स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए  एशियाई विकास बैंक के साथ  300 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर

Posted On: 24 NOV 2021 1:13PM by PIB Delhi

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कल 13 राज्यों के शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच को मजबूत करने और इसे बेहतर बनाने के लिए 300 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे 256 मिलियन से अधिक शहरी निवासियों को लाभ होगा, जिनमें से 51 मिलियन झुग्गी क्षेत्रों से हैं।

 

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलें विभाग के अपर सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा ने भारत सरकार की ओर से जबकि एडीबी के भारत रेजिडेंट मिशन के राष्ट्र निदेशक श्री ताकेओ कोनिशी ने शहरी क्षेत्रीय कार्यक्रम में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और महामारी की तैयारी को मजबूत करने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए

 

ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, अपने संबोधन में श्री मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य पहलों- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) और प्रधानमंत्री आत्मानिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएम-एएसबीवाई) का समर्थन करता है और अब विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में कमजोर आबादी के लिए गुणवत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच में विस्तार करते हुए इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) कर दिया गया है।

 

2018 में शुभांरभ किए गए आयुष्मान भारत कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख रणनीति के रूप में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करना है। देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालने वाले कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) महामारी के प्रसार के साथ, सरकार ने भविष्य की महामारियों और अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने हेतु व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए अक्टूबर 2021 में पीएम-एएसबीवाई को बाद में पीएम-एबीएचआईएमके रूप में बदल दिया।

 

श्री कोनिशी ने कहा कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच गैर-कोविड-19 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केंद, राज्य और नगरपालिका स्तरों पर शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संस्थागत क्षमता, संचालन और प्रबंधन को मजबूत करके स्वास्थ्य देखभाल अंतराल को पाटने के सरकार के प्रयासों का पूरक है।

 

इस कार्यक्रम 13 राज्यों आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। महामारी की प्रतिक्रिया के अलावा, कार्यक्रम के माध्यम से हस्तक्षेप गैर-संचारी रोगों और सामुदायिक पहुँच सेवाओं जैसे स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों पर जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पैकेज के प्रावधान के साथ शहरी एचडब्ल्यूसी के उपयोग में वृद्धि को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए वितरण और स्वास्थ्य सूचना प्रणाली को डिजिटल उपकरणों, गुणवत्ता आश्वासन तंत्र और निजी क्षेत्र के साथ जुड़ाव और साझेदारी के माध्यम से उन्नत किया जाएगा।

 

कार्यान्वयन और समन्वय, क्षमता निर्माण, नवाचार, ज्ञान साझा करने और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्वपूर्ण सर्वोत्तम कार्यप्रणालियोंमें सहायता प्रदान करने और गरीबी को कम करने के लिए यह कार्यक्रम एडीबी के जापान कोष से 2 मिलियन डॉलर की तकनीकी सहायता अनुदान द्वारा समर्थित भी है।

 

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