विदेश मंत्रालय

जी-20 और भारत की अध्यक्षता


जी-20 विकास कार्य समूह (डीडब्लूजी) की बैठक 13 से 16 दिसंबर,  2022 तक मुंबई में होगी

भारत 32 विभिन्न कार्यक्षेत्रों में 50 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा

जी-20 के प्रतिनिधि और अतिथि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक और पूरे एक साल तक भारत का अनुभव प्राप्त करेंगे

भारत की जी-20 अध्यक्षता का विषय "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी , एक परिवार, एक भविष्य" लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है

Posted On: 10 DEC 2022 7:10PM by PIB Delhi

भारत की जी-20 अध्यक्षता एकता की इस व्यापक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। इसलिए हमारा विषय - 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्यहै - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

  • विकास कार्य समूह (डीडब्लूजी)

डीडब्लूजी बैठकों का उद्देश्य विकासशील देशों (डीसी), सबसे कम विकसित देशों (एलडी) और द्वीपीय देशों (छोटे द्वीपीय विकासशील देशों/एसआईडीएस) के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना है।

डीडब्लूजी जी-20 सदस्य देशों के लिए एक साथ आने और बहुपक्षवाद को प्राथमिकता देने, विकास को बढ़ावा देने वाले समाधानों को साझा करने, विकास योजनाओं को फिर से तैयार करने और सतत विकास लक्ष्य(एसडीजी) को प्राप्त करने का एक मंच है। जी-20 के पास ज्ञान, विशेषज्ञता, वित्तीय संसाधन हैं जो पटरी से उतर चुके प्रयासों को वापस दिशा देने के लिए आवश्यक हैं।

10-12 अगस्त, 2022 के बीच बाली में तीसरे जी-20 में आयोजित डीडब्लूजी जी-20 के प्रमुख समझौतों पर चर्चा और उन्हें अंतिम रूप देने के साथ संपन्न हुआ।

इनमें विकासशील देश, सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) और एसआईडी में मजबूत रिकवरी और लचीलेपन के लिए जी-20 की आगे की योजना, डीसी में मिश्रित वित्त को बढ़ाने के लिए जी-20 सिद्धांत, जी-20 मंत्रिस्तरीय विजन स्टेटमेंट: सतत विकास लक्ष्यों के लिए बहुपक्षवाद, कार्रवाई का दशक और 2022 जी-20 बाली अपडेट शामिल हैं।

भारत की अध्यक्षता में पहली डीडब्लूजी बैठक 13 -16 दिसंबर, 2022 को मुंबई में आयोजित की जाएगी। इन बैठकों में डेटा फॉर डेवलपमेंट, 2030 एजेंडा को आगे बढ़ाने में जी-20 की भूमिका, एसडीजी पर प्रगति तेज करने के लिए और ग्रीन डेवलपमेंट में नई लाइफ को शामिल करने के लिए सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेंगे जो उन्हें भारत का एक अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे, वे गेटवे ऑफ इंडिया की सैर के लिए जाएंगे और अंतिम दिन कान्हेरी गुफाओं का भ्रमण भी करेंगे।

और जानकारी के लिए//www.g20.org/en/ पर जाएं

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1 दिसंबर, 2022 एक विशेष दिन है क्योंकि भारत ने इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है और 2023 में देश में पहली बार जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। एक राष्ट्र जो कि लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है, भारत की जी-20 अध्यक्षता उसके इतिहास में एक ऐतिहासिक अवसर होगा क्योंकि देश सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है, और ऐसा करने में, 'वसुधैव कुटुम्बकम' या 'विश्व एक परिवार है' की सच्ची भावना को प्रकट करता है।

तो G20 क्या है?

बीस का समूह (जी-20) सरकारों के मध्य एक मंच है जिसमें 19 देश - अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

जी-20 के सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।

एशिया के वित्तीय संकट के बाद 1999 में वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में जी-20 की स्थापना की गई थी। 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट को देखते हुए इसे राज्य/सरकार के प्रमुखों के स्तर पर उन्नत किया गया था, और 2009 में, "अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच" के रूप में नामित किया गया था।

जी-20 शिखर सम्मेलन क्या है?

जी-20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित होता है और इसकी अध्यक्षता बारी बारी से सदस्य देशों को प्राप्त होती है।

जी-20 कैसे काम करता है?

