रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा-2021


सेना में एमबीटी अर्जुन एमके -1ए, वायुसेना में एलसीए (तेजस), भारतीय नौसेना और आईसीजी में एएलएच एमके- तृतीय शामिल होने के साथ 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा

सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण; सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की अनुमति; सैन्य पुलिस कोर में महिला कर्मियों को शामिल करना; एनडीए में महिला कैडेटों को प्रवेश मिलेगा; सैनिक स्कूलों में छात्राओं को प्रवेश

सीमा से लगे इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा: 2021 में बीआरओ द्वारा निर्मित लगभग 100 पुलों, सड़कों, सुरंगों का उद्घाटन

भारतीय सशस्त्र बलों और मुक्ति योद्धा की वीरता को याद करते हुए भारत ने स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया

सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करते हुए स्वायत्तता प्रदान करने, दक्षता बढ़ाने और नयी विकास क्षमता प्रदान करने के लिये ओएफबी को सात नयी रक्षा कंपनियों में परिवर्तित किया गया

एनजीओ और निजी संस्थाओं के साथ साझेदारी में खोले जाने वाले 100 और स्कूलों के साथ सैनिक स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिये पहल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करते हुए एनसीसी ने 173 सीमावर्ती और तटीय जिलों में एक लाख और कैडेटों को शामिल किया

Posted On: 31 DEC 2021 6:35PM by PIB Delhi

मुख्य बिंदु

आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम

· भारत को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये वर्ष के दौरान कई प्रमुख पहल शुरू की गयी हैं। रक्षा में आत्मनिर्भरता का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ाना और देश को इस क्षेत्र में एक शुद्ध निर्यातक बनाना है।

· भारतीय सेना के लिये उपकरणों की योजना बनाने और खरीद के लिये 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' को खास तौर पर प्रोत्साहन दिया गया है, जिसमें देश के उभरते रक्षा उद्योग को समर्थन देने का प्रयास है।

· एलसीए (तेजस), अरुधरा और अश्लेषा रडार, हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाला आकाश मिसाइल सिस्टम, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर आदि सिस्टम को आईएएफ की सूची में शामिल किया गया था, जो 'आत्मनिर्भर भारत ' की सोच के प्रति आईएएफ की प्रतिबद्धता को साबित करता है।

· एमबीटी 'अर्जुन' एमके-1ए को 14 फरवरी 2021 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय सेना को सौंप दिया गया था और 23 सितंबर, 2021 को भारतीय सेना के लिये रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 118 अर्जुन एमके-1ए मुख्य युद्धक टैंकों (एमबीटी) की आपूर्ति के लिए भारी वाहन कारखाने (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को एक ऑर्डर दिया ।

· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 19 नवंबर 2021 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुंसधान प्रयोगशाला (डीएलआरएल) हैदराबाद द्वारा डिजाइन और विकसित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली 'शक्ति' भारतीय नौसेना को सौंपी गयी।

· स्वदेशी विमान वाहक पोत 'विक्रांत' ने अगस्त 2021 में अपनी पहली समुद्री यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया। कुछ अन्य समान उपलब्धियों के साथ ये उपलब्धि भारतीय नौसेना के लिये स्वदेश में तैयार सबसे बड़े प्लेटफॉर्म के प्रति भरोसे और आत्मनिर्भर भारत की हमारी कोशिशों पर देशवासियों के भरोसे को मजबूत करेगा। विक्रांत को 15 अगस्त 2022 में कमीशन किये जाने का लक्ष्य है।

· प्रोजेक्ट 15बी का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा 28 अक्टूबर, 2021 को मुंबई में भारतीय नौसेना को दिया गया था और रक्षा मंत्री द्वारा 21 नवंबर, 2021 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया।

 

· दो परिष्कृत और शक्तिशाली प्लेटफॉर्म करंज और वेला को क्रमशः 10 मार्च 21 और 25 नवंबर 21 को कमीशन किया गया, जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक सामग्री स्वदेशी है, और अत्याधुनिक हथियार लगे हैं और जो पश्चिमी समुद्र तट में हमारे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उपयुक्त हैं।

· 10 से 13 मार्च 2022 तक गुजरात के गांधीनगर में होने वाले आगामी डिफेक्सपो-2022 की योजना आजादी का अमृत महोत्सव के अनुरूप बनाई जा रही है और भारत@75 प्रदर्शित करने के लिये घरेलू रक्षा विनिर्माण उद्योग को उसके पूरे विस्तार के साथ शामिल किया जायेगा।

 

· रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 14 दिसंबर 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से और रक्षा मंत्रालय के विशेष सप्ताह के रूप में आयोजित एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित पांच उत्पाद सौंपे।

· रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते सौंपे। सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पादों में एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और हल्के फायर फाइटिंग सूट शामिल हैं।

· ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के वायु संस्करण का 8 दिसंबर, 2021 को सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया । सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के विकास, उत्पादन और मार्केटिंग के लिए भारत (डीआरडीओ) और रूस (एनपीओएम) के बीच ब्रह्मोस एक संयुक्त उद्यम है।

· डीआरडीओ द्वारा विकसित सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टारपीडो सिस्टम को 13 दिसंबर 2021 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

· सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करते हुए आयुध निर्माणी बोर्ड को स्वायत्तता प्रदान करने और दक्षता बढ़ाने के लिये और आयुध कारखानों में नई विकास क्षमता  के लिए सात नये रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में परिवर्तित कर दिया गया है। नये रक्षा सार्वजनिक उपक्रम 1 अक्टूबर, 2021 से कार्यरत हो गये हैं।

 

सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण

· रक्षा सेवाओं में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में रक्षा मंत्रालय द्वारा कई पहल की गयी हैं। सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों का स्थायी कमीशन लागू किया गया है।

· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान एक घोषणा की थी कि पूरे भारत में सभी सैनिक स्कूल अब बालिकाओं के लिए खुलेंगे। सभी सैनिक स्कूल अब बालिकाओं को प्रवेश दे रहे हैं और अब तक 350 से अधिक छात्राओं को प्रवेश दिया जा चुका है।

· सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कंपनियों (आरसीसी) की कमान के लिए बीआरओ ने महिला अधिकारियों को नियुक्त किया। अप्रैल 2021 में, एक जीआरईएफ अधिकारी वैशाली एस हिवासे ईई (सिविल) ने 83 रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी की बागडोर संभाली और जिन्होने मुनस्यारी-बुगदियार-मिलम को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण भारत-चीन सड़क रोड के निर्माण की जिम्मेदारी उठाई।

· सरकार ने अब देश की लड़कियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। आवश्यक प्रशासनिक प्रशिक्षण और नीतिगत परिवर्तन किये गये हैं। एनडीए के जून 2022 के पाठ्यक्रम में महिला कैडेटों का पहला बैच शामिल होगा।

· 3 फरवरी, 2021 को महिला नेवल ऑपेरेशंस अधिकारियों के पहले बैच को रोटरी विंग में शामिल किया गया और उन्हें आईएनएस गरुड़, कोच्चि के हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन आईएनएएस 336 में तैनाती मिली। लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और लेफ्टिनेंट रीति सिंह ने युद्धपोतों से हवाई कर्मी के रूप में लड़ाकू वायुयानों का संचालन किया।

 

स्वर्णिम विजय वर्ष

 

· भारत ने दिसंबर 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर राष्ट्र की जीत को याद करते हुए, वर्ष भर चलने वाले स्वर्णिम विजय वर्ष का जश्न मनाया, जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इसका समापन 16 दिसंबर, 2021 को स्वर्णिम विजय दिवस के उत्सव के साथ हुआ। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुरों, मुक्तियोद्धाओं, बीरांगनाओं की वीरता और बलिदान को याद किया।

· राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में बांग्लादेश के ढाका में स्वर्णिम विजय दिवस परेड में भी भाग लिया।

· 17 दिसंबर 2021 को बांग्लादेश में 1971 के युद्ध में विजय के 50 वें वर्ष और बांग्लादेश के नये देश के रूप में निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित परेड में भारतीय सेना की टुकड़ी ने अन्य सैन्य सेवाओं के साथ भाग लिया ।

 

सीमा से लगे इंफ्रास्ट्रक्चर में मजबूती

 

· सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा मंत्रालय का मुख्य जोर सड़क और परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर है, जिसका उद्देश्य रक्षा तैयारियों को मजबूत करना और साथ ही इन क्षेत्रों में स्थानीय आर्थिक विकास को मदद देना है।

· 28 जून 2021 को, रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित सड़कों और पुलों की 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

· समुद्र तल से 19,024 फीट की ऊंचाई पर पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर बीआरओ द्वारा निर्मित सड़क अब अधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क बन गयी है। सड़क का उद्घाटन माननीय रक्षामंत्री द्वारा 28 दिसंबर, 2021 को वर्चुअल माध्यम से किया गया था।

· माननीय रक्षा मंत्री ने 28 दिसंबर, 2021 को चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ द्वारा निर्मित 24 पुलों और तीन सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया। 24 पुलों में से नौ जम्मू और कश्मीर में हैं; लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में पांच-पांच; उत्तराखंड में तीन और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक हैं। तीन सड़कों में से दो लद्दाख में हैं।

· बीआरओ ने देश भर में यात्रा करके 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने और राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र निर्माण और सड़क सुरक्षा जागरूकता का संदेश फैलाने के लिये "इंडिया@75" मोटरसाइकिल अभियान का आयोजन किया। 14 अक्टूबर, 2021 को माननीय रक्षा मंत्री द्वारा अभियान को हरी झंडी दिखाई गई। रक्षा सचिव ने 27 दिसंबर, 2021 को अभियान का समापन किया।

 

एनसीसी: राष्ट्र की सेवा में

· एनसीसी के कैडेटों ने अगस्त 2021 के महीने में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के उत्सव के एक हिस्से के रूप में 75 स्थानों पर मूर्तियों की सफाई और कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक का आयोजन करके शहीदों, युद्ध नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। एनसीसी ने 13 जगहों पर शहीद वीरों के परिजनों का अभिनंदन भी किया जो कि गैलेंट्री वेब पोर्टल पर सीधे प्रसारित भी हुआ।

· प्रत्येक एनसीसी यूनिट ने अपने उत्तरदायित्व क्षेत्र में प्रमुख व्यक्तियों/शहीद नायकों की प्रतिमा का उत्तरदायित्व लिया है। एनसीसी ने 2187 प्रतिमाओं की जिम्मेदारी ली जिनकी हर सप्ताह सफाई की जाती है। ऐसा ही एक कार्यक्रम जुलाई 2021 से हर हफ्ते वीरता वेब पोर्टल पर लाइव वेबकास्ट किया जाता है।

· माननीय प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 21 को एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया और एनसीसी पूर्व छात्र संघ के पहले पूर्व छात्र के रूप में पंजीकृत हुए।

 

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रक्षा मंत्रालय का योगदान

रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के साथ मिलकर पूरी क्षमता के साथ कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई में आगे बढ़कर योगदान दिया। रक्षा बलों ने कोविड-19 अस्पतालों और 31 मिली जुली सुविधाओं के अस्पतालों के साथ-साथ 21 स्थानों पर क्वारंटाइन सुविधायें स्थापित कीं।

  • डीआरडीओ ने दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी, गांधीनगर, ऋषिकेश, हल्द्वानी, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी और इंफाल में देश भर में विभिन्न स्थानों पर 11 कोविड केयर अस्पतालों का निर्माण किया।
  • कोविड रोगियों को मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिये देश भर में 869 जगहों पर पीएम केयर्स द्वारा वित्त पोषित और डीआरडीओ की तकनीक पर आधारित 931 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित और चालू किये गये।

· डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल), हैदराबाद के सहयोग से डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला, नाभिकीय औषिध तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान द्वारा ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का कोविड ​​​​-19 के इलाज के लिये चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया गया था।

· दक्षिणी नौसेना कमान के आईएनएस शारदा और बहुउद्देश्यीय पोत, एमपीवी मेघना को 21 अप्रैल को लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीपों के द्वीप क्षेत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति बनाये रखने के लिए भारतीय नौसेना की पहल 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के हिस्से के रूप में तैनात किया गया था।

 

वर्ष 2021 की अन्य प्रमुख बातें

 

· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 सितंबर, 2021 को नई दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। कोविड -19 महामारी के बीच निर्माण 12 महीने के रिकॉर्ड समय के भीतर पूरा किया गया था।

· सरकार ने संबद्धता के आधार पर गैर सरकारी संगठनों/निजी स्कूलों/राज्य सरकारों आदि के साथ साझेदारी में सैनिक स्कूल स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। पहले चरण में, प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से 2-3 स्कूलों के साथ कुल 100 सैनिक स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव है।

· एकल सेवा दृष्टिकोण से बढ़कर एकीकृत योजना और क्रियान्वयन की ओर आगे बढ़ने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में, पिछले एक वर्ष में तीन संयुक्त सिद्धांत तैयार किये गये हैं, जबकि चार नये संयुक्त सिद्धांत अर्थात् कैपस्टोन, अंतरिक्ष, साइबर और खुफिया निगरानी एवं टोही (आईएसआर) अग्रिम चरण में हैं।

· भारत के ' टकराव को पूरी तरह से खत्म करने और यथास्थिति की तत्काल बहाली' के रुख से समझौता किये बिना स्थिति की तीव्रता कम करने के लिए चीनी समकक्षों के साथ कई दौर की बातचीत हुई है। इसके लिए वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की 13 दौर की बैठक पहले ही संपन्न हो चुकी है।

· शत्रुवत तत्वों ने अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों को खासतौर पर लक्ष्य बनाकर घाटी में शांति भंग करने के अपने प्रयासों को फिर से सक्रिय कर दिया।  ऐसे क्षेत्रों जहां शक्ति की जरूरत नहीं है वहां अग्रिम कदम और सुरक्षा बलों द्वारा खुफिया सूचना आधारित सीधी कार्रवाई से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन के नापाक मंसूबों का मुकाबला करने में सक्षम रहे हैं।

· सेना ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जम्मू-कश्मीर में आंतरिक स्थिति नियंत्रण में रहे। साल 2021 में सुरक्षाबलों ने कुल 165 आतंकियों को ढेर किया था वहीं सुरक्षाबलों के 39 जवानों ने भी अपनी शहादत दी। वर्ष 2021 में सुरक्षा बलों द्वारा लायी गयी सामान्य स्थिति स्पष्ट रूप से दिखी,  जिसमें पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार ने सकारात्मक रुझान दिखाया।

· भारतीय सेना ने लगातार 'मिशन ओलंपिक' के हिस्से के रूप में युवा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया और टोक्यो ओलंपिक में सूबेदार नीरज चोपड़ा द्वारा प्राप्त एक स्वर्ण पदक के साथ इन प्रयासों का फल भी मिला।

· वर्ष 2021 में दो नयी आपातकालीन लैंडिंग सुविधाओं का उद्घाटन समारोह हुआ। पहला एनएच-925A (गंधव-बखासर खंड, राजस्थान) के साथ था, जिसका उद्घाटन रक्षामंत्री ने 09 सितंबर 21 को किया था। 16 नवंबर 21 को मिराज-2000, सी-130जे और एएन-32 विमान द्वारा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में ईएलएफ की सफल लैंडिंग की गयी थी। उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में ईएलएफ पर  माननीय प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और वायुसेना प्रमुख सी-130जे विमान से उतरे।

· तटीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के विजन डॉक्यूमेंट में समाहित आईसीजी और तटीय पुलिस द्वारा संयुक्त तटीय गश्त (जेसीपी) 20 अगस्त को स्थापित किया गया। कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, स्थानीय तटीय पुलिस कर्मियों और आईसीजी इकाइयों के बीच समन्वय और बेहतर तालमेल के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 20 को जेसीपी की अपने समय पर शुरुआत हुई। 01 जनवरी से 16 दिसंबर 2021 तक कुल 383 समुद्री उड़ानें, 199 क्लासरूम इंस्ट्रक्शन और 985 कर्मियों को जेसीपी उड़ानों के लिए जहाजों पर भेजा गया।

· साल के दौरान 44 माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट सिम्युलेटर और 60 रोइंग सिम्युलेटर की खरीद में सफलता मिली है और इनकी आपूर्ति और इन्हे स्थापित किये जाने का काम प्रगति पर है। सिम्युलेटर आधारित प्रशिक्षण ने वायु सेना और नौसेना कैडेटों के प्रशिक्षण को अत्यधिक उन्नत किया है।

· एयर मार्शल वीआर चौधरी एवीएसएम वीएम ने 30 सितंबर 2021 को वायु सेना प्रमुख (सीएएस) के रूप में पदभार ग्रहण किया। एनडीए के पूर्व छात्र, सीएएस को दिसंबर 82 में भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला था। उन्होंने कई लड़ाकू और प्रशिक्षक विमानों पर 3800 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी है।

· एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर, 2021 को भारतीय नौसेना के नये प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। कुमार ने एडमिरल करमबीर सिंह से 25 वें नौसेना प्रमुख (सीएनएस) के रूप में पदभार ग्रहण किया, जो भारतीय नौसेना में 41 साल से अधिक के अपने करियर के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं।

· अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की स्थिति ने राष्ट्र के लिए एक अनूठी चुनौती पेश की। भारतीय वायुसेना को अफगानिस्तान से भारतीयों और दूसरे देशों के कुछ अन्य नागरिकों को निकालने के लिए बुलाया गया था। पहले कंधार, फिर मजार-ए-शरीफ और अंत में काबुल से नागरिकों को बाहर निकालना शुरू किया गया। अमेरिका और उसके सहयोगियों देशों के सैनिकों की वापसी के परिणामस्वरूप काबुल में अराजकता की स्थिति थी। आईएएफ ने लोगों को निकालने के लिए अपने सी-17 और सी-130जे विमान तैनात किये। कंधार (10 जुलाई 21) और मजार-ए-शरीफ (10 अगस्त 21) से निकासी के लिये दोनो जगह सी-17 का उपयोग किया गया था। इसके अलावा, 132 सरकारी अधिकारियों, 316 भारतीय नागरिकों और अन्य राष्ट्रीयताओं के 126 व्यक्तियों को बचाने के लिए 15 से 28 अगस्त 21के बीच पांच विमान (चार सी-17और एक सी-130जे) का उपयोग किया गया था।

· देश ने अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 12 अन्य कर्मियों को 08 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में खो दिया। उन्होंने पूरी लगन के साथ राष्ट्र की सेवा की। जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे। वो एक सच्चे देशभक्त थे, जिन्होने सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। भारत के पहले सीडीएस के रूप में, जनरल बिपिन रावत ने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विविध पहलुओं पर काम किया।

रक्षा विभाग

 

नई दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 सितंबर 2021 को नई दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। छोटे-छोटे रक्षा कार्यालयों को केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू के नये रक्षा कार्यालय परिसरों में स्थानांतरित करने से सेंट्रल विस्टा परियोजना की शुरुआत में सुविधा होगी, परियोजना के हिस्सों में तीन सीसीएस बिल्डिंग (डिफेंस एन्क्लेव) के जून 2024 तक (दो सीसीएस एन्क्लेव कॉम्प्लेक्स) और तीसरे डिफेंस एन्क्लेव कॉम्प्लेक्स के दिसंबर 2026 तक पूरा होने का प्रस्ताव है। यह परियोजना आधुनिक और नवीन निर्माण प्रौद्योगिकी को प्रारंभ करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है। कोविड-19 महामारी के बीच 12 महीने की रिकॉर्ड अवधि के भीतर निर्माण पूरा किया गया है। साथ ही, एक संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) द्वारा कर्मियों और जगह की योजना, हितधारकों को स्थान का आवंटन, छोटे छोटे कार्यालयों को केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिये निर्बाध समन्वय सुनिश्चित किया गया था।

 

100 नये सैनिक स्कूलों की स्थापना

 

सरकार ने संबद्धता के आधार पर गैर सरकारी संगठनों/निजी स्कूलों/राज्य सरकारों आदि के साथ साझेदारी में सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए एक योजना को मंजूरी दी है। किसी भी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश में इच्छुक पक्ष, सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्धता के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते कि वे योग्यता से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करते हों और संबद्धता उप-नियमों का पालन करते हों। पहले चरण में, अधिक से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करने के प्रयास के साथ कक्षा के अनुसार श्रेणीबद्ध तरीके से कक्षा 6 से शुरू करते हुए प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश में 2-3 स्कूलों के साथ 100 सैनिक स्कूलों को शुरू करने का प्रस्ताव है। इन स्कूलों को रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसायटी के साथ साझेदारी में संबद्ध किया जाएगा ताकि एक ऐसी प्रणाली तैयार की जा सके जो उच्च अनुशासन और रेजिमेंटेशन के साथ शिक्षा को जोड़ती है। जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कल्पना की गयी थी, ये स्कूल प्राचीन काल की हमारी शिक्षा की तरह मूल्य-आधारित शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे बच्चों में अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत पर गर्व का भाव बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

सैनिक स्कूलों में छात्राओं को प्रवेश

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण 2021 के दौरान एक घोषणा की कि सभी सैनिक स्कूल अब लड़कियों के लिए खुले रहेंगे। घोषणा के बाद, सभी सैनिक स्कूलों ने लड़कियों को प्रवेश की पेशकश की है और अब तक 350 से अधिक लड़कियों को प्रवेश दिया गया है। आगामी शैक्षणिक सत्रों में इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। सैनिक स्कूलों को सिर्फ लड़कों के स्कूलों से सह-शिक्षा के स्कूलों में बदलने से व्यक्तित्व और व्यवहार के विकास में आसानी होगी। सभी विद्यालयों में सर्वोत्तम इंटरेक्शन पद्धति अपनाई जा रही है। इस निर्णय ने गर्ल्स कैडेट्स के लिये लड़कों के समान गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के द्वार खोल दिये हैं।

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में डिजिटल इंटरएक्टिव स्क्रीन का शुभारंभ

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किये जाने के बाद यह महसूस किया गया कि आगंतुकों, गणमान्य व्यक्तियों और मुख्य रूप से आम जनता के लिये राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की डिजिटल अपील को बढ़ाने. प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्मारक पर युद्ध में घायल और शहीदों,  उद्धरण / बहादुरी के कृत्यों के बारे में जानकारी तक लोगों की आसान पहुंच बनाने और डिजिटल माध्यम से स्मारक तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने और जनता के द्वारा सम्मान और  श्रद्धांजलि देने के लिए एक आधुनिक और अत्याधुनिक डिजिटल डिस्प्ले प्लेटफॉर्म/सुविधाओं की अनिवार्य आवश्यकता है ।

 इस संबंध में रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर डिजिटल अपील को बढ़ाने के लिए एक पहल की गयी और चार डिजिटल स्क्रीन स्थापित की गयी हैं ताकि यहां पहुंचने वाले लोगों को एक अच्छा अनुभव मिल सके । आगंतुकों को जानकारी प्रदान करने के अलावा, डिजिटल स्क्रीन ने आग्मेन्टेड रियल्टी (एआर) सुविधा के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर वर्चुअल माध्यम से श्रद्धांजलि देने, युद्ध के शहीदों के साथ आभासी तस्वीर, 26,275 युद्ध हताहतों की सूची खोजने के लिए इंटरैक्टिव स्क्रीन और आगंतुकों का ओटीपी आधारित पंजीकरण आदि की सुविधा प्रदान की है।

