सहकारिता मंत्रालय
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के सूरत में कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड की बायो-इथेनॉल परियोजना कृभको हजीरा का शिलान्यास और सहकारिता सम्मेलन को संबोधित किया
Posted On:
14 SEP 2022 7:19PM by PIB Delhi
KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना, कोऑपरेटिव क्षेत्र, पर्यावरण सुधार, किसानों की आय को दोगुना करने, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने व ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती का सामना करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे लाए जा रहे बहुआयामी अभियान की दिशा में एक सार्थक कदम है
इस परियोजना से हज़ीरा में 2 लाख 50 हज़ार लीटर की दैनिक क्षमता वाला बायो-इथेनॉल संयंत्र स्थापित होगा जो 8.25 करोड़ लीटर जैव-ईंधन का उत्पादन करेगा और इससे ढाई लाख मीट्रिक टन मक्का या पर्याय उपजों को अच्छा बाज़ार भी मिलेगा
गुजरात के लगभग नौ ज़िलों में मक्का मुख्य उपज है और इसके अलावा राज्य के दस ज़िलों में मक्का की पैदावार हो सकती है और इस संयंत्र के माध्यम से किसानों को बहुत फ़ायदा हो सकता है
KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना से उच्च प्रोटीन युक्त पशुचारे, मत्स्यपालन और मुर्गीपालन के लिए भी कच्चा माल मिलेगा जिससे इन क्षेत्रों को भी काफ़ी फ़ायदा होगा
मोदी जी की पेट्रोलियम नीति के फलस्वरूप आज देश में इथेनॉल के प्लांट लग रहे हैं
इस क्षेत्र में भारत के लिए अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं, कृभको की तरह अन्य सहकारी इकाइयों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए, इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी साथ ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी और मजबूत होगा
मोदी जी ने नवंबर, 2022 से पहले 10% ब्लेंडिंग का जो लक्ष्य रखा था उसे देश ने तय समय सीमा से पांच माह पहले ही प्राप्त कर लिया है और इसलिए 2030 तक 20% इथेनॉल ब्लेंडिंगकरने के लक्ष्य को प्रीपोन कर 2025 कर दिया गया है
2025-26 तक 20% सम्मिश्रण करने के लिए कई सारे नीतिगत फैसले भी मोदी जी ने लिए है
जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया, आकर्षक ब्याज अनुदान योजना के तहत इथेनॉल के कारखाने लगाने वाले लोगों का 6 वर्ष की अवधि का 50% ब्याज भारत सरकार बैंकों को चुकाएगी
अब देशभर में अनेक प्लांट लगने लगे हैं और इथेनॉल का उत्पादन आने वाले दिनों में देश के पेट्रोलियम क्षेत्र के संपूर्ण अर्थतंत्र को बदलने वाला सिद्ध होने वाला है जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी लगभग 1,00,000 करोड रुपए बचेंगे
मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने अनेक नए कदम उठाने का काम किया है जिनमें पैक्स का कंप्यूटराइजेशन, बहुआयामी पैक्स बनाना और पैक्स को एफपीओ का स्टेटस देना शामिल है
कृभको, इफको और अमूल जैसी संस्थाएं मिलकर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी का एक एक्सपोर्ट हाउस बनाने जा रहे हैं जो किसानों की उपज को कोऑपरेटिव बेसिस पर एक्सपोर्ट करेगी और मुनाफा सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाएगा
बीज संवर्धन के लिए भी एक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाने जा रहे हैं और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन और मार्केटिंग के लिए भी एक बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाने जा रहे हैं
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के सूरत में कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड की बायो-इथेनॉल परियोजना कृभको हजीरा का शिलान्यास किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना, कोऑपरेटिव क्षेत्र, पर्यावरण सुधार, किसानों की आय को दोगुना करने, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने व ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती का सामना करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे लाए जा रहे बहुआयामी अभियान की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस परियोजना से हज़ीरा में 2 लाख 50 हज़ार लीटर की दैनिक क्षमता वाला बायो-इथेनॉल संयंत्र स्थापित होगा जो 8.25 करोड़ लीटर जैव-ईंधन का उत्पादन करेगा, इससे ढाई लाख मीट्रिक टन मक्का या पर्याय उपजों को अच्छा बाज़ार भी मिलेगा। गुजरात के लगभग नौ ज़िलों में मक्का मुख्य उपज है और इसके अलावा राज्य के दस ज़िलों में मक्का की पैदावार हो सकती है और इस संयंत्र के माध्यम से किसानों को बहुत फ़ायदा हो सकता है। साथ ही इससे ख़राब मक्के का भी ईंधन बनकर देश के अर्थतंत्र और विदेशी मुद्रा भंडार को फ़ायदा होगा और ये संयंत्र निराश किसानों के जीवन में एक नई आशा का संचार करेगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना से उच्च प्रोटीन युक्त पशुचारे,मत्स्यपालन और मुर्गीपालन के लिए भी कच्चा माल मिलेगा जिससे इन क्षेत्रों को भी काफ़ी फ़ायदा होगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी की पेट्रोलियम नीति के फलस्वरूप आज देश में इथेनॉल के प्लांट लग रहे हैं। 