मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा "राष्ट्रीय दुग्ध दिवस" मनाया गया

Posted On: 26 NOV 2022 7:13PM by PIB Delhi

 

  1. राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बालियान ने विजेताओं को "राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार" प्रदान किया
  2. श्री बालियान ने वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म, हेसरघट्टा, बेंगलुरु, कर्नाटक में बोवाइन आईवीएफ-(इन विट्रो-फर्टिलाइजेशन) गतिविधियों के लिए केंद्रीय हिमित वीर्य उत्पादन और प्रशिक्षण संस्थान, हेसरघट्टा, बेंगलुरु में उन्नत प्रशिक्षण सुविधा का आधारशिला रखा
  3. इस कार्यक्रम में कर्नाटक के विभिन्न दुग्ध संघों के 1,500 से ज्यादा किसानों ने हिस्सा  लिया और 50,000 किसान इसमे वर्चुअल रूप से शामिल हुए

 

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डॉ संजीव कुमार बालियान दूध में मिलावट पर पुस्तक का विमोचन करते हुए

पशुपालन और डेयरी विभाग ने आज बेंगलुरु में आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की 101वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, 2022 का वितरण किया गया।

कर्नाटक में इस यादगार राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार, पशुपालन और मत्स्यपालन विभाग, कर्नाटक सरकार, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और कर्नाटक दुग्ध महासंघ एक साथ आए।

समारोह के दौरान मुख्य अतिथि, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, भारत सरकार, डॉ. संजीव कुमार बालियान ने देश में स्वदेशी मवेशी/ भैंस की नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीक और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन के विजेताओं को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किया।

विजेताओं को सम्मानित करते हुए, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री ने कहा कि, भारत में मवेशी की स्वदेशी गोजातीय नस्लें बहुत मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं। इसलिए, वैज्ञानिक रूप से स्वदेशी गोजातीय नस्लों का संरक्षण और विकास करने के उद्देश्य से, "राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)" की शुरुआत पूरे देश में पहली बार दिसंबर 2014 में की गई थी। आरजीएम के अंतर्गत, दुग्ध उत्पादक किसान, इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों और दुग्ध उत्पादकों को बाजार तक पहुंचाने वाले डेयरी सहकारी समितियों/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।

विजेताओं को प्रथम श्रेणी के लिए 05 लाख रुपये, द्वितीय श्रेणी के लिए 03 लाख रुपये और तीसरी श्रेणी के लिए 02 लाख रुपये के नकद पुरस्कार के साथ प्रत्येक श्रेणी में योग्यता प्रमाणपत्र और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत विजेताओं का नाम निम्नलिखित दिए गए हैं:

क्रम संख्या

वर्ग

चयनित आवेदकों के नाम

श्रेणी

1.

स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान,

i श्री जितेंद्र सिंह, फतेहाबाद, हरियाणा।

ii श्री रविशंकर शशिकांत सहस्रबुद्धे, पुणे, महाराष्ट्र।

iii सुश्री गोयल सोनलबेन नारन, कच्छ, गुजरात।

पहला

 

दूसरा

 

तीसरा

2.

सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)

I श्री गोपाल राणा, बलांगीर, ओडिशा।

Ii श्री हरि सिंह, गंगानगर, राजस्थान।

Iii श्री माचेपल्ली बसवैया, प्रकाशम, आंध्र प्रदेश।

पहला

 

दूसरा

 

तीसरा

3.

सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दूग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन

I मनंतवाडी क्षीरोलपादका सहकरण संगम लिमिटेड, वायनाड, केरल।

Ii अराकेरे दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड, मांड्या, कर्नाटक।

Iii मन्नारगुडी एमपीसीएस, तिरुवरूर, तमिलनाडु

पहला

 

दूसरा

 

तीसरा

समारोह के दौरान, डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, भारत सरकार ने वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय हिमित वीर्य उत्पादन और प्रशिक्षण संस्थान, हेसरघट्टा, बेंगलुरु में उन्नत प्रशिक्षण सुविधा की आधारशिला रखी। उन्होंने उन्होंने केंद्रीय मवेशी प्रजनन फार्म, हेसरघट्टा, बैंगलोर में बोवाइन आईवीएफ-(इन विट्रो-फर्टिलाइजेशन) गतिविधियों का भी शुभारंभ किया।

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श्री राजेश कुमार, अवर सचिव, एएचडी 'राष्ट्रीय दुग्ध दिवस' पर संबोधित करते हुए

श्री राजेश कुमार सिंह, सचिव, एएचडी  ने अपने परिचयात्मक भाषण में कहा कि एएचडी विभाग के सीएफएसपी एंड टीआई और सीसीबीएफ अंतर्गत प्रमुख क्षेत्रों में से हैं और इन्होंने पशु प्रजनन में बेहतर और उन्नत प्रजनन प्रौद्योगिकियों को अपनाकर हमारे देश के दुग्ध उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि नई अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा विभाग द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत काम करने वाले पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण करेगी जो कि प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।

सुश्री वर्षा जोशी, अतिरिक्त सचिव (मवेशी और डेयरी विकास) ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि, आरजीएम योजना, सीसीबीएफ, हस्सरघट्टा के उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रमों (एबीआईपी) के अंतर्गत, हसरघट्टा ने डेयरी गायों के आनुवंशिक सुधार में गति लाने के लिए आईवीएफ क्रियाकलापों की शुरूआत कर दी है, जो देश में दूध उत्पादन की वृद्धि सुनिश्चित करेगा।

कर्नाटक के सहकारिता मंत्री श्री एस टी सोमशेखर और केएमएफ के अध्यक्ष, श्री बालचंद्र भी इस अवसर पर उपस्थित हुए। समारोह के दौरान, डॉ वर्गीज कुरियन के जीवन पर एक पुस्तक और दूध में मिलावट पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया।

कर्नाटक के विभिन्न दुग्ध संघों के 1,500 से ज्यादा किसानों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में 1,000 ग्राम स्तरीय शिविरों के 50,000 किसान भी शामिल हुए। पशुपालन और डेयरी विकास विभाग के अधिकारी सहित विभिन्न डेयरी सहकारी समितियों सदस्य और डेयरी किसान भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

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