वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

व्यापार नीति मंच पर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य

Posted On: 23 NOV 2021 10:46PM by PIB Delhi

1. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 23 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बारहवीं मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत सुश्री कैथरीन टाई ने इस टीपीएफ बैठक की सह-अध्यक्षता की। मंत्रियों ने 24 सितंबर, 2021 को राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई बैठक में "व्यापार संबंधों के भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी, साझा दृष्टि विकसित करने के लिए घोषित लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए इस बैठक का आयोजन किया। चूंकि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका उस महत्वाकांक्षी भविष्य को परिभाषित करने के लिए तत्पर हैं, अतः मंत्रियों ने हमारे व्यापार संबंधों को प्रभावित करने वाले मौजूदा और उभरते मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर सहयोगात्मक चर्चा में शामिल होने के महत्व को पहचाना है।

द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) के महत्व को रेखांकित किया। वे इस बात पर सहमत हुए कि टीपीएफ का पुनर्गठन और मंच के तहत नियमित सहभागिता अब तक बची हुई  द्विपक्षीय व्यापार चिंताओं को दूर करने में सहायक होने के साथ ही दोनों देशों को महत्वपूर्ण, उभरते व्यापार नीति के मुद्दों का पता लगाने की अनुमति देगा। वे इस बात पर सहमत थे कि कृषि, गैर-कृषि वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और बौद्धिक संपदा पर टीपीएफ कार्य समूह को फिर से सक्रिय किया जाना चाहिए ताकि आपसी सरोकार के मुद्दों को निरंतर आधार पर संबोधित किया जा सके।  

3. मंत्रियों ने वर्तमान वर्ष 2021 (जनवरी-सितंबर 2021 की अवधि) में द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार में मजबूती से फिर उछाल आने पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई; चालू वर्ष में द्विपक्षीय मर्चेंडाइज़ ट्रेड 100 अरब अमेरिकी डॉलर के पार जाने की ओर अग्रसर है। मंत्रियों ने गहन  आर्थिक एवं व्यापारिक  संबंधों में योगदानकर्ता के रूप में दोतरफा सेवा व्यापार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के महत्व की भी सराहना की और हाल के महीनों में द्विपक्षीय एफडीआई निवेश में उल्लेखनीय उछाल का संज्ञान लिया ।

4. राजदूत टाई ने भारत द्वारा हाल ही में शुरू किए गए कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों, जैसे कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का उदारीकरण, आयकर में पूर्वप्रभावी  प्रावधान को समाप्त करना और निवेश की सुविधा के लिए " एकल-खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो सिस्टम) " शुरू करना आदि की सराहना की। इन सुधारों ने व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार को सक्षम किया है, साथ ही राजदूत ने पारदर्शी माध्यमों से लागू बाजार-उन्मुख सुधारों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। मंत्रियों ने दोनों पक्षों के लाभ के लिए दोनों अर्थव्यवस्थाओं को और अधिक निकट लाने के लिए एक अनुकूल वातावरण स्थापित करने के महत्व को रेखांकित किया।

5. मंत्रियों ने भारत- अमरीका के महत्व को रेखांकित किया। वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत- अमरीका व्यापार और आर्थिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया। वे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने और बाजार अर्थव्यवस्थाओं तथा लोकतंत्रों के बीच एक पारदर्शी, नियम-आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए विश्व व्यापार संगठन, जी20 और आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन सहित प्रासंगिक बहुपक्षीय व्यापार निकायों में सहयोगात्मक और रचनात्मक रूप से काम करने पर सहमत हुए।

6. मंत्रियों ने लचीली और सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला बनाने के महत्व को स्वीकार किया। इस संदर्भ में, वे इस बात पर सहमत हुए कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ, व्यापार और प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सहयोग के मजबूत इतिहास को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में मंत्रियों ने लचीली आपूर्ति श्रृंखला पर काम के संदर्भ में विशेष महत्व वाले इस क्षेत्र की पहचान की। भारत ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक सुरक्षित दवा निर्माण आधार विकसित करने में यू.एस. के साथ सहयोग करने में अपनी रूचि दर्शाईI

