रक्षा मंत्रालय

रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने अशोक रॉय प्रशिक्षण सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया

Posted On: 25 APR 2023 6:43PM by PIB Delhi

रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने वीएडीएम बिस्वजीत दासगुप्ता, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, पूर्वी नौसेना कमान और वीएडीएम संजय जसजीत सिंह, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख की उपस्थिति में अत्याधुनिक P8I सिम्युलेटर का उद्घाटन किया जिसका नाम अशोक रॉय ट्रेनिंग सिमुलेटर कॉम्प्लेक्स '(एआरटीएससी) है।  25 अप्रैल 23 को आईएनएस राजली, अरक्कोनम में यह उद्घाटन कार्यक्रम हुआ। एआरटीएससी अब इसके इस्तेमाल के बाद वास्तविक विमानों पर प्रशिक्षण की आवश्यकता में कमी ला पाएगा जिसके परिणामस्वरूप परिचालन मिशनों के लिए विमानों की ज्यादा उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह सुविधा एयरक्रू को सभी परिचालन मिशनों और जटिल सैन्य परिदृश्यों का अभ्यास करने में सहायता करेगी और यह भारतीय नौसेना में पुरुषों और महिलाओं को सबसे उन्नत विमानों में से एक - P8I को संचालित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरतापूर्ण कार्रवाई के दौरान दिवंगत लेफ्टिनेंट कमांडर अशोक रॉय, वीआरसी, एनएम द्वारा किए गए विशिष्ट सेवा और सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए प्रशिक्षण सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स का नाम 'अशोक रॉय ट्रेनिंग सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स' रखा गया है।

2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए अत्याधुनिक बोइंग P8I विमान ने 40,000 घंटे से अधिक की उड़ान भरी है। लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रीकॉनाइसेंस (एलआरएमआर), एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू), एंटी सरफेस वारफेयर (एसएसयूडब्ल्यू) और इंटेलिजेंस, सर्विलांस एंड रीकॉनाइसेंस (आईएसआर) मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया यह विमान महत्वपूर्ण समुद्री संचालन के साथ आईओआर के विशाल क्षेत्र में भारतीय नौसेना की आंख के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार, ये विमान हमारे हित के क्षेत्र में राष्ट्र को अपेक्षित समुद्री डोमेन जागरूकता प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन उन्नत विमानों का संचालन करने वाले पुरुषों और महिलाओं को विभिन्न परिचालन मिशनों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है, भारतीय नौसेना ने 2018 में मैसर्स बोइंग के साथ 10 साल के ऑन-साइट एएमसी के साथ एक सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए एक टर्नकी परियोजना पर हस्ताक्षर किए थे। यह परियोजना, यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ दुनिया में अपनी तरह की चौथी परियोजना है, जो एशिया में पहली है।

विमान के सुरक्षित संचालन और रखरखाव के उद्देश्य से P8I एयरक्रू और तकनीकी टीम की प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए परिसर में एक अत्याधुनिक सिम्युलेटर है। यह सुविधा प्रशिक्षण मानकों को बेहतर बनाने और वास्तविक विमानों पर प्रशिक्षण की आवश्यकता को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे परिचालन मिशनों के लिए विमानों की उच्च उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एयरक्रूज आपात स्थिति जैसे इंजन फेल्योर/फायर, रैपिड डीकम्प्रेशन, रिजेक्ट टेक ऑफ का अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि इन्हें आसानी से उड़ान कौशल को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन वास्तविक उड़ान मिशनों में इसका अभ्यास नहीं किया जा सकता है। सिम्युलेटर तकनीकी टीम को 3डी सॉफ्टवेयर समाधानों के साथ नियमित और विशेष रखरखाव प्रक्रियाओं का अभ्यास करने का पहला अनुभव भी प्रदान करता है, जिसमें युद्धसामग्री लोडिंग / अनलोडिंग शामिल है, क्योंकि यह सुविधा विमान विंग के टू-स्केल मॉडल और मिसाइल के मॉक अप और टारपीडो से सुसज्जित है। इस तरह के एक सिम्युलेटर की शुरूआत गुणवत्ता प्रशिक्षण की दिशा में एक परिवर्तनकारी और प्रगतिशील कदम है, जो 'ऑन-टास्क' मिशन प्रभावशीलता के लिए चालक दल की विशेषज्ञता को बढ़ाने में काफी मदद करेगा।