 

एनडब्लूएम की वेबसाइट और ऐप युद्ध के हताहतों के स्मारक का इतिहास, महत्व, अवधारणा और विवरण को प्रदर्शित करता है। वेबसाइट/ऐप में शामिल सुविधाओं में देश भर  के विजिटर्स के लिये आसान समझ की सुविधा के लिए 21 क्षेत्रीय भाषाओं में बहुभाषी बातचीत, विशेष रूप से दिव्यांग जन के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल सुविधाएं, स्थान और लाइव मोबाइल मैपिंग के लिए 166 ब्लूटूथ बीकन का निर्माण और एकीकरण शामिल है। वर्चुअल टूर गाइड के साथ, 21 भाषाओं में ऑडियो कमेंट्री, विभिन्न लड़ाइयों / युद्धों, परम वीर चक्र पुरस्कार विजेताओं और स्मारक के भीतर निर्देशित मार्गों के बारे में जानकारी प्रदान करने के साथ, परम योद्धा स्थल सहित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की सभी दिशाओं में तस्वीरें, 26,275 युद्ध हताहतों में किसी का नाम का पता लगाने के लिए खोज सुविधा , ऑनलाइन क्विज़ / आयोजनों और सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष में ऑनलाइन दान का प्रावधान शामिल हैं। 19 नवंबर 2021 को झांसी में 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व' में प्रधानमंत्री द्वारा एनडब्ल्यूएम के लिए इंटरएक्टिव डिजिटल स्क्रीन और एनडब्ल्यूएम वेबसाइट/ऐप दोनों का उद्घाटन किया गया।

 

सैन्य मामलों का विभाग

 

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) की स्थापना आजादी के बाद से किसी भी सरकार द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी रक्षा सुधार है। आयात के कम होने के साथ, डीएमए ने दुर्लभ राष्ट्रीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने, सेवाओं के बीच तालमेल और संयुक्तता बढ़ाने और आधुनिक युद्ध की चुनौतियाँ' जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया है, का सामना करने के लिये सेना के आधुनिकीकरण के लिये सैन्य प्रतिष्ठान के भीतर कई सुधारों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ली है ।

 

  डीएमए के तहत, लॉजिस्टिक्स संरचना को और अधिक कुशल बनाने के लिये इसे पूरी तरह से नया रूप दिया जा रहा है। इस संबंध में, तीन संयुक्त सेवा अध्ययन समूह (जेएसएसजी) सेवाओं के लिए सामान्य लॉजिस्टिक पॉलिसी नीतियां विकसित कर रहे हैं जो आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े कार्यों जैसे योजना, खरीद, इन्वेंटरी का रखरखाव, वितरण, निपटान और दस्तावेजीकरण को बेहतर बनाएंगे। मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में प्रत्येक में ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड्स (जेएलएन) की स्थापना पर आधारित एक पायलट परियोजना पहले ही शुरू हो चुकी है।

  एकल सेवा दृष्टिकोण से एकीकृत योजना और निष्पादन की ओर आगे बढ़ने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में, पिछले एक वर्ष में तीन ज्वाइंट डाक्ट्रिन तैयार किये गये हैं, जबकि चार नये संयुक्त सिद्धांत अर्थात् कैपस्टोन, अंतरिक्ष, साइबर और खुफिया निगरानी एवं टोही (आईएसआर) अग्रिम चरण में हैं।

 युद्धक क्षमता बढ़ाने और रक्षा व्यय को संतुलित करने के लिए, भारतीय सेना के 270 से अधिक लॉजिस्टिक प्रतिष्ठानों को बंद या आकार में छोटा कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अग्रिम मोर्चे तक सामग्री पहुंचाने के अनुपात में वृद्धि के अलावा, सरकारी खजाने में पर्याप्त बचत हुई है। प्रशिक्षण को आधुनिक बनाने, एकीकृत करने और युक्तिसंगत बनाने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण पद्धति की समग्र समीक्षा भी जारी है। तीनों सेवाओं के बीच संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए दस विषय निर्धारित किए गए हैं। इनमें से पांच क्षेत्रों में संयुक्त प्रशिक्षण शुरू हो चुका है।

'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने अगस्त 2020 में 101 वस्तुओं की पहली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची और 31 मई 2021 को 108 वस्तुओं वाली दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की। ये चयनित उत्पाद सिर्फ घरेलू उद्योग से ही खरीदे जा सकते हैं। इन सूचियों में भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रमुख युद्धक प्लेटफॉर्म, उन्नत हथियार प्रणाली, आयुध और गोला-बारूद शामिल हैं। ये सूचियाँ रक्षा हार्डवेयर के आयात में कटौती करने के राष्ट्र के संकल्प को दिशा देने के अलावा, सरकार द्वारा शुरू किये गये कई परिवर्तनकारी कदमों के आधार पर पिछले छह वर्षों में निर्मित रक्षा निर्माण में घरेलू उद्योग की बढ़ती क्षमता की भी पहचान हैं।

· थियेटर/संयुक्त कमान स्थापित करने का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। अध्ययन समूह की रिपोर्टों का विश्लेषण किया गया है और कार्यान्वयन के रोडमैप पर विचार किया जा रहा है।

· सेवाओं के बीच संचार नेटवर्क को एकीकृत करने की बारीकियों का अध्ययन और काम करने के लिए एक 'त्रि-सेवा संयुक्त कार्य समूह' भी स्थापित किया गया है।

· सेना की इकाइयों को सही आकार देने/बदलने की समीक्षा की जा रही है।

   सैन्य क्षमताओं के सर्वोत्तम उपयोग के लिए विभाग संयुक्त योजना के माध्यम से तीनों सेवाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। रक्षा योजना, खरीद और संचालन को एकीकृत करने के लिए सैन्य प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है। मौजूदा संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाने के लिए कुछ अन्य उपायों को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।

इनमें प्रमुख हैं:

· अनावश्यक खर्च को कम करके युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से तीनों सेवाओं के कामकाज में सुधार लाना।

· स्वदेशी उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देना और रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भरता लाना।

· बुनियादी ढांचे का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना और सेवाओं के बीच संयुक्तता के माध्यम से इसे युक्तिसंगत बनाना।

· सेवाओं के बीच जुड़ाव और मानकीकरण को बढ़ावा देना।

· कैरियर की प्रगति के लिए संयुक्त स्टाफ असाइनमेंट की घोषणा करना और क्रॉस स्टाफिंग बढ़ाना।

· सशस्त्र बलों की चतुर्थ संवर्ग समीक्षा

· अप्रचलित नियमों और अधिनियमों का उन्मूलन

· प्रादेशिक सेना की तैनाती की शर्तों की समीक्षा

   विभाग ने पूरी क्षमता के साथ कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में योगदान दिया और ईरान, वुहान, चीन, मालदीव, श्रीलंका और ईरान से 4000 से अधिक भारतीय प्रवासियों को निकालने के लिए के लिए सशस्त्र बलों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय किया है। रक्षा बलों ने राष्ट्रीय कोविड पूल के लिए नामित कोविड-19 अस्पतालों और 31 मिली जुली सुविधाओं वाले अस्पतालों के साथ 21 स्थानों पर क्वारंटाइन सुविधाओं की स्थापना की। रक्षा सेवाओं ने दिल्ली (नरेला, शकूरबस्ती और दिल्ली कैंट) और बिहार (पटना और मुजफ्फरपुर) में चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दूसरे देशों तक पहुंच के हिस्से के रूप में, चीन, भूटान, नेपाल, मॉरीशस, सेशेल्स आदि को चिकित्सा से जुड़ी वस्तुओं के संदर्भ में सहायता के अलावा मालदीव, कुवैत, मॉरीशस और कोमोरोस में चिकित्सा दल प्रदान किये गये और तैनात किये गये। ऑपरेशन समुद्र सेतु 2 के तहत, भारतीय नौसेना के जहाज 1100 मीट्रिक टन से अधिक तरल ऑक्सीजन, 314 किलो लीटर ऑक्सीजन के साथ 14,000 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता के परिवहन में शामिल थे ताकि कोविड के खिलाफ राष्ट्रीय प्रयास में सहायता की जा सकी।

डीएमए ने रक्षा हवाई क्षेत्र को खोलने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इन पहलों ने हवाई क्षेत्र के लचीले उपयोग (एफयूए) और संयुक्त उपयोगकर्ता हवाई अड्डा (जेयूए) को सुगम बनाकर देश में नागरिक उड्डयन उद्योग का विस्तार करने में सहायता की है। अनुसूचित उड़ानों के लिए प्राथमिकता मंजूरी, हाईट बैंड के समय को साझा करने आदि के माध्यम से, नागरिक ऑपरेटरों को रक्षा हवाई क्षेत्र की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पहल की गई है।

देश ने अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 12 अन्य कर्मियों को 08 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में खो दिया। उन्होंने पूरी लगन के साथ राष्ट्र की सेवा की। जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे। एक सच्चे देशभक्त, उन्होंने सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। सामरिक मामलों पर उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण असाधारण थे। भारत के पहले सीडीएस के रूप में, जनरल बिपिन रावत ने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विविध पहलुओं पर काम किया। वह अपने साथ भारतीय सेना में सेवा करने का एक समृद्ध अनुभव लेकर आए। राष्ट्र उनकी असाधारण सेवा को कभी नहीं भूलेगा।

सशस्त्र सेवाओं में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सेवाओं द्वारा कई पहल की गयी हैं। सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों का स्थायी कमीशन लागू किया गया है।

कुछ अन्य प्रमुख पहलों में शामिल हैं:

· वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में 10 महिला अधिकारियों को शामिल करना।

· युद्धपोतों पर महिला अधिकारियों की नियुक्ति।

· नौसेना के सीकिंग (ऑब्जर्वर) और आरपीए स्ट्रीम में महिला अधिकारियों को शामिल करना।

· विदेश के मिशन में महिला अधिकारियों की नियुक्ति।

· सैन्य पुलिस कोर में महिला कर्मियों को शामिल करना।

. रक्षा उत्पादन विभाग

 

स्वायत्तता प्रदान करने, दक्षता बढ़ाने के लिये, और आयुध कारखानों में विकास की नयी  क्षमता को उजागर करने के लिये, आयुध निर्माणी बोर्ड को सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करते हुए 7 नये रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में परिवर्तित किया गया है। नए रक्षा सार्वजनिक उपक्रम 1 अक्टूबर, 2021 से कार्यरत हो गए हैं। सशस्त्र बलों को सामरिक हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ओएफबी के पास लंबित 62,000 करोड़ रुपये से अधिक के इंडेंट / ऑर्डर को बनाये रखने का निर्णय लिया है। 15 अक्टूबर 2021 को 7 नये रक्षा सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्र को समर्पित किये गये।

देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिये उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे (डीआईसी) स्थापित किये गये हैं जिसमें से प्रत्येक डीआईसी में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है। रक्षा औद्योगिक गलियारों के विकास को और गति देने के लिए, दोनों डीआईसी को प्रधान मंत्री की 'गति शक्ति' राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत किया गया है। अब तक उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु डीआईसी में क्रमशः 1401.68 करोड़ रुपये और  2252 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

 रक्षा मंत्री ने आईडेक्स के हिस्से के रूप में 19 अगस्त 2021 को डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज के पांचवें संस्करण (डीआईएससी 5) का शुभारंभ किया। शुरू की गयी चुनौतियां सशस्त्र बलों और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की आवश्यकताओं और उनका समाधान देने वालों, यानी एमएसएमई, स्टार्टअप, इनोवेटर, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षाविदों  के बीच एक सेतु का काम करेंगी। डीआईएससी -5 के तहत, सशस्त्र बलों और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की 35 चुनौतियों को भारत के डिफेंस इकोसिस्टम में भाग लेने और रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ाने के लिये संभावित स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स, एमएसएमई के लिए खुला रखा गया था।

उपरोक्त के अलावा, 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए, और आईडेक्स के लिए पहली बार , भारतीय नौसेना ने आईडेक्स चैलेंज  "मानव रहित भूतल वाहन" के तहत देश के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रोबोटिक लाइफबॉयज़ खरीदने के लिए 13 करोड़ का अनुबंध दिया। ये अनुबंध विशाखापत्तनम स्थित एक स्टार्टअप सैफ सीज को मिला।

सरकार ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिये और स्टार्टअप को समर्थन देने के लिये 500 करोड़ (2021-22 से 2025-26) के खर्च के साथ एक योजना को मंजूरी दी है। इससे 300 से अधिक स्टार्टअप नई डिजाइन और विकास परियोजनाओं में भाग ले सकेंगे।

हैदराबाद में वायु सेना के 24 प्रकार के पुर्जों के निर्माण के लिए पहली फैसिलिटी स्थापित करने का अनुबंध 13 अगस्त 2021 को सरकारों के मध्य समझौते (आईजीए) के तहत 'रूसी/सोवियत मूल के हथियारों और रक्षा उपकरणों से संबंधित पुर्ज़ों, घटकों के संयुक्त निर्माण, संग्रह और  अन्य सामग्री  में पारस्परिक सहयोग" पर हुआ है।

नोवेल कोरोनावायरस के कारण सार्वजनिक समारोहों पर गतिरोध के बाद से दुनिया की पहली हाइब्रिड एयरोस्पेस एंड डिफेंस (ए एंड डी) प्रदर्शनी के रूप में 03 से 05 फरवरी 2021 तक तीन दिवसीय एयरो इंडिया -21 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस आयोजन ने दुनिया के लिये नये नॉर्मल का पालन करने का एक मॉडल स्थापित किया है। कोविड -19 के कारण उत्पन्न कई चुनौतियों जैसे अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध, किसी बेंचमार्क के स्थापित हुए बिना पहला कार्यक्रम आदि के बावजूद , एयरो इंडिया में तीन दिनों में 26,000 से ज्यादा विजिटर्स स्वयं पहुंचे वहीं 5 लाख  से ज्यादा विजिटर्स ने शो वर्चुअली देखा। कुल 710 प्रदर्शकों ने एएंडडी क्षेत्र में अपने उत्पादों और क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए अपने स्टॉल/पैवेलियन लगाए।

10 से 13 मार्च 2022 तक गांधीनगर, गुजरात में आयोजित होने वाले डिफेक्सपो-2022 के आगामी 12 वें संस्करण की योजना आजादी का अमृत महोत्सव के अनुरूप बनाई जा रही है और घरेलू रक्षा विनिर्माण उद्योग को उसके पूरे विस्तार के साथ इसमें शामिल किया जायेगा। इंडिया @75 को प्रदर्शित करने के लिये  25 अक्टूबर 2021 को रक्षा मंत्री ने डिफेक्सपो-2022 के लिये राजदूतों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में 97 देशों ने भाग लिया था । कई देशों के राजदूतों ने रक्षा मंत्री को उच्चतम स्तर पर भागीदारी का आश्वासन दिया।

रक्षा मंत्री ने 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिये रक्षा मंत्रालय के समर्पित सप्ताह के हिस्से के रूप में 13 दिसंबर, 2021 को रक्षा उत्पादन विभाग के कई प्रतिष्ठित कार्यक्रमों का उद्घाटन किया। इन आयोजनों में भारत की 75 साल की यात्रा और देश भर में 75 स्थानों पर सार्वजनिक प्रदर्शनियों के साथ-साथ रक्षा निर्माण में विकास को प्रदर्शित करने वाली एक आभासी प्रदर्शनी 'पाथ टू प्राइड' शामिल थी। इसके अलावा, जनता को जानकारी देने, शिक्षित करने और प्रेरित करने के लिए 7 अद्वितीय क्यूरेटेड 'रक्षा संग्रहालय' भी लॉन्च किये गये। समारोह के दौरान राष्ट्र के प्रति 75 प्रतिबद्धताओं को सूचीबद्ध करने वाली एक पुस्तिका का भी अनावरण किया गया।.

डीपीएसयू की प्रमुख उपलब्धियां

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) -13 जनवरी 2021 को सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने एचएएल से 'बेहतर' तेजस लड़ाकू विमानों और प्रशिक्षक विमान की खरीद को मंजूरी के साथ तेजस कार्यक्रम को बड़ा बढ़ावा मिला। इससे घरेलू रक्षा उत्पादन क्षेत्र की क्षमताओं में वृद्धि होगी। एचएएल को एमओडी से प्राप्त एलसीए एमके1ए अनुबंध का कुल अनुबंध मूल्य 36468.63 करोड़ रुपये है।

 प्रधान मंत्री ने 14 फरवरी 2021 को चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में एक समारोह में भारतीय सेना को विश्व स्तरीय क्षमताओं के साथ अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमके-1ए) समर्पित किया।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) की सबमरीन 'करंज' को 10 मार्च 2021 को कमीशन मिला।

एमडीएल ने आईएनएस विशाखापत्तनम (डिस्ट्रॉयर) को 28 अक्टूबर 2021 को सौंपा जिसे रक्षा मंत्री के द्वारा 21 नवंबर 2021 को नौसेना में शामिल किया गया।

एमडीएल की आईएनएस वेला (पनडुब्बी) को 09 नवंबर 2021 को सौंपा गया और 25 नवंबर 2021 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

प्रधानमंत्री ने 8 अप्रैल 2021 को सेशेल्स तटरक्षक बल को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित एक फास्ट पेट्रोल वेसल (एफपीवी) 'एससीजी पीएस जोरोस्टर' सौंपा। वेसल को सौंपने का समारोह वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया था।

बीईएमएल ने 11 मई, 2021 को सबसे बड़े स्वदेशी 190 टन इलेक्ट्रिक ड्राइव डंप ट्रक को कमीशन किया और एनसीएल, सिंगरौली को सौंप दिया।

भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग

सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष से कल्याण योजनाएं

रक्षा सेवा अनुमान (डीएसई) बजट के अलावा, सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं, ईएसएम और उनके आश्रितों के कल्याण और पुनर्वास के लिए धन का प्रमुख स्रोत है। सरकार इसके वित्त पोषण को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि हम अधिक संख्या में ईएसएम/उनके आश्रितों की सेवा कर सकें। 2019-20 के दौरान, कुल संग्रह 47 करोड़ रुपये था, जो अब तक का सबसे अधिक संग्रह है। पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान महामारी के बावजूद करीब 32 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया गया था।

वित्तीय वर्ष 2019-20 से छात्रों के लिये छात्रवृत्ति की दर 24000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रति वर्ष और छात्राओं के लिए 27,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 36,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गयी है।

सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष (एबीसीडब्ल्यूएफ) का नाम बदलकर सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (एएफबीसीडब्ल्यूएफ) कर दिया गया है ताकि वायु सेना और नौसेना के युद्ध हताहतों को भी लाभ दिया जा सके। 60% से कम विकलांगता वाले युद्ध हताहतों को छोड़कर जहाँ राशि को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है, बाकी सभी युद्ध हताहतों के लिए अतिरिक्त अनुग्रह राशि को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दिया गया है।

किया गया व्यय और आगामी व्यय

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एएफएफडीएफ से वित्त पोषित विभिन्न योजनाओं के तहत पूर्व सैनिकों/उनके आश्रितों के पक्ष में अब तक 37,815 लाभार्थियों को 133.31 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। इनके अलावा, गंभीर बीमारियों के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 1.67 करोड़ रुपये की राशि, विकलांगों के लिए मॉडिफाइड स्कूटर की खरीद और युद्ध स्मारक छात्रावासों और किरकी और मोहाली में पैराप्लेजिक पुनर्वास केंद्र को अनुदान भी एएफएफडीएफ के तहत दिया गया है।

प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएस) के तहत वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 10,268 लाभार्थियों को 35.27 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गयी है।

 

भारतीय सेना

भारतीय सेना मुख्य रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने की भारत की सोच के अनुरूप अपनी परिचालन तैयारियों को बनाये रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते और भविष्य के खतरों की समीक्षा के साथ उच्च प्रशिक्षण मानकों को बनाये रखते हुए उग्रवाद/आतंकवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाना शामिल है । कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद, भारतीय सेना ने न केवल सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि इसकी परिचालन तत्परता पर कोई असर न पड़े।

 

  एलएसी पर एक से अधिक क्षेत्रों में चीन के द्वारा बल पूर्वक यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा और उत्तेजक कार्रवाइयों का पर्याप्त रूप से जवाब दिया गया है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेनाएं विभिन्न स्तरों पर बातचीत में लगी हुई हैं। निरंतर संयुक्त प्रयासों के बाद, कई स्थानों पर टकराव खत्म किया गया। उन क्षेत्रों जहां अभी भी स्थिति सामान्य होनी है  सैन्य बलों को पर्याप्त रूप से बढ़ाया गया है। सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर और पीएलए बलों के जमावड़े से निपटने के साथ क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के सेना को मिले जनादेश को ध्यान में रखते हुए खतरे के आकलन और आंतरिक विचार-विमर्श के परिणामस्वरूप बलों का पुनर्गठन और पुनर्निमाण हुआ है। सैन्य बल चीन के सेना के साथ दृढ़ता, धीरता और शांति पूर्वक भारत के अधिकारों की पवित्रता सुनिश्चित कर रहे हैं। 

उत्तरी सीमाओं के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन और विकास समग्र और व्यापक तरीके से किया जा रहा है, जिसमें सड़कें, सभी मौसम में संपर्क के लिए सुरंगें, चार रणनीतिक रेलवे लाइनें, ब्रह्मपुत्र पर अतिरिक्त पुल,  भारत-चीन सीमा पर महत्वपूर्ण सड़कों पर पुलों का उन्नयन और आपूर्ति, ईंधन और गोला-बारूद के लिए भंडारण शामिल है। दोहरे उपयोग वाले इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान करने के लिए भी बड़े प्रयास किये गये हैं।

   पांच साल से अधिक समय तक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक तनाव की स्थिति के बाद, सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे, जो निरंतर जारी है। भीतरी इलाकों में स्थिति उतार-चढ़ाव वाली और नाजुक बनी हुई है लेकिन नियंत्रण में है। विरोधी तत्वों ने अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों को चुनिंदा लक्ष्य बनाकर घाटी में शांति भंग करने के अपने प्रयासों को फिर से सक्रिय कर दिया, हालांकि, ऐसे क्षेत्रों जहां शक्ति की जरूरत नहीं है वहां अग्रिम कदम उठाकर साथ ही सुरक्षा बलों द्वारा खुफिया सूचना आधारित सीधी कार्रवाई से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन के नापाक मंसूबों का मुकाबला करने में सक्षम रहे हैं।  कोविड 19 की वैश्विक महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में, भारतीय सेना ने न केवल नागरिक प्रशासन को, बल्कि सीधे नागरिक आबादी को भी, मेडिकल इवैक्यूवएशन, जरूरतमंदों को आवश्यक आपूर्ति और आम लोगों को कोविड 19 से जुड़ी बारीकियों के बारे में शिक्षित करके सहायता प्रदान की। सेना के मानवीय दृष्टिकोण की सभी ने सराहना की है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल मिलाकर सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में रही। सुरक्षा बलों द्वारा नापजोख कर, इंटेलिजेंस आधारित और लोगों के अनुकूल आतंकवाद-रोधी अभियानों के साथ एक मजबूत सुरक्षा रुख ने आतंकवादी समूहों के लिए उपलब्ध परिचालन स्थान को काफी कम कर दिया है, जिससे आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई घटनाओं में लगातार गिरावट आई है। नतीजतन, अधिकांश विद्रोही समूह युद्धविराम में हैं। भारत-म्यांमार सीमा सुरक्षा से जुड़े समीकरणों का एक महत्वपूर्ण पहलू होने के कारण, असम राइफल्स द्वारा सीमा सुरक्षा को बढ़ाया जा रहा है और सेना का इरादा आने वाले समय में सीमा सुरक्षा के लिए तैनात बटालियनों की संख्या में लगातार वृद्धि करने का है।

