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एनएमसीजी ने 7वें स्मार्ट सिटीज इंडिया एक्सपो में पवेलियन स्थापित किया


डीजी, एनएमसीजी ने 'अर्थ गंगा फॉर स्मार्ट सिटीज' चर्चा में भाग लिया

यमुना पर रिठाला, कोंडली और ओखला में एनएमसीजी द्वारा वित्त पोषित 3 मुख्य एसटीपी दिसंबर, 2022 तक पूरे हो जाएंगे: डीजी एनएमसीजी

"अर्थ गंगा का तात्पर्य अर्थशास्त्र के पुल के माध्यम से लोगों और गंगा को जोड़ना है"

प्रविष्टि तिथि: 24 MAR 2022 7:47PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक, श्री जी. अशोक कुमार ने जारी 7वें स्मार्ट सिटीज इंडिया एक्सपो में आज 'अर्थ गंगा फॉर स्मार्ट सिटीज' पर एक सत्र में भाग लिया। एनएमसीजी ने एक्सपो में 23 मार्च से 25 मार्च 2022 तक तीन दिनों के लिए एक पवेलियन स्थापित किया है, जिसका उद्घाटन कल हुआ था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री जी. अशोक कुमार ने नमामि गंगे कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण देते हुए शुरुआत की और कहा कि गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों को भी साफ करना कार्यक्रम का उद्देश्य है। उन्होंने नमामि गंगे कार्यक्रम के जैव विविधता पहलू जिसमें गंगा डॉल्फिन शामिल है पर जोर दिया, जो संपूर्ण कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है।

श्री कुमार ने श्रोताओं को जानकारी दी कि इस साल दिसंबर के अंत तक, यमुना पर एनएमसीजी द्वारा वित्त पोषित  3 मुख्य एसटीपी को पूरा किया जाएगा, जिसमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं, जो एशिया के सबसे बड़े एसटीपी में से एक है। इससे नालों से आने वाले गंदे पानी को यमुना में गिरने से रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अर्थ गंगा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, अर्थ गंगा के लिए हमारा नारा है - "बैंकिंग ऑन रिवर गंगा" यानी अर्थ गंगा का विचार मुख्य रूप से लोगों और गंगा को अर्थशास्त्र के पुल के माध्यम से जोड़ना है। उन्होंने अर्थ गंगा के छह स्तंभों के बारे में भी बात की जिसमें तलछट का मुद्रीकरण (किसानों को प्राकृतिक खाद उपलब्ध कराकर), उपचारित पानी का मुद्रीकरण, घाट बनाना आदि के साथ  बाजार/पर्यटन, संस्था निर्माण और क्षमता निर्माण आदि शामिल हैं ।

अन्य वक्ताओं ने तलछट प्रबंधन के महत्व पर विचार किया और इस के तरीके सुझाए। उन्होंने संस्कृति, पर्यटन आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में अर्थ गंगा की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी। वक्ताओं ने अर्थ गंगा मॉडल के लिए संभावित चुनौतियों, समाधानों और इसके तय परिणामों को प्राप्त करने के लिए आगे की योजना पर विचार-विमर्श किया। इसमें लोगों का नदी के साथ जुड़ाव मजबूत करने, सर्कुलर वॉटर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, कृषि के लंबे समय तक जारी रहने वाले तौर तरीकों को अपनाने, नदी के इकोसिस्टम और जैव विविधता की सुरक्षा और संरक्षण , स्थानीय जलवायु परिवर्तन का असर कम करने के समाधान और प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता जैसे  विषयों पर चर्चा हुई।

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एमजी/एएम/एसएस
 


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