आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
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'लक्ष्य जीरो डंपसाइट': भारत सरकार ने तेलंगाना के 178.6 करोड़ रुपए लागत से  पारंपरिक कचरा समाधान प्रस्ताव को मंजूरी दी


तेलंगाना 32.5 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक कचरा समाधान और राज्य भर में 842 एकड़ से अधिक भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है;

दिसंबर 2022 तक 45 शहरी स्थानीय निकायों का पूर्ण समाधान

Posted On: 29 MAR 2022 7:54PM by PIB Delhi

अति-प्रतिस्पर्धी भविष्य के साथ पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता बढ़ रही है। भारत भविष्य की जरूरतों को समझता है और पारंपरिक कचरा प्रबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी नीतियों पर तेजी से काम कर रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन के विजन के तहत, भारत ने मिशन अवधि के भीतर 'लक्ष्य जीरो डंपसाइट्स' तक पहुंचने का संकल्प लिया है। पारंपरिक कचरे का समाधान देश भर में मूल्यवान भूमि को फिर से प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा, यह देश को 'कचरा मुक्त शहर' के अपने सपने के करीब भी ले जाएगा, जो निवासियों को अपेक्षाकृत एक स्वस्थ भविष्य प्रदान करेगा।

लगभग 16 करोड़ मीट्रिक टन (एमटी) पारंपरिक कचरे ने देश भर में लगभग 15,000 एकड़ प्रमुख भूमि को कवर किया है। इस प्रकार मिशन 'लक्ष्य जीरो डंपसाइट्स' समय की मांग है, जो शहरी परिदृश्य को फिर से जीवंत करने की दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।

एक ऐतिहासिक पहल में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का शुभारंभ किया। मिशन के तहत, सरकार का लक्ष्य नागरिकों की बेहतरी के लिए शहरी इको-सिस्टम में सुधार लाना है। सेवा के प्रति पूरी तरह से ध्यान देते हुए और प्रतिबद्धता के साथ, दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान सतत शहरीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

तेलंगाना डंपसाइट्स की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके लिए शहरों के पारंपरिक कचरे के तत्काल समाधान की आवश्यकता है। पूरे तेलंगाना में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में उत्पन्न नगरपालिका ठोस कचरे से निपटने के लिए, 123 शहरी स्थानीय निकायों ने पारंपरिक कचरे के ढेरों के समाधान का प्रस्ताव दिया है।

इसके अलावा, पारंपरिक कचरे के अन्य इस्तेमाल हेतु परिवर्तित करने के लिए, राज्य में 123 नगर पालिकाओं में जैव-खनन का एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 123 शहरी स्थानीय निकायों के लिए बायो माइनिंग के माध्यम से मौजूदा डंप साइट के सुधार और समाधान के लिए एक एजेंसी के चयन के लिए आरएफपी जारी किया गया है। इसके अलावा, एसबीएम मानदंडों के अनुसार सभी 9 समूहों के लिए एजेंसियों का चयन किया गया है। तेलंगाना दिसंबर 2022 तक 45 शहरी स्थानीय निकायों के पूर्ण समाधान के लक्ष्य को प्राप्त करने पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।

निजामाबाद नगर निगम ने 51 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए 4.6 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक कचरे को हटाने की योजना बनाई है। वारंगल, खम्मम और करीमनगर जैसे शहरी स्थानीय निकाय क्रमशः 4 लाख मीट्रिक टन, 2.7 लाख मीट्रिक टन और 2.25 लाख मीट्रिक टन की सफाई करने के लिए पारंपरिक डंपसाइट को सुधारने की योजना बना रहे हैं।

इस बीच, विभिन्न शहरों ने कचरा मुक्त शहरों के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए डंपसाइट उपचार के मुद्दे के महत्व को प्राथमिकता देते हुए पारंपरिक कचरा प्रबंधन में रुचि दिखाई है। इसे ध्यान में रखते हुए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव सचिव की अध्यक्षता में 280 शहरों के पूर्ण  समाधान के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

इस संबंध में, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने तेलंगाना में पारंपरिक अपशिष्ट डंपसाइट के समाधान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य कुल 32.5 लाख मीट्रिक टन पारंपरिक कचरे का उपचार करना और राज्य भर में 842 एकड़ से अधिक भूमि को इसके इष्टतम उपयोग के लिए पुनः प्राप्त करना है। इस परियोजना के लिए  178.6 करोड़ रुपए की लागत मंजूर की गई है।

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