7. मंत्रियों ने अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं और सेवाओं के महत्व पर भी दृष्टिकोण साझा किया और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों में व्यापार को प्रभावित करने वाले नियामक मुद्दों की एक श्रृंखला पर रचनात्मक बातचीत करने का संकल्प लिया। इस संबंध में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारतीय दवा सुविधाओं के अमेरिकी नियामक निरीक्षणों में कोविड -19 महामारी से उत्पन्न होने वाली देरी के बारे में भारत की चिंताओं को स्वीकार किया। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन- एफडीए) ने कोविड स्थितियों का मूल्यांकन करना जारी रखा हुआ है और कंपनी एवं एफडीए अधिकारियों के लिए न्यूनतम जोखिम होने की स्थिति में प्राथमिकता से निरीक्षण कर रहा है। साथ ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन- एफडीए उचित रूप में नियामक निर्णयों के लिए दूरस्थ मूल्यांकन तकनीकों का उपयोग करना भी जारी रखेगा।

8. मंत्रियों ने आर्थिक विकास प्रदान करने और साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के महत्व पर सहमति व्यक्त की तथा  क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्यूयूएडी - क्वाड) ढांचे के भीतर इन मुद्दों पर चल रहे कार्यों पर ध्यान दिया। उन्होंने साइबर स्पेस, अर्धचालक अर्थातसेमीकंडक्टर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), 5जी, 6जी और भविष्य की पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न मुद्दों पर नियमित रूप से दृष्टिकोण साझा करने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूत संबंध बनाने और लचीली और सुरक्षित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का समर्थन करने में दोनों देशों में निजी क्षेत्र की भागीदारी और सहयोग का स्वागत किया।

द्विपक्षीय व्यापार चिंताओं पर प्रगति

9. 23 नवंबर, 2021 को आयोजित टीपीएफ के दौरान, मंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार के मुद्दों के पूरे घटनाक्रम की समीक्षा की और निम्नलिखित परिणामों तथा भविष्य की प्राथमिकताओं को उजागर करने पर सहमति व्यक्त की।

10. मंत्रियों ने द्विपक्षीय जुड़ाव में वृद्धि के माध्यम से बाजार में पहुंच के कुछ बकाया मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करके भारतीय और अमेरिकी किसानों और व्यवसायों को होने वाले वास्तविक लाभों को स्वीकार किया। दोनों पक्षों ने कृषि वस्तुओं पर टीपीएफ कार्य बल  के माध्यम से कृषि और खाद्य उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने के लिए काम करना जारी रखने और 2022 में पशु स्वास्थ्य, पौधों के स्वास्थ्य और  खाद्य सुरक्षा और अन्य तकनीकी मुद्दों पर तकनीकी संवाद आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध होने पर भी सहमति व्यक्त की।

11. मंत्रियों ने आम और अनार, भारत से अनार के दाने, और संयुक्त राज्य अमेरिका से पशु चारे के लिए चेरी और अल्फाल्फा घास के लिए बाजार पहुंच सुविधा पर कार्य को अंतिम रूप देने के समझौते का स्वागत किया। संयुक्त राज्य अमेरिका का विचार भारतीय अधिकारियों को आम और अनार के लिए विकिरण के पूर्व-निकासी कार्यक्रम / नियामक निरीक्षण के हस्तांतरण को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत भी भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका में अनार के दानों के निर्यात के लिए व्यवस्था  दृष्टिकोण परिचालन कार्य योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए तत्पर हैं। भारत, अमेरिकी चेरी के आयात की अनुमति देने के लिए पादप-स्वच्छता (फाइटो-सैनिटरी) कार्य को अंतिम रूप देने का इरादा रखता है, साथ ही भारत पादप-स्वच्छता (फाइटो-सैनिटरी) प्रमाणन को अंतिम रूप देने का इरादा रखता है जो भारत में पशु आहार के लिए अमेरिका यू.एस.) से  अल्फाल्फा घास के आयात की अनुमति देगा। इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका अपने यहां टेबल ग्रेप्स की पहुँच के लिए भारत के अनुरोध को पूरा करने के लिए काम करने के लिए सहमत हुआ, साथ ही भारत अमेरिका से. पोर्क और पोर्क उत्पादों के आयात की अनुमति देने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत निर्यात प्रमाणपत्र को अंतिम रूप देने के लिए काम करने पर सहमत हुआ।