स्वर्णिम विजय वर्ष

1971 के युद्ध के 50 गौरवशाली वर्षों और एक नये राज्य, बांग्लादेश के निर्माण के उपलक्ष्य में, पूरे देश में स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया। सशस्त्र बलों ने इस बड़ी जीत के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये। इन आयोजनों में तीनों सेनाओं के सैनिकों, अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ कमांडरों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। भारतीय सेना ने भी स्वर्णिम विजय वर्ष को भव्य और शानदार तरीके से मनाया। नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के प्रांगण में 11-16 दिसंबर, 2021 को सेना द्वारा भव्य आयोजन किया गया। राजपथ पर 11-14 दिसम्बर, 2021 तक देशवासियों के लिए प्रेरक प्रदर्शनी और लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों की मौजूदगी और उत्साह देखने लायक था। कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया और इसमें रक्षा राज्य मंत्री, सशस्त्र बलों के तीन प्रमुखों, रक्षा सचिव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। 1971 के युद्ध के मुक्ति योद्धाओं के सम्मान के लिये, एक वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें रक्षा मंत्री ने बांग्लादेश के 31 मुक्ति योद्धाओं और 1971  युद्ध में भाग ले चुके भारतीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत सैनिकों के साथ बातचीत की। 16 दिसंबर 2021 को इस कार्यक्रम का समापन प्रधानमंत्री द्वारा एनडब्ल्यूएम में माल्यार्पण करने के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आए स्वर्णिम विजय मशालों को रोशन करने के साथ हुआ।

भारतीय सेना की टुकड़ी ने अन्य सेवाओं के साथ 17 दिसंबर 2021 को 1971 के युद्ध में विजय के 50 वें वर्ष और बांग्लादेश के नये राष्ट्र के निर्माण के उपलक्ष्य में बांग्लादेश में आयोजित स्वर्णिम विजय दिवस परेड में भाग लिया । राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

तीन सेवाओं के बीच संयुक्तता

तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार की जाने वाली थिएटर कमांड पर अध्ययन संतोषजनक तरीके से आगे बढ़ रहा है। रीस्ट्रक्चरिंग से जुड़े कई  निर्णय लिये गये हैं और आने वाले महीनों में उनका प्रभाव दिखाई देगा। आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दो धुरी पर एक साथ आगे बढ़ने का एक सचेत प्रयास जारी है। नतीजतन, स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षेत्र को प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ), आईडेक्स और शिक्षाविदों और स्टार्ट-अप के साथ संपर्क के रूप में समर्थन दिया जा रहा है।

मित्र देशों की सेनाओं के साथ सहयोग

अन्य मित्र देशों के साथ सेनाओं के बीच संबंध गहराई के साथ और अच्छी तरह से स्थापित हैं। यह दोनों सेनाओं के अधिकारियों और जवानों के साथ सभी तरह की बातचीत और आदान-प्रदान की अनुमति देता है। दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय यात्राएं ऐसे संबंधों का परिणाम हैं। इन देशों के साथ सहयोग के दायरे में तकनीकी सहयोग और विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल है। भारतीय सेना पड़ोसी देशों की सेनाओं को उनके द्वारा अनुरोधित सहयोग के क्षेत्रों में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशिक्षण, पेशेवर विशेषज्ञता और विश्वसनीय रक्षा प्रौद्योगिकी के भारतीय सेना के मानकों के कारण, इन देशों द्वारा भारतीय सेना और संबंधित सेवाओं के साथ सहयोग मांगा जा रहा है। जब आवश्यक हुआ तो हम अपने पड़ोसियों के अनुरोधों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कदम भी चले हैं। भारत के रणनीतिक साझेदारों के साथ रक्षा सहयोग रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र पर केंद्रित है जो कि  'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के साथ-साथ भारतीय सेना के क्षमता विकास का समर्थन करेगा।

संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान

विभिन्न शांति अभियानों में भारतीय सेना की भागीदारी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शांति सुनिश्चित की है और भारत को संयुक्त राष्ट्र के मामलों में एक विशेष जगह बनाने में मदद की है। भारतीय सेना के लगभग 5,300 कर्मी वर्तमान में आठ संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन में तैनात हैं और वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा सैन्य योगदानकर्ता है। इसने संयुक्त राष्ट्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे न्याय और समानता सुनिश्चित करने की बारीक समझ विकसित की है और इन क्षमताओं की दुनिया भर में सराहना की जा रही है। भारत में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के निर्माण पर विशेष जोर देने के साथ 'उत्कृष्टता केंद्र' के रूप में विकसित किया जा रहा है।

सेना के एचएडीआर प्रयास

एचएडीआर ऑपरेशंस में भारतीय सेना की विशेषज्ञता अच्छी तरह से स्थापित है और भारत और विदेशों में इसकी सराहना की जाती है। हमारे पास भारत और इस क्षेत्र में इस तरह के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संचालित करने का काफी व्यावहारिक अनुभव है। भारतीय सेना ने एचएडीआर पहलुओं में पड़ोसी सेनाओं की क्षमता विकसित करने के लिए पहल की है। भारतीय सेना अन्य सेनाओं के साथ एचएडीआर संचालन में सर्वोत्तम कार्यप्रणाली और विशेषज्ञता को साझा करने में लगी हुई है। एचएडीआर में सहयोग नियमित रूप से विभिन्न मंचों पर आदान-प्रदान के माध्यम से किया जाता है और सीखी गई बातों को एफएफसी के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में शामिल किया जाता है। सेना ने हाल ही में दिसंबर 2021 में बिम्सटेक देशों के लिए पैन एक्स 21 (महामारी अभ्यास) और नवंबर 2021 में एचएडीआर पर यूके के साथ एक्सरसाइज कोंकण शक्ति का आयोजन किया। दोनों अभ्यासों का विषय समसामयिक और यथार्थवादी था जिसमें एक प्रतिस्पर्धी माहौल में एक प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ एक महामारी परिदृश्य को दर्शाया गया था।

 

सेना का आधुनिकीकरण

 

सेना का आधुनिकीकरण विशेष रूप से तीनों सेनाओं को दी गयी आपातकालीन खरीद शक्तियों द्वारा तेज गति से आगे बढ़ रहा है । भारतीय सेना का ध्यान प्लेटफॉर्म और क्षमताओं पर समान रूप से है। आकाश प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआरएसएएम), मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच), लाइट यूटिलिटी हेलीकाप्टर (एलयूएच) और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) भारतीय उद्योग के द्वारा तैयार किये गये स्वदेशी हाई-टेक और आधुनिक उपकरण के बेहतरीन उदाहरण हैं। पिछले 3-4 वर्षों के दौरान 93,253 करोड़ रुपये के कुल 62 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किये गये। पूरे हो चुके अनुबंधों के अलावा, वर्तमान में 1,52,387 करोड़ रुपये मूल्य की 94 योजनाएं खरीद प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें से 30,768 करोड़ रुपये मूल्य की 15 योजनाएं अग्रिम चरण में हैं, जिनमें सक्षम प्राधिकारियों द्वारा अंतिम मंजूरी का इंतजार है। नये खरीद मामलों की शुरुआत के लिए पिछले एक साल में 32,609 करोड़ रुपये के कुल मूल्य की 35 एक्सेपटेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएन) प्राप्त की गयी हैं,जो कि पिछले वर्षों से आगे बढ़ाये गये अनुबंधों के अतिरिक्त हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

भारतीय सेना सरकार की "आत्मनिर्भर भारत अभियान" पहल के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय उद्योग के साथ विशेष स्वामित्व अधिकारों सहित कई स्वदेशी डिजाइन और विकास परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। ज्यादा जोर बहु ​​क्षमता वाले ड्रोन/यूएवी, विभिन्न क्षमताओं के साथ काउंटर-ड्रोन/यूएवी सिस्टम, अधिक सटीक छोटे हथियार, बेहतर सुरक्षात्मक उपकरण, लंबी पहुंच और उन्नत आर्टिलरी हथियार प्रणाली, वायु रक्षा प्रणालियां जो खतरे के स्पेक्ट्रम की पूरी श्रृंखला को कवर करती हैं, एवं अधिक शक्तिशाली और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के उपाय और बेहतर संचार शामिल हैं। भारतीय सेना ने भारतीय उद्योग से अपनी खरीद को प्राथमिकता दी है और डिजाइन और विकास चरण से अंतिम परीक्षण चरण तक कई स्वदेशीकरण परियोजनाओं को संभाल रही है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिये भारतीय सेना द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष में अब तक 20 एओएन में से 19 'भारतीयों से खरीद' के हैं। इसके अलावा, हस्ताक्षरित 19 अनुबंधों में से 13 स्वदेशी हैं जिनकी कीमत 33,871 करोड़ रुपये है। भारतीय सेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5जी, क्वांटम तकनीक का लाभ उठाने के लिये भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि शत्रुओं पर बढ़त हासिल की जा सके और अपने बलों का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।

ऑनरेरी कमीशन प्रदान करने के अनुपात में बढ़त

13 अगस्त 2021 को ऑनरेरी कमीशन (ऑनरेरी लेफ्टिनेंट और अन्य सेवाओं में समकक्ष रैंक) के दिये जाने के अनुपात में 12 प्रति हजार उम्मीदवारों से 15 प्रति हजार उम्मीदवारों तक की वृद्धि की गयी है। इससे बड़ी संख्या में जूनियर कमीशंड अधिकारी उच्च रैंक और बेहतर वित्तीय लाभ के साथ सेवानिवृत्त हुए हैं।

महिलाओं को स्थायी कमीशन

महिला अधिकारी भारतीय सेना के विभिन्न ऑपरेशनल थिएटरों में गर्व और आत्मविश्वास से सेवा दे रही हैं। महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से, भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर स्थायी कमीशन (पीसी) प्रदान किया है। पीसी के अनुदान के साथ, महिला अधिकारी अधिक से अधिक गौरव प्राप्त करने और उच्च पद और जिम्मेदारी निभाने की आकांक्षा कर सकती हैं। पीसी पाने वाली सभी महिला अधिकारी विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और चुनौतीपूर्ण सैन्य कार्यों से गुजर रही हैं जिससे वो भारतीय सेना में उच्च नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए सशक्त बन सकें । जूनियर बैच में महिला अधिकारियों के लिए पीसी भी शुरू हो गया है, जिसमें उन्हें 10 वें वर्ष की सेवा में पीसी के लिए योग्य माना जाता है। पीसी के साथ, महिला अधिकारी लैंगिक समानता के युग में आगे बढ़ रही हैं और अपने पुरुष समकक्षों के समान चुनौतीपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कमर कस रही हैं। जून 2022 से महिला कैडेटों को शामिल करने के लिये राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में वर्तमान में चल रही तैयारियों का भी विशेष उल्लेख किया गया है। सैन्य पुलिस कोर में प्रति वर्ष 100 महिलाओं की दर से कुल 1,700 महिला सैनिकों (17 वर्ष के लिए)  को शामिल करने की योजना है। महिला सैनिकों के पहले बैच ने सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और अपनी इकाइयों में शामिल हो गये हैं। यह देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एनडीए में महिला उम्मीदवार 

सरकार ने अब देश की बालिकाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। आवश्यक प्रशासनिक प्रशिक्षण और नीतिगत परिवर्तन किये गये हैं। एनडीए जून 2022 के पाठ्यक्रम में महिला कैडेटों का पहला बैच शामिल होगा।

अन्य रैंक में महिलाएं

भारतीय सेना ने सैन्य पुलिस (एमपी) में अन्य रैंकों में महिलाओं की भर्ती शुरू कर दी है। 100 महिला एमपी का पहला बैच मई 2021 में पास आउट हुआ और उन्हें विभिन्न इकाइयों में तैनात किया गया है।

टोक्यो ओलंपिक में भारत को गौरवान्वित करना

भारतीय सेना ने लगातार 'मिशन ओलंपिक' के हिस्से के रूप में युवा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया और सूबेदार नीरज चोपड़ा द्वारा प्राप्त एक स्वर्ण पदक के साथ इन प्रयासों का फल मिला।

कर्मियों , वीर नारियों और करीबी परिजनों का कल्याण

शिक्षा, कौशल और पुनर्वास पाठ्यक्रमों के अवसर प्रदान करने जैसी सशक्तिकरण पहलों के माध्यम से भारतीय सेना के जवानों, वीर नारियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। सभी परिजनों के सवालों पर समय पर कार्रवाई और उनके प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

भारतीय नौसेना

 

परिचालन संबंधी तैनाती

 

मिशन आधारित तैनाती

 

भारतीय नौसेना ने राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिये हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में हितों से जुड़े क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिये आईओआर में निरंतर / निकट निरंतर उपस्थिति बनाए रखने के लिये मिशन आधारित तैनाती की। ये तैनाती माननीय प्रधान मंत्री के 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)' के दृष्टिकोण के अनुरूप थी। भारतीय नौसेना के जहाजों और विमानों को नियमित रूप से ओमान की खाड़ी/फारस की खाड़ी, अदन की खाड़ी/लाल सागर, दक्षिण और मध्य आईओआर, सुंडा जलडमरूमध्य, अंडमान सागर/मलक्का जलडमरूमध्य और बंगाल की उत्तरी खाड़ी तक पहुंच के लिए तैनात किया गया था। इन तैनाती से समुद्री क्षेत्र की जागरूकता में वृद्धि, आईओआर के तटवर्ती इलाकों को त्वरित मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता, भारतीय और अंतरराष्ट्रीय समुद्री समुदाय की सुरक्षा और क्षमता विकास और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोगी देशों नौसेनाओं के साथ परिचालन जुड़ाव की सुविधा प्रदान की गई। इन तैनातियों से भारतीय नौसेना को आईओआर में 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' और 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' बनने में सक्षम बनाया। मलक्का जलडमरूमध्य, जावा सागर, दक्षिण चीन सागर डोंड्रा-मलक्का आईएसएल और अदन की खाड़ी को निगरानी में रखने के लिए सात मिशन आधारित तैनाती की गई।

 

ऑपरेशन संकल्प

यूएस-ईरान में खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते  तनाव के बीच, 19 जून से, भारतीय नौसेना खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा ऑपरेशन ऑपरेशन संकल्प के कोड नाम से चला रही है, ताकि होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले भारतीय ध्वज वाहक मर्चेंट वेसल्स (आईएफएमवी) के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित किया जा सके। अमल के बाद से, भारतीय नौसेना ने 27 युद्धपोतों को तैनात किया है और 375 आईएफएमवी पर लगभग 305 लाख टन कार्गो को सुरक्षा प्रदान की गयी है, जिससे हमारे नाविकों को सुरक्षा का भरोसा मिला  है, और भारतीय स्वामित्व वाले जहाजों की सुरक्षा की गई है और व्यापार जारी रहा है।

 

ऑपरेशन समुद्र सेतु - द्वितीय

21 अप्रैल के अंत में, भारतीय नौसेना ने चिकित्सा ऑक्सीजन आवश्यकताओं को पूरा करने के  राष्ट्रीय मिशन को बढ़ाने के लिये ऑपरेशन समुद्र सेतु- द्वितीय शुरू किया। इसमें, भारतीय नौसेना के दस युद्धपोतों को लगभग दो महीनों के लिए तैनात किया गया और समुद्र सेतु-द्वितीय के हिस्से के रूप में 53000 नॉटिकल मील (लगभग 100,000 किमी) से अधिक की दूरी तय की। इन जहाजों ने अन्य चिकित्सा सहायता {23 खाली ऑक्सीजन कंटेनर (20 मीट्रिक टन) और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता जैसे ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर (173), रैपिड एंटीजन डिटेक्शन (आरएडी) टेस्ट किट (10,000), पीपीई (450) और वेंटिलेटर (140)} के साथ सिलेंडरों में 1150 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और 319.40 केएल ऑक्सीजन को पहुंचाया। ।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस

कोविड महामारी के अपने चरम पर पहुंचने के साथ आईएनएस शारदा और दक्षिणी नौसेना कमान से एक किराये पर लिये गये बहुउद्देश्यीय पोत, एमपीवी मेघना को भारतीय नौसेना की पहल 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के हिस्से के रूप में 21 अप्रैल को तैनात किया गया था, ताकि लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप क्षेत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति को बनाये रखा जा सके।

मिशन सागर

मित्र देशों और समुद्र के रास्ते जुड़े पड़ोसियों के अनुरोधों का उत्तर देते हुए, भारतीय नौसेना ने मिशन सागर के समग्र दायरे के तहत आईओआर और दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में पांच देशों को भारतीय नौसेना के जहाजों के जरिये तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) और अन्य चिकित्सा उपकरणों को पहुंचाया।

लंबी दूरी की परिचालन तैनाती

भारतीय नौसेना के जहाजों रणविजय, कोरा, शिवालिक और कदमत को अगस्त से अक्टूबर 2021 के बीच दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत देशों में लंबी दूरी की परिचालन तैनाती पर तैनात किया गया था। आईएन जहाज ताबर को रूस में नौसेना दिवस समारोह और जून-सितंबर 2021 से रॉयल नेवी और रूसी नौसेना के साथ द्वि-पक्षीय अभ्यास में भाग लेने के लिए पश्चिमी यूरोप और आर्कटिक देशों में लंबी दूरी की परिचालन तैनाती दी गयी।

आईएन जहाजों कोच्चि और त्रिकंद को अगस्त 2021 में खाड़ी क्षेत्र की क्षेत्रीय नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय अभ्यास के संचालन के लिये लंबी दूरी की परिचालन तैनाती पर भेजा गया। पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के जहाजों को दक्षिणी आईओआर देशों जैसे मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर में मार्च 2021 में और अक्टूबर 2021 में  श्रीलंका में प्रशिक्षण तैनाती की गयी थी।

.विदेशी नौसेनाओं के साथ अभ्यास

नेवडेक्स-21

भारतीय नौसेना के जहाज प्रलय और मैसूर ने 20 से 25 फरवरी 21 के बीच अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में नेवडेक्स-21 में भाग लिया। यह पहली बार था जब भारतीय नौसेना के दो जहाजों ने नेवडेक्स में भाग लिया। भारतीय रक्षा ओईएम और शिपयार्डों में जीआरएसई, एमडीएल, जीएसएल, बीडीएल, डीआरडीओ, ब्रह्मोस आदि ने भागीदारी की थी। जीआरएसई नेवडेक्स-21 के दौरान भारतीय पैवेलियन के समन्वय और स्थापना के लिए नोडल एजेंसी थी।

ला पैराउस अभ्यास

भारतीय नौसेना ने 05 से 07 अप्रैल, 2021 तक बंगाल की खाड़ी में फ्रेंच, ऑस्ट्रेलियाई, जापान और अमेरिकी नौसेनाओं के साथ बहुपक्षीय ला पैराउस अभ्यास में भाग लिया। भारतीय नौसेना के जहाज सतपुड़ा, किल्टन और भारतीय नौसेना के विमान पी8आई ने फ्रांसीसी नौसेना (एफएन) के जहाज टॉनेर और शरकूफ अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) के जहाज समरसेट, जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) जहाज अकेबोनो और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) जहाज एनजेक और सिरियस के साथ अभ्यास में भाग लिया।

 

 आईएन-यूरोपीय संघ नौसेना बल (ईयूएनएवीएफओआर) अभ्यास

पहला आईएन-ईयूएनएवीएफओआर संयुक्त नौसेना अभ्यास 18 से 19 जून, 2021 तक अदन की खाड़ी में आयोजित किया गया था। आईएन जहाज त्रिकंद के साथ तीन अन्य नौसेनाओं के चार युद्धपोतों (इटली की नौसेना का जहाज आईटीएस कारबिनियर, स्पेनिश नौसेना जहाज ईएसपीएस नवरारा , और दो फ्रांसीसी नौसेना के जहाज टॉनेर और शरकूफ ) ने अभ्यास में भाग लिया ।

इंद्रा नौसेना 2021

आईएन और रूसी संघ नौसेना (आरयूएफएन) द्विपक्षीय अभ्यास इंद्र नौसेना 28 से 29 जुलाई, 2021 तक बाल्टिक सागर में आयोजित किया गया था। आरयूएफएन जहाजों ज़ेलियोनी डोल, ओडिंटसोवो और आईएन जहाज ताबर ने अभ्यास में भाग लिया।

कटलस एक्सप्रेस

आईएन शिप तलवार ने यूएस एफ्रकॉम द्वारा आयोजित 26 जुलाई से 07 अगस्त, 2021 तक केन्या के मोम्बासा में अभ्यास कटलस एक्सप्रेस 2021 में भाग लिया। अभ्यास में 15 देशों और पांच अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। अभ्यास के दौरान तलवार पर केन्या, जिबूती, मोजाम्बिक, कैमरून और जॉर्जिया के कर्मियों का वीबीएसएस प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।

कोंकण 2021

आईएन और रॉयल नेवी (आरएन) द्विपक्षीय अभ्यास कोंकण 12 से 17 अगस्त, 2021 तक पोर्ट्समाउथ, यूके पर / से आयोजित किया गया था। आरएन जहाज एचएमएस वेस्टमिंस्टर और आईएन शिप ताबर ने अभ्यास में भाग लिया।

मालाबार 2021

आईएन, यूएसएन, जेएमएसडीएफ और आरएएन जहाजों के बीच बहु-पक्षीय अभ्यास दो चरणों में 26 - 29 अगस्त, 2021 से फिलीपींस सागर में और 12 - 15 अक्टूबर, 2021 को बंगाल की  खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में आयोजित किया गया था।

सिम्बेक्स 2021

आईएन और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) द्विपक्षीय अभ्यास सिमबेक्स 2021 एससीएस में 2 से 4 सितंबर, 2021 तक आयोजित किया गया था। आरएसएन जहाज स्टीडफास्ट, जोश और आर्चर श्रेणी की पनडुब्बी के साथ आईएन जहाज रणविजय, कोरा, किल्टन और आईएन विमान पी 8 आई ने अभ्यास में भाग लिया।

समुद्र शक्ति 2021

आईएन और इंडोनेशियाई नौसेना (आईडीएन) द्विपक्षीय अभ्यास समुद्र शक्ति 21 से 22 सितंबर, 2021 तक जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित किया गया था। आईडीएन जहाजों केआरआई बंग टोमो, मलहायाती और विमान सीएन -235 और आईएन जहाज शिवालिक और कदमत ने अभ्यास में भाग लिया।

 

कोंकण शक्ति

भारत और यूनाइटेड किंगडम सशस्त्र बलों (त्रि-सेवा अभ्यास) के बीच प्रथम अभ्यास कोंकण शक्ति, 21 से 27 अक्टूबर, 2021 तक अरब सागर में आयोजित किया गया था। भारतीय नौसेना के जहाज कोच्चि, चेन्नई, कोलकाता, तेग, तलवार, भारतीय नौसेना के विमान पी 8आई और मिग 29 के ने यूनाइटेड किंगडम कैरियर स्ट्राइक ग्रुप जिसमें रॉयल नेवी शिप एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ, डिफेंडर, रिचमंड और सहायक जहाज फोर्ट विक्टोरिया शामिल थे, के साथ अभ्यास में भाग लिया।

 

भारत-सिंगापुर-थाईलैंड त्रिपक्षीय अभ्यास (सिटमैक्स)

रॉयल थाई नेवी (आरटीएन) द्वारा आयोजित तीसरा सिटमैक्स 15-16 नवंबर, 2021 को अंडमान सागर में आयोजित किया गया था।.

