जल शक्ति मंत्रालय
जल संसाधन विभाग सचिव ने अटल भूजल योजना की राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता की
समिति ने स्कीम की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को कार्यान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया
अटल भूजल योजना एकमात्र ऐसा कार्यक्रम है जो मांग पक्ष भूजल प्रबंधन को लक्षित करता है, जो सामुदायिक व्यवहारगत परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करता है: सचिव, जल संसाधन विभाग
Posted On:
26 OCT 2023 10:01PM by PIB Delhi
जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग में सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने आज नई दिल्ली में अटल भूजल योजना की राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति (एनएलएससी) की पांचवीं बैठक और विश्व बैंक मिशन की समापन बैठक की अध्यक्षता की। समिति ने स्कीम की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को जल सुरक्षा योजनाओं (डब्ल्यूएसपी) के तहत प्रस्तावित युक्तियों के कार्यान्वयन के लिए खरीद के साथ-साथ संयोजन सहित सभी कार्यकलापों में तेजी लाने का निर्देश दिया। अटल भूजल योजना का लक्ष्य समुदाय-नीत स्थायी भूजल प्रबंधन का प्रदर्शन करना है जिसे बड़े परिमाण पर ले जाया जा सकता है। इस योजना का उद्देश्य चिन्हित राज्यों अर्थात् गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चुनिंदा जल संकट वाले क्षेत्रों में भूजल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार करना है।
सभी राज्यों द्वारा "कार्यक्रम के उभरते प्रभावों" पर साक्ष्य के साथ प्रभावों की गणना करते हुए राज्य-वार प्रस्तुतियां दी गईं। इनकी मुख्य विशेषताओं में भूजल स्तर और भंडारण में सुधार; जल स्तर और गुणवत्ता दोनों की निगरानी के लिए उपकरणों के उपयोग में स्थानीय लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी; स्वामित्व की भावना सृजित करना और समुदाय-नीत भूजल प्रबंधन आदि शामिल थे। सभी सात राज्यों में आयोजित विश्व बैंक समीक्षा मिशन के निष्कर्षों को विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर द्वारा प्रस्तुत किया गया था। सभी प्रतिभागी राज्यों में योजना के सुधार और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए योजना कार्यान्वयन और संबंधित चिंताओं के क्षेत्रों में अंतराल पर चर्चा की गई। बैठक में सहभागी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, एनएलएससी के सदस्यों, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों, विश्व बैंक और एनपीएमयू के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने कहा कि हमारे देश में जल सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कई परियोजनाएं हैं, तथापि, अटल भूजल योजना एकमात्र कार्यक्रम है, जो मांग पक्ष भूजल प्रबंधन को लक्षित और समुदाय के व्यवहार परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने अटल भूजल योजना के अंतर्गत संस्थापित विभिन्न उपकरणों के महत्व पर जोर दिया, जिनका उपयोग समुदायों को भूजल की स्थिति से अवगत कराने के लिए किया जा रहा है। इससे समुदाय को अपने भूजल संसाधनों का प्रबंधन करने, मांग पक्ष के उपायों में सुधार करने और ग्राम पंचायतों में जल बजट तैयार करने में मदद मिलेगी। सचिव ने रेखांकित किया कि अटल भूजल योजना के तहत आवंटन परिवर्तनीय है और बेहतर निष्पादन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन का अधिक हिस्सा मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि चूंकि अटल भूजल योजना एक संयोजन केंद्रित कार्यक्रम है, इसलिए मुख्य सचिवों को प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपने राज्यों में योजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी करनी चाहिए।
सुश्री मुखर्जी ने जोर देकर कहा कि संस्थानों, साझेदार एजेंसियों को सुदृढ़ करने और सिविल सोसायटी की क्षमता निर्माण को भी उचित महत्व दिया जाना चाहिए। चूंकि समुदाय इस योजना में सबसे आगे हैं, इसलिए समुदायों के क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया गया। सचिव ने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदान किए जा रहे प्रशिक्षणों की गुणवत्ता के आकलन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सभी भागीदार राज्यों से ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) में डब्ल्यूएसपी को समेकित करने का भी आग्रह किया। यह एकीकरण समयावधि के पूरा होने के बाद भी योजना द्वारा अनुसरण किये गए दृष्टिकोण को स्थिरता प्रदान करेगा। उन्होंने राज्यों को इस योजना के तहत लागू की जा रही सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का दस्तावेजीकरण करने का भी निर्देश दिया।
संयुक्त सचिव और अटल भूजल योजना के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक श्री सुबोध यादव ने इससे पूर्व अपने उद्घाटन भाषण में रेखांकित किया कि यह योजना कार्यान्वयन के चौथे वर्ष में है और शेष डेढ़ वर्षों का उपयोग प्रतिभागी राज्यों के निष्पादन में सुधार के लिए किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सामुदायिक भागीदारी योजना का मूलभूत पहलू है जिसे प्राथमिकता दी जाएगी।
***
एमजी/एआरएम/एसकेजे/एसके/डीके
(Release ID: 1971941)
Visitor Counter : 528