वित्‍त मंत्रालय

आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर 3.59 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल

Posted On: 16 DEC 2021 7:45PM by PIB Delhi

राजस्व सचिव की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीक फाइलिंग अवधि के दौरान ई-फाइलिंग वेबसाइट की तैयारियों पर 16.12.2021 को इन्‍फोसिस के एमडी एवं सीईओ श्री सलिल पारेख की अध्यक्षता वाली इंफोसिस की टीम के साथ बैठक की। बैठक के दौरान इंफोसिस ने इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी दी जिसमें तकनीकी बुनियादी ढांचे में वृद्धि और पोर्टल के प्रदर्शन की निगरानी के लिए एक समर्पित वार रूम की स्थापना शामिल है। इन्‍फोसिस ने अपनी ओर से सभी तैयारियों के लिए आश्‍वस्‍त किया ताकि करदाताओं के बीच विश्वास पैदा करते हुए एक सुचारु फाइलिंग सीजन सुनिश्चित हो सके।

विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर 15 दिसंबर, 2021 तक 3.59 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं। प्रति दिन दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या 6 लाख को पार कर गई है और उसमें रोजाना बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि 31 दिसंबर, 2021 की विस्तारित अंतिम समय सीमा निकट आ रही है।

आकलन वर्ष 2021-22 के लिए दाखिल 3.59 करोड़ आईटीआर में 57.6 प्रतिशत आईटीआर 1 (2.07 करोड़), 8.3 प्रतिशत आईटीआर 2 (29.70 लाख), 9.4 प्रतिशत आईटीआर 3 (33.61 लाख), 23.4 प्रतिशत आईटीआर 4 (84.05 लाख), आईटीआर 5 (3.12 लाख), आईटीआर 6 (1.33 लाख) और आईटीआर 7 (0.24 लाख) शामिल थे। इनमें से लगभग 52 प्रतिशत आईटीआर दाखिल करने में पोर्टल पर मौजूद ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म का उपयोग किया गया जबकि शेष को ऑफलाइन सॉफ्टवेयर यूटिलिटीज के जरिये सृजित आईटीआर का उपयोग करके अपलोड किया गया है।

यह काफी उत्साहजनक है कि 3.11 करोड़ रिटर्न ई-सत्यापित किए गए हैं, जिनमें से 2.69 करोड़ से अधिक के लिए आधार ओटीपी का उपयोग किया गया। विभाग के लिए आईटीआर की प्रक्रिया शुरू करने और रिफंड, यदि कोई हो, जारी करने के लिए आधार ओटीपी अथवा अन्य माध्यमों से ई-सत्यापन करना महत्वपूर्ण है।

ई-सत्यापित आईटीआर में से 2.38 करोड़ से अधिक आईटीआर प्रॉसेस किए जा चुके हैं और आकलन वर्ष 2021-22 के लिए 90.95 करोड़ से अधिक रिफंड जारी किए जा चुके हैं। करदाताओं से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि रिफंड के क्रेडिट के लिए चुने गए बैंक खाते उनके पैन से लिंक्‍ड होना चाहिए ताकि रिफंड की विफलताओं से बचा जा सके।

कुल मिलाकर 9.83 लाख डीएससी पंजीकृत किए गए हैं। डीएससी पंजीकरण की सरलीकृत प्रक्रिया में किसी भी व्यक्ति को अपने डीएससी को केवल एक बार पंजीकृत करना होता है और उसका उपयोग ऐसी किसी भी कंपनी के लिए किया जा सकता है जहां वह भागीदार,निदेशक आदि हो। प्रत्‍येक कंपनी में अपनी भूमिका के लिए उन्‍हें दोबारा पंजीकण कराने की आवश्‍यकता नहीं है।

इस साल 15 दिसंबर तक 37.92 लाख से अधिक वैधानिक फॉर्म जमा किए गए हैं जिनमें 15.30 लाख टीडीएस विवरण, ट्रस्टों/ संस्थानों के पंजीकरण के लिए 1.61 लाख फॉर्म 10 ए, बकाया वेतन के लिए 3.90 लाख फॉर्म 10 ई, अपील दाखिल करने से संबंधित 51,302 फॉर्म 35 और 35,741 डीटीवीएसवी फॉर्म 4 शामिल हैं। इसके अलावा 8.88 लाख से अधिक फॉर्म 15 सीए, 2.18 लाख फॉर्म 15 सीबी, 26,753 फॉर्म 3 सीए और 2.67 लाख फॉर्म 3 सीबी दाखिल किए गए हैं। 32.13 लाख से अधिक ई-पैन मुफ्त में ऑनलाइन आवंटित किए गए हैं। पंजीकरण एवं अनुपालन के लिए कानूनी वारिस को सक्षम किया गया है।

आयकर विभाग सभी करदाताओं से आग्रह करता है कि वे टीडीएस और कर भुगतान की सटीकता को सत्यापित करने और आईटीआर के पूर्व फाइलिंग का लाभ उठाने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिये अपने फॉर्म 26 एएस और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) को अवश्‍य देखें। इक्विटी/ म्युचुअल फंड आदि की खरीद एवं बिक्री के मामले में करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है  कि वे बैंक पासबुक, ब्याज प्रमाण पत्र, फॉर्म 16 और ब्रोकरेज से प्राप्‍त पूंजीगत लाभ विवरण के साथ एआईएस विवरण के आंकडों को क्रॉस चेक करें।

विभाग करदाताओं को अंतिम घड़ी का इंतजार न करने और बिना किसी देरी के आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से ईमेल, एसएमएस और मीडिया अभियानों के जरिये रिमाइंडर जारी कर रहा है। आईटीआर की ई-फाइलिंग में करदाताओं की सहायता के लिए सिस्टम निदेशालय विभाग के फ्रंटलाइन अधिकारियों (एएसके केंद्र और टीपीएस) के लिए वेबिनार आयोजित कर रहा है। ई-फाइलिंग की प्रक्रिया के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सिस्टम निदेशालय इंफोसिस के कर्मचारियों के साथ आईसीएआई प्लेटफॉर्म से भी जुड़ा है। करदाताओं के मार्गदर्शन के लिए आईटीडी के यूट्यूब हैंडल पर शैक्षिक वीडियो भी जारी किए गए हैं।

सभी करदाताओं, जिन्होंने आकलन वर्ष 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न अब तक दाखिल नहीं किया है, से अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करें।

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एमजी/एएम/एसकेसी



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