विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता अग्रणी प्रौद्योगिकी के रूप में भारत की वर्तमान एवं भविष्य की अर्थव्यवस्था को आकार दे रही है
डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझेदार देश के तौर पर ब्राजील, कनाडा, रूस और नीदरलैंड के साथ नई दिल्ली में आयोजित 27वें डीएसटी-सीआईआई टेक्नोलॉजी समिट 2021 को संबोधित किया
भारत, उन्नत विनिर्माण, ब्लॉक चेन, नवीकरणीय ऊर्जा, क्वांटम कंप्यूटिंग आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति के साथ सदी के एक सबसे बड़े तकनीकी बदलाव का गवाह बनने जा रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह
सेमीकंडक्टर के लिए डिजाइन से जुड़े प्रोत्साहन, ऑटोमोबाइल के लिए पीएलआई योजनाएं और ड्रोन नीति जैसे हालिया सुधार एक समर्थ नवाचार परिवेश तैयार करते हैं : डॉ. जितेंद्र सिंह
Posted On:
16 DEC 2021 6:18PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन और परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक अग्रणी प्रौद्योगिकी के रूप में भारत की वर्तमान और भविष्य की अर्थव्यवस्था को आकार दे रही है। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, शासन और वित्तीय सेवाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव दिखना शुरू हो गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझेदार देश के तौर पर ब्राजील, कनाडा, रूस और नीदरलैंड के साथ नई दिल्ली में आयोजित 27वें डीएसटी-सीआईआई टेक्नोलॉजी समिट 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में नवाचार परिवेश कंपनियों को मूल्य सृजित करने, उभरने और आगे बढ़ने के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत विनिर्माण, ब्लॉक चेन, नवीकरणीय ऊर्जा, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों के साथ निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और वह सदी के एक सबसे बड़े तकनीकी बदलाव का गवाह बनने जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में भारत सरकार सेमीकंडक्टर के लिए डिजाइन से जुड़े प्रोत्साहन, ऑटोमोबाइल के लिए पीएलआई योजनाएं, ड्रोन नीति और फेसलेस मूल्यांकन पहल के जरिये बाधाओं को दूर करने जैसे हालिया सुधार के साथ एक समर्थ नवाचार परिवेश तैयार कर रही है।
डॉ. सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में भारत ने कई अन्य प्रमुख पहलों की शुरुआत की है जिनमें इंटरडिसिप्लीनिएरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय मिशन, क्वांटम कंप्यूटिंग एवं संचार, सुपरकंप्यूटिंग पर राष्ट्रीय मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन आदि शामिल हैं। डीएसटी नया विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति और गीता जैसे टेक्नोलॉजी व्हीकल्स सहित अनुसंधान एवं विकास की दिशा में कई नीतिगत उपायों के लिए सीआईआई के साथ मिलकर काम कर रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब इन्हें अगले स्तर पर ले जाने का समय आ गया है और मुझे खुशी है कि डीएसटी-सीआईआई टेक्नोलॉजी समिट जैसा मंच स्वास्थ्य सेवा, जल, कृषि, ऊर्जा, आईटी, डिजिटल आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए काफी अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हम भारत की आजादी के गौरवशाली 75वें वर्षों में प्रवेश कर रहे हैं और आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसलिए यह हमारी विकास यात्रा की सराहना एवं मूल्यांकन करने और हमें आत्मानिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर प्रौद्योगिकी के नेतृत्व मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए उपयुक्त समय है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि हालिया वैश्विक महामारी ने हमेशा के लिए खेल के नियमों को बदल दिया है। हम विभिन्न उद्योगों के व्यापार मॉडल में व्यवधान का अनुभव कर रहे हैं। डिजिटलीकरण ने विशेष रूप से भारत में स्टार्टअप परिवेश को काफी प्रोत्साहित किया है और यह जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देकर भारत को बुनियादी तौर पर बदल रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि डीएसटी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) ने आम लोगों के बीच वैज्ञानिक रुझान को विकसित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। वह देश में नवाचार अभियान का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़ी एक्स्ट्रा-म्यूरल एसटीआई फंडिंग एजेंसियों के रूप में डीएसटी भारत की संपूर्ण नवाचार मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा दे रहा है जिसमें शोधकर्ता, उद्यमी, शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान, स्टार्टअप, उद्योग आदि शामिल हैं।
डीएसटी द्वारा कई पहल की जा रही है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
क. निधि (नेशनल इनिशिएटिव फॉर डेवलपिंग एंड हार्नेसिंग इनोवेशंस) नाम से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम जो नवाचार की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर केंद्रित है। निधि ने डीएसटी द्वारा बनाए गए 153 इन्क्यूबेटरों के नेटवर्क के जरिये 3,681 स्टार्टअप्स को पोषित करके भारत के नवाचार परिवेश को उल्लेखनीय तौर पर प्रभावित किया है। इसने कुल प्रत्यक्ष रोजगार के तौर पर 65,000 से अधिक नौकरियों और लगभग 2,000 बौद्धिक संपदा का सृजन किया है।
ख. सोफेस्टिकेटेड एनालिटिकल एंड टेक्निकल हेल्प इंस्टीट्यूट (एसएटीएचआई) उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए एक साझा, पेशेवर तरीके से प्रबंधित, एसएंडटी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक नई योजना है। इससे उन्नत एवं परिष्कृत उपकरणों पर अनुसंधान को आगे बढ़ाने में सुगमता होगी और नवाचार परिवेश को कहीं अधिक मजबूती मिलेगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्ट्राइड जर्नल को लॉन्च करने के लिए सीआईआई को बधाई दी और कहा कि इस तरह की पहल से भारत को अपने प्रौद्योगिकी, सामाजिक और आर्थिक लक्ष्य हासिल करने के लिए सही गति मिलेगी।
इस शिखर सम्मेलन में नीदरलैंड के आर्थिक मामलों एवं जलवायु नीति मंत्रालय के उप मंत्री श्री फोको विजसेलार, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस चंद्रशेखर, सीआईआई (2021-2022) के अध्यक्ष एवं टाटा स्टील लिमिटेड के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक श्री टीवी नरेंद्रन, भारत में नीदरलैंड के राजदूत श्री मार्टिन वान डेन बर्ग, प्रौद्योगिकी, आरएंडडी एवं नवाचार पर सीआईआई नेशनल कमेटी के चेयरमैन और अशोक लीलैंड लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ श्री विपिन सोढी, सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी और भारत सरकार के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख श्री संजीव वार्ष्णेय ने भाग लिया।
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