम लागत वाला यह समाधान-संसाधित पेंट उच्च सौर परावर्तन और अवरक्त तापीय उत्सर्जन के साथ महत्वपूर्ण शीतलन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। जेएनसीएएसआर, जो कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त संस्थान है, के वैज्ञानिकों के प्रयोगात्मक निष्कर्षों से यह बात सामने आई है कि उपचारित पेवर की सतह का तापमान तेज धूप के नीचे लगभग 10 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। यह पारंपरिक सफेद पेंट की तुलना में लगभग दोगुना है।

इन शोधकर्ताओं ने एक सरल समाधान-संसाधित तकनीक का उपयोग करके पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट विकसित किया। इसके लिए उन्होंने पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध, सस्ते, गैर विषैले और गैर-हानिकारक पदार्थों से तैयार अल्ट्रा-व्हाइट और अल्ट्रा-एमिसिव मैग्नीशियम ऑक्साइड (एमजीओ)- पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड (पीवीडीएफ) नैनो-कंपोजिट का उपयोग किया। शुरुआत में पॉलिमर पाउडर को विलायक का उपयोग करके एक सॉल्यूशन में बदल दिया गया और इसके बाद डाईइलेक्ट्रिक नैनोकणों को पॉलिमर मैट्रिक्स के अंदर प्रसारित किया गया। इस तैयारी के बाद विकसित पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट के ऑप्टिकल गुणों को चिह्नित करने के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों का उपयोग किया गया। थर्मोकपल का उपयोग करके पेंट के तापमान को मापकर, तेज धूप के तहत उत्कृष्ट शीतलन प्रदर्शन को प्रदर्शित किया गया।

डाईइलेक्ट्रिक नैनो कणों के साथ अनुकूलित एमजीओ-पीवीडीएफ के परिणामस्वरूप पॉलिमर से 96.3 फीसदी का बड़ा सौर परावर्तन और एमजी बॉन्ड कंपन व अन्य स्ट्रेचिंग/बॉन्डिंग कंपन के कारण 98.5 फीसदी का रिकॉर्ड उच्च तापीय उत्सर्जन हुआ। नैनोकम्पोजिट पेंट में जल-प्रतिरोधी हाइड्रोफोबिक गुण दिखते हैं और इसे उच्च एकरूपता व अच्छे आसंजन के साथ पेवर्स, लकड़ी की छड़ियों आदि पर आसानी से लेपित किया जा सकता है।

जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में एसोसिएट प्रोफेसर  प्रोफेसर बिवास साहा ने कहा, हमारे अभिनव अनुसंधान ने एक लागत प्रभावी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ पेंट को तैयार किया गया है, जो गर्मी के दिनों में सतह के तापमान (इमारतों, टाइलों, पेवर्स आदि सहित) को 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक कम करने में सक्षम है। हम मानना है कि इस पेंट के सीधे उपयोग से चिलचिलाती गर्मी के दिनों में यह काफी राहत मिलेगी, जिससे शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों को समान रूप से लाभ होगा।

यह कार्य एक विली प्रकाशन एडवांस्ड मेटेरियल टेक्नोलॉजीज में प्रकाशित किया गया है। यह  कूलिंग अनुप्रयोगों के निर्माण के लिए रेडियेटिव कूलिंग पेंट के उपयोग को लेकर उद्योगों को प्रेरित कर सकता है। इन निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि विनिर्माण में एमजीओ-पीवीडीएफ कूलिंग पेंट को अपनाने से एयर कंडीशनिंग पर निर्भरता को काफी कम किया जा सकता है, जिससे इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में में कमी आएगी।

 

प्रकाशन:

 

1. पी. दास, एस. रुद्र, के. सी. मौर्य, और बी. साहा, "पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग के लिए अल्ट्रा-एमिसिव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट" एडवांस्ड मटेरियल टेक्नोलॉजी 2023 2301174 https://doi.org/10.1002/admt.202301174

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चित्र: सस्ते, हाइड्रोफोबिक, समाधान-संसाधित नैनोकम्पोजिट रेडिएटिव कूलिंग पेंट का विकास विशेष रूप से भूमध्यरेखीय क्षेत्रों, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका में शहरी ताप द्वीप प्रभावों का समाधान करेगा। यहां एमजीओ-पीवीडीएफ नैनोकम्पोजिट पेंट को अल्ट्राहाई सौर परावर्तन (96.3 फीसदी) और रिकॉर्ड-उच्च तापीय उत्सर्जन (98.5 फीसदी) के साथ विकसित किया गया है। तापमान में ~10 की कमी प्रदर्शित करना, इसके उल्लेखनीय विकिरणीय शीतलन प्रदर्शन को दिखाता है।

 

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चित्र 1: () रेडिएटिव कूलिंग पेंट से रंगी गई बिल्डिंग का रेखाचित्र। (बी) एमजीओ-पीवीडीएफ कोटिंग का प्रतिबिंब स्पेक्ट्रा और एएम 1.5 सौर स्पेक्ट्रम के साथ एक वाणिज्यिक सफेद पेंट। (सी) एमजीओ-पीवीडीएफ मिश्रित फिल्म, वाणिज्यिक पेंट, 300 केल्विन पर ब्लैकबॉडी (बीबी) स्पेक्ट्रम और वायुमंडलीय ट्रांसमिशन प्रोफाइल का तापीय उत्सर्जन स्पेक्ट्रा प्रदर्शित किया गया है। (डी) भारत के बेंगलुरु में एक सपाट छत पर क्षेत्र परीक्षण के लिए नियोजित विकिरण शीतलन माप सेटअप का चित्र। () उप-परिवेश के संबंध में एमजीओ-पीवीडीएफ कोटिंग के बाहरी रियल टाइम शीतलन के नतीजे। (एफ) बाहर में एक लेपित और एक बिना लेपित सिरेमिक पेवर की तस्वीर और तापीय चित्र।

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एमजी/एआर/आरपी/एचकेपी / केजे
 



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