वित्त मंत्रालय
आयकर विभाग, रिपोर्टिंग संस्थाओं की जांच-पड़ताल करता है
Posted On:
30 JUN 2023 7:05PM by PIB Delhi
आयकर विभाग स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करता आ रहा है। इस प्रयास के तहत बैंकों, विदेशी मुद्रा के डीलरों, उप-रजिस्ट्रार आदि जैसी रिपोर्टिंग संस्थाओं से करदाताओं के वित्तीय लेन-देन के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा प्रदत्त जानकारी का उपयोग करदाता को ई-फाइलिंग खाते के माध्यम से वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) के रूप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। करदाताओं को अपनी आय की रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने की सुविधा प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
यद्यपि अधिकांश रिपोर्टिंग संस्थाएं निर्दिष्ट वित्तीय लेन-देन (एसएफटी) का सही और पूर्ण विवरण जमा करने की वैधानिक आवश्यकताओं का स्वेच्छापूर्वक अनुपालन कर रही हैं, वहीं कुछ मामलों में चूक पायी गई है।
हाल ही में, विभाग ने रिपोर्टिंग इकाई के अनुपालन संबंधी मामलों को हल करने के लिए तमिलनाडु स्थित एक प्रमुख बैंक की पड़ताल की।
जांच-पड़ताल के दौरान कई विसंगतियां पाई गईं। ऐसा पाया गया कि बैंक ने कुछ मामलों में एसएफटी दाखिल नहीं किया और कुछ अन्य मामलों में पूर्ण/सटीक विवरण दाखिल नहीं किया। 10,000 से अधिक खातों से संबंधित 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की नकद जमा; निर्दिष्ट क्रेडिट कार्ड भुगतान जिसमें 110 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के कुल लेन-देन शामिल है; वितरित किया गया 200 करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश और जारी किये गये 600 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों के संबंध में एसएफटी दायर नहीं किए गए।
इसके अलावा, अनेक मामलों में बैंक द्वारा पहले से ही दाखिल किए जा चुके एसएफटी अधूरे पाए गए। बैंक बड़े लेन-देन की रिपोर्ट करने में विफल रहा, जिसमें 500 करोड़ रुपये से अधिक राशि का ब्याज भुगतान; सावधि जमा; चालू खातों में नकद जमा और निकासी आदि शामिल है।
जांच-पड़ताल में अन्य देशों के "निवासी" खाताधारकों के बारे में सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) के लिए फॉर्म 61बी की दोषपूर्ण फाइलिंग का भी पता चला।
हाल ही में, विभाग द्वारा उत्तराखंड में 2 सहकारी बैंकों की भी पड़ताल की गई और बैंकों द्वारा कुछ हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि के लेन-देन की रिपोर्ट नहीं किए जाने के बारे में भी पता चला।
कानूनी दायित्वों और प्रक्रियाओं को समझाने के साथ-साथ रिपोर्टिंग संस्थाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान करने के लिए विभाग द्वारा देश भर में नियमित रूप से आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अनुपालन को सुगम बनाने में सहायता की दिशा में यह विभाग की एक अन्य पहल है।
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