सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) - त्रैमासिक बुलेटिन (अप्रैल- जून 2021)

Posted On: 14 MAR 2022 3:53PM by PIB Delhi

ए- परिचय

एक निश्चित व छोटे समय अंतराल पर श्रम बल डेटा की उपलब्धता के महत्व को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) शुरू किया था।

पीएलएफएस का उद्देश्य मुख्य रूप से है:

'वर्तमान साप्ताहिक स्थिति' (सीडब्‍ल्‍यूएस) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तीन माह के अल्‍पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात श्रमिक-जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना।

प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस + एसएस) और सीडब्‍ल्‍यूएस दोनों में रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना।

पीएलएफएस में एकत्रित आंकड़ों के आधार पर, पीएलएफएस की तीन वार्षिक रिपोर्टें जुलाई 2017 - जून 2018, जुलाई 2018 - जून 2019 और जुलाई 2019 - जून 2020 की अवधि के अनुरूप हैं और जिसमें सामान्य स्थिति (पीएस + एसएस) तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्‍ल्‍यूएस) दोनों में रोजगार व बेरोजगारी के सभी महत्वपूर्ण मापदंडों के अनुमान दिए गए हैं।

दिसंबर 2018, से मार्च 2021 को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिए पीएलएफएस के नौ तिमाही बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन तिमाही बुलेटिन में लिए शहरी क्षेत्रों में श्रम बल संकेतकों के आधार पर अनुमान लगाए जाते हैं, जिनमे प्रमुख हैं - श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के तहत रोजगार और कार्य- उद्योग की व्यापक स्थिति के आधार पर श्रमिकों का वितरण।

वर्तमान तिमाही बुलेटिन मार्च- जून 2021 की तिमाही के लिए श्रृंखला में ग्यारहवां है।

COVID-19 महामारी के दौरान पीएलएफएस फील्डवर्क

कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण, देश के अधिकांश हिस्सों में पीएलएफएस का फील्ड वर्क 19.04.2021 से निलंबित कर दिया गया था। जून 2021 के पहले सप्ताह में कोविड-19 संबंधित प्रोटोकॉल्स के साथ क्षेत्र का काम धीरे-धीरे फिर से शुरू किया गया था। अप्रैल-जून 2021 की तिमाही के लिए आवंटित नमूनों के संबंध में सूचना का एकत्रीकरण 30.09.2021 (पहली यात्रा के लिए) और 30.06.2021 (पुनरीक्षण के लिए) तक पूरा कर लिया गया था। विलंबित नमूनों के मामले में पहले दौरे के नमूनों को पूर्वव्यापी संदर्भ के साथ भौतिक रूप से प्रचारित किया गया। जबकि पुनरीक्षण के नमूने टेलीफोन द्वारा प्रचारित किए गए थे इसलिए निर्धारित समय सीमा के अनुसार पूरे किए गए थे।

बी. पीएलएफएस के तहत नमूने की संरचना

- अर्थात शहरी क्षेत्रों में एक रोटेशनल पैनल नमूना संरचना है। इस रोटेशनल पैनल स्‍कीम में शहरी क्षेत्रों के प्रत्‍येक चयनित परिवार के यहां चार बार आगमन होता है। प्रथम आगमन के तय कार्यक्रम के अनुसार इसकी शुरुआत की जाती है और बाद में ‘पुनर्आगमन’ कार्यक्रम के अनुसार समय-समय पर तीन बार आगमन सुनिश्चित किया जाता है। शहरी क्षेत्र में प्रत्‍येक स्‍तर के भीतर एक पैनल के लिए नमूने दरअसल दो स्‍वतंत्र उप-नमूनों के रूप में लिए गए। रोटेशन योजना के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रथम चरण वाली नमूना इकाइयों (एफएसयू) [1] के 75 प्रतिशत का मिलान दो निरंतर आगमन के बीच अवश्‍य हो जाए।

सी. नमूने का आकार:

अखिल भारतीय स्तर पर, शहरी क्षेत्रों में, अप्रैल- जून 2021 तिमाही के दौरान कुल 5,619 एफएसयू (यूएफएस ब्लॉक) का सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण में शहरी परिवारों की संख्या 43,892 थी और शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 1,70,187 थी।

त्रैमासिक बुलेटिन के लिए महत्‍वपूर्ण रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों की अवधारणात्‍मक रूपरेखा : आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में महत्‍वपूर्ण रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों जैसे कि श्रम बल भागीदारी दरों (एलएफपीआर) कामगार-जनसंख्‍या अनुपात ( डब्‍ल्‍यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), इत्‍यादि के अनुमान दिए जाते हैं। इन संकेतकोंऔर वर्तमान साप्ताहिक स्थिति को नीचे परिभाषित किया गया है:

ए. श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को कुल आबादी में श्रम बल के अंतर्गत आने वाले व्‍यक्तियों (अर्थात कहीं कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिए उपलब्‍ध) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।

कामगार-जनसंख्‍या अनुपात (डब्‍ल्‍यूपीआर): डब्‍ल्‍यूपीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्‍त व्‍यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।

बेरोजगारी दर (यूआर) : इसे श्रम बल में शामिल कुल लोगों में बेरोजगार व्‍यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।

वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) : सर्वेक्षण की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि की स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है।अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए तिमाही बुलेटिन मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in) पर उपलब्ध है। मुख्य परिणाम संलग्न विवरण (स्टेटमेंट) में दिए गए हैं।

 

अनुलग्नक

पीएलएफएस, तिमाही बुलेटिन (अप्रैल- जून 2021) के प्रमुख विवरण

विवरण 1: 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

(1)

(2)

(3)

(4)

अप्रैल -जून 2020

71.7

19.6

45.9

जुलाई- सितंबर 2020

73.5

20.3

47.2

अक्टूबर- दिसंबर 2020

73.6

20.6

47.3

जनवरी- मार्च 2021

73.5

21.2

47.5

अप्रैल- जून 2021

73.1

20.1

46.8

 

विवरण 2: 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस में डब्ल्यूपीआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

(1)

(2)

(3)

(4)

अप्रलै – जून 2020

56.9

15.5

36.4

जुलाई- सितंबर 2020

64.3

17.1

40.9

अक्टूब- दिसंबर 2020

66.7

17.9

42.4

जनवरी- मार्च 2021

67.2

18.7

43.1

अप्रलै- जून 2021

64.2

17.2

40.9

 

 

विवरण 3: शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस में यूआर (प्रतिशत में)

अखिल भारतीय

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

एनएसएस सर्वेक्षण अवधि

(1)

(2)

(3)

(4)

अप्रैल- जून 2020

20.7

21.1

20.8

जुलाई- सितंबर 2020

12.6

15.8

13.2

अक्टूबर- दिसंबर 2020

9.5

13.1

10.3

जनवरी- मार्च 2021

8.6

11.8

9.3

अप्रैल- जून 2021

12.2

14.3

12.6

 

***

 

एमजी /एएम/ केजे


(Release ID: 1806016)
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