जी-20 अध्यक्ष देश एक वर्ष के लिए जी-20 एजेंडा को आगे बढ़ाता है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी करती है। जी-20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं: फाइनेंस ट्रैक और शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर फाइनेंस ट्रैक का नेतृत्व करते हैं, जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं।

फाइनेंस ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा किया जाता है। दोनों ट्रैक के अंदर, विषयों से जुड़े कार्य समूह हैं जिनमें सदस्य देशों के संबंधित मंत्रालयों के साथ-साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।

शेरपा ट्रैक से जी-20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है, जो देशों के प्रमुखों के निजी दूत होते हैं। शेरपा ट्रैक 13 कार्य समूह, 2 पहल - रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) और जी-20 एम्पॉवर और विभिन्न एंगेजमेंट ग्रुप्स से मिले नतीजों पर नजर रखता है, जो सभी साल भर बैठकें करते हैं और साथ ही साथ अपने इश्यू नोट्स और आउटकम डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं। इन ठोस चर्चाओं के बाद शेरपा बैठकों के लिए सर्वसम्मति-आधारित अनुशंसाएं प्राप्त होती हैं। शेरपा-स्तरीय बैठकों का परिणाम दस्तावेज अंततः नेताओं की घोषणा का आधार बनता है, जिस पर अगले साल सितंबर में होने वाली अंतिम नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में सभी जी-20 सदस्य देशों के प्रमुख बहस करेंगे और इस पर हस्ताक्षर (आम सहमति पर) किए जाएंगे।

इसके अलावा, ऐसे एंगेजमेंट ग्रुप हैं जो जी-20 देशों के नागरिक समाजों, सांसदों, थिंक टैंकों, महिलाओं, युवाओं, श्रम, कारोबारियों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं। इनोवेशन को बढ़ाने में स्टार्टअप्स की भूमिका को पहचानते हुए स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना पहली बार भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत की जाएगी, जो कि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य पर प्रतिक्रिया देगा। एंगेजमेंट ग्रुप के साथ सक्रिय बातचीत भारत की "समावेशी महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख", जी-20 दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष बाली शिखर सम्मेलन में रेखांकित किया था।

भारत की जी-20 अध्यक्षता

भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। अगले साल सितंबर में होने वाले अंतिम नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडलों के 43 प्रमुख जो कि जी-20 में अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है, भाग लेंगे।

जी-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों - केसरिया, सफेद, हरा और नीला से प्रेरणा लेता है। यह भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के साथ पृथ्वी ग्रह को जोड़ता है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के ग्रह-समर्थक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में है। जी-20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में "भारत" लिखा हुआ है।

भारत के जी-20 अध्यक्षता  का विषय - "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" - महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। वास्तव में यह विषय सभी तरह के जीवन - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव - के मूल्य को और पृथ्वी और व्यापक ब्रह्मांड में उनकी परस्पर संबद्धता को स्वीकार करता है। यह विषय व्यक्तिगत जीवन शैली के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास दोनों के स्तर पर लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के लिए सहयोगी, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों को भी सामने रखता है, जिससे विश्व स्तर पर बदलाव लाने वाले कार्य संपन्न होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल भविष्य प्राप्त होता है।.

भारत के लिए, जी-20 की अध्यक्षता "अमृतकाल" यानि 15 अगस्त, 2022 को देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से शुरू होने वाली 25 साल की अवधि की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो कि देश की स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर जाती है जहां एक भविष्य के लिए तैयार, समृद्ध, समावेशी और विकसित समाज होगा जिसकी विशेषता उसके मूल में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का होना है।

आपदा जोखिम को कम करने के लिए सामूहिक कदमों को प्रोत्साहित करने, बहु-विषयक अनुसंधान करने और काम करने के सर्वोत्तम तौर तरीकों का आदान-प्रदान करने के लिए भारत की जी-20 अध्यक्षता में आपदा जोखिम को घटाने पर एक नया कार्य समूह स्थापित किया जाएगा।

भारत के विशेष आमंत्रित अतिथि देश बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

जी-20 के आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूएन, आईएमएफ, विश्व बैंक, डब्लूएचओ, डब्लूटीओ, आईएलओ, एफएसबी, ओईसीडी, एयू चेयर, एनईपीएडी चेयर, आसियान चेयर, एडीबी, आईएसए और सीडीआरआई हैं।

जी-20 की बैठकें केवल नई दिल्ली या अन्य महानगरों तक ही सीमित नहीं रहेंगी। "वसुधैव कुटुम्बकम'-"एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" की अपनी जी-20 अध्यक्षता के विषय से प्रेरणा लेते हुए, साथ ही साथ 'समग्र सरकार' दृष्टिकोण की प्रधानमंत्री की सोच के साथ, भारत 32 अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में 50 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा और मेहमानों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक झलक पाने और उन्हें भारत का एक अद्वितीय अनुभव हासिल करने का अवसर प्रदान करेगा। यह अध्यक्षता जी-20 सचिवालय के लिए देश के नागरिकों को भारत की जी-20 कथा का हिस्सा बनने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करने का एक मौका भी है।

भारतीय जी-20 अध्यक्षता में जी-20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रितों और अन्य लोगों के लिए एक साल तक भारत का अनुभव कराने की भी योजना बनाई है।

भारत की जी-20 प्राथमिकताएं क्या हैं?