 

विदेशी सरकारों को सहायता

 

कोविड टीकों का परिवहन

 

एक पी-8आई को 22 जनवरी, 2021 को पोर्ट लुइस में तैनात किया गया था, जिसने भारत सरकार द्वारा उपहार में दिये गये कोविड-19 टीकों की एक लाख खुराक को पहुंचाया। 23 जनवरी, 2021 को, एक पी-8 आई को भारत सरकार द्वारा उपहार में दिये गये कोविड टीकों की 50,000 खुराक के परिवहन के लिए सेशेल्स में तैनात किया गया था।

 

5वां भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रियों का संवाद

 

रक्षा मंत्रियों की वार्ता का 5 वां संस्करण 20 जनवरी, 2021 को वीसी के रूप में आयोजित किया गया था। भारत के रक्षा मंत्री और सिंगापुर के रक्षा मंत्री  ने संवाद की सह-अध्यक्षता की। डीसीएनएस ने उस कार्यक्रम में भाग लिया, जहां 'म्यूचुअल सबमरीन रेस्क्यू सपोर्ट एंड कोऑपरेशन पर कार्यान्वयन व्यवस्था' पर हस्ताक्षर किये गये थे।

 

फास्ट पेट्रोल वेसल (एफपीवी) - सेशेल्स

 

प्रधान मंत्री ने 08 अप्रैल, 2021 को आयोजित एक वर्चुअल समारोह के दौरान नवनिर्मित एफपीवी पीएस जोरोस्टर को सेशेल्स के राष्ट्रपति को सौंपा । जहाज का निर्माण जीआरएसई द्वारा किया गया था, और 15 फरवरी, 2021 को भारतीय नौसेना के चालक दल द्वारा सेशेल्स को वितरित किया गया था।

 

मॉरीशस को डोर्नियर का यात्री संस्करण लीज पर दिया गया

 

 09 सितंबर, 2021 को आईएन द्वारा मैरी टाइम एयर स्क्वाड्रन, मॉरीशस को एक यात्री संस्करण डोर्नियर दो साल के लिए पट्टे पर प्रदान किया गया है। विमान तब तक पट्टे पर है जब तक कि भारत द्वारा एक डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट पर एक नया डोर्नियर विमान प्रदान नहीं किया जाता है।

 

भारत में विदेशी नौसेना कर्मियों का प्रशिक्षण

 

पिछले कुछ दशकों में 45 से अधिक मित्र देशों (एफएफसी ) के 15,000 से अधिक कर्मियों के प्रशिक्षण के माध्यम से भारतीय नौसेना ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी 'सॉफ्ट पावर' पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले पांच वर्षों में, भारत आईओआर तटवर्ती देशों और उससे आगे स्थित देशों के विदेशी कर्मियों के प्रशिक्षण के लिये सबसे पसंदीदा स्थान रहा है, जहां हर साल औसतन 1000 विदेशी कर्मचारी भारत में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी और विकसित होते प्रशिक्षण कौशल के जरिये प्रशिक्षण गुणवत्ता में बढ़ोतरी और गंभीरता बनाये रखने की वजह से संभव हुआ है। भारतीय नौसेना एफएफसी के साथ क्षमता और चिरस्थायी संबंध बनाने के लिए भविष्य में बेहतरीन प्रशिक्षण देती रही है और आगे भी देगी।

 

आईएन की हाइड्रोग्राफिक एफसी पहल .

 

अंटार्कटिका के लिये 42वां भारतीय वैज्ञानिक अभियान

 

एक अधिकारी और एक नाविक की हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण टीम नवंबर 2021 से मई 2022 तक अंटार्कटिका में 42वें भारतीय वैज्ञानिक अभियान में भाग ले रही है। वे लारसेमैन हिल और प्रिंसेस एस्ट्रिड कोस्ट से हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेंगे।

 

मानवीय सहायता (एचएडीआर) और खोज और बचाव (एसएआर) संचालन

 

केरल/चेल्लनम बाढ़ राहत

दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) मई, 2021 में केरल के चेल्लनम में बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में सबसे आगे थी, जिसमें बाढ़ राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए कई टीमों को तैनात किया गया था। केरल के कोट्टायम में इसी तरह की स्थिति में, 17 अक्टूबर, 2021 को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए आईएन हेलीकॉप्टरों द्वारा सहायता प्रदान की गई थी।

चक्रवात 'ताउते' के बाद एसएआर अभियान

चक्रवात 'ताउते' 15 मई 21 को मुंबई की दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा में लगभग 400 नॉटिकल मील पर बना था जो भारत के पश्चिमी तट के साथ उत्तर की ओर बढ़ते हुए 17 मई, 2021 को दीव के पास 'अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान' के रूप में तटों से टकराया था. चक्रवात के गुजरने और तटों से टकराने के दौरान भारतीय नौसेना ने व्यापक एसएआर ऑपरेशन किये।

चक्रवात 'यास' के लिए एचएडीआर सहायता

22 मई, 2021 को बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना एक 'कम दबाव का क्षेत्र', 'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदल गया और 26 मई, 2021 को धामरा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पास तट को पार कर गया। आईएन ने आगे बढ़कर नागरिक अधिकारियों को सहायता प्रदान करने के लिए एचएडीआर पैलेट्स के साथ मैसूर, रणविजय, कमोर्ता और शक्ति जहाजों को तैनात किया।

मेघालय में गोताखोरी सहायता

 पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में पानी से भरी कोयला खदान में फंसे कोयला खनिकों को निकालने के लिए 12 जून से 06 जुलाई, 2021 तक मेघालय सरकार को गोताखोरी में सहायता प्रदान की गई थी। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 03 मृतक कोयला खनिकों के शरीरों को खदानों से निकाला गया था।

महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाढ़ राहत सहायता

बाढ़ के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक के विभिन्न जिलों में सहायता प्रदान करने के लिए 22 जुलाई, 2021 को नागरिक प्रशासन से मिले अनुरोध के आधार पर, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बचाव प्रयासों के लिए दस बाढ़ राहत दल (एफआरटी) तैनात किए गए थे। मुंबई और गोवा से भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा हवाई उड़ानें भरी गईं और बचाव मिशन के लिए रत्नागिरी में एक एएलएच को तैनात किया गया। रत्नागिरी जिले (चिपलून/खेड़) में तैनात एफआरटी ने लगभग 200 परिवारों को खाने के लिए तैयार/पैकेज्ड भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की। उत्तर कन्नड़ जिले (मल्लापुर तालुक और कैगा टाउनशिप) में तैनात कारवार एफआरटी ने फंसे हुए 235 से अधिक निवासियों को बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।

गुजरात बाढ़ राहत

लगातार बारिश के बाद बाढ़ के कारण राजकोट और जामनगर में नागरिक प्रशासन से 13 सितंबर, 2021 को मुख्यालय, गुजरात नौसेना क्षेत्र को बचाव सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ था। सहायता के लिए पांच बाढ़ राहत दल (एफआरटी) तैनात किये गये थे। ऑपरेशन के दौरान 400 से अधिक नागरिकों को बचाया गया और सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा गया।.

 

कमीशन लॉन्चिंग/ उत्पादन की शुरुआत

आईएसी 1 का पहला समुद्री परीक्षण

स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) 'विक्रांत' ने अगस्त 2021 में अपनी पहली समुद्री यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया। कुछ अन्य समान उपलब्धियों के साथ ये उपलब्धि भारतीय नौसेना के लिये स्वदेश में तैयार सबसे बड़े प्लेटफॉर्म के प्रति भरोसे और आत्मनिर्भर भारत की हमारी कोशिशों पर देशवासियों के भरोसे को मजबूत करेगा। विक्रांत को 15 अगस्त 2022 में कमीशन दिये जाने का लक्ष्य है।

विशाखापत्तनम को कमीशन मिला

प्रोजेक्ट 15बी का पहला जहाज, विशाखापत्तनम मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा 28 अक्टूबर, 2021 को मुंबई में आईएन को दिया गया था और 21 नवंबर, 2021 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा आईएन में कमीशन किया गया था।

पनडुब्बियों का कमीशन

दो परिष्कृत और शक्तिशाली प्लेटफॉर्म करंज और वेला को क्रमशः 10 मार्च 21 और 25 नवंबर 21 को कमीशन किया गया था, जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री , अत्याधुनिक हथियार लगे हैं जो पश्चिमी समुद्र तट में हमारे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उपयुक्त हैं।

आईएन एलसीयू एल58 (यार्ड 2099) कमीशनिंग

आईएन एलसीयू एल58 को पोर्ट ब्लेयर में 31 मार्च, 2021 को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, कमांडर-इन-चीफ, ए एंड एन कमांड द्वारा कमीशन किया गया था। जहाज जीआरएसई, कोलकाता द्वारा निर्मित आठ एलसीयू एमके चतुर्थ जहाजों की श्रृंखला में अंतिम पोत है।

 

आईएनएएस 323 को कमीशन मिला

एएलएच एमके तृतीय के पहले स्क्वाड्रन को आईएनएस हंसा में आईएनएएस 323 के रूप में 19 अप्रैल, 2021 को श्री श्रीपद यासो नाइक, रक्षा राज्य मंत्री द्वारा कमीशन किया गया था।

एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर सेवा में शामिल

29 अक्टूबर, 2021 को आईएनएस शिकारा में दो उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों वाली एक नई उड़ान शामिल की गई।

7वें जहाज तुशिला के लॉन्च का समारोह

7वें जहाज तुशील का 'लॉन्चिंग समारोह' 28 अक्टूबर, 2021 को यंतर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद, रूस में रूसी संघ में भारत गणराज्य के राजदूत और आईएचक्यू एमओडी (एन) के एक प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।

 

सेवा से मुक्ति

 

निम्नलिखित नौसेना जहाजों को 2021 में सेवामुक्त कर दिया गया:

 

क्रमांक

समुद्री जहाज

जहाज का प्रकार

सेवामुक्त करने की तिथि

(क)

आईएन एफएसी टी81

फास्ट अटैक क्राफ्ट

28 जनवरी 21

(ख)

राजपूत

डिस्ट्रॉयर

21 मई 21

(ग)

सांध्यक

सर्वेक्षण जहाज

04 जून 21

(घ)

आईएन एफएसी टी 80

फास्ट अटैक क्राफ्ट

07 अक्टूबर 21

(च)

खुखरी

मिसाइल कार्वेट

23 दिसंबर 21

 

मुंबई में ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड

सीसीसी-जनवरी 2017 के दौरान प्रधान मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के परिणामस्वरूप, सेवा मुख्यालयों ने क्षेत्रीय कमान स्तर पर अंतर-सेवा तालमेल के लिए क्षेत्रों की पहचान की। तदनुसार, सरकारी स्वीकृति पत्र 20 अक्टूबर को जारी किया गया था और भारतीय सेना की प्रमुख भूमिका के साथ एक ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड {जेएलएन (एमबीआई )} की स्थापना पश्चिमी नौसेना कमान, मुंबई में की गयी जो कि 01 अप्रैल, 2021 से प्रभावी है।

 

इनोवेशन और स्वदेशीकरण

 

भारतीय नौसेना(आईएन) ने 'स्वदेशीकरण के माध्यम से आत्मनिर्भरता' प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किया है और 'राजस्व' मार्ग के तहत खरीद के अलावा भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं, जैसे 'मेक इन इंडिया', 'प्रौद्योगिकी विकास कोष' और 'रक्षा उत्कृष्टता के लिए इनोवेशन' के साथ तालमेल बनाया है। आईएन सरकारी योजनाओं के विशिष्ट लाभ उठाने के लिए तीनों सेवाओं में पथ प्रदर्शक रहा है और प्रमुख कंपनियों से लेकर एमएसएमई तक जिसमें स्टार्ट-अप भी शामिल हैं, के साथ संपर्क में है जिससे उन्हें हमारे स्वदेशीकरण कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।  

 

विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाना

 

लंबी दूरी के सटीक हमले की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल किया जा रहा है। लक्षित करने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए स्वयं लक्ष्य तलाश कर उसे नष्ट करने में समर्थ हथियारों के भूमि और समुद्र आधारित संस्करणों को शामिल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, परिचालन क्षमता बढ़ाने और संचालन में लचीलेपन को बढ़ाने के लिए कंटेनर के जरिये इस्तेमाल योग्य मिसाइल प्रणालियों को शामिल किया जा रहा है।

भारतीय नौसेना के लिए एकीकृत मानवरहित रोडमैप

 

विश्व स्तर पर विकसित हो रहे तकनीकी परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना के द्वारा आईएन के लिए एक एकीकृत मानव रहित रोडमैप तैयार किया गया है जिसे रक्षा मंत्री द्वारा 18 अक्टूबर, 2021 को कमांडरों के सम्मेलन के दौरान जारी किया गया था। इसका ही एक अवर्गीकृत संस्करण उद्योग द्वारा उनके अनुसंधान एवं विकास प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के संदर्भ में तैयार किया जा रहा है।.

कोविड 19 के दौरान भारतीय नौसेना के प्रयास

कोविड केयर

 

आईएनएचएस अश्विनी ने कोविड 19 महामारी की शुरुआत के बाद से पूरे आईएन के लिये एक तृतीयक देखभाल चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ एक कोविड देखभाल तृतीयक अस्पताल की दोहरी भूमिका निभाई। उपलब्ध संसाधनों के भीतर इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षित कर्मियों को इसके लिये फिर से विनियोजित किया गया था। मौजूदा बिस्तरों को फिर से विनियोजित करके एक 250 बिस्तरों वाली तृतीयक कोविड केयर की स्थापना की गई थी। इसमें 20 हाई-डिपेंडेंस यूनिट और 10 आईसीयू बेड शामिल हैं। सेवा पाने वालों में सैन्यकर्मी, सेवानिवृत और उनके आश्रित शामिल थे और इसके साथ ही दिल्ली, अहमदाबाद और पटना में स्थापित कोविड देखभाल केंद्रों को प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध करा कर नागरिक प्राधिकरण को सहायता प्रदान की गयी।

 

कोविड बैटल फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट (बीएफएनए) ट्रेनिंग

कोविड से जुड़ी पैरामेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए गैर-चिकित्सा कर्मियों का नौसेना के अस्पतालों में बीएफएनए प्रशिक्षण और रिफ्रेशर ट्रेनिंग जारी है। यह कार्यबल चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए अल्प सूचना पर तैनात किये जाने के लिए उपलब्ध है।

 

इवैक्यूएशन पॉड्स का एयरलिफ्ट

 

डेगा पर तैनात आईएनएएस 311 को  पैरा डोर्नियर में एनएवाई (के) द्वारा निर्मित रोगियों की निकासी के कोविड इवैक्यूएशन पॉड्स की ढुलाई में अग्रणी होने का गौरव प्राप्त है। ईएनसी में उपयोग के लिए एनएवाई (के) से दो कोविड-19 इवैक्यूएशन पॉड्स को एयरलिफ्ट करने के लिए 07 मई, 2021 को कोच्चि गरुड़ के लिए एक उड़ान भरी गई थी।

 

लोक-कल्याण और सशक्तिकरण

भारतीय नौसेना महिलाओं के कल्याण, कुशलता और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय नौसेना का यह निरंतर प्रयास है कि महिला कर्मचारियों और परिवार के महिला सदस्यों को हर समय उच्च मनोबल और प्रेरणा बनाए रखने के लिए अधिकतम सहायता प्रदान की जाये। आईएन ने महिला कर्मचारियों के सशक्तिकरण और संबंधित इकाइयों में गतिविधियों/कार्य में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किये हैं।

फ्रंटलाइन कॉम्बैट प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की नियुक्ति

महिला अधिकारियों को आईएनएस विक्रमादित्य सहित अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है, जिसमें पुरुष अधिकारियों के समकक्ष 4 महिला अधिकारी (02 एनएआई प्रशिक्षु अधिकारियों सहित) तैनात हैं। वर्तमान में जहाजों पर 28 महिला अधिकारियों की नियुक्ति हैं और इनकी संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है। तदनुसार, अतिरिक्त महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए जहाजों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है। जेंडर सेंसिटिव अवसर प्रदान करने की मौजूदा नीति को ध्यान में रखते हुए जहाजों पर लगातार बड़ी संख्या में महिला चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।

 

महिला नेवल एयर ऑपरेशन ऑफिसर

 

नौसेना उड्डयन के इतिहास में पहली बार, महिला नेवल ऑपरेशंस अधिकारियों का पहला बैच रोटरी विंग में शामिल किया गया और 03 फरवरी, 2021 को आईएनएस गरुड़, कोच्चि में हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन आईएनएएस 336 में शामिल हुआ। लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और लेफ्टिनेंट रीति सिंह ने अपने सीकिंग कन्वर्जन के पूरा होने के बाद लड़ाकू विमान चालक दल के रूप में जहाज पर संचालन किया। भारतीय नौसेना में यह पहली बार है जब महिलाएं हेलीकॉप्टर से संचालन कर रही हैं। वे वर्तमान में कोच्चि में प्रशिक्षण ले रही हैं। इससे उन्हें आधुनिक विमानों पर जटिल हथियार, सेंसर और उपकरण संचालित करने का मौका मिला है।

 

महिलाओं की विदेश के ऑपरेशंस में तैनाती

 

इसके अलावा, पहली महिला अधिकारी को सितंबर, 2020 में पहली डोर्नियर तैनाती के लिए संचालन दल के हिस्से के रूप में मालदीव में प्रतिनियुक्त किया गया था। महिला अधिकारियों को 2021 में रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए) स्ट्रीम में भी शामिल किया गया है और पहला अधिकारी वर्तमान में आरपीए कन्वर्जन प्रशिक्षण से गुजर रहा है।

.

महत्वपूर्ण गतिविधियां

स्वर्ण जयंती समारोह

वर्ष 2021 भारत की 1971 के युद्ध में शानदार जीत की 50वीं वर्षगांठ है। सेनाओं के द्वारा इस वर्ष को 'स्वर्णिम विजय वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है। कार्यक्रम 16 दिसंबर, 2020 को नई दिल्ली में विजय दिवस मनाकर शुरू हुए और 16 दिसंबर, 2021 को समाप्त हुए। महा कनेक्ट, विक्ट्री फ्लेम मूवमेंट कार्यक्रम, गोवा फिल्म समारोह, वेबिनार, संगोष्ठी, दीव में विशेष स्मारक समारोह,  उपकरण और हथियारों के पवेलियन, एसवीवी से जुड़ी कई अन्य गतिविधियां जैसे विविध कार्यक्रमों / गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला नौसेना सप्ताह में आयोजित हुई जिसके साथ ही भूतपूर्व सैन्य कर्मियों और 1971 के युद्ध वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मान भी किया गया।

प्रेजीडेंट कलर अवॉर्ड

 राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर श्री राम नाथ कोविंद ने आईएनएस हंसा, गोवा में भारतीय नौसेना एविएशन को 06 सितंबर, 2021 को और 08  दिसंबर, 2021को मुंबई में 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन (किलर्स स्क्वाड्रन) को प्रेजीडेंट कलर  से सम्मानित किया।.

