गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में CAPF eAwas वेब पोर्टल का शुभारंभ किया
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल हमेशा देश की आंतरिक सुरक्षा के हर पहलू का मज़बूत स्तंभ रहे हैं
आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में विकास का एक नया युग शुरू हुआ है और भारत पूरी दुनिया में उत्पादन का केन्द्र बन रहा है, इसमें आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सीएपीएफ के जवानों की बहुत बड़ी भूमिका है
मोदी सरकार मानती है कि जो जवान कठिन परिस्थितियों में देश और सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, उनके परिवार की चिंता सरकार की है, जवान का काम सिर्फ चिंता मुक्त होकर देशसेवा करना है
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जवानों और विशेषकर उनके परिवारों की चिंता रहती है और इस दिशा में पिछले 8 सालों में कई अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं
2014 में आवासीय संतुष्टि दर करीब 33 प्रतिशत थी, जो आज 48 प्रतिशत है, सीएपीएफ़ ई-आवास पोर्टल के शुभारंभ से नए भवनों का निर्माण किए बिना ही आवासीय संतुष्टि दर में 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी
मुझे विश्वास है कि गृह मंत्रालय के इन सार्थक प्रयासों से नवंबर 2024 तक आवासीय संतुष्टि दर 73 प्रतिशत हो जाएगी, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी
CAPF में एक इस प्रकार की व्यवस्था बन गई थी कि जिस फ़ोर्स के लिए आवास बने हैं, उन्हीं को मिलेंगे, इससे कई हजार आवास ख़ाली रह जाते थे अब ई-आवास पोर्टल से इसमें बदलाव आएगा और खाली पड़े आवास अन्य CAPFs के जवानों के लिए भी उपलब्ध होंगे
सीएपीएफ़ कर्मियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने के लिए e-Transfer Software का निर्माण किया गया है, अभी आईटीबीपी और सीआईएसएफ़ ने प्रयोगात्मक रूप से इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग शुरू किया है
गृह मंत्रालय के पौधारोपण अभियान में अभी तक लगभग तीन करोड़ पौधे लग चुके हैं लेकिन जवानों में इस अभियान के प्रति लगाव की भावना जागृत करना वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, मैं मानता हूँ कि जवान का एक वृक्ष के साथ लगाव होना, उसके जीवन को बदलने वाला होगा
Posted On:
01 SEP 2022 6:36PM by PIB Delhi
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में CAPF eAwas वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय और श्री अजय कुमार मिश्रा, केन्द्रीय गृह सचिव, सीमा प्रबंधन सचिव और विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और एनएसजी के महानिदेशकों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल हमेशा देश की आंतरिक सुरक्षा का मज़बूत स्तंभ रहे हैं और आज सीएपीएफ के जवानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज जब देश में विकास का एक नया युग शुरू हुआ है और भारत पूरी दुनिया में उत्पादन का केन्द्र बन रहा है, इसमें आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सीएपीएफ के जवानों की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि आज़ादी से लेकर आज तक पुलिस बलों के 35 हज़ार से ज़्यादा जवानों ने आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपनी जान गंवाई है और उनके इसी बलिदान के कारण देश का हर नागरिक सुरक्षा की भावना के साथ चैन की नींद सोता है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार मानती है कि जो जवान कठिन परिस्थितियों में देश और सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, उनके परिवार की चिंता सरकार की है, जवान का काम सिर्फ चिंता मुक्त होकर देशसेवा करना है। उन्होने कहा कि आज शुरू किया गया सीएपीएफ़ ई-आवास पोर्टल उसी श्रंखला की अगली कड़ी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि CAPF में एक इस प्रकार की व्यवस्था बन गई थी कि जिस फ़ोर्स के लिए आवास बने हैं, उन्हीं को मिलेंगे, इससे कई हजार आवास ख़ाली रह जाते थे अब ई-आवास पोर्टल से इसमें बदलाव आएगा और खाली पड़े आवास अन्य CAPFs के जवानों के लिए भी उपलब्ध होंगे। इससे भवन निर्माण किए बिना ही आवासीय संतुष्टि दर 13 प्रतिशत बढ़ जाएगी। श्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से गृह मंत्रालय ने आवासीय संतुष्टि दर बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं बनाई हैं। इनमें कार्यालयों का निर्माण, अस्पतालों को मज़बूत करना और आवासों की संख्या बढ़ाना शामिल है। उन्होने कहा कि पिछले आठ वर्षों में 31 हजार से ज्यादा आवासों का निर्माण किया गया है, 17 हजार से अधिक आवास निर्माणाधीन हैं और लगभग 15 हजार अतिरिक्त आवासों का निर्माण प्रस्तावित है। 2014 में आवासीय संतुष्टि दर करीब 33 प्रतिशत थी, जो आज 48 प्रतिशत है, सीएपीएफ़ ई-आवास पोर्टल के शुभारंभ से नए भवनों का निर्माण किए बिना ही आवासीय संतुष्टि दर में 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी। श्री अमित शाह ने विश्वास जताया कि गृह मंत्रालय के इन सार्थक प्रयासों से नवंबर 2024 तक आवासीय संतुष्टि दर 73 प्रतिशत हो जाएगी, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जवानों और विशेषकर उनके परिवारों की चिंता रहती है और इस दिशा में पिछले 8 सालों में कई अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जवानों के परिवारों को चिकित्सा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना प्रारंभ की है जिसके अन्तर्गत 10 लाख कर्मियों को 35 लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्डों का वितरण किया जा चुका है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 31 करोड़ रूपये से अधिक राशि के लगभग 56 हजार बिलों का भुगतान भी किया जा चुका है।
श्री अमित शाह ने कहा कि सीएपीएफ़ कर्मियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने के लिए e-Transfer Software का निर्माण किया गया है। अभी आईटीबीपी और सीआईएसएफ़ ने प्रयोगात्मक रूप में इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग शुरू किया है। e-Transfer Software के साथ जवानों की आयु और स्वास्थ्य की स्थिति के साथ पोस्टिंग को जोड़ा जा सकेगा। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में पहले 42 कोर्स थे और अब इसमें 80 से ज़्यादा नए कोर्स जोड़े गए हैं। केन्द्रीय अनुग्रह राशि को भी और अधिक वैज्ञानिक बनाकर बढ़ाया गया है। हवाई कोरियर सेवाओं को भी लागू किया गया है और केन्द्रीय पुलिस कल्याण भंडार को मज़बूत करने के लिए अनेक कार्य किए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार जवानों के कल्याण के लिए किसी भी सकारात्मक सुझाव पर विचार करने को तैयार है, लेकिन हमें भी अपने कार्यस्थल के वातावरण को ठीक रखने के लिए अपना योगदान देना होगा। श्री शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय के पौधारोपण अभियान में अभी तक लगभग तीन करोड़ पौधे लग चुके हैं लेकिन जवानों में इस अभियान के प्रति लगाव की भावना जागृत करना वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, गृह मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि जवान का एक वृक्ष के साथ लगाव होना, उसके जीवन को बदलने वाला होगा। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण अभियान शुरू करते वक़्त हमारी सोच पर्यावरण और कामकाज के स्थान पर अच्छा वातावरण पैदा करना थी, लेकिन इसके साथ ही एक रचनात्मक और सकारात्मक सोच के कारण मानव स्वभाव में जो परिवर्तन और संतुष्टि की भावना आती है, उसे भी गति देना जरूरी है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का जवानों और विशेषकर उनके परिजनों के कल्याण के लिए हमेशा प्रयास होता है और इस दिशा में उनके विचारों की पूर्ति के लिए गृह मंत्रालय सदैव तत्पर रहता है।
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