  • हरित विकास, जलवायु वित्त और लाइफ

जी-20 का नेतृत्व करने का अवसर ऐसे समय में आया है जब अस्तित्व को लेकर खतरे बढ़ गए है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभावों के बीच हमारे तंत्र की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। इस संबंध में, जलवायु परिवर्तन भारत की अध्यक्षता में एक प्रमुख प्राथमिकता है, जिसमें न केवल जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान दिया गया है, बल्कि दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए हरित ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाना भी सुनिश्चित किया गया है।

यह मानते हुए कि जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उद्योग, समाज और सभी क्षेत्रों में व्याप्त है, भारत दुनिया के सामने लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) -एक व्यवहार-आधारित आंदोलन की शुरुआत करता है जो हमारे देश की समृद्ध, प्राचीन और लंबे समय से जारी परंपराओं से मिला है और जो पहले उपभोक्ताओं उसी के अनुसार बाद में बाजार को पर्यावरण के प्रति जागरूक कार्यप्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

  • त्वरित, समावेशी और लचीला विकास

सतत विकास के लिए एक त्वरित, लचीला और समावेशी विकास एक आधारशिला है। अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भारत का लक्ष्य उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है जिनमें संरचनात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। इसमें वैश्विक व्यापार में एमएसएमई को शामिल करने की गति तेज करने, विकास के लिए व्यापार की भावना लाने, श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने और श्रम कल्याण को सुरक्षित करने, दुनिया भर में कौशल के बीच अंतर को दूर करने और समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली का निर्माण करने की महत्वाकांक्षा शामिल है।

  • एसडीजी की तेज प्रगति

भारत की जी-20 अध्यक्षता 2030 एजेंडा के महत्वपूर्ण मध्यबिंदु के साथ आती है। इसी के साथ ही, भारत मानता है कि कोविड-19 के हानिकारक प्रभाव ने कार्रवाई के मौजूदा दशक को रिकवरी के दशक में बदल दिया है। इस को देखते हुए, भारत सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जी-20 के प्रयासों की फिर से प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित करना चाहता।

  • तकनीकी बदलाव और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर

जी-20 अध्यक्ष के रूप में, भारत प्रौद्योगिकी में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को लेकर अपने विश्वास को आगे बढ़ा सकता है, और कृषि से लेकर शिक्षा तक के क्षेत्रों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय समावेशन और तकनीक-सक्षम विकास जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को लेकर  ज्ञान को साझा करने कि अधिक से अधिक सुविधा प्रदान कर सकता है।

  • 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान

भारत की जी-20 प्राथमिकता में सुधार के साथ बहुपक्षवाद पर जोर देना जारी रहेगा जो अधिक जवाबदेह, समावेशी , न्यायसंगत और प्रतिनिधित्व वाला बहुध्रुवीय अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली बनाता है जो 21वीं सदी में चुनौतियों का हल देने के लिए उपयुक्त है।

  • महिलाओं के नेतृत्व में विकास

भारत उम्मीद करता है कि वो जी-20 फोरम का इस्तेमाल महिला सशक्तिकरण और उनके प्रतिनिधित्व के साथ समावेशी विकास और प्रगति को रेखांकित करे। इसमें एसडीजी की उपलब्धियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अग्रणी पदों पर पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

भारत ने सांस्कृतिक पहलों की एक श्रृंखला के साथ अपनी अध्यक्षता कार्यकाल के एजेंडे को शुरू किया, जिसमें जनभागीदारी की विभिन्न गतिविधियां, देश भर के 75 शैक्षणिक संस्थानों के साथ एक विशेष यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम, जी-20 लोगो और रंगों के साथ एएसआई के 100 स्मारकों को रोशन करना और नागालैंड में हॉर्नबिल उत्सव में जी-20 का प्रदर्शन शामिल है। रेत पर कलाकृति बनाने वाले श्री सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर रेत से भारत के जी-20 लोगो की कलाकृति भी बनाई। साल भर में कई अन्य कार्यक्रमों, युवाओं की गतिविधियों, सांस्कृतिक प्रदर्शनों और संबंधित शहर-आयोजन स्थलों की जगहों और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली सैर की भी योजना बनाई गई है।

और जानकारी के लिए विजिट करें https://www.g20.org/en/

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