भारतीय वायु सेना

 

आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए और प्रौद्योगिकियों में जारी परिवर्तनों ने वर्ष 2021 के दौरान भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण में लगातार जारी खोज को बढ़ावा दिया। इस प्रकार, वर्ष में भारतीय वायुसेना ने बड़े स्तर पर फैली कई गतिविधियों को अंजाम दिया। वर्ष के दौरान की गई प्रमुख गतिविधियों की जानकारी आगे दिये गये पैराग्राफों में है।

 

पूर्वी लद्दाख

पूर्वी लद्दाख की परिस्थितियों के दौरान भारतीय वायु सेना(आईएएफ) ने किसी भी और सभी स्थिति से निपटने के लिये अपने सेंसर, हवाई प्लेटफॉर्म और सहयोगी उपकरणों को इस क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया। इलाके और मौसम द्वारा उत्पन्न सीमाओं और चुनौतियों से उपयुक्त अनुकूलन और तैयारी के साथ निपटा गया था। आईएएफ ने भारतीय सेना को रसद और हवाई रखरखाव सहायता भी प्रदान की। आईएसआर के संदर्भ में आईएएफ और आईए की आवश्यकताओं को भी प्रभावी ढंग से पूरा किया गया।

आधुनिकीकरण

आईएएफ ने अपने शस्त्रागार में न केवल विमानों को बल्कि विभिन्न वायु रक्षा प्रणालियों और सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों को भी जोड़ा। ऐसा करते हुए इसने 'आत्मनिर्भर भारत' से अपना ध्यान नहीं हटाया। एलसीए (तेजस), अरुद्रा और अश्लेषा रडार, अस्त्र एयर टू एयर मिसाइल, आकाश सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर इस सोच के लिये भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। इन प्रणालियों को आईएएफ की सूची में जोड़ा गया । मेक इन इंडिया के प्रयासों में तालमेल बिठाने के लिए, आईएएफ ने एक समर्पित मेक पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) की स्थापना की है जो यह सुनिश्चित करने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करेगी कि परियोजनाएं तेजी से फलीभूत हों। एमआरएसएएम की पहली फायरिंग यूनिट को औपचारिक रूप से रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 09 सितंबर 21 को वायुसेना स्टेशन जैसलमेर में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।

वर्ष 2021 में राफेल विमानों की कुल संख्या 30 हो गई। 19 लो लेवल परिवहन योग्य रडार (एलटीटीआर) भी आईएएफ को दिये गये हैं, जिसमें बीईएल को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) के माध्यम से भी लाभ हुआ है।

सी-295 परिवहन विमान को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये सीसीएस की मंजूरी के बाद एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गये। आईएएफ अपने एवरो बेड़े की जगह इनमें से 56 विमानों को शामिल करेगा। सी-295 के लिए फुल मोशन सिम्युलेटर (एफएमएस) की खरीद भी अनुबंध के एक हिस्से के रूप में शामिल है। इस वर्ष में वीवीआईपी संचालन के उद्देश्य से एयर इंडिया से आईएएफ को दो बी777-300 ईआर विमानों के स्वामित्व, संचालन और रखरखाव का हस्तांतरण भी देखने को मिला।

आपातकालीन लैंडिंग सुविधाएं (ईएलएफ)

वर्ष 2021 में दो नए ईएलएफ के उद्घाटन समारोह हुए। पहला एनएच-925ए (गंधव-बखासर खंड, राजस्थान) के साथ था, जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री ने 09 सितंबर 21 को किया था। 16 नवंबर 21 को उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर में मिराज-2000, सी-130जे और एएन-32 विमान द्वारा ईएलएफ में सफल लैंडिंग की गई थी। उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में ईएलएफ पर  प्रधान मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और वायुसेना प्रमुख सी-130जे विमान से उतरे थे।

.मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर)

अफगानिस्तान बचाव अभियान

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की स्थिति ने राष्ट्र के लिए एक अनूठी चुनौती पेश की। आईएएफ को अफगानिस्तान से भारतीयों और कुछ अन्य नागरिकों को निकालने के लिए बुलाया गया था। पहले कंधार, फिर मजार-ए-शरीफ और अंत में काबुल से नागरिकों को निकालने की कार्यवाही शुरू की गई। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के सैनिकों की वापसी के परिणामस्वरूप काबुल में अराजकता की स्थिति थी। आईएएफ ने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए अपने सी-17 और सी-130जे विमान तैनात किये। कंधार (10 जुलाई 21) और मजार-ए-शरीफ (10 अगस्त 21) से निकासी के लिये प्रत्येक जगह सी-17 का उपयोग किया गया था। इसके अलावा पांच विमान (चार सी-17 और एक सी-130जे) का इस्तेमाल 15 से 28 अगस्त 21 के बीच 132 सरकारी अधिकारियों, 316 भारतीय नागरिकों और अन्य देशों के 126 नागरिकों को बचाने के लिये किया गया था।

कोविड संबंधित एचएडीआर संचालन

दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 पर नियंत्रण की दिशा में राष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में आईएएफ को चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिये कहा गया था। आईएएफ के परिवहन विमानों को विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के लिए काम सौंपा गया था। इसमें एक 'सर्ज' की तरह का एयरलिफ्ट ऑपरेशन (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों) शामिल था, जो लगातार 40 दिनों से अधिक समय तक जारी रहा। 42 भारी और मध्यम एयरलिफ्ट एसेट्स जिनमें सी-17, आईएल-76 और सी-130 जे शामिल थे, इन कार्यों के लिए इस्तेमाल किये गये थे। 3757 घंटे की उड़ान में, 15306 टन कोविड संबंधित चिकित्सा उपकरण और आपूर्ति को एयरलिफ्ट किया गया।

अन्य एचएडीआर संचालन

 वर्ष 2021 में महाराष्ट्र और देश के दक्षिणी हिस्सों, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का दौर देखा गया। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। मध्य प्रदेश में भी बारिश ने कहर बरपाया. भारतीय वायुसेना ने 855उड़ानें/776घंटे की उड़ान भरी, 400 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई और 3000 से अधिक लोगों की जान बचाई।

अभ्यास

ऐसी 'न युद्ध- न शांति' जैसी स्थिति में भारतीय वायु सेना ने जमकर अभ्यास किया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई अभ्यास किये गये। इसमें से कुछ प्रमुख हैं:

 

(ए) जैपेड -21अभ्यास :21 सितंबर को रूस के चाकलोवास्की में एक द्वि-सेवा भारत-रूसी अभ्यास हुआ। आईएएफ ने एक आईएल-76 विमान के साथ भाग लिया।

(बी) शांति मिशन अभ्यास:  21 सितंबर को, आईएएफ के आईएल-76 विमान ने शांति मिशन -21 नामक एससीओ अभ्यास में भाग लिया।

(सी) ब्लू फ्लैग अभ्यास और मिस्र वायु सेना के साथ अभ्यास: पांच मिराज 2000 विमानों के साथ तीन आईएल-78 विमानों ने 21 अक्टूबर के दौरान इज़राइल में बहुपक्षीय अभ्यास 'ब्लू फ्लैग' में भाग लिया। अपनी वापसी यात्रा पर, इन आईएएफ विमानों ने मिस्र की वायु सेना के साथ एक अभ्यास में भाग लिया।

(डी) युद्धाभ्यास 21 अभ्यास: अलास्का, यूएसए में आईए सैनिकों के इंडक्शन के बाद आईएएफ के एक सी-17 विमान ने पीएसीएएफ के साथ द्विपक्षीय एंगेजमेंट में भाग लिया।

संशोधित आधिकारिक वेबसाइट

भारतीय वायु सेना ने बेहतर दृश्य प्रभावों और उन्नत सामग्री और नये ग्राफिक्स के साथ एक नई वेबसाइट 'indianairforce.nic.in'

 लॉन्च की। वेबसाइट को आंतरिक संसाधनों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया था।

भारतीय हवाई क्षेत्र के बेहतर उपयोग के लिए आईएएफ का योगदान

भारतीय वायु सेना और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संयुक्त रूप से हवाई क्षेत्र के कुशल उपयोग के लिये एक तंत्र का गठन किया है। इसे हासिल करने के लिये, प्रतिबंधित हवाई क्षेत्रों से ट्रांजिट की सुविधा के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर हवाई क्षेत्र प्रबंधन कक्ष बनाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप नागरिक विमानों के लिए उड़ान के समय में कमी आई है जिससे एयरलाइंस के लिये बचत हुई है और कार्बन फुटप्रिंट में कमी आई है। एयरस्पेस मैनेजमेंट सेल (एएमसी) को संयुक्त रूप से भारतीय वायुसेना और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के कर्मियों द्वारा संचालित किया जाता है।

नागरिक उड्डयन की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए हवाई क्षेत्र के साथ-साथ, आईएएफ भी अपने हवाई अड्डों को साझा करने के लिये एमओसीए के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। इसी के अनुसार, उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 53 भारतीय वायुसेना हवाई क्षेत्रों और 08 उन्नत लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) में से 39 को नागरिक अनुसूचित उड़ानों को समायोजित करने के लिये संयुक्त उपयोग के लिये खोल दिया गया है। इसमें क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना-उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) के तहत उड़ान संचालन भी शामिल है।

निष्कर्ष

आईएएफ की सोच 'संघर्ष के स्पेक्ट्रम में रणनीतिक पहुंच और क्षमताओं को हासिल करना है जो सैन्य कूटनीति के उद्देश्य को पूरा करने, राष्ट्र निर्माण और भारत के रणनीतिक प्रभाव क्षेत्र में शक्ति स्थापित करने को सक्षम बनाता है।' इसके लिए, आईएएफ एक केंद्रित आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है जिसकी योजना में एक क्षेत्रीय स्ट्रेटजिक एयरोस्पेस ताकत बनने के साथ सभी पहलुओं में पूरी क्षमता हासिल करना है। आईएएफ केंद्रित, निरंतर और विकसित स्वदेशीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता की ओर प्रयास कर रहा है। आईएएफ विदेश निर्मित रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को उत्तरोत्तर कम करने और देश की 'मेक इन इंडिया' पहल का समर्थन करने के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय तटरक्षक

ऑपरेशन

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के एसेट्स में वृद्धि के साथ समुद्री निगरानी पर प्रोत्साहन को जरूरी बढ़ावा मिला। भारतीय तटरक्षक जहाजों और विमानों को भारत के समुद्री क्षेत्र में निगरानी प्रयासों के लिए प्रतिदिन तैनात किया जाता है।

ओएसवी ग्रेटशिप रोहिणी (ओएनजीसी का स्वामित्व) से चालक दल का बचाव और अग्निशमन सहायता.

13 फरवरी 2021 को ओएसवी ग्रेटशिप रोहिणी (कॉल साइन एवीएचडी) से एमएफ डीएससी संकट चेतावनी प्राप्त हुई थी जिसमें भारतीय चालक दल के 18 सदस्य थे और जिसकी स्थिति प्रांग्स लाइटहाउस से 92 नॉटिकल मील दूर थी।  सूचना मिलने पर, आईसीजी जहाजों समर्थ और समुद्र प्रहरी को संकटग्रस्त पोत की सहायता के लिए भेजा गया।

 

आईसीजीएस समर्थ 13 फरवरी 21 को घटना स्थल पर पहुंचा। संकटग्रस्त पोत की जांच करने पर, जहाज को सूचित किया गया कि ओएसवी ग्रेटशिप रोहिणी के इंजन कक्ष में एनक्यूओ प्लेटफॉर्म के पास कार्गो ऑपरेशन करते समय आग लग गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक चालक दल के 3 सदस्य लापता थे और चालक दल का एक सदस्य आग में झुलसा था और उसे चिकित्सा के लिये सुरक्षित जगह ले जाने की आवश्यकता थी। दमन से सीजी डोर्नियर भी हवाई सर्वेक्षण के लिए संकटग्रस्त पोत तक पहुंचा। जहाज की बचाव नौका से चालक दल के घायल सदस्य को पास के एनक्यूओ प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया और आगे की चिकित्सा के लिए ओएनजीसी हेलो के माध्यम से जुहू हेलीबेस में स्थानांतरित कर दिया गया। आईसीजी ने सहायता प्रदान करने के लिये आसपास के ओएनजीसी जहाजों यानी एमवी अल्बाट्रोस और ओएसवी ग्रेटशिप दीप्ति से भी अनुरोध किया। आईसीजीएस समर्थ और ओएनजीसी के जहाजों ने लगातार बाउंड्री कूलिंग का काम किया।

 

'आजादी का अमृत महोत्सव' उत्सव

12 मार्च 21 से शुरू होने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार, भारतीय तटरक्षक बल को इस दिन 75 तटीय गांवों में मछुआरा समुदाय के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया गया। तटीय गांवों के साथ-साथ 25 विभिन्न स्थानों पर 25 विशेष सीआईपी आयोजित किये गये।

.

नागरिक प्राधिकरण को सहायता

 

अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान "ताउते" के दौरान आईसीजी प्रयास

 

दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के बढ़ने और 16 मई 21 को पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान के बनने की संभावना के संबंध में 11 मई 21 को आईएमडी द्वारा जारी भविष्यवाणी के परिणामस्वरूप, आईसीजी ने 11 मई 21 से जरूरी उपाय शुरू किए। आईसीजी के लक्षद्वीप द्वीप समूह और पश्चिमी तमिलनाडु तट सहित पश्चिमी तट पर मुख्यालय ने मत्स्य अधिकारियों/संघों को सतर्क किया और एमआरसीसी मुंबई और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एमआरएससी के माध्यम से राज्य/केंद्र एजेंसियों के साथ अलग अलग संपर्क बनाए रखना शुरू किया ताकि मछली पकड़ने वाली नौकाओं की जानकारी रखी जा सके और समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं को निकटतम बंदरगाह में आश्रय / बेस पोर्ट पर वापसी के लिए सतर्क किया जा सके। क्षेत्रीय संचालन केंद्रों (आरओसी) और रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों (आरओएस) ने अपने अधिकार क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं / नाविकों को चेतावनी देने के लिए स्थानीय भाषाओं में मौसम अलर्ट प्रसारित करना शुरू कर दिया है। बंदरगाह के अधिकारियों और लंगर डाले व्यापारी जहाजों को जरूरी उपाय शुरू करने और सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए सतर्क किया गया। पश्चिमी तट/लक्षद्वीप द्वीपों पर स्थित आईसीजी मुख्यालय ने जरूरी उपायों को शुरू करने के लिए स्थानीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ समन्वय किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चक्रवात की तैयारी के लिए विभिन्न समन्वय बैठकों में भी भाग लिया।

 

आईसीजी जहाजों और विमानों द्वारा मौसम अलर्ट वीएचएफ रेडियो पर स्थानीय भाषा में जारी किये गये। एमआरसीसी मुंबई ने सुरक्षात्मक चरण के दौरान विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया और ओएनजीसी नियंत्रण कक्ष को 13 मई 21 और 15 मई 21 को अपतटीय विकास क्षेत्रों (ओडीए) में ऑयल रिग्स और अन्य जहाजों को उनके एसओपी के अनुसार सुरक्षा के लिए जरूरी सुरक्षात्मक उपाय उठाने के लिए सलाह जारी की और सभी ऑफशोर सपोर्ट वेसल (ओएसवी) / सपोर्ट वेसल की निगरानी और आकस्मिक उपाय शुरू किये। पश्चिमी तट और लक्षद्वीप द्वीपों के साथ आईसीजी ने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मत्स्य विभागों के साथ समन्वय बनाया और 7535 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर विभिन्न बंदरगाहों/बंदरगाह/समुद्र में मत्स्य पालन विभागों द्वारा नजर रखी गयी।.

 

गंभीर चक्रवाती तूफान 'यास' को लेकर आईसीजी प्रयास

 

22 मई 21 के आसपास पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर पर कम दबाव के क्षेत्र के बारे में आईएमडी द्वारा भविष्यवाणी के परिणामस्वरूप, आईसीजी ने 18 मई 21 से कई सुरक्षात्मक उपाय शुरू किये थे। पूर्वी तट पर आईसीजी लोअर फॉर्मेशन मुख्यालय जिसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल था, को अलर्ट किया गया।

 

बंदरगाह अधिकारियों और लंगर डालने की जगह पर मौजूद व्यापारी जहाजों को मौसम को लेकर सतर्क किया गया और सुरक्षात्मक उपायों को शुरू करने और सुरक्षित जगहों की तरफ बढ़ने का अनुरोध किया गया। पूर्वी तट/अंडमान और निकोबार द्वीप पर स्थित आईसीजी मुख्यालय ने जरूरी उपायों को शुरू करने के लिए स्थानीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाया और  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चक्रवात से निपटने की तैयारी के लिये विभिन्न समन्वय बैठकों में भी भाग लिया। हर दिन आईसीजी के 12 से 15 जहाजों और 2 से 3 डोर्नियर विमानों को पूर्वी तट और ए एंड एन द्वीपों पर तैनात किया गया था ताकि मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिये सतर्क किया जा सके वहीं क्षेत्र से गुजर रहे व्यापारिक जहाज चक्रवात के रास्ते से हटें और विभिन्न बंदरगाहों पर लंगर डाले जहाज सुरक्षित जगहों की तरफ बढ़ सकें।

 

आईसीजी जहाजों और विमानों द्वारा मौसम अलर्ट वीएचएफ रेडियो पर स्थानीय भाषा में जारी किये गये थे। सीजीडीएचक्यू -6 ने ओएनजीसी को अपतटीय विकास क्षेत्रों (ओडीए) में तेल रिग और अन्य जहाजों को उनके एसओपी के अनुसार सुरक्षा के लिए निवारक उपाय करने, सभी अपतटीय समर्थन जहाजों (ओएसवी) / समर्थन जहाजों की निगरानी और आकस्मिक उपायों को शुरू करने के लिए सतर्क करने के लिए सलाह जारी की। आईसीजी ने सभी ऑपरेटर्स के साथ समन्वय स्थापित किया और आने वाले चक्रवात की वजह से सभी ऑपरेटरों द्वारा सिंगल प्वाइंट मूरिंग (एसपीएम) ऑपरेशंस को निलंबित कर दिया गया।.

 

चक्रवात 'यास' के दौरान फंसे हुए कर्मियों का बचाव।  

 

सीजीडीएचक्यू -8 हल्दिया को 26 मई 21 को नयाचारा द्वीप में फंसे कर्मियों के बारे में राज्य प्रशासन से सूचना मिली। तुरंत, 02 एयर कुशन वाहन (एसीवी) लॉन्च किये गये और नयाचारा द्वीप से फंसे 77 लोगों को होवरक्राफ्ट द्वारा निकाला गया।

 

पड़ोसी देशों/विदेशी जहाजों को सहायता

 

कोलंबो में ऑपरेशन 'सागर रक्षा-द्वितीय'

 

एमवी एक्स-प्रेस पर्ल एक सिंगापुर पंजीकृत कंटेनर पोत है, जो कोलंबो के उत्तर-पश्चिम में लगभग 9.5 समुद्री मील की दूरी पर लंगर डाले हुए था, ने 20 मई 21 को नंबर 2 होल्ड पर आग लगने की सूचना दी। जहाज कोलंबो बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति की प्रतीक्षा कर रहा था और रसायनों और सौंदर्य प्रसाधनों के साथ कई प्रकार के सामान जैसे नाइट्रिक एसिड, एलडीपीई, सोडियम हाइड्रोक्साइड  के 1,486 कंटेनर ले जा रहा था। हालांकि, शिपबोर्ड सिस्टम का उपयोग करके सीओटू को होल्ड में डालकर आग बुझाने की सूचना दी गई थी। आग 25 मई 21 को एक बार फिर से भड़क उठी। जहाज पर तेजी से विस्फोटों के साथ स्थिति और बिगड़ गई और पूरे जहाज में आग लग गई और चालक दल को सुरक्षित निकाल लिया गया। जहाज पर भीषण आग पर काबू पाने और संभावित तेल रिसाव से समुद्री पर्यावरण के लिए संभावित खतरे को कम करने के लिए, श्रीलंका के अधिकारियों द्वारा कोलंबो में भारतीय उच्चायोग (एचसीआई) और दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम (एसएसीईपी) के माध्यम से सहायता मांगी गई थी।  अनुरोध प्राप्त होने पर, "सागर सुरक्षा द्वितीय" नामक एक ऑपरेशन शुरू किया गया था और मन्नार की खाड़ी (जीओएम) में निगरानी कर रहे आईसीजीएस वैभव को अग्निशमन प्रयासों में मदद के लिये घटनास्थल की तरफ भेजा गया। इसके अतिरिक्त, आईसीजीएस वज्र अभियान में मदद के लिए पांच गोताखोरों की टीम और पीआर उपकरण/सामग्री के साथ तूतीकोरिन से भेजा गया। आईसीजीएस वैभव और आईसीजीएस वज्र ने चार ओएसवी पॉश टील, एस्ट्रो कैपेला, बोका अभियान और पनामा जो कि एक्सटर्नल फायरफाइटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे थे, के साथ समन्वय में अग्निशमन प्रयासों का नेतृत्व किया।  सीजी विमान को 26 मई 21 को चेन्नई से हवाई सर्वेक्षण के लिए भेजा गया ।

 

आईसीजीएस समुद्र प्रहरी, एक विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया पोत भी तैनात किया गया था जो कि 29 मई 21 को मौके पर पहुंचा। आईसीजीएस समुद्र प्रहरी, आईसीजीएस वज्र और आईसीजीएस वैभव ने एएफएफएफ और समुद्री जल का उपयोग करते हुए एमवी एक्स-प्रेस पर्ल पर कई एफआईएफआई रन किए। विशेष रूप से मिडशिप एरिया और फ़नल के साथ प्रभावित हिस्सों पर लगातार फोम का छिड़काव किया गया। छह दिनों तक लगातार आग पर नियंत्रण की कोशिशों के बाद 01 जून 21 को आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

 

बचाव नौकाओं ने 09 जून 21 को पुष्टि की कि अधिकांश बंकर और अन्य तेल आग के दौरान जल गए और पोत के पास की दिखी चमक भी एचएफओ/तेल रिसाव का संकेत नहीं थी। इसलिए ऑपरेशन 'सागर रक्षा द्वितीय' को 11 जून 21 को समाप्त कर दिया गया। ऑपरेशन 'सागर रक्षा द्वितीय' ' ने हमारे पड़ोसी देश को "पड़ोसी देशों को प्राथमिकता" के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप एक बहुत ही आवश्यक सहायता प्रदान की और बड़ी समुद्री आपदा से बचाने में सफल रहा।

 

तटीय सुरक्षा

 

आईसीजी और तटीय पुलिस द्वारा ज्वाइंट कोस्टल पेट्रोल (जेसीपी) पर एसओपी

तटीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिये प्रधान मंत्री के विजन दस्तावेज में निहित आईसीजी और तटीय पुलिस द्वारा ज्वाइंट कोस्टल पेट्रोल (जेसीपी) को 20 अगस्त को स्थापित किया गया था। कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, स्थानीय तटीय पुलिस कर्मियों और आईसीजी यूनिट के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 20 को जेसीपी तय वक्त पर शुरू हुआ। 01 जनवरी 21 से अब तक कुल 383 समुद्री उड़ानें, 199 क्लासरूम इंस्ट्रक्शन और 985 कर्मियों को जेसीपी उड़ानों के लिये जहाज पर उतारा गया है।

 

खोज और बचाव

 

राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक

 

19 वीं राष्ट्रीय समुद्री एसएआर बोर्ड की बैठक 25 नवंबर 21 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गयी थी। बैठक की अध्यक्षता डीजी आईसीजी के नटराजन पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम अध्यक्ष, राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड ने की और मुख्य अतिथि डॉ संजीव रंजन  आईएएस, सचिव (शिपिंग), श्री जतिंद्र नाथ स्वैन, आईएएस, सचिव (मत्स्य पालन) थे। तमिलनाडु, गुजरात और केरल के मत्स्य अधिकारियों ने विभिन्न सुरक्षा उपायों और जारी पहलों के बारे में जानकारी दी।

 

एसएआर कॉमेक्स

एसएआर कम्युनिकेशन एक्सरसाइज (एसएआर कॉमेक्स) आईसीजी द्वारा आसपास के देशों एमआरसीसी और आरसीसी के साथ क्षेत्रीय एसएआर सेवाओं को मजबूत करने, इंटरऑपरेबिलिटी और क्षमता निर्माण विकसित करने के लिए आयोजित किया जाता है। हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सीमाओं से लगे राष्ट्रों को शामिल करने की आईसीजी पहल के परिणामस्वरूप संकट के समय संचार पर एमआरसीसी ऑपरेटर का प्रत्यक्ष अनुभव मिला है। 2021 के दौरान आईसीजी 11 देशों के साथ 14  एसएआर कॉमेक्स में कार्यरत है।

 

          (ए) भारत सरकार ने भारतीय तट रक्षक को हिंद महासागर रिम महासागर संघ (आईओआरए) में एसएआर के लिए भारतीय कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया है।

 

          (बी) एमओडी, भारत सरकार ने भी इंडो पैसिफिक रीजन में एसएआर एक्सआईएन के लिए आईसीजी को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है।

 

          (सी) चालू वर्ष 2021 के दौरान, आईसीजी यूनिट्स ने 494 लोगों की जान बचाई है और 10 मेडिकल इवेक्यूएशन ऑपरेशन किए हैं।

समुद्र में असाधारण बहादुरी के लिए आईएमओ पुरस्कार

 

          हर साल, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) समुद्र में असाधारण बहादुरी के लिए पुरस्कार प्रदान करता है। पुरस्कार का उद्देश्य उन लोगों के लिए एक अद्वितीय, अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्रदान करना है, जो अपनी जान के जोखिम पर, समुद्र में उत्कृष्ट साहस का प्रदर्शन करते हुए, असाधारण बहादुरी के कार्य करते हैं। यह पुरस्कार व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूहों (जैसे जहाज / एसक्यूएन / एमआरसीसी / एमआरएससी / एमआरएसएससी आदि) को प्रदान किया जाता है, जो समुद्र में जीवन को बचाने के प्रयास में या समुद्री पर्यावरण को नुकसान को रोकने या कम करने के प्रयास में असाधारण बहादुरी का कार्य करते हैं। पुरस्कार के विजेता को एक पदक मिलता है, जिसके साथ असाधारण बहादुरी के कार्य के बारे में बताते हुए एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। भारत सरकार ने साल 2014 से 'समुद्र में असाधारण बहादुरी के लिए आईएमओ पुरस्कार' के लिए हर साल आईसीजी से दो नामांकन भेजने की मंजूरी दी है। श्रीलंका तट पर आग से प्रभावित और चालक दल द्वारा छोड़े गए वीएलसीसी एमवी न्यू डायमंड के खींचे जाने के लिये तैयार करने पर सारंग की चार सदस्यों की आईसीजी टीम के नाम डीजीएस द्वारा आईएमओ को आईएमओ बहादुरी पुरस्कार 2021 के लिए भारत के नामांकन के रूप में भेजा गया था। आईएमओ ने आईसीजी टीम को 'सर्टिफिकेट ऑफ कमेंडेशन' से सम्मानित किया है।

 

29 एमआरएससीएस की स्थापना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति

एमओडी, भारत सरकार ने एमओडी पत्र संख्या 17(18)/2020 डी (सीजी) दिनांक 24 जून 21 के माध्यम से 43.89 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ जिसमें कैपिटल हेड के रूप में  22.11 करोड़ और रेवेन्यू हेड के तहत 21.78 करोड़ रुपये हैं, 29 एमआरएससीएस की स्थापना के लिए सैद्धांतिक रूप से अनुमोदन प्रदान किया।

.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

 

भारतीय तटरक्षक बल के जहाजों का विदेश का दौरा

आईसीजीएस सम्राट की विदेश में तैनाती (ओएसडी)

 

इंटीग्रल हेलीकॉप्टर के साथ आईसीजीएस सम्राट को 24 अक्टूबर 21 से 01 नवंबर 21 तक मालदीव में ईईजेड निगरानी के साथ रिप्लेसमेंट एएलएच हेलीकॉप्टर (सीजी 854) को कोच्ची से गन ले जाने और गन, मालदीव से एएलएच हेलीकॉप्टर (सीजी 853) कोच्चि तक लाने के लिये तैनात किया गया.

