भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने विलय और अधिग्रहण के लिए लंबे फॉर्म को संशोधित किया

Posted On: 04 APR 2022 6:17PM by PIB Delhi

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 31 मार्च 2022 को जारी अधिसूचना संख्या सीसीआई/सीडी/संशोधन/संयोजन विनियमन/2022 के माध्यम से फॉर्म-II (यानी विलय अधिसूचना का लंबा रूप) के संशोधित प्रारूप को अधिसूचित किया है। यह संशोधन उस सामग्री और सूचना के प्रारूप को संशोधित करता है जिसे संबंधित पक्षों द्वारा धारा 6(2) के तहत फाइल करने के लिए उपयोग किया जाता है, जहां संयोजन के बाद मार्केट शेयर क्षैतिज ओवरलैप के मामलों में 15% से अधिक और वर्टिकल इंटरफेस के मामलों में 25% से अधिक होता है। आम तौर पर, ये ऐसे मामले हैं जिनमें भारत में प्रतिस्पर्धा पर संयोजन के संभावित प्रभाव का आकलन करने के लिए विस्तृत जांच की आवश्यकता होती है।

संशोधित फॉर्म-II पहली मई 2022 से प्रभावी होगा। संशोधित फॉर्म को प्रभावी बनाने के लिए एक महीने की अवधि दी गई है। एक महीने की समयावधि अधिसूचित करने वाले पक्षों को संशोधित प्रपत्र-II से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगी।

फॉर्म- II में संशोधन सीसीआई द्वारा व्यापार करने में आसानी, पक्षों पर अनुपालन बोझ को कम करने और संयोजन के मूल्यांकन को अधिक उद्देश्यपूर्ण तथा केंद्रित बनाने की दिशा में किए गए उपायों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। इससे पहले, सीसीआई ने अगस्त 2019 में फॉर्म - I (यानी विलय अधिसूचना का संक्षिप्त रूप) में भी संशोधन किया था। इस फॉर्म का उपयोग पक्षों द्वारा संयोजन के लिए आयोग की मंजूरी की मांग करते समय जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है, जहां विलय के बाद संयुक्त बाजार हिस्सेदारी महत्वपूर्ण नहीं है। फॉर्म- I में संशोधन के बाद मार्च 2020 में जारी किए गए फॉर्म – I के लिए विस्तृत मार्गदर्शन नोट दिए गए थे, जिसमें पक्षों द्वारा ग्रीन चैनल का लाभ उठाने के लिए दायर की जाने वाली जानकारी की प्रकृति एवं दायरे और विस्तृत मानदंड पर स्पष्टीकरण प्रदान किया गया था।

फॉर्म – II में संशोधन का उद्देश्य दोहराव को दूर करना और सूचना की आवश्यकता को सीमित करना है ताकि वे विलय के मूल्यांकन के उद्देश्य से केंद्रित और प्रासंगिक बने रहें, सामान्य विषय पर सूचनाओं को उपयुक्त रूप से समूह में रखें तथा बेहतर नियंत्रण के लिए अधिसूचना में प्रस्तुत सामग्री पर सूचना के प्रवाह को सुव्यवस्थित करें। इसके अलावा, संशोधित लंबे फॉर्म का सांचा छोटे फॉर्म की संरचना पर आधारित होता है ताकि विलय अधिसूचना के मॉड्यूलर फॉर्मेट हों, जो छोटे फॉर्म से लंबे फॉर्म में जाने के लिए आवश्यक समय और मेहनत को कम कर दें। इसके अलावा, विलय के नियमन के कारणों का त्याग किए बिना लंबे फॉर्म में संशोधन किया गया है। संशोधित लंबे फॉर्म का उद्देश्य सुविधा और प्रवर्तन कार्यों के बीच संतुलन बनाना तथा अनुपालन की संस्कृति बनाना है।

सीसीआई का इरादा संशोधित फॉर्म-II के लिए उचित समय पर मार्गदर्शन नोट जारी करने का भी है। यह मार्गदर्शन नोट संशोधित फॉर्म-II में प्रश्नों को विस्तृत करेगा और मौजूदा फॉर्म-II से कुछ व्याख्यात्मक प्रश्न शामिल करेगा।

संयोजन विनियमन में संशोधन www.cci.gov.in पर उपलब्ध हैं।

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