सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
केवीआईसी का डबल बोनेन्जा
दिल्ली हाईकोर्ट ने चरखे के साथ "खादी" के ट्रेडमार्क को 'पहचाने जाने योग्य ट्रेडमार्क' माना
Posted On:
03 AUG 2022 7:40PM by PIB Delhi
इस साल जुलाई में खादी एवम् ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आयोग ने "खादी बॉय हेरिटेज" नाम के संगठन के खिलाफ मुआवजे और रोक की कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई थी। यह संगठन "खादी बॉय हेरिटेज" चिन्ह के साथ पीपीई किट, हैंड सेनेटाइजर और फायरबॉल बेच रहा था। कथित संगठन अपने उत्पादों पर केवीआईसी का 'चरखा' चिन्ह भी उपयोग कर रहा था।
भारतीय संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित केवीआईसी ने अपने जाने-माने ट्रेडमार्क 'खादी' और 'चरखे' पर दावा प्रस्तुत किया था, जो ट्रेडमार्क अधिनियम के कई वर्गों के तहत संगठन के नाम पर पंजीकृत हैं।
केवीआईसी का प्रतिनिधित्व फिड्स लॉ चैंबर्स से सुश्री श्वेताश्री मजूमदार और उनकी टीम कर रही थीं। उन्होंने सफलता के साथ कोर्ट में बताया कि कैसे केवीआईसी लंबे वक्त से खादी ट्रेडमार्क और चरखा के चिन्ह का इस्तेमाल कर रही है; टीम ने बताया कि कैसे भारत और विदेशों में इसका पंजीकरण है, घरेलू और निर्यात बाजार में कितनी मात्रा का व्यापारिक राजस्व है, ब्रॉन्ड की क्या साख है और टीम ने बताया कि कैसे कई मुकदमों में दिल्ली हाईकोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला दिया, साथ ही डोमेन के नाम पर हुए विवाद में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन और 'इंडियन नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया' के प्रतिनिधियों ने भी केवीआईसी के पक्ष में फैसला दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा सिंह ने 26 जुलाई, 2022 को दिए फैसले में कहा कि खादी और चरखा ट्रेडमार्क 'पहचाने जाने योग्य ट्रेडमार्क' हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह से 'खादी' का उपयोग, खासतौर पर स्वास्थ्य उत्पादों के मामले में गुणवत्ता को लेकर गहरी चिंताएं पैदा करता है, इसके अलावा केवीआईसी के अधिकारों का तो उल्लंघन करता ही है। कोर्ट ने 'डोमेन नेम रजिस्ट्रार' को संबंधित डोमेन को केवीआईसी के पक्ष में हस्तांतरित करने का आदेश दिया। इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। गैर-परंपरागत तरीके से कोर्ट ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री को स्वत: संज्ञान लेते हुए 'खादी बाई हेरिटेज' द्वारा दर्ज किए गए सभी आवेदन रद्द करने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस संबंध में प्रभावी आदेश को चार हफ्तों के भीतर ट्रेडमार्क रजिस्ट्री के पोर्टल पर प्रदर्शित करना होगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि संस्थान ने अपनी वेबसाइट और दूसरे ऑनलाइन माध्यमों पर 'खादी' चिन्ह का गलत इस्तेमाल अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए किया है और केवीआईसी के चिन्ह का इस तरीके का गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। केवीआईसी के अधिकारों को मानते हुए कोर्ट ने 10 लाख रुपये का मुआवजा और 2 लाख रुपये की कीमत, केवीआईसी को चुकाए जाने का आदेश भी दिया है।
इसी दिन कोर्ट ने केवीआईसी द्वारा खादी डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (केडीसीआई) के खिलाफ लगाए गए मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि खादी ट्रेडमार्क और चरखा चिन्ह पहचाने जाने योग्य ट्रेडमार्क हैं और इनका गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। केडीआईसी मिस एंड मिसिज इंडिया खादी नाम से कार्यक्रम भी करवा रही थी। संस्थान के संस्थापक अंकुश अनामी के कृत्यों पर कठोर प्रतिक्रिया जारी करते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि केवीआईसी के लिए, प्राथमिक तौर पर वकील ने जो सामग्री उपलब्ध कराई है, उससे पता चलता है कि रोकथाम आदेश अपने खिलाफ पास होने के बावजूद केडीसीआई खादी ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करते हुए मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ संपर्क कर रहा था।
इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा, "हमें खुशी है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने खादी ट्रेडमार्क का गलत इस्तेमाल करने वालों को कड़ा संदेश दिया है। यह एक कीमती ब्रॉन्ड है और हम किसी तीसरे शरारती पक्ष को इसका आर्थिक लाभ नहीं उठाने देंगे। खादी ट्रेडमार्क को पहचाने जाने योग्य ट्रेडमार्क का दर्जा दिए जाने की घोषणा हमारे लिए गर्व की बात है।"
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एमजी/एएम/केसीवी/एसएस
(Release ID: 1849130)
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