 

आईसीजीएस वज्र की विदेश में तैनाती (ओएसडी)

 

आईसीजीएस वज्र इंटीग्रल हेलीकॉप्टर (सीजी-817), आईसीजीएस अपूर्व और 747 स्क्वाड्रन (सीजी), सीजीएई, कोच्चि से सीजीडीओ के साथ भारत, मालदीव और श्रीलंका के तट रक्षकों के बीच संबंधित देशों के तटरक्षक बल के साथ पेशेवर और कामकाजी संबंधों को मजबूत करने के लिए त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास दोस्ती-एक्सवी आयोजित करने के लिए 20 से 24 नवंबर 21 तक मालदीव का दौरा किया।

 

विदेशी तटरक्षक एजेंसियों की क्षमता और सामर्थ्य निर्माण

 

समुद्री कानून और संचालन पाठ्यक्रम का संचालन

 

आईसीजी ने अधिकारियों और नाविकों के लिए क्रमशः 06 सितंबर से 01 अक्टूबर 21 और 04 से 22 अक्टूबर 21 तक सीजीटीसी, कोच्चि में समुद्री कानून और संचालन पाठ्यक्रम आयोजित किया। कोविड -19 महामारी के कारण ये पाठ्यक्रम ऑनलाइन आयोजित हुआ।  एफएफसी अर्थात; बांग्लादेश, इक्वेटोरियल गिनी, घाना, आइवरी कोस्ट, केन्या, मॉरीशस, म्यांमार, नाइजीरिया और नामीबिया से तटरक्षक एजेंसियों के 16 अधिकारी और 21 नाविक  को इस पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित किया गया।

प्रशिक्षण और अभ्यास

मेरीन ऑयल फिंगर प्रिंटिंग पर प्रशिक्षण

आईसीजी और जेसीजी के बीच 'समुद्र में अपराधों का मुकाबला करने और क्षेत्रीय सहयोग विकसित करने के लिए सहयोगात्मक संबंध स्थापित करने' की दिशा में सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के प्रावधानों के तहत आईसीजी और जापान कोस्ट गार्ड (जेसीजी) एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं। प्रोफेश्नल इंटरेक्शन और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के आदान-प्रदान के हिस्से के रूप में, जेसीजी की राष्ट्रीय स्ट्राइक टीम ने 22 और 23 जून 21 को आईसीजी अधिकारियों के लिए 'मेरीन ऑयल फिंगर प्रिंटिंग और खतरनाक हानिकारक पदार्थ पर प्रतिक्रिया' पर दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया। आईसीजी भारत में तेल रिसाव पर प्रतिक्रिया के लिए केन्द्रीय समन्वय एजेंसी और दक्षिण एशियाई समुद्र में तेल और रासायनिक प्रदूषण की प्रतिक्रिया के लिए एसएसीईपी के तहत सक्षम राष्ट्रीय प्राधिकरण भी है।

 

माले में त्रिपक्षीय अभ्यास 'दोस्ती-एक्सवी'

 

त्रिपक्षीय अभ्यास 'दोस्ती-एक्सवी' 20 से 24 नवंबर 21 के बीच माले में आयोजित किया गया था। आईसीजी जहाज वज्र ने इंटीग्रल चेतक हेलीकॉप्टर, अपूर्व और आईसीजी डोर्नियर के साथ श्रीलंका (सीजी), एमएनडीएफ (सीजी) और मालदीव के जहाजों के साथ अभ्यास में भाग लिया। मालदीव के रक्षा मंत्री, एडीजी आईसीजी, डीजी एसएलजी, चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) और कमांडर, एमएनडीएफ ने दोस्ती-एक्सवी अभ्यास देखा। अभ्यास के दौरान, पहली बार बांग्लादेश तटरक्षक बल (बीसीजी), सेशेल्स तटरक्षक बल (एससीजी) और राष्ट्रीय तट रक्षक (एनसीजी) मॉरीशस के अधिकारियों ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया।

 

एविएशन

एयरो इंडिया शो 2021

रक्षा उत्पादन विभाग, एमओडी द्वारा एशिया की सबसे बड़ी सैन्य विमानन प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया शो - 2021' का आयोजन 04-05 फरवरी 21 से बेंगलुरु में किया गया था। आईसीजी एएलएच एमके-तृतीय एयरो शो के दौरान फ्लाई पास्ट फॉर्मेशन का हिस्सा था। विभिन्न एयरोस्पेस, मेरीटाइम और रक्षा उद्योग ने "आत्मनिर्भर भारत" की परिकल्पना को हासिल करने के लिए शो में भाग लिया। आईसीजी ने अपनी विमानन क्षमताओं का प्रतिनिधित्व और प्रदर्शन किया। डीजीआईसीजी द्वारा एयरो इंडिया 2021 में डीडीपी द्वारा आयोजित आईओआर संगोष्ठी के दौरान 'महासागर शांति के लिए सहयोगात्मक और सहकारी तंत्र' पर एक प्रस्तुति भी दी गयी। इसके अलावा एएलएच एमके तृतीय हेलीकॉप्टर डॉक्यूमेंट्स को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक से डीजी आईसीजी द्वारा स्वीकार किया गया था।

 

16 एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच एमके-तृतीय)

आईसीजी अपने चार्टर जिसमें निगरानी, ​​​​इंटरडिक्शन, सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल इवैक्यूएशन (मेड्इवेक), हताहतों को निकालना (कॉज़इवेक्) आदि शामिल हैं, को पूरा करने के लिए फिक्स्ड और रोटरी विंग एयरक्राफ्ट का संचालन करता है। बढ़ते समुद्री व्यापार और हमारे मेरीटाइम जोन में व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ और ज्यादा निगरानी की जरूरत है, जिसके लिए फिक्स्ड और रोटरी विंग प्लेटफॉर्म दोनों के बेड़े में वृद्धि की आवश्यकता है। इस दिशा में, आईसीजी को 16 एएलएच एमके-तृतीय विमानों की आपूर्ति का अनुबंध 29 मार्च 2017 को एचएएल, बैंगलोर के साथ संपन्न हुआ। हेलीकॉप्टरों में समुद्र की भूमिकाओं के लिए निगरानी रडार, ईओ -आईआर पॉड, मेडिकल इंटेंसिव केयर यूनिट (एमआईसीयू), ऐआईएस, टीसीएएस और ऐडीईएलटी आदि जैसे 19 अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं।

 

प्रमुख कार्यक्रम

आईसीजी द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' का समारोह

हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में और  "आजादी का अमृत महोत्सव" की दिशा में, 15अगस्त 21को भारतीय तटरक्षक बल ने 100 बसे हुए और निर्जन द्वीपों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

 

17वां अलंकरण समारोह

 

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 09 अक्टूबर 21 को नई दिल्ली में आयोजित 17वें अलंकरण समारोह के दौरान वीरता/प्रतिष्ठित/मेधावी सेवा के लिये भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों को राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (पीटीएम) और तटरक्षक पदक (टीएम) से सम्मानित किया। एक शानदार अलंकरण समारोह में रक्षा मंत्री द्वारा आईसीजी कर्मियों को 21 वीरता/प्रतिष्ठित/मेधावी पदक प्रदान किये गये । समारोह के बाद रक्षा मंत्री ने पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों से भी बातचीत की। नेशनल स्टेडियम परिसर में अलंकरण समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि आईसीजी द्वारा दिखाये गये मनोबल, उत्साह और ऊर्जा के कारण ही भारत में मेरीटाइम में रुचि में बढ़त संभव हुई।

 

रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का दौरा

 

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और जनरल बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने 09 अक्टूबर 21 को तटरक्षक मुख्यालय का दौरा किया और 09-11 अक्टूबर 21 के बीच आयोजित 38वें तटरक्षक कमांडर सम्मेलन के दौरान तटरक्षक कमांडरों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया। महानिदेशक के नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम द्वारा आईसीजी परिचालन और प्रशासनिक विकास पर एक प्रेजेंटेशन दिया जिसमें अग्निशमन, खोज और बचाव, पर्यावरण संरक्षण, नशीली दवाओं की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने आदि में आईसीजी के ऑपरेशन आदि शामिल थे। दौरे में भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता और सामर्थ्य के साथ तटीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गयी।

 

तटरक्षक कमांडरों का सम्मेलन

 

तटरक्षक कमांडरों का 38वां सम्मेलन आईसीजी मुख्यालय, नई दिल्ली में 09-10 अक्टूबर 21 के बीच आयोजित किया गया था। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन किया और आईसीजी के कमांडरों/वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया। रक्षा मंत्री को आईसीजी द्वारा हाल के परिचालन और प्रशासनिक विकास पर एक प्रस्तुति भी दी गयी। सम्मेलन के दौरान आईसीजी को और मजबूत करने और प्रगति के साथ-साथ सुरक्षित और स्वच्छ समुद्र के लिए उचित कानूनी समुद्री मुद्दों से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा की गयी।

 

आईसीजी जहाज विग्रह को कमीशन

 

'आत्मनिर्भर भारत- मेक इन इंडिया' के पीएम के दृष्टिकोण के अनुरूप, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, कट्टूपल्ली द्वारा निर्मित 7 वां विक्रम क्लास ऑफशोर पेट्रोल वेसल (ओपीवी)  भारतीय तटरक्षक जहाज विग्रह को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा चेन्नई में 28 अगस्त 21 को श्री टी थेनारासु, उद्योग मंत्री, तमिलनाडु, जनरल एमएम नरवणे सीओएएस, डीजी कृष्णास्वामी नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक, श्री जेडी पाटिल, निदेशक, एलएंडटी और केंद्र और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कमीशन किया गया ।

 

आईसीजीएस सजग का कमीशन

 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने 29 मई 21 को डॉ अजय कुमार, रक्षा सचिव और महानिदेशक के नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम, डीजीआईसीजी और केंद्र और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईसीजीएस सजग को कमीशन किया। आईसीजीएस सजग 105 मीटर ऑफशोर पेट्रोल वेसल की श्रृंखला में तीसरा है जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया।

 

आईसीजीएस सार्थक की कमीशनिंग

 

महानिदेशक के नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम, डीजीआईसीजी ने 28 अक्टूबर 21 को कॉमसीजी (डब्ल्यू), डीडीजी (पीएंडपी) और सीएमडी (जीएसएल) की उपस्थिति में आईसीजीएस सार्थक को कमीशन किया। आईसीजीएस सार्थक 105 मीटर ऑफशोर पेट्रोल वेसल (ओपीवी) है जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो 'मेक इन इंडिया' के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह पोत भारतीय तटरक्षक बल के समुद्री निगरानी कौशल को महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगा।

उन्नत हल्के हेलीकाप्टर (एएलएच) एमके-तृतीय का ई-इंडक्शन

 

ऑपरेशन से जुड़ी तैयारियों में एक बड़े बदलाव का संकेत देते हुए 12 जून 21 को डॉ. अजय कुमार, रक्षा सचिव, भारत सरकार द्वारा 3 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-तृतीय को महानिदेशक के नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम, डीजीआईसीजी और केन्द्र और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईसीजी में शामिल किया गया।

 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन

 

मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1ए  को सौंपना और सप्लाई का ऑर्डर

 

एमबीटी अर्जुन एमके-1ए में एमके-1 की तुलना में कई बहुमुखी और बेहतर सुविधाएं शामिल की गयी हैं, जो इसे और अधिक बेहतर युद्धक टैंक बनाता है। इन खासियतों में चालक दल की सुविधा, उन्नत लैंड नेविगेशन सिस्टम और टैंक कमांडर और ड्राइवर दोनों के लिए रात में देख सकने की क्षमताओं में वृद्धि खास हैं। यह एक अत्यधिक शक्तिशाली और भरोसेमंद युद्धक मशीन है।

एमबीटी 'अर्जुन' एमके-1ए को 14 फरवरी 2021 को प्रधान मंत्री द्वारा भारतीय सेना को सौंप दिया गया था और रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 23 सितंबर, 2021 को भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंकों (एमबीटी) अर्जुन एमके-1ए की आपूर्ति के लिए भारी वाहन कारखाने (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को एक ऑर्डर दिया था।  7,523 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल को और बढ़ावा देगा और यह 'आत्मनिर्भर भारत' को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डीआरडीओ के द्वारा डिजाइन और विकसित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट 'शक्ति' को भारतीय नौसेना को सौंपा गया

उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणाली 'शक्ति' को रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएलआरएल) हैदराबाद जो कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला है द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, यह भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों के लिए पारंपरिक और आधुनिक राडार को डिटेक्ट, इंटरसेप्ट, क्लासिफिकेशन, आइडेंटिफिकेशन के साथ साथ उन्हें जाम करने का काम करेगी। शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली समुद्र में युद्ध की स्थिति में भारतीय जहाजों के इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और उत्तरजीविता सुनिश्चित करने और आधुनिक रडार और जहाज-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी। यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पिछली पीढ़ी के ईडब्ल्यू सिस्टम की जगह लेगी। यह प्रणाली भारतीय नौसेना को 19 नवंबर 2021 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सौंपी गई थी।

डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना को वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सौंपी

 

एमआरएसएएम (आईएएफ) एक उन्नत नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू वायु रक्षा प्रणाली है जिसे डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा संयुक्त रूप से भारतीय उद्योग के सहयोग से विकसित किया गया है जिसमें एमएसएमई सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्र शामिल हैं। भारत की रक्षा क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा देने के लिये, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पहली सुपुर्दगी इकाई (एफयू) को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में 09 सितंबर, 2021 को भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया।

 

डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पादों को सशस्त्र बलों को सौंपना

 

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 14 दिसंबर 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित एक कार्यक्रम  रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के द्वारा विकसित पांच उत्पाद सौंपे।

 

उन्होंने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते भी सौंपे। इससे पहले डीआरडीओ ने "भविष्य की तैयारी" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए। सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पाद एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और हल्के फायर फाइटिंग सूट हैं।

उन्नत चैफ प्रौद्योगिकी

 

शत्रुओं के रडार के खतरों और दुश्मन मिसाइल के हमले के खिलाफ नौसेना के जहाजों के साथ-साथ भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमानों की सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा उन्नत चैफ प्रौद्योगिकी विकसित की गयी है। डीआरडीओ की रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर ने उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल), डीआरडीओ की पुणे स्थित प्रयोगशाला के सहयोग से उन्नत चैफ सामग्री और चैफ कार्ट्रिज-118/आई विकसित किया है, जो सेनाओं की  आवश्यकताओं को पूरा करता है। चैफ एक पैसिव एक्सपेंडेबल इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर तकनीक है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में नौसेना के जहाज को दुश्मन के रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) मिसाइल सीकर्स से बचाने के लिए किया जाता है। उन्नत चैफ प्रौद्योगिकी का सफल विकास आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम है।

 

12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम (एसएसबीएस)-10 मीटर का प्रोडक्शन लॉट भारतीय सेना में शामिल किया गया

एसएसबीएस-10 मीटर एक ही स्पैन के रूप में रास्ता बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो एक विस्तृत, पूरी तरह से तैयार सड़क प्रदान करता है, जिससे सैनिकों की तेज आवाजाही सुनिश्चित होती है। यह ब्रिजिंग सिस्टम सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम के साथ अनुकूलित है। यह प्रणाली सैनिकों की त्वरित आवाजाही में मदद करेगी और संसाधनों को एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने में तेजी लायेगी।

 

सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर)

 

सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट को डीआरडीओ द्वारा विकसित और इसका उड़ान परीक्षण किया गया है। परीक्षण के दौरान, बूस्टर मोटर का उपयोग करके एयर लॉन्च परिदृश्य को सिम्युलेट किया गया। इसके बाद, नोज़ल-रहित बूस्टर ने इसे रैमजेट संचालन के लिए आवश्यक मैक नंबर तक बढ़ा दिया। एसएफडीआर प्रपल्शन प्रौद्योगिकी की सफलता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो देश में लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।

 

नई पीढ़ी की अग्नि पी बैलिस्टिक मिसाइल का पहला प्रक्षेपण

 

नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। अग्नि पी अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है।

 

एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन (एआईपी) सिस्टम

डीआरडीओ ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल-आधारित एआईपी सिस्टम के प्रदर्शन के लिए एक पूर्ण पैमाने पर भूमि-आधारित प्रोटोटाइप (एलबीपी) विकसित किया है, जो भारतीय नौसेना द्वारा शामिल किये जाने पर पारंपरिक पनडुब्बियों के पानी के भीतर रहने की क्षमता को बढ़ाएगा। स्वदेशी प्रणाली ने 14 दिन के क्षमता परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के एआईपी सिस्टम अपनाये जा रहे हैं, डीआरडीओ का ईंधन सेल आधारित एआईपी अद्वितीय है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन उत्पन्न होता है।

 

लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (एलआरएसएएम)

 

एलआरएसएएम प्रणाली को भारतीय नौसेना की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिये डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। मिसाइल प्रणाली लड़ाकू विमान, सबसोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित विभिन्न हवाई लक्ष्यों के खिलाफ प्वांइट और एरिया डिफेंस प्रदान कर सकती है। इसे सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर के साथ डिजाइन किया गया है ताकि लक्ष्य को नष्ट करने की  ऊंची संभावना के साथ लक्ष्य की पहचान, उसकी ट्रैकिंग, इंगेजमेंट और उसे नष्ट किया जा सके। दी गई समय सीमा के भीतर डिलीवरी को पूरा करने के लिए एलआरएसएएम के अंतिम उत्पादन बैच को हरी झंडी दिखाई गई।

 

एटीजीएम हेलिना (सेना संस्करण) और ध्रुवस्त्र (वायु सेना संस्करण)

 

हेलिना और ध्रुवस्त्र तीसरी पीढ़ी की लॉक ऑन बिफोर लॉन्च (एलओबीएल) फायर एंड फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं जो लक्ष्य को सीधे भेदने के साथ-साथ टॉप अटैक मोड में भी भेद सकती हैं। यह प्रणाली में हर मौसम में दिन और रात काम करने की क्षमता है और यह पारंपरिक कवच के साथ-साथ विस्फोटक रिएक्टिव कवच के साथ युद्धक टैंकों को हरा सकता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।

 

मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम)

 

आत्मनिर्भर भारत और भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में, डीआरडीओ ने स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन, फायर एंड फॉरगेट मैन पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का उड़ान परीक्षण किया। मिसाइल में उन्नत एवियोनिक्स के साथ-साथ छोटे आकार का अत्याधुनिक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर शामिल है।

 

कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का लंबवत प्रक्षेपण  (वीएल-एसआरएसएएम)

मिसाइल को भारतीय नौसेना के लिए समुद्र के करीब उड़ान भर रहे लक्ष्यों सहित बेहद नजदीक पहुंच चुके विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए विकसित किया गया है। मिसाइल के दो लंबवत प्रक्षेपण किये गये और दोनों अवसरों पर, वीएल-एसआरएसएएम ने सटीकता के साथ सिम्युलेटेड लक्ष्यों को रोक दिया। मिसाइलों का परीक्षण न्यूनतम और अधिकतम रेंज के लिये किया गया था।

 

नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी)

नई पीढ़ी की सतह से हवा में वार करने वाली आकाश-एनजी मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण भूमि-आधारित प्लेटफॉर्म से किया गया था, जिसमें सभी हथियार प्रणाली  तत्व जैसे मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और लॉन्चर तैनाती में जरूरत के आधार पर भाग ले रहे थे। मिसाइल ने तेजी से और फुर्तीले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए आवश्यक उच्च गतिशीलता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायुसेना की वायु रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाली साबित होगी।

आकाश प्राइम मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण

आकाश मिसाइल के एक नये संस्करण - 'आकाश प्राइम' का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में, आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिये एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर से लैस है।

सतह से हवा में मार करने वाली कम दूरी के मिसाइल का वर्टिकल लॉन्च  उड़ान परीक्षण

शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का वर्टिकल लॉन्च 07 दिसंबर 2021 को सफलतापूर्वक किया गया था। लॉन्च को बहुत कम ऊंचाई पर एक इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य के खिलाफ एक वर्टिकल लॉन्चर से किया गया था। भारतीय नौसेना के जहाजों से मिसाइल के भविष्य के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक कंट्रोलर, केनेस्टराइज्ड फ्लाइट व्हीकल, हथियार नियंत्रण प्रणाली आदि के साथ वर्टिकल लांचर यूनिट सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों के एकीकृत संचालन को मान्य करने के लिये प्रणाली का लॉन्च किया गया था। पहला परीक्षण 22 फरवरी 2021 को आयोजित किया गया था और यह लॉन्च कॉन्फ़िगरेशन और एकीकृत संचालन के स्थिर प्रदर्शन को साबित करने  के लिए प्रमाणीकरण परीक्षण है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का वायु संस्करण

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का 08 दिसंबर 2021 को सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस भारत (डीआरडीओ) और रूस (एनपीओएम) के बीच सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए एक संयुक्त उद्यम है। यह लॉन्च ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है। यह सिस्टम को देश के भीतर वायु-संस्करण ब्रह्मोस मिसाइलों के बड़ी संख्या में उत्पादन की मंजूरी देता है।

पिनाका एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम, एरिया डिनाइयल म्यूनिशंस और नए स्वदेशी फ्यूज के लिए सफल परीक्षण किये गये

पिनाका एक्सटेंडेड रेंज (पिनाका-ईआर), एरिया डिनाइयल म्यूनिशंस (एडीएम) और स्वदेशी रूप से विकसित फ़्यूज़ के सफल परीक्षण विभिन्न परीक्षण रेंज में किये गये हैं। पिनाका-ईआर मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस प्रणाली को संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं - आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ऐआरडीई), पुणे और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल), पुणे के द्वारा डिजाइन किया गया है।

डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना ने स्वदेशी स्टैंड-ऑफ एंटी टैंक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 11 दिसंबर 2021 को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हेलीकॉप्टर द्वारा लॉन्च स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक (एसएएनटी) मिसाइल का उड़ान परीक्षण किया। मिसाइल एक अत्याधुनिक एमएमडब्लू  सीकर से लैस है जो सुरक्षित दूरी से उच्च परिशुद्धता के साथ स्ट्राइक क्षमता प्रदान करता है। यह हथियार 10 किलोमीटर तक की सीमा में लक्ष्य को बेअसर कर सकता है। एसएएनटी मिसाइल को अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के समन्वय और उद्योगों की भागीदारी के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है।

सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टारपीडो सिस्टम

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम को 13 दिसंबर 2021 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। यह सिस्टम अगली पीढ़ी की मिसाइल-आधारित स्टैंडऑफ टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम है। इस प्रणाली को टारपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।

 उन्नत रेंज के 122 एमएम कैलिबर रॉकेट

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 25 जून 2021 को एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) से स्वदेशी रूप से विकसित 122 मिमी कैलिबर रॉकेट के उन्नत रेंज संस्करणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इन रॉकेटों को सेना के अनुप्रयोगों के लिए विकसित किया गया है और ये 40 किलोमीटर तक के लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं। रॉकेट सिस्टम को पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल) के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है इसके निर्माण में इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड, नागपुर की मदद ली गई है।

स्वदेशी रूप से विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार का उड़ान परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा संयुक्त रूप से स्वदेश में विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार के दो उड़ान परीक्षण किए गए हैं। उपग्रह नेविगेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर पर आधारित दो अलग-अलग कन्फिगरेशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। देश में पहली बार इस वर्ग के हथियार का इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सीकर आधारित उड़ान परीक्षण किया गया है। इलेक्ट्रो ऑप्टिक सेंसर को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। इस हथियार को भारतीय वायुसेना के विमान से लॉन्च किया गया था।

अभ्यास हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) का उड़ान परीक्षण

अभ्यास डीआरडीओ द्वारा विकसित किया जा रहा एक उच्च गति वाला मानवरहित हवाई लक्ष्य है। अभ्यास का कन्फिगरेशन एक इन-लाइन छोटे गैस टरबाइन इंजन पर डिज़ाइन किया गया है और यह नेविगेशन और गाइडेंस के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एमईएमएस आधारित नेविगेशन प्रणाली का उपयोग करता है। अभ्यास के तीन सफल उड़ान परीक्षण आईटीआर बालासोर, ओडिशा से किए गए। परीक्षण अभियान के दौरान, उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया था। वाहन को विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पहली स्वदेशी 9एमएम मशीन पिस्टल

 

इन्फैंट्री स्कूल, महू और डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई), पुणे ने संयुक्त रूप से चार महीने के रिकॉर्ड समय में 9 मिमी मशीन पिस्टल का डिजाइन और विकास किया।  भारी हथियार टुकड़ी, कमांडरों के टैंक और विमान के चालक दल, ड्राइवर / डिस्पैच राइडर, रेडियो / रडार ऑपरेटरों, करीबी लड़ाई, उग्रवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों आदि के लिए इस हथियार में व्यक्तिगत हथियार के रूप में बड़ी क्षमता है। हथियार का नाम "असमी" है जिसका अर्थ है " गौरव", "आत्म-सम्मान" और "कड़ी मेहनत"।

 

हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट

सैनिकों को और अधिक सुविधा के लिए, भारतीय सेना के लिए 9.0 किलोग्राम वजन का हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे) विकसित किया गया है। इस महत्वपूर्ण विकास का महत्व इस तथ्य में निहित है कि बीपीजे का वजन में हर एक ग्राम का घटना सैनिकों को सुरक्षित रखते हुए उनकी सुविधा को बढ़ाने के लिये महत्वपूर्ण है। यह तकनीक मध्यम आकार के बीपीजे के वजन को 10.4 किलोग्राम से घटाकर 9.0 किलोग्राम कर देती है।

सिंगल क्रिस्टल ब्लेड टेक्नोलॉजी

रक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले हेलीकॉप्टरों को विषम परिस्थितियों में उनके विश्वसनीय संचालन के लिए कॉम्पैक्ट और शक्तिशाली एयरो-इंजन की आवश्यकता होती है। इसे प्राप्त करने के लिए, जटिल आकार और ज्यामिति वाले अत्याधुनिक सिंगल क्रिस्टल ब्लेड का उपयोग किया जाता है, जो निकेल आधारित सुपर मिश्र धातुओं से निर्मित होते हैं जो संचालन के उच्च तापमान को सहन करने में सक्षम होते हैं। डीआरडीओ ने सिंगल क्रिस्टल ब्लेड तकनीक विकसित की और इनमें से 60 ब्लेड्स की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को की। दुनिया के बहुत कम देशों जैसे यूएसए, यूके, फ्रांस और रूस में ऐसे सिंगल क्रिस्टल (एसएक्स) घटकों को डिजाइन और निर्माण करने की क्षमता है।

सीआरपीएफ हताहत परिवहन बाइक "रक्षिता" का उपयोग करता है

रक्षिता, एक बाइक आधारित दुर्घटना परिवहन आपातकालीन वाहन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंप दिया गया। बाइक एम्बुलेंस भारतीय सुरक्षा बलों और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करेगी। रक्षिता को एक अनुकूलित रिक्लाइनिंग कैजुअल्टी इवैक्यूएशन सीट (सीईएस) से सुसज्जित किया गया है, जिसे आवश्यकता के अनुसार फिट किया जा सकता है और बाहर निकाला जा सकता है, एक हेड इमोबिलाइज़र, सेफ्टी हार्नेस जैकेट, सुरक्षा के लिए हाथ और पैर की पट्टियाँ, एजेस्टेबल फुट रेस्ट, शारीरिक पैरामीटर मापने के उपकरण के साथ वायरलेस निगरानी क्षमता और ड्राइवर के लिए ऑटो चेतावनी प्रणाली भी शामिल है।

डीआरडीओ और रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय, इज़राइल के बीच इनोवेशन के लिये द्विपक्षीय समझौता

बढ़ते भारत-इजरायल तकनीकी सहयोग के एक ठोस प्रदर्शन के रूप में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय (डीडीआर एंड डी), रक्षा मंत्रालय, इज़राइल ने दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों और ड्रोन, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, बायोसेंसिंग, ब्रेन-मशीन इंटरफेस, एनर्जी स्टोरेज, वियरेबल डिवाइसेज, नेचुरल लेंग्वेज प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों के उत्पादों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के स्टार्टअप्स और एमएसएमई के आरएंडडी में तेजी लाने के लिये एक द्विपक्षीय इनोवेशन समझौता (बीआईए)  किया है।

डीआरडीओ ने जियो-हैज़र्ड मैनेजमेंट के लिए एमओआरटीएच के साथ फ्रेमवर्क एमओयू पर हस्ताक्षर किए

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने और स्थायी भू जोखिम प्रबंधन पर सहयोग को मजबूत करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के साथ एक  फ्रेमवर्क समझौता ज्ञापन (एमओयू) में प्रवेश किया है। एमओयू पर डॉ जी सतीश रेड्डी, सचिव डीडीआर एंड डी और अध्यक्ष डीआरडीओ और श्री गिरिधर अरमाने सचिव एमओआरटीएच ने हस्ताक्षर किये। समझौते के अनुसार, डीआरडीओ और एमओआरटीएच भू-खतरा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। यह पहल देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए डीआरडीओ कौशल विकास केंद्र

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 22 फरवरी 2021 को वर्चुअल मोड के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पिलखुवा में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) का उद्घाटन किया है। यह सुविधा दिल्ली स्थित डीआरडीओप्रयोगशाला केंद्र आग, विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा (सीएफईईएस) द्वारा स्थापित की गई है ;जिसका उद्देश्य बहुमूल्य मानव जीवन और मूल्यवान संपत्तियों को बचाने के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन, अग्नि सुरक्षा प्रौद्योगिकी और उत्पादों का विकास करना है। डीआरडीओ सुविधा का उपयोग भारतीय सशस्त्र बलों, डीआरडीओ, आयुध कारखानों, तटरक्षक बल और रक्षा उपक्रमों के अग्निशमन कर्मियों को आग की रोकथाम और अग्निशमन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, भूटान, श्रीलंका और अन्य पड़ोसी देशों के प्रशिक्षु को भी केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डीआरडीओ डेयर टू ड्रीम 2.0 पुरस्कार और डेयर टू ड्रीम 3.0 का शुभारंभ

 

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की 'डेयर टू ड्रीम 2.0' प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया और 40 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये - जिसमें 22 व्यक्तिगत श्रेणी में और 18 स्टार्टअप श्रेणी में थे। उन्होंने इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और देश में युवाओं के लिये एक मंच प्रदान करने के लिए 'डेयर टू ड्रीम 3.0' भी लॉन्च किया।

 

डेयर टू ड्रीम डीआरडीओ की अखिल भारतीय प्रतियोगिता है जो भारतीय शिक्षाविदों, व्यक्तियों और स्टार्टअप्स को उभरती रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों / प्रणालियों को विकसित करने के लिये बढ़ावा देती है। डीआरडीओ प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) योजना के तहत विजेताओं को उनके विचारों को साकार करने के लिये तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित तीन उत्पादों/प्रणालियों को भी सशस्त्र बलों को सौंप दिया गया

· एआरआईएनसी818 वीडियो प्रोसेसिंग और स्विचिंग मॉड्यूल: भारतीय वायु सेना के लिये विकसित किया गया मॉड्यूल, वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ को सौंप दिया गया था। यह उच्च बैंडविड्थ, कम विलंबता, चैनल बॉन्डिंग, आसान नेटवर्किंग के साथ एक अत्याधुनिक मॉड्यूल है और 5वीं पीढ़ी के विमान विकास कार्यक्रमों को पूरा करेगा।

सोनार प्रदर्शन मॉडलिंग प्रणाली: भारतीय नौसेना के लिए विकसित, इस प्रणाली को नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख को सौंप दिया गया। यह भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और पानी के नीचे निगरानी स्टेशनों आदि के लिए उपयोगी है।

· बन्ड ब्लास्टिंग डिवाइस एमके-द्वितीय: भारतीय सेना के लिए विकसित इस उपकरण को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को सौंप दिया गया। इसका उपयोग युद्ध के दौरान मशीनीकृत पैदल सेना की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए खंदकों के साथ बांध जैसी बाधाओं की ऊंचाई को कम करने के लिए किया जाता है।

डीआरडीओ और शिक्षा जगत के बीच बेहतर संबंध

गुजरात विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा में निर्देशित अनुसंधान करने के लिए एक उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र 'सरदार वल्लभभाई पटेल सेंटर फॉर साइबर-सिक्योरिटी रिसर्च' की स्थापना के लिए गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एचए पंड्या और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का भी आदान-प्रदान किया गया।

कॉर्पोरेट पहल

 

उद्योग को सक्षम बनाना

 

डीआरडीओ उद्योगों को रक्षा निर्माण के लिये प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनका विकास भी कर रहा है। आज, 2000 से अधिक उद्योग भागीदारों ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए घटकों, उप प्रणालियों, प्रणालियों, प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति के लिये डीआरडीओ के साथ हाथ मिलाया है। कई उद्योगों ने लीड सिस्टम इंटीग्रेटर बनने की योग्यता और क्षमता हासिल की है। सभी प्रणालियों की प्रौद्योगिकी उत्पादन और आपूर्ति के लिए भारतीय उद्योग को हस्तांतरित की जाती है।

डीआरडीओ द्वारा विकसित कई रक्षा प्रौद्योगिकियों में कमर्शियल मार्केट में भी इस्तेमाल के लिये अच्छी संभावनायें और उपयोगितायें है और कमर्शियल इस्तेमाल के लिये इन्हें उद्योग में स्थानांतरित कर दिया गया है। डीआरडीओ द्वारा समर्थित उद्योग भागीदार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन गये हैं और उन्होंने मित्र देशों को डीआरडीओ विकसित प्रणालियों का निर्यात शुरू कर दिया है। रक्षा उत्पादन के लिए भारतीय उद्योग को समर्थन करने की कुछ पहलें इस प्रकार हैं::

प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी)

डीआरडीओ भारतीय उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण दस्तावेज़ (टीटीडी) और इस्तेमाल के लिये सहायता के रूप में जरूरी 'जानकारी' प्रदान करता है। प्रौद्योगिकी को बिना किसी टीओटी शुल्क के विकास सह उत्पादन भागीदार (डीसीपीपी) / विकास भागीदार (डीपी) / उत्पादन एजेंसी (पीए) और अन्य उद्योगों को एकमुश्त टीओटी शुल्क @ कुल परियोजना स्वीकृति लागत के 5% के साथ स्थानांतरित किया जाता है। भारतीय सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी विभागों को शुद्ध बिक्री पर रॉयल्टी नहीं ली जाती है। भारतीय वाणिज्यिक बाजार और निर्यात में बिक्री के लिए 2% रॉयल्टी लागू है। विवरण वेबसाइट https://drdo.gov.in/transfer- पर उपलब्ध है।.

 

प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ)

 

रक्षा उत्पादों, उप प्रणालियों और घटकों के स्वदेशीकरण के लिए भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई को सक्षम करने के लिए टीडीएफ में 100 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है।

फंड का उपयोग डीआरडीओ, सेवाओं और डीपीएसयू द्वारा अपेक्षित नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए भी किया जा सकता है। टीडीएफ के तहत प्रत्येक परियोजना की लागत 10 करोड़ रुपये तक हो सकती है। उद्योग को परियोजना लागत का 90 प्रतिशत तक वित्त पोषण मिल सकता है। विवरण वेबसाइट https://tdf.drdo.gov.in पर उपलब्ध है।

भारतीय उद्योग के लिए डीआरडीओ पेटेंट

सभी पेटेंट और प्रासंगिक बौद्धिक प्रकाशन डीआरडीओ की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इनका उपयोग भारतीय उद्योग नि:शुल्क कर सकते हैं। आगे किसी भी सहायता के लिए, डीआरडीओ सहयोग के लिए और तौर-तरीकों पर काम करने के लिए तैयार है।

विकास और उत्पादन भागीदार

डीआरडीओ अपनी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के निष्पादन के दौरान उद्योग को विकास सह उत्पादन भागीदार (डीसीपीपी) / विकास भागीदार (डीपी) / उत्पादन एजेंसी (पीए) के रूप में साथ लाता करता है। उद्योगों का चयन खरीद नियमों और प्रक्रियाओं के आधार पर किया जाता है।

परीक्षण सहायता

उपयोगकर्ता द्वारा स्वीकृति से पहले उत्पादों के परीक्षण और जांच के लिए प्रयोगशालाओं में कई उन्नत परीक्षण सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध हैं। डीआरडीओ डिजाइनिंग, विकास और निर्माण में शामिल भारतीय उद्योगों को विश्व स्तर की आधुनिकतम परीक्षण सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करता है। इन परीक्षण सुविधाओं की सूची डीआरडीओ की वेबसाइट पर दी गयी है। यह उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उत्पादों के विकास का आश्वासन देता है।

मूल्यांकन और प्रमाणन सहायता

डीआरडीओ एयरोस्पेस और क्रिप्टो उत्पादों के लिए विशिष्ट उद्योग को विशेष प्रमाणन प्रदान करता है। सीईएमआईएलएसी सैन्य उड़ान योग्यता के लिए उद्योग को प्रमाणन सहायता प्रदान करता है। सेवाओं के अनुरोध पर एसएजी, दिल्ली उद्योगों द्वारा विकसित आईटी और क्रिप्टो उत्पादों के लिये परीक्षण और प्रमाणन सहायता प्रदान करता है।

निर्यात के लिए डीआरडीओ उत्पाद

डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पादों को लेकर कई देशों के बीच रुचि उत्पन्न हुई है। रडार, आकाश मिसाइल और सिमुलेशन सिस्टम जैसी कुछ प्रणालियों का निर्यात किया गया है।

शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर काम करने में बढ़त

विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में आवश्यक सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक ज्ञान, कौशल और योग्यता को बढ़ाने के लिये डीआरडीओ और एआईसीटीई द्वारा रक्षा प्रौद्योगिकी में एक नियमित एमटेक कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यक्रम इच्छुक इंजीनियरों को देश को आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए प्रेरित करेगा। डीआरडीओ ने गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद, और इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड मैनेजमेंट, गांधीनगर के साथ क्रमशः अपने स्नातकोत्तर और बी.टेक पाठ्यक्रमों में रक्षा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये और पाठ्यक्रम फरवरी 2021 से शुरू हुए। रक्षा से संबंधित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिये दस उत्कृष्टता केंद्र संचालित हो रहे हैं।.

कोविड की दूसरी लहर के दौरान योगदान

देश को जब सबसे ज्यादा जरूरत थी तब डीआरडीओ ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। डीआरडीओ ने पूरी कुशलता के साथ एक मिसाइल मेकर से मास्क डिजाइनर में और मुख्य युद्धक टैंक डिजाइनर से जीवन रक्षा में इनोवेटर के रुप में खुद को बदल कर उम्मीदों का संदेश फैलाया। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान डीआरडीओ के द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों का सारांश इस प्रकार है।

 

a. डीआरडीओ कोविड केयर हॉस्पिटल: डीआरडीओ ने पहली लहर के दौरान 11 दिनों के रिकॉर्ड समय में दिल्ली में 1000 बेड के अस्थायी अस्पताल का निर्माण किया था। स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के इस कुशल और प्रभावी मॉडल के आधार पर, अधिक खतरनाक दूसरी लहर के दौरान, डीआरडीओ ने दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी, गांधीनगर, ऋषिकेश, हल्द्वानी, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी और इंफाल सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर 11 और कोविड केयर अस्पतालों का निर्माण किया। स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इन अस्पतालों का निर्माण किया गया और इन्हें चालू किया गया।.

b. कोविड रोगियों को मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए  देश भर में 869 साइट्स पर डीआरडीओ तकनीक पर आधारित और पीएमकेयर्स द्वारा वित्त पोषित 931 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित और चालू किये गये। ये मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट 1,000 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की प्रवाह दर के लिये डिज़ाइन किये गये हैं। यह प्रणाली 15 एलपीएम की प्रवाह दर से 90 रोगियों की आवश्यकता को पूरा कर सकती है और प्रति दिन 195 सिलेंडर चार्ज कर सकती है। एलसीए, तेजस के लिये ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन के आधार पर डीआरडीओ द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक विकसित की गई है। ये संयंत्र ऑक्सीजन परिवहन से जुड़े लॉजिस्टिक के मसलों को दूर करेंगे और आपात स्थिति में कोविड-19 रोगियों की मदद करेंगे।.

c. ऑक्सीकेयर ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली: डीआरडीओ ने एक अनूठी प्रणाली, ऑक्सीकेयर विकसित की है जो व्यक्ति के एसपीओ2 स्तर को भांप लेती है और तदनुसार एक सिलेंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति को नियंत्रित करती है। यह रोगी द्वारा उपयोग की जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को अनुकूलित करने में मदद करता है। भारत सरकार के द्वारा पीएम केयर्स के माध्यम से वित्त पोषित ऐसी 1.5 लाख प्रणालियों के लिये ऑर्डर दिया गया है। इस मंजूरी के तहत नॉन-रीब्रीथर मास्क के साथ 1,00,000 मैनुअल और 50,000 स्वचालित ऑक्सीकेयर सिस्टम खरीदे जा रहे हैं।.

 

d. 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी)

डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल) , हैदराबाद के सहयोग से डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) द्वारा दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का एक कोविड-19 के इलाज में चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया गया था।  ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इस दवा के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह पर और एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में अस्पताल में भर्ती मध्यम से गंभीर कोविड 19 रोगियों को देखभाल के मौजूदा मानक के लिए एक सहायक चिकित्सा के रूप में किया जा सकता है।

 

निष्कर्ष

डीआरडीओ ने मार्गदर्शक होने के नाते जटिल रक्षा प्रौद्योगिकियों, हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में काफी प्रगति की है। संगठन उन्नत प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक पथ प्रदर्शक रहा है और इसने आत्मनिर्भर भारत को गति दी है। इस प्रयास में, संगठन द्वारा शुरू की गई पहलों, दिशानिर्देशों और नीतियों ने एक खास वातावरण बनाया है। डीआरडीओ अकादमिक, एमएसएमई, उत्पादन एजेंसियों, स्टार्टअप, टीडीएफ भागीदारों आदि के साथ रक्षा अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी का हिस्सा है। यह सक्षम इकोस्फेयर रक्षा क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्राप्त करेगा; नये तकनीकी क्षेत्र में सुसंगत रूप से कार्य करेगा; इस्तेमाल योग्य बेहतर उत्पादों के लिये प्रयास करेगा; रोजगार सृजित करने और उद्योग में नई प्रतिभाओं को आगे लाने का काम करेगा।

 

डीआरडीओ ने कोविड से निपटने के लिए कई तकनीकों और उत्पादों का भी विकास किया है और महामारी के चुनौतिपूर्ण समय के दौरान वेंटिलेटर, पीपीई, मास्क, अस्पतालों, कोविड दवा और ऑक्सीजन संयंत्रों के स्वदेश में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सभी सक्षम तकनीकों ने देश को आत्मनिर्भर भारत के युग में पहुँचाया है

 

सीमा सड़क संगठन

इंफ्रास्ट्रक्चर

रक्षा मंत्री द्वारा सड़कों और पुलों की 75 परियोजनाओं का उद्घाटन

 

28 जून 2021 को, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बीआरओ द्वारा निर्मित सड़कों और पुलों की 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लेह से 88 किलोमीटर दूर क्यूंगम में आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री द्वारा इन परियोजनाओं, 63 पुलों और 07 सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया गया। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग, विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर पूर्वी क्षेत्र और राज्य मंत्री, पीएमओ, डॉ जितेंद्र सिंह; जम्मू और कश्मीर के सांसद श्री जुगल किशोर शर्मा, उत्तराखंड और मिजोरम के सांसद क्रमशः श्री अजय टम्टा और श्री सी लालरोसंगा उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने वर्चुअली इस कार्यक्रम में भाग लिया।.

