पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

राज्यमंत्री अश्विनीकुमार चौबे यांच्याकडून महाराष्ट्रातील वन आणि इतर विभागांच्या कामांचा आढावा


शहर वन योजनेंतर्गत महाराष्ट्रासाठी सहा प्रस्तावांना केंद्र सरकारची मंजुरी; नागपूर, यवतमाळ, वाशिम, धुळे आणि पुणे यांना लाभ

Posted On: 29 APR 2022 8:47PM by PIB Mumbai

पुणे, 29 एप्रिल 2022

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन, हवामान बदल आणि ग्राहक व्यवहार, अन्न आणि सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे यांनी आज पुण्यात आयोजित बैठकीत महाराष्ट्रातील या विभागांच्या कामाचा आढावा घेतला. शहर वन योजनेंतर्गत महाराष्ट्रासाठी सहा प्रस्तावांना मंजुरी देण्यात आली आणि वर्ष 2020-21 साठी 449.88 लाख रुपयांची तरतूद करण्यात आली आहे.

नागपूर, यवतमाळ, वाशिम, धुळे आणि पुणे यांना या योजनेचा लाभ झाला आहे. पर्यावरणाच्या संरक्षणासाठी आणि संवर्धनासाठी एकत्रितपणे काम करण्याचे निर्देश त्यांनी अधिकाऱ्यांना दिले. या बैठकीला वन विभाग, भारतीय प्राणीशास्त्र सर्वेक्षण विभाग, भारतीय वनस्पतीशास्त्र सर्वेक्षण विभाग, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडळ, भारतीय अन्न महामंडळ आणि भारतीय मानक ब्युरोसह राज्यातील वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होते.

राज्यातील या सर्व विभागांच्या सुरू असलेल्या प्रकल्पांचा आढावा मंत्र्यांनी घेतला व विविध सूचना केल्या. चौबे यांनी राज्यातील प्रत्येक मोठ्या शहरात सिटी पार्क्स उभारण्याचे आणि प्रत्येक जिल्ह्यात किमान 75 अमृत तलाव बांधण्याचे आवाहन केले. भारतीय प्राणीशास्त्र सर्वेक्षण विभागाने तयार केलेल्या कोयना अभयारण्यावर आधारित पुस्तकाचे प्रकाशनही चौबे यांच्या हस्ते करण्यात आले.

    

 

Important Points

महाराष्ट्र पर्यावरण व वन से संबंधित

- कैम्पा फंड के तहत राज्य को 4129.46 करोड़ आवंटित किए गए है।

- नगर वन योजना के तहत, महाराष्ट्र सरकार द्वारा 9 प्रस्ताव भेजे गए जिसमें भारत सरकार ने 6 प्रस्ताव का अनुमोदन कर 2020-21 एवं  के लिए कुल 449.88 लाख आवंटित किए ।

- 2021-22 में भी अभी तक पहली किस्त के रुप में 314.916 लाख की राशि दे दी गयी है। 

- महाराष्ट्र में इस योजना से नागपुर, यवतमाल, वासिम, धुले एवं पुणे (हडपसर) एवं पुणे (मोहम्मदवाडी) लाभान्वित हुए है।

- स्कूल नर्सरी योजना के तहत महाराष्ट्र सरकार द्वारा 50 स्कूल नर्सरी बनाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया जिसमें 31 स्कूलों के लिए  27.90 लाख रुपये की राशि अनुमोदित की गयी जो आवंटन प्रक्रिया में है।

- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) के तहत राज्य में 18 शहरों को चुना गया है एवं 2019-20 से 2021-22 तक कुल 1293.62 करोड़ की राशि आवंटित की गयी।इसमें मुख्य रूप से औरंगाबाद, नागपुर, नासिक, पुणे, सोलापुर, ठाणे हैं।

- 15वें वित्त आयोग द्वारा वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य के छ: शहरो को चुना गया एवं 2020-21 में 1193 करोड़ की राशि आवंटित की गयी। 2021-22 में 2188 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है। 

- पिछले दो वर्षों में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है।

- देश में कुल मैंग्रोव क्षेत्र 4,992 वर्ग किमी है, इसमें 17 वर्ग किमी क्षेत्र की वृद्धि दर्ज की गई

क्षेत्रफल के हिसाब से, मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं।

समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता एवं संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) की अवधि छह माह और यानी सितंबर 2022 (चरण VI) तक बढ़ा दी है।

- पीएम-जीकेएवाई का चरण-V  मार्च 2022 में समाप्त होने वाला था।

- उल्‍लेखनीय है कि पीएम-जीकेएवाई को अप्रैल 2020 से ही दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के रूप में लागू किया जाता रहा है।

- सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं एवं अगले 6 महीनों में सितंबर 2022 तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू जाएगा।

 

- इस योजना के तहत पूरे भारत में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर किया जाएगा और पहले की तरह ही इस योजना के लिए आवश्‍यक धनराशि का इंतजाम पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा ही किया जाएगा।