1942 की शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों द्वारा उपयोग के लिए अराकोणम में हवाई क्षेत्र का निर्माण किया गया था। क्षेत्र से पहली बार हवाई संचालन की सूचना तब मिली जब रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नंबर 2 स्क्वाड्रन ने वेस्टलैंड लिसेन्डर विमान उड़ाते हुए मई-सितंबर 1942 के बीच ब्रिटिश इंडियन आर्मी के लिए समर्थन उड़ानें भरीं। इस अवधि के दौरान, 7 राजपूत रेजिमेंट भी यहां तैनात थी, जो हवाई क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने वाली 3.7 इंच की भारी एंटी एयर गन की बैटरी से लैस थी। युद्ध के बाद एयरफ़ील्ड का इस्तेमाल नहीं किया गया और 1980 के दशक तक बिना इस्तेमाल हुए पड़ा रहा। भारतीय नौसेना ने 11 मार्च 1992 को भारत के माननीय राष्ट्रपति आर वेंकटरमन द्वारा आईएनएस राजाली के रूप में एयरफ़ील्ड  को पुनर्जीवित और कमीशन किया4000 मीटर से अधिक रनवे की स्थिति और लंबाई भारतीय नौसेना की समुद्री निगरानी और सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुकूल है। तब से एयर बेस देश के सबसे बड़े और सबसे उन्नत एयर स्टेशनों में से एक बन गया है। इस उन्नत एयरबेस में अब लंबी दूरी की समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक स्क्वाड्रन, INAS 312 और हेलीकाप्टर प्रशिक्षण स्कूल, INAS 561 के साथ साथ  एचएएलई आर पी का संचालन भी होता है।

सेवा के प्रति समर्पण और स्वर्गीय लेफ्टिनेंट कमांडर अशोक रॉय, वीर चक्र (वीआरसी), नौसेना मेडल (एनएम) द्वारा 1971 के भारत पाक युद्ध में दिए गए सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए प्रशिक्षण सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स का नाम 'अशोक रॉय ट्रेनिंग सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स' (एआरटीएसई) रखा गया है। ।अधिकारी युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के दो पनडुब्बी रोधी और रीकॉनाइसेंस विमानों की टुकड़ी की कमान संभाल रहे थे। 10 दिसंबर 1971 को, एक भारतीय बंदरगाह पर हमला करने का प्रयास करते हुए समुद्र में दुश्मन की सतह सेना की सूचना मिली थी। अपने ही तटों पर हमले से पहले दुश्मन सेना का पता लगाना जरूरी था। लेफ्टिनेंट कमांडर अशोक रॉय की कमान में एक अलाइज़ विमान को दुश्मन सेना की खोज के लिए लॉन्च किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कमांडर अशोक रॉय के विमान को दुश्मन के एक जेट ने देखा। पीछे हटने का मौका मिलने के बावजूद, उन्होंने दुश्मन सेना की तलाश जारी रखने का फैसला किया। दो विमानों के बीच आगामी लड़ाई में, अलिज़े समुद्र में खो गया। 1971 के युद्ध के दौरान राष्ट्र की सेवा के लिए उन्हें मरणोपरांत 'वीर चक्र' से सम्मानित किया गया था।

25 अप्रैल 23 को रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने द्वारा एआरटीएससी के उद्घाटन में बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक, आरएडीएम सुरेंद्र आहूजा (सेवानिवृत्त) और दिवंगत लेफ्टिनेंट कमांडर अशोक रॉय, वीआरसी, एनएम के परिवार के सदस्यों ने भी भाग लिया।

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