 

रक्षा मंत्री ने चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ द्वारा निर्मित 24 पुलों और तीन सड़कों को वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित किया

 

रक्षा मंत्री ने 28 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली से एक वर्चुअल माध्यम से हुए कार्यक्रम से चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ द्वारा निर्मित 24 पुलों और तीन सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया। 24 पुलों में से नौ जम्मू और कश्मीर में हैं; लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में पांच-पांच; उत्तराखंड में तीन और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक हैं। तीन सड़कों में से दो लद्दाख में और एक पश्चिम बंगाल में है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारत के पहले स्वदेशी क्लास 70 140-फीट डबल-लेन मॉड्यूलर ब्रिज का उद्घाटन था, जिसे 11,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लैग हिल डोकला, सिक्किम और लद्धाख में उमलिंग ला दर्रे पर 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चिसुमले-डेमचोक रोड पर बनाया गया था जिसे दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी प्राप्त है।

 

सबसे ऊंचाई पर स्थित मोटर योग्य सड़क के निर्माण का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

 

बीआरओ ने पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर समुद्र तल से 19,024 फीट की ऊंचाई पर सड़क का निर्माण किया है, जो अब अधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क बन गयी है,ये रिकॉर्ड पहले बोलीविया में ज्वालामुखी उटुरुंकु के रास्ते में 18,953 फीट पर स्थित एक सड़क के पास था।. 16 नवंबर 2021 को, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, यूनाइटेड किंगडम के आधिकारिक निर्णायक द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन समारोह में, बीआरओ को पुरस्कार प्रदान किया गया, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, वीएसएम, डीजीबीआर ने बीआरओ की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया। चिस्मुले को डेमचोक से जोड़ने वाली 52 किमी लंबी सड़क एलएसी से लगभग 15 किमी दूर है और सामरिक महत्व रखती है। इसके निर्माण से स्थानीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बेहतर होने की उम्मीद है और लद्दाख के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।.

सेला सुरंग का अंतिम विस्फोट

14 अक्टूबर 2021 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ई-समारोह के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 1555 मीटर लंबी सेला मेन टनल (टी 2) में अंतिम विस्फोट किया। सुरंग का निर्माण महत्वपूर्ण बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड (बी-सी-टी) पर किया जा रहा है। एक बार पूरा होने के बाद सेला सुरंग 13000 फीट से अधिक ऊंचाई पर सबसे लंबी दो लेन की सुरंग होगी, इस साल शुरू हुई 980 मीटर लंबाई की सेला सुरंग परियोजना की दूसरी सुरंग ने भी 700 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया है। 2022 में सुरंग के पूरा होने से महत्वपूर्ण सेला दर्रे के पार सैनिकों की निर्बाध आवाजाही की सुविधा होगी और महत्वपूर्ण भारत-चीन सीमाओं तक तवांग से आगे के क्षेत्रों को सभी मौसमों में कनेक्टिविटी मिलेगी।

क्षमता विकास

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन रोड सेफ्टी एंड अवेयरनेस (सीओईआरएसए) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड्स ब्रिजेस एंड टनलिंग (सीओईआरबीएटी) का उद्घाटन

11 जून 2021 को रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क भवन में बीआरओ द्वारा स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन रोड सेफ्टी एंड अवेयरनेस (सीओईआरएसए) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड्स ब्रिजेस एंड टनलिंग (सीओईआरबीएटी) का उद्घाटन किया। इन संस्थानों की स्थापना बीआरओ द्वारा जनता के बीच अधिक से अधिक सड़क सुरक्षा जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से की गयी थी और ऑडिट के बाद विश्लेषण और उपचारात्मक कार्रवाइयों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के पहलू पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था। सीओईआरएसए और सीओईआरबीएटी सड़कों, पुलों, हवाई क्षेत्रों और सुरंगों के विकास में बीआरओ द्वारा वर्षों से प्राप्त ज्ञान को संस्थागत बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

साहसिक अभियान

इंडिया@75 बीआरओ मोटरसाइकिल अभियान

अपनी तरह के पहले "इंडिया@75 बीआरओ मोटरसाइकिल अभियान" को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 14 अक्टूबर 2021 को नई दिल्ली से झंडी दिखाकर रवाना किया था। अभियान का 5वां चरण प्रगति पर है और अब तक इसे हरी झंडी दिखाने के बाद से 50 दिन पूरे हो चुके हैं। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर यह अभियान 75 दिनों में 75 राइडर्स के साथ लगभग 20000 किलोमीटर की यात्रा करेगा, अभियान का उद्देश्य "राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र निर्माण और सड़क सुरक्षा जागरूकता" के विषयों पर नागरिकों के साथ तालमेल बिठाना है। अभियान का समापन 27 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में होगा, और रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट के टीम के अभियान का समापन करने की उम्मीद है।

 

महिला सशक्तिकरण

 

सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण हेतु महिला अधिकारी

 

इतिहास में पहली बार, सीमा सड़क संगठन ने महिला अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कंपनियों (आरसीसी) की कमान के लिए नियुक्त किया है।  एक जीआरईएफ अधिकारी ईई (सिविल) वैशाली एस हिवासे ने अप्रैल 2021 में 83 रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी की बागडोर संभाली और मुनस्यारी-बुगदियार-मिलम को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण इंडो-चाइना रोड पर काम किया। 30 अगस्त, 2021 को, मेजर आईना राणा ने उत्तराखंड में चमोली जिले के पीपलकोटी में 75 आरसीसी के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कार्यभार संभाला और एक सड़क निर्माण कंपनी की कमान संभालने वाली पहली भारतीय सेना इंजीनियर अधिकारी बनीं, साथ ही उनके अधीन सभी तीन प्लाटून कमांडर, कैप्टन अंजना, एईई (सिविल) सुश्री भावना जोशी, और ऐईई (सिविल) सुश्री विष्णुमाया के साथ पहली महिला आरसीसी गठित हुई।

राष्ट्रीय कैडेट कोर

शिविर प्रशिक्षण

एनसीसी में सितंबर 2021 से सामान्य शारीरिक प्रशिक्षण फिर से शुरू हो गया है। सभी अनिवार्य शिविर और साहसिक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।

एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी)

सभी राज्य निदेशालयों के एनसीसी कैडेटों ने हर महीने ऑनलाइन ईबीएसबी साप्ताहिक शिविरों में भाग लिया। इन ऑनलाइन वेबिनार के दौरान शामिल हुए अतिथि और मेजबान राज्य निदेशालय कैडेटों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित तीन घंटे का दैनिक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया जाता हैं। सभी राज्य निदेशालयों के एनसीसी कैडेटों ने हर महीने ऑनलाइन ईबीएसबी साप्ताहिक शिविरों में भाग लिया। नवंबर 2021 तक कुल 196 ऑनलाइन कैंप आयोजित किये गये।

कोविड के दौरान ऑनलाइन प्रशिक्षण

कोविड की स्थिति के कारण वर्ष 2020-21के दौरान ऑनलाइन प्रशिक्षण जारी रहा। कैडेट द्वारा प्रशिक्षण के लिए मोबाइल प्रशिक्षण ऐप संस्करण 1.0 और संस्करण 2.0 का व्यापक उपयोग किया गया। हालांकि, सभी प्रमाणन परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की गई थीं।

स्पेशल नेशनल इंटीग्रेशन कैंप (एसएनआईसी)

देश के सुदूर भौगोलिक छोर श्रीनगर/लेह, जैसलमेर, काकीनाडा, लक्षद्वीप, पोर्ट ब्लेयर और कोहिमा/दीमापुर में छह एसएनआईसी आयोजित किये गये जिसमें से प्रत्येक में 300 कैडेट शामिल हुए। 50 कैडेटों और 02 एएनओ के साथ एसएनआईसी दिल्ली को 08 नवंबर और 20 दिसंबर 2021 के बीच आयोजित किया गया।

उड़ान प्रशिक्षण

प्रशिक्षण वर्ष 2020-21 तथा वर्तमान प्रशिक्षण वर्ष में कोविड-19 की वजह से सीमित उड़ानें दर्ज की गईं । एनसीसी एयर विंग के उड़ान सुरक्षा खंड को औपचारिक रूप देने के प्रयास जारी हैं। यह समय सीमा के भीतर दुर्घटना की जांच और सीओआई सिफारिशों के समय पर कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगा। तीन निदेशालयों ने कैडेटों को उड़ान के माहौल से परिचित कराने के लिये सिम्युलेटर खरीदे हैं।

नौकायन विशेष प्रशिक्षण शिविर

102 नौसेना कैडेटों ने नौकायन के लिये अखिल भारतीय स्तर की प्रथम/द्वितीय/तृतीय परीक्षा उत्तीर्ण की। एक से चार नोड्स तक की वृद्धि की गई है। वही 08 दिसंबर से 15 दिसंबर 2021 तक भोपाल, कोच्चि, विशाखापत्तनम और गोवा में ऐसा ही आयोजन किया गया था।

रॉक क्लाइंबिंग ट्रेनिंग कैंप (आरसीटीसी)

आरसीटीसी का संचालन एनसीसी निदेशालय एमपी एंड सीजी द्वारा एसडी (273कैडेट और 10एएनओ) और एसडब्ल्यू (273 कैडेट और 10 एएनओ) कैडेटों के लिए क्रमशः 10नवंबर से 28 नवंबर 2021और 02 दिसंबर से 20 दिसंबर 2021 तक ग्वालियर (एमपी) में किया गया था।

गणतंत्र दिवस शिविर (आरडीसी).

गणतंत्र दिवस शिविर हर साल दिल्ली में सेना परेड ग्राउंड, दिल्ली कैंट में 01 से 29 जनवरी तक आयोजित किया जाता है। शिविर में पूरे भारत से लगभग 2070 कैडेट शामिल होते हैं। वहीं 15 जनवरी से 29 जनवरी तक मित्र देशों के 15 अधिकारी और 100-120 कैडेट भी एनसीसी के अतिथि के रूप में शिविर में शामिल होते हैं। शिविर का पारंपरिक रूप से उद्घाटन 06 जनवरी को भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा किया जाता है और 28 जनवरी को प्रधान मंत्री की रैली के साथ समाप्त होता है। आरडीसी-21 के दौरान कोविड प्रतिबंधों के कारण भाग लेने वाले कैडेटों की संख्या 597 तक सीमित थी।

अटैचमैंट ट्रेनिंग

(ए) सेना की अटैचमेंट में 20000 से 28000 तक, आईएमए अटैचमेंट 120 कैडेटों से 250 कैडेटों और ओटीए अटैचमेंट 50 कैडेटों से 100 कैडेटों तक, आईएन रिक्तियों द्वारा ओवरसीज डिप्लॉयमेंट (ओएसडी) में 20 से 30 कैडेटों की वृद्धि की योजना है।

 

          (बी) तटरक्षक बल के साथ ओएसडी दिया जा रहा है।

 

प्रशिक्षण ऐप वर्ज़न 01और 02 लॉन्च

 

एनसीसी प्रशिक्षण ऐप संस्करण 1 को रक्षा मंत्री द्वारा 27 अगस्त 2020 को एक ऑनलाइन समारोह के माध्यम से लॉन्च किया गया था। एनसीसी ट्रेनिंग ऐप वर्जन 2.0 को 28 मई 2021 को रक्षा सचिव द्वारा लॉन्च किया गया था। ऐप में एनसीसी, सिलेबस, सार, इंटरएक्टिव वीडियो, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और कैडेटों द्वारा पूछे गये सवालों को लेकर भी जानकारी शामिल है। संबंधित एएनओ के मार्गदर्शन में कैडेटों का ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रगति पर है।

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम और समाज सेवा और सामुदायिक विकास गतिविधियां

शहीद नायकों को श्रद्धांजलि

अगस्त 2021 के महीने में आज़ादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के हिस्से के रूप में, एनसीसी के कैडेटों ने 75 स्थानों पर मूर्तियों की सफाई और कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक का आयोजन करके शहीद नायकों, युद्ध नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। एनसीसी ने 13 स्थानों पर शहीद हुए नायकों के परिजनों का अभिनंदन भी किया, जिसका वीरता वेब पोर्टल पर सीधा प्रसारण किया गया।

 

फिट इंडिया फ्रीडम रन 2.0

 

फिट इंडिया अभियान 2.0 को युवा और खेल मामलों के मंत्रालय द्वारा 13 अगस्त 2021 को लॉन्च किया गया था। एनसीसी के कैडेटों और कर्मचारियों ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और वे एमओवाईए के निर्देशों के अनुसार सीधे पोर्टल पर पंजीकृत हैं। कार्यक्रम का समापन 02अक्टूबर 2021को हुआ। इस आयोजन में लगभग 12.5लाख कैडेटों ने भाग लिया।

 

स्वच्छ भारत अभियान

 

एनसीसी ने अक्टूबर 2021 में युवा और खेल मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित स्वच्छ भारत अभियान में भाग लिया। 260705 एनसीसी कैडेटों ने अभियान में भाग लिया।

मूर्तियों की देखभाल

 

प्रत्येक एनसीसी इकाई ने अपने उत्तरदायित्व क्षेत्र में प्रमुख व्यक्तियों/शहीद नायकों की प्रतिमा को अपनाया है। एनसीसी ने 2187 प्रतिमाओं की देखभाल की जिम्मेदारी ली है जिनकी हर सप्ताह सफाई की जाती है। ऐसा ही एक कार्यक्रम जुलाई 2021 से हर हफ्ते वीरता वेब पोर्टल पर लाइव वेबकास्ट किया जाता है।

 

गंगा उत्सव

 

एनसीसी ने 1 से 3 नवंबर 2021 तक स्वच्छ गंगा के लिये राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) के तत्वावधान में आयोजित एक नदी महोत्सव जागरूकता कार्यक्रमों और युवाओं की भागीदारी के माध्यम से देश भर में गंगा और अन्य प्रमुख नदियों के संरक्षण, कायाकल्प की दिशा में योगदान करने के लिए गंगा उत्सव में भाग लिया । कार्यक्रम में 41,228 एनसीसी कैडेटों ने भाग लिया।

 

विजय श्रंखला और संस्कृतियों का महा संगम

 

एनसीसी ने 'विजय श्रंखला और संस्कृतियों का महासंगम' मेगा कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें देश भर में 75 स्थानों पर 1971 के युद्ध के 75 शहीद नायकों का सम्मान किया गया और नई दिल्ली में एक मेगा इवेंट के लिये सभी राज्य निदेशालयों के कैडेट जुटे और अपने सबंधित क्षेत्रों की संस्कृति का प्रदर्शन किया। यह आयोजन 28 नवंबर 2021 से 17 दिसंबर 2021 तक आयोजित किया गया था और 'विविधता में एकता' के विषय को प्रमुखता के साथ उभारा गया था। समापन समारोह के मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री थे।

 

पुनीत सागर अभियान

एनसीसी अब समुद्र के किनारों/समुद्र तट को प्लास्टिक कचरा और अन्य कचरे को साफ करने और समुद्र तटों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की योजना बना रही है। 127 तटीय क्षेत्र एनसीसी इकाइयों के कुल 3,40,000 कैडेट 1 से 30 दिसंबर 2021 तक महीने भर चलने वाली गतिविधि में भाग लेंगे।

 

शहीदों को शत शत नमन

 

एनसीसी ने 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस समारोह के साथ राष्ट्रीय राजधानी सहित पूरे देश में 'शहीदों को शत शत नमन' का एक मेगा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इस आयोजन में, पूरे देश भर में तीनों सेवाओं के सभी शहीद नायकों के परिजनों से एनसीसी अधिकारियों / राज्य निदेशालयों के स्थायी प्रशिक्षक स्टाफ और कैडेटों द्वारा मुलाकात की जायेगी और 26 जनवरी 2022 को उसी समय एक पट्टिका भेंट की जाएगी जब पीएम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद हुए नायकों को श्रद्धांजलि देंगे।

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक सी हेक्सागॉन में स्वच्छता पखवाड़ा

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक सी हेक्सागॉन में 19-31 जनवरी 2022 तक एक स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा जिसमें जागरुकता फैलाई जायेगी, स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे और उस क्षेत्र में रखरखाव का काम देख रहीं एजेंसी के काम में साथ दिया जायेगा ताकि गणतंत्र दिवस समारोहों के दौरान राजपथ और सी हेक्सागॉन के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखा जा सके।

 

नये सिम्युलेटर की खरीद

 

प्रशिक्षण का मुख्य जोर हमेशा आउटडोर गतिविधियों पर रहा है लेकिन विशेष रूप से कस्बों / शहरों में स्थित स्कूल / कॉलेजों में बाहरी प्रशिक्षण के संचालन पर कई प्रतिबंध  लगाये गये हैं। जगह की समस्या को दूर करने और हथियार और उपकरणों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये, सेना, वायु और नौसेना कैडेटों के लिए प्रशिक्षण सिम्युलेटर खरीदे जा रहे हैं और उनमें से कुछ पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं। सिम्युलेटर का विवरण इस प्रकार है: -

  1. .22 फोर लेन सिमुलेटर- 98
  2. माइक्रोलाइट सिम्युलेटर- 40
  3. रोइंग सिम्युलेटर 60

राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधियां.

एनसीसी कैडेटों को उनके क्षेत्र की कोविड-19स्थिति और राष्ट्रीय खेल टूर्नामेंट के कार्यक्रम के अनुसार खेल गतिविधियों में शामिल किया गया। प्रमुख खेल आयोजन जिनमें एनसीसी कैडेटों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, वे इस प्रकार हैं:       

 

जवाहरलाल नेहरू हॉकी कप टूर्नामेंट

 

इस साल जूनियर बॉयज (दो टीम), जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर बॉयज कैटेगरी में एनसीसी की टीमें प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू हॉकी टूर्नामेंट 2021 में भाग ले रही हैं, जहां उन्होंने देश की कुछ बेहतरीन टीमों के खिलाफ खेला। इस वर्ष, एनसीसी जूनियर गर्ल्स टीम ने 29 अक्टूबर 2021से 10 नवंबर 2021 तक आयोजित जवाहरलाल नेहरू हॉकी कप टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता।

 

इंटर डायरेक्टरेट स्पोर्ट्स शूटिंग चैंपियनशिप (आईडीएसएससी)

 

अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैम्पियनशिप के लिये आईडीएसएससी शिविर चयन ट्रायल 23 सितंबर से 02 अक्टूबर 2021 तक महू में एनसीसी निदेशालय एमपी एंड सीजी द्वारा आयोजित किया गया था। सभी राज्य निदेशालय ने इस कार्यक्रम में 20 कैडेटों (पिछले वर्षों में 16) के साथ भाग लिया। चयन मानदंड को पूरा करने वाले एनसीसी कैडेट अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए डीजी एनसीसी शूटिंग टीम का हिस्सा होंगे।

 

ऑल इंडिया जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप

 

फायरिंग एनसीसी की मुख्य प्रशिक्षण गतिविधियों में से एक होने के कारण, एनसीसी की खेल गतिविधियों में निशानेबाजी का विशेष स्थान है। इंटर डायरेक्टरेट स्पोर्ट्स शूटिंग चैंपियनशिप के दौरान चयनित कैडेट अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता जैसे नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के आयोजनों में भाग लेते हैं। एनसीसी निशानेबाजी टीमों ने पिछले कई सालों से इस आयोजन में अच्छा प्रदर्शन किया है और इस साल 55 कैडेटों ने भाग लिया और एनसीसी शूटिंग टीम ने 30वें अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता-2021 में निम्नलिखित पदक जीते: -

  • (i) - 04
  • (ii) - 04
  • (iii) - 02

कुल         10

 

राष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप प्रतियोगिता

 

एनसीसी निशानेबाजी टीम हर साल प्रतिष्ठित राष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप प्रतियोगिता (एनएससीसी) में भाग लेती है। इस वर्ष 2021 में 64वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप प्रतियोगिता के लिए 29 एनसीसी निशानेबाजों का चयन किया गया। एनसीसी निशानेबाजी टीमों ने कोई पदक नहीं जीता।.

 

यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम का विस्तार

 

वाईईपी शुरू करने को लेकर सात विदेशी देशों यानी ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूके, यूएसए, कनाडा, इज़राइल और थाईलैंड की सरकार के साथ संबंधित देशों में भारतीय दूतावास/उच्चायोगों के रक्षा अटैचे के माध्यम से उठाया गया था।.

 

एनसीसी पूर्व छात्र संघ

 

एनसीसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय निर्माण प्रक्रिया में प्रभावी रूप से भाग लेने के लिये एनसीसी में सेवा करने वाले सभी पूर्व एनसीसी कैडेटों और वर्दीधारी व्यक्तियों को एक साथ लाने के लिए एनसीसी पूर्व छात्र संघ को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया है। प्रधान मंत्री ने 19 नवंबर 21 को एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया और एनसीसी पूर्व छात्र संघ के पहले पूर्व छात्र के रूप में पंजीकृत हुए।

 

एनसीसी प्रशिक्षण ऐप

 

अध्ययन सामग्री को हर समय ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिये, रक्षा मंत्री द्वारा 27 अगस्त 2021 को एनसीसी प्रशिक्षण ऐप संस्करण 1.0  लॉन्च किया गया था। ऐप का उपयोग कैडेटों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस ऐप ने अपडेटेड प्रशिक्षण सामग्री की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करके प्रशिक्षण को लेकर एक आदर्श बदलाव किया है। सभी से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, एक उन्नत संस्करण 2.0 (द्विभाषी) विकसित किया गया था और रक्षा सचिव द्वारा 28 मई 2021 को लॉन्च किया गया था। ऐप पर अपलोड किये गये 225 प्रशिक्षण वीडियो सहित संपूर्ण प्रशिक्षण सामग्री (पाठ्यक्रम, सार और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध हैं और कैडेट इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं।

 

एनसीसी डिजिटल फोरम

 

एनसीसी डिजिटल फोरम को माईगॉव की सहायता से विकसित किया गया है और इसे 24 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था ताकि अधिकतम संख्या में कैडेट इसमें योगदान करें और उन्हें अपने अनुभव ऑनलाइन साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उसी के उन्नत संस्करण को 21 मई में चालू किया गया था। यह देश भर के 15 लाख एनसीसी कैडेटों के बीच अनुभवों के अभूतपूर्व आदान-प्रदान के लिये मंच प्रदान करता है, जिससे राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र निर्माण में योगदान मिलता है। बड़ी संख्या में कैडेटों ने मंच पर पंजीकरण कराया है और नियमित रूप से बहुमूल्य सामग्री का योगदान दे रहे हैं।

 

खाकी कपड़े की खरीद

 

रक्षा मंत्री की मंजूरी से लगभग 34 लाख मीटर खाकी कपड़ा  खरीद की सुविधा प्रदान की।  जिससे लगभग 5.66 लाख आर्मी एनसीसी कैडेटों को लाभ हुआ।

 

सिम्युलेटर की खरीद

 

साल के दौरान 44 माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट सिम्युलेटर और 60 रोइंग सिम्युलेटर की खरीद सफल हुई है और डिलीवरी और इंस्टॉलेशन का काम प्रगति पर है। सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण ने वायु सेना और नौसेना कैडेटों के प्रशिक्षण को अत्यधिक उन्नत किया है।

 

सिलाई के शुल्क का वितरण

 

वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये 332 रुपये प्रति कैडेट की दर से 37.60 करोड़ रुपये का सिलाई शुल्क का वितरण किया गया था। योजना का लाभ लगभग 5.70 लाख कैडेट को मिला है।

 

वाहनों की खरीद

 

एनसीसी इकाइयों में वाहनों की कमी पर डीजी एनसीसी मुख्यालय  ने 325 यूनिट वाहन (सभी प्रकार) की खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिये। इन वाहन की डिलीवरी जारी है और ये प्रशिक्षण और प्रशासन मानकों में काफी सुधार करेंगे।

 

जीईएम के माध्यम से खरीद

 

सभी खरीद जीईएम पोर्टल का उपयोग करके की जा रही है। जीईएम अधिकारियों ने एनसीसी के प्रयासों की सराहना की है।

****

एमजी/एएम/एसएस



(Release ID: 1794592) Visitor Counter : 1439


Read this release in: English