विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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अर्जेंटीना अपने उद्योगों द्वारा कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और अर्जेंटीना में उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए भारत का सहयोग चाहता है


अर्जेंटीना के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री श्री डेनियल फिल्मस ने आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भेंट की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर) विशेष रूप से संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक दूसरे की बौद्धिक संपदा (आईपी) के उन्नयन के माध्यम से औद्योगिक नवाचार सहयोग में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है : डॉ जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2016 में हांगझोउ में जी-20 से इतर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भेंट को भी याद किया

Posted On: 07 FEB 2023 5:59PM by PIB Delhi

अर्जेंटीना के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री श्री डेनियल फिल्मस ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट  की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की I

अर्जेंटीना ने अपने उद्योगों द्वारा कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और अर्जेंटीना में उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए भारत का सहयोग मांगा I

 

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर) अर्जेंटीना के उद्योगों के साथ जुड़ने और सरकारी समर्थन के साथ लैटिन अमेरिकी देशों में प्रौद्योगिकियों/उत्पादों/प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की दिशा में कार्य करने के लिए बहुत उत्सुक रहेगा। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर अनुसन्धान एवं विकास (आरएंडडी) के वैश्विक मार्ग दर्शक में से एक है और प्रभावी अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विकास प्रक्रिया में वैज्ञानिक  एवं प्रौद्योगिक (एसएंडटी) विशेषज्ञता प्रदान करने की आंतरिक शक्ति है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2016 में हांगझोउ में जी-20 से इतर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री के साथ हुई मुलाकात को भी याद किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर विशेष रूप से संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक दूसरे की बौद्धिक संपदा (आईपी) के उन्नयन के माध्यम से औद्योगिक नवाचार सहयोग में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है ।

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डॉ. जितेंद्र को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सीएसआईआर और अर्जेंटीना की राष्ट्रीय वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान परिषद (सीओएनआईसीईटी) ने वर्ष 1985 में एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और जिसे 2009 में नवीनीकृत किया गया था। एक अंतर-सरकारी कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अर्जेंटीना के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उत्पादक नवाचार मंत्रालय (एमआईएनसीवाईटी) के संस्थानों के बीच (क) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद–केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–सीएलआरआई) द्वारा भारत और अर्जेंटीना से पारंपरिक किण्वन सूक्ष्मजैविक  माइक्रोबियल विविधता की खोज और बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए इसकी क्षमता बढाने (2015-18 के दौरान) तथा  (ख)  वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद–राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर–एनसीएल)  द्वारा  उष्णकटिबंधीय संक्रामक रोगों के लिए दवा की खोज में सहायता के लिए रसायन विज्ञान मंच का विकास और कार्यान्वयन" (2016-19 के दौरान) दो संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को निष्पादित किया गया था। 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, सीएसआईआर संयुक्त कार्यक्रमों के सह-विकास और उनके अनुप्रयोगों के लिए विशेष रूप से – जो जैव प्रौद्योगिकी (पौधों की जैव प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रौद्योगिकियों सहित) जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में आंतरिक विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है ; नैनोटेक्नोलॉजी (नैनो सामग्री सहित); स्वास्थ्य देखभाल (चिकित्सा विज्ञान, आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान, निदान, टीके और फार्मास्यूटिकल्स दोनों का उपयोग करके); सतत (हरित) ऊर्जा और पर्यावरण; समुद्री विज्ञान और समुद्र विज्ञान ; खनन और खनिज ; वांतरिक्ष ( एयरोस्पेस)  प्रौद्योगिकियां,इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन ; और रसायन, चमड़ा और पेट्रोकेमिकल जैसे क्षेत्रों में अर्जेंटीना के साथ मजबूत सहयोग का स्वागत करता है ।

डॉ जितेंद्र सिंह ने अपने अर्जेंटीना के समकक्ष श्री फिल्मस को बताया कि अपनी विश्व स्तरीय विशेषज्ञता और सुविधाओं के साथ वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक ऐसे अनुसंधान एवं विकास संगठनों में से एक है , जिसके 37 बहु-विषयक अनुसंधान एवं विकास संस्थान भारत भर में स्थित हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि अपनी अत्याधुनिक विशेषज्ञता, क्षमताओं और क्षमताओं के साथ सीएसआईआर अनुसंधान और नवाचार सहयोग, प्रौद्योगिकी साझेदारी, अनुसंधान अवसंरचना विकास और साझाकरण और क्षमता निर्माण की दिशा में प्रभावी योगदान दे सकता है ।

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सीएसआईआर के प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेटर्स [ सीएसआईआर- राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल)  में उद्यम केंद्र, सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र  (सीसीएमबी ) में अटल ऊष्मायन केंद्र, सीएसआईआर- राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (एनएएल) के एयरोस्पेस ऊष्मायन केंद्र, सीएसआईआर के ऊष्मायन केंद्र- हिमालयी जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) और सीएसआईआर-भारतीय विषाक्तता अनुसंधान संस्थान आईआईटीआर) विभिन्न उद्योगों , विशेष रूप से स्टार्ट-अप्स की सक्रिय भागीदारी के साथ भारत के नवाचार विकास में सफलतापूर्वक योगदान दे रहे हैं। सीएसआईआर अपने (इनक्यूबेटर्स) में अर्जेंटीना के विज्ञान पार्कों, इनक्यूबेटरों और एक्सलेरेटर्स के निवासियों की मेजबानी कर सकता है और अपने इनक्यूबेटरों के निवासियों को अर्जेंटीना में ऐसी सुविधाओं का उपयोग करने की सुविधा प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही  सीएसआईआर विशेष रूप से तकनीकी अद्यतन और इनक्यूबेटर प्रबंधन अनुभवों को साझा करने के लिए केंद्रित विशेष उद्यमिता विकास कार्यक्रम/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का भी आयोजन कर सकता है ।

 

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