वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारत का चावल निर्यात 33 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के साथ 11.79 मिलियन टन हो गया जो पिछले वित्त वर्ष के 17 मिलियन टन के रिकॉर्ड को पार कर सकता है
गैर-बासमती चावल के निर्यात में हुई भारी वृद्धि, वित्त वर्ष 2018-19 में मात्रा के लिहाज से निर्यात दोगुने से अधिक होने की संभावना
अफ्रीका और एशिया में उभरे नए गंतव्य, वैश्विक चावल व्यापार में भारत की सबसे बड़ी हिस्सेदारी बरकरार
Posted On:
16 DEC 2021 7:40PM by PIB Delhi
पिछले कुछ वर्षों के दौरान चावल निर्यात के लिए विभिन्न देशों अथवा बाजारों में नए अवसरों का पता लगाने के किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ प्रमुख हितधारकों को शामिल करते हुए पोर्ट हैंडलिंग बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भारत के जोर से चावल के निर्यात में भारी वृद्धि हुई है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुईं लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों के बावजूद भारत चावल निर्यात के लिए अफ्रीकी, एशियाई और यूरोपीय संघ के बाजारों में अपनी पैठ लगातार बढ़ा रहा है। यही कारण है कि वैश्विक चावल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। जबरदस्त वैश्विक मांग ने भी चावल के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद की है।
वर्ष 2020-21 में भारत का चावल निर्यात (बासमती और गैर-बासमती) 87 प्रतिशत बढ़कर 17.72 मिलियन टन (एमटी) हो गया जो 2019-20 में 9.49 एमटी था।
मूल्य प्राप्ति के लिहाज से भारत का चावल निर्यात 2020-21 में 38 प्रतिशत बढ़कर 881.5 करोड़ डॉलर हो गया जो 2019-20 में 639.7 करोड़ डॉलर रहा था। रुपये में भारत का चावल निर्यात 2020-21 में 44 प्रतिशत बढ़कर 65,298 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष के दौरान 45,379 करोड़ रुपये रहा था।
चालू वित्त वर्ष (2021-22) के पहले सात महीनों के दौरान भारत का चावल निर्यात 33 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के साथ 11.79 एमटी हो गया जो अप्रैल से अक्टूबर 2020-21 के दौरान 8.91 एमटी रहा था। अनुमान है कि 2021-22 में भारत का चावल निर्यात 2020-21 में हासिल 17.72 एमटी के रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।
वर्ष 2020-21 में भारत ने नौ देशों को गैर-बासमती चावल भेजा जिनमें तिमोर-लेस्ते, प्यूर्टो रिको, ब्राजील, पापुआ न्यू गिनी, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, इस्वातिनी, म्यांमार और निकारागुआ शामिल हैं। इन देशों को या तो पहली बार गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया अथवा पहले के निर्यात की मात्रा में काफी कम थी।
वर्ष 2020-21 में भारत से गैर-बासमती चावल के निर्यात का मूल्य 479.6 करोड़ डॉलर (35,448 करोड़ रुपये) रहा जबकि बासमती चावल के निर्यात का मूल्य 401.8 करोड़ डॉलर (29,849 करोड़ रुपये) के करीब था।
मात्रा के लिहाज से वर्ष 2020-21 में बासमती चावल के निर्यात वाले शीर्ष दस देशों में सऊदी अरब, ईरान, इराक, यमन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कुवैत, ब्रिटेन, कतर और ओमान शामिल हैं। भारत से सुगंधित लंबे दाने वाले चावल के कुल शिपमेंट में इन शीर्ष दस देशों की हिस्सेदारी करीब 80 प्रतिशत रही।
मात्रा के लिहाज से 2020-21 में भारत से गैर-बासमती चावल के कुल निर्यात वाले शीर्ष दस देशों में नेपाल, बेनिन, बांग्लादेश, सेनेगल, टोगो, कोटे डी आइवर, गुएना, मलेशिया, इराक और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। भारत से गैर-बासमती चावल के कुल निर्यात में इन शीर्ष दस देशों की हिस्सेदारी करीब 57 प्रतिशत रही।
चावल के निर्यात में भारी उछाल खासतौर पर ऐसे दौर में दिखा है जब वैश्विक स्तर पर कोविड-19 वैश्विक महामारी ने कई वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया है। ऐसे में सरकार ने कोविड-19 से सुरक्षा संबंधित सभी सावधानी बरतते हुए चावल एवं अन्य अनाजों का निर्यात सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु ने कहा, 'भारत वैश्विक बाजार में चावल की लगातार आपूर्ति कर रहा है। इससे कई देशों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है जबकि कई देश कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लॉजिस्टिक व्यवधान को देखते हुए भंडार कर रहे हैं।'
एपीईडीए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। उसने राज्य सरकारों के साथ-साथ संबंधित हितधारकों के सहयोग से काकीनाडा, विशाखापत्तनम, चेन्नई, मुंद्रा और कृष्णापट्टनम और पारादीप में पोर्ट हैंडलिंग सुविधाओं में सुधार करने में मदद की है जिससे चावल के निर्यात को बढ़ावा मिला है।