2011-12 में भारत 172 एमएमटी कच्चे तेल का आयात करता था और 2021-22 में 212 एमएमटी कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल पर हमारी निर्भरता 83 से बढ़कर 88 प्रतिशत हो गई है क्योंकि विकास करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में कच्चे तेल के महत्व को हमें समझना होगा। आज हमारे देश का 9 लाख करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा कच्चे तेल के आयात पर ख़र्च होता है और इससे बचने का जीवाश्म ईंधन एक अच्छा विकल्प है और इसके लिए पूरे विश्व में प्रयास हो रहे हैं। भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इथेनॉल नीति के तहत किया गया संगठित प्रयास किसी और देश ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमरीका पूरे विश्व का 55 प्रतिशत, ब्राज़ील 27 प्रतिशत जबकि भारत सिर्फ 3 प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करता है। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में भारत के लिए अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं, कृभको की तरह अन्य सहकारी इकाइयों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए, इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी साथ ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी और मजबूत होगा

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने नवंबर, 2022 से पहले 10% ब्लेंडिंग का जो लक्ष्य रखा था उसे देश ने तय समय सीमा से पांच माह पहले ही प्राप्त कर लिया है और इसलिए 2030 तक 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग करने के लक्ष्य को प्रीपोन कर 2025 कर दिया गया है। 2025-26 तक 20% सम्मिश्रण करने के लिए कई सारे नीतिगत फैसले भी मोदी जी ने लिए है। जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया और आकर्षक ब्याज अनुदान योजना के तहत इथेनॉल के कारखाने लगाने वाले लोगों का 6 वर्ष की अवधि का 50% ब्याज भारत सरकार बैंकों को चुकाएगी। अब देशभर में अनेक प्लांट लगने लगे हैं और इथेनॉल का उत्पादन आने वाले दिनों में देश के पेट्रोलियम क्षेत्र के संपूर्ण अर्थतंत्र को बदलने वाला सिद्ध होने वाला है जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी लगभग 1,00,000 करोड रुपए बचेंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि कृभको एक जानी-मानी और अनेक प्रकार की गतिविधियों से जुड़ी संस्था है। कृभको देश का एक बड़ा सफल सहकारी प्रकल्प है जो दुनियाभर में देश के कोऑपरेटिव के मॉडल रूप में जाना जाता है। उन्होने कहा कि कृभको के फुल फॉर्म में कृषक भारती शब्द का उपयोग किया गया है क्योंकि क्योंकि कृभको भारत के किसानों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि हजीरा और शाहजहांपुर में 2 मेगा उर्वरक प्लांट लगाए हैं जो प्रति वर्ष लगभग 34 लाख मैट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करते हैं, यह भारत की कुल बिक्री का 10% है। इसके साथ ही कृभको ने एक स्पेशल परपज व्हीकल बनाया है जो किसानों के फल और सब्जियों को प्रोसेस और निर्यात कर किसानों की आय में वृद्धि करने का प्रयास करेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र, विशेषकर सब्जी और फल प्रसंस्करण में कृभको जितनी गति बढ़ाएगा देश के किसानों को उतना ही फायदा होगा। इसके साथ-साथ अच्छे बीजों को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए 12 अत्याधुनिक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई है जो 1.90 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित करने का काम करती हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने अनेक नए कदम उठाए हैं जिनमें पैक्स का कंप्यूटराइजेशन, बहुआयामी पैक्स बनाना और पैक्स को एफपीओ का स्टेटस देना शामिल है। इसके साथ-साथ कृभको, इफको और अमूल जैसी संस्थाएं मिलकर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी का एक एक्सपोर्ट हाउस बनाने जा रहे हैं जो किसानों की उपज को कोऑपरेटिव बेसिस पर एक्सपोर्ट करेगी और मुनाफा सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाएगा। इसके अलावा बीज संवर्धन के लिए भी एक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाई जा रही और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन तथा मार्केटिंग के लिए भी एक बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाने जा रहे हैं जिसमें हमें कृभको का भी सहयोग मिलेगा।
*****
एनडब्ल्यू / आरके / एवाई / आरआर
(Release ID: 1859317)
Visitor Counter : 521