12. अमेरिकी पक्ष ने दूरसंचार उपकरण (एमटीसीटीई) के अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन नीति के तहत अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन अनुरूपता मूल्यांकन निकाय (आईएलएसी से) मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कुछ परीक्षण परिणामों को स्वीकार करने के लिए भारत द्वारा अधिसूचित समय में विस्तार का स्वागत किया और दोनों पक्ष उद्योग को अनुकूलन के लिए भविष्य के परीक्षण की आवश्यकताओं को  पर्याप्त समय प्रदान करने के महत्व पर सहमत हुए। अमेरिका ने मोल्डिंग और एक्सट्रूज़न (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2021 के लिए पॉलिथीन सामग्री के उपयोग के संबंध में भारत द्वारा अधिसूचित समय में विस्तार की भी सराहना की और माप के उद्देश्यों को पूरा करने वाली लेबलिंग व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए उद्योग के साथ परामर्श पर विचार किया।

13. मंत्रियों ने बौद्धिक संपदा (आईपी) पर बढ़ी सहभागिता का स्वागत किया और माना कि बौद्धिक सम्पदा (आईपी) का संरक्षण और प्रवर्तन नवाचार के साथ-साथ द्विपक्षीय व्यापार और आईपी-गहन उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने में योगदान देता है। उन्होंने टीपीएफ आईपी कार्यकारी समूह के काम की सराहना की और पारंपरिक ज्ञान तथा आनुवंशिक संसाधनों के संबंध में कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क और राष्ट्रीय अनुभवों को साझा करने में इसकी प्रगति की समीक्षा की। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत के अपने पेटेंट कार्य क्षेत्र के प्रशासन को स्पष्ट करने का स्वागत किया, जिसमें प्रकटीकरण आवश्यकताओं, गोपनीय जानकारी के उपचार, पेटेंट आवेदनों पर विरोध, साथ ही प्रसिद्ध ट्रेडमार्क अनुप्रयोगों के लिए सहायक साक्ष्य शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत दोनों ने एक-दूसरे की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन कॉपीराइट संधि और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन प्रदर्शन तथा फोनोग्राम संधि का अनुपालन करने के लिए एक-दूसरे की प्रतिबद्धता का स्वागत किया।

भविष्य के कार्यों के लिए क्षेत्र

14. मंत्रियों ने बकाया व्यापार मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने का इरादा व्यक्त किया क्योंकि इनमें से कुछ को निकट भविष्य में अभिसरण (कन्वर्जेन्स)  तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त जुड़ाव की आवश्यकता है। वे नई व्यापार चिंताओं पर तेजी से जुड़ने के साधन के रूप में पुनर्जीवित व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) और उसके कार्य समूहों का उपयोग करने के लिए सहमत हुएI साथ ही वे इस संबंध में प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए तिमाही अंतराल पर परिस्थिति का जायजा लेंगे।

15. मंत्रियों ने बाजार में पहुंच के क्षेत्र में प्रगति हासिल करने के लिए अपने विशेष हितों की समीक्षा की। इस संबंध में, भारत ने संयुक्त राज्य (यू.एस.) सामान्यीकृत प्रणाली वरीयता कार्यक्रम के तहत अपनी लाभार्थी स्थिति की बहाली में अपने हितों और इच्छा का उल्लेख किया; संयुक्त राज्य (युनाइटेड स्टेट्स) की ओर से कहा गया कि अमेरिकी  कांग्रेस द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड के संबंध में इस पर आवश्यकता के अनुसार विचार किया जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने संभावित लक्षित कर (टैरिफ) कटौती पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया ।

16. मंत्रियों ने अतिरिक्त चिन्हित कृषि उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच बढ़ाने की संभावना तलाशने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की। वे डिस्टिलर्स के सूखे घुलनशील अनाज के लिए