एपीईडीए मूल्य श्रृंखला में विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग से चावल के निर्यात को बढ़ावा देता रहा है। सरकार ने एपीईडीए के तत्वावधान में चावल निर्यात संवर्धन फोरम (आरईपीएफ) की स्थापना की है। आरईपीएफ में चावल उद्योग के प्रतिनिधि, निर्यातक, एपीईडीए एवं वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के कृषि निदेशक शामिल हैं।
सुगंधित एवं लंबे दाने वाले गुणवत्तापूर्ण बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीईडीए द्वारा समर्थित बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन (बीईडीएफ) ने प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बासमती चावल की खेती करने वाले किसानों को अच्छी कृषि प्रथाओं को अपनाने के बारे में जागरूक करने के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
इस पहल के तहत बीईडीएफ ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर एवं दिल्ली के चावल निर्यातक संघों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और राज्य कृषि विभागों के सहयोग से 75 जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए ताकि सात राज्यों में उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके। बीईडीएफ बासमती चावल की उपज वाले राज्यों में विभिन्न एफपीओ, निर्यातक संघों आदि के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में भी काम करता है।
जागरूकता कार्यक्रम के जरिये किसानों को बताया गया कि बासमती चावल की खेती एक भारतीय परंपरा है और इस परंपरा को बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है क्योंकि वैश्विक बाजार में बासमती चावल की जबरदस्त मांग है। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे राज्य कृषि विभाग के जरिये बासमती डॉट नेट पर अपना पंजीकरण कराएं। बीईडीएफ के जरिये एपीईडीए बासमती चावल की खेती को बढ़ावा देने में राज्य सरकारों की सहायता करता रहा है।
एपीईडीए के चेयरमैन अंगमुथु ने कहा, 'हम कृषि निर्यात नीति 2018 के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए क्लस्टर के जरिये निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से बुनियादी ढांचे की स्थापना पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।'
एपीईडीए कृषि निर्यात नीति के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों के साथ काम कर रहा है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम और मेघालय ने निर्यात के लिए राज्य विशिष्ट कार्य योजना को अंतिम रूप दिया है। जबकि अन्य राज्य उसे अंतिम रूप देने के विभिन्न चरणों में हैं।
भारत के चावल निर्यात का रुझान
|
2018-19
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22*
|
|
मात्रा (एमटी में)
|
मात्रा (एमटी में)
|
मिलियन डॉलर में
|
मात्रा (एमटी में)
|
मात्रा (एमटी में)
|
मिलियन डॉलर में
|
मात्रा (एमटी में)
|
मात्रा (एमटी में)
|
मिलियन डॉलर में
|
मात्रा (एमटी में)
|
मात्रा (एमटी में)
|
मिलियन डॉलर में
|
बासमती
|
4.41
|
32,804
|
4722
|
4.45
|
31,025
|
4330
|
4.63
|
29,849
|
4018
|
2.16
|
13,732
|
1854
|
गैर-बासमतती
|
7.59
|
21,185
|
3047
|
5.04
|
14,364
|
2014
|
13.09
|
35,476
|
4800
|
9.63
|
25,582
|
3454
|
कुल
|
12
|
53,989
|
7,769
|
9.49
|
45,389
|
6,344
|
17.72
|
65,325
|
8,818
|
11.79
|
39,314
|
5308
|
स्रोत : एपीईडीए, मात्रा (मिलियन टन), *अप्रैल से अक्टूबर, डॉलर/ मिलियन
बासमती चावल के लिए भारत का शीर्ष दस निर्यात गंतव्य (2020-21)
देश
|
मात्रा (लाख टन)
|
*कुल निर्यात का प्रतिशत
|
सऊदी अरब
|
10.35
|
22
|
ईरान
|
7.47
|
16
|
इराक
|
6.45
|
14
|
यमन गणराज्य
|
3.36
|
7
|
संयुक्त अरब अमीरात
|
2.29
|
5
|
अमेरिका
|
1.8
|
4
|
कुवैत
|
1.76
|
4
|
ब्रिटेन
|
1.7
|
3.6
|
कतर
|
1.1
|
2
|
ओमान
|
0.99
|
2
|
अन्य
|
9.26
|
20
|
*प्रतिशत 2020-21 में 46.3 लाख टन निर्यात की कुल मात्रा के आधार पर
गैर-बासमती चावल के लिए भारत का शीर्ष दस निर्यात गंतव्य (2020-21)
देश
|
मात्रा (लाख टन)
|
कुल निर्यात का प्रतिशत
|
नेपाल
|
12.84
|
9.8
|
बेनिन
|
12.31
|
9.4
|
सेनेगल
|
10.36
|
7.9
|
बांग्लादेश
|
9.11
|
7
|
टोगो
|
7.8
|
5.9
|
कोटे डी आइवर
|
7.3
|
5.5
|
गुएना
|
6.1
|
4.6
|
मलेशिया
|
4.53
|
3.4
|
इराक
|
2.9
|
2
|
संयुक्त अरब अमीरात
|
2.9
|
2
|
अन्य
|
|
43
|
*प्रतिशत 2020-21 में निर्यात की कुल मात्रा 130.95 लाख टन के आधार पर
स्रोत : डीजीसीआईएस
*****
एमजी/एएम/एसकेसी
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