- भले ही कोविड-19 महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम हो गया हो और देश में आर्थिक गतिविधियां निरंतर तेज गति पकड़ रही हों, लेकिन पीएम-जीकेएवाई की अवधि बढ़ाने से यह सुनिश्चित होगा कि आर्थिक रिकवरी के मौजूदा समय में कोई भी गरीब परिवार भूखा सोने पर विवश न हो।

- विस्तारित पीएम-जीकेएवाई के अंतर्गत, प्रत्येक लाभार्थी को एनएफएसए के तहत मिल रहे खाद्यान्न के अपने सामान्य कोटे के अलावा प्रति-व्यक्ति प्रति-माह, अतिरिक्त 5 किलो निःशुल्क राशन मिलेगा। इसका मतलब है कि प्रत्येक गरीब परिवार को सामान्य मात्रा से लगभग दोगुना राशन मिलेगा।                      

- उल्लेखनीय है कि सरकार ने पीएम-जीकेएवाई के तहत चरण V तक लगभग 759 एलएमटी खाद्यान्न निःशुल्क आवंटित किया था।

- इस विस्तार (चरण VI) के तहत, 244 एलएमटी निःशुल्क खाद्यान्न के साथ, पीएम-जीकेएवाई के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का कुल आवंटन अब 1,003 एलएमटी हो गया है।

- देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों पर लागू ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना के माध्यम से किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा निःशुल्क राशन का लाभ उठाया जा सकता है। अब तक, इस योजना के तहत हुए 61 करोड़ से अधिक लेन-देन के जरिये लाभार्थियों को उनके घरों से दूर लाभ मिला है।                    

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना प्रतिमाह आवंटन (in MT)महाराष्ट्र में

गेहूं- 1,96,433

चावल- 153652

पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) चरण VI के लिए, खाद्यान्न उठाना अभी शुरू नहीं हुआ है।

One nation one card

महाराष्ट्र में अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन केवल 1.5 लाख है जो कि संख्या में बहुत कम है क्योंकि महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां आजीविका के लिए विभिन्न राज्यों से बहुत सारे प्रवासी आते हैं।

फोर्टिफिकेशन चावल:-

देश में कुपोषण,  विशेष रूप से रक्ताल्पता (एनीमिया), की स्थिति चिंता का विषय है। भारत में एनीमिया एक स्‍थानिक रोग है तथा यह एक सामान्य और खतरनाक बीमारी है। रक्ताल्पता (एनीमिया) और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍वों के अभाव जैसी कमियों को पूरा करने के लिए,  आहार में विविधता, पूरक तत्‍व, जैव-फोर्टिफिकेशन, खाद्य फोर्टिफिकेशन जैसे विकल्‍पों को अपनाया जा सकता है।

खाद्य फोर्टिफिकेशन कार्यक्रमों में चावल के फोर्टिफिकेशन के लिए कई संभावनाएं हैं जिससे भारतीय जनसंख्‍या के लगभग 65 प्रतिशत की जरूरतें पूरी होती हैं और देश के सर्वाधिक वंचित और निर्धन वर्गों तक पहुंच सुनिश्चित की जाती है।

फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (एफआरके) के लिए एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित सूक्ष्‍म पोषक तत्‍वों (आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन बी12) से लेकर सामान्‍य चावल (कस्‍टम मिल्‍ड चावल) जो 1:100 के अनुपात में (1 कि.ग्रा. एफआरके के साथ 100 किलोग्राम कस्टम मिल्ड चावल का मिश्रण) मिलाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल सुगंध, स्वाद और दिखने में पारंपरिक चावल के लगभग समान होते हैं। चावल की मिलों में इस प्रक्रिया को चावल की मिलिंग के समय और बोरियों में भरने (पैकेजिंग) से पहले किया जाता है।

इस स्कीम के तहत नवम्बर, 2021 तक लगभग 3.15 लाख टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया गया है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल का फोर्टिफिकेशन और उसका वितरण" पर केंद्र प्रायोजित पायलट योजना 2019-20 से शुरू होकर 3 साल की अवधि के लिए लागू की गई थी।

महाराष्ट्र सहित ग्यारह (11) राज्यों ने पायलट योजना के तहत अपने चिन्हित जिलों (प्रति राज्य 1 जिला) में गढ़वाले चावल का सफलतापूर्वक वितरण किया।

महाराष्ट्र सरकार ने पायलट योजना में सीएसआर के तहत टाटा ट्रस्ट के सहयोग से फरवरी, 2020 से गढ़चिरौली जिले में फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू किया। जून, 2021 में बंद होने तक गढ़चिरौली जिले में लगभग 54,000 मीट्रिक टन गढ़वाले चावल वितरित किए गए थे। पायलट योजना 31.03.2022 को समाप्त हो गई है।

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PIB Pune | M.Iyengar/V.Joshi/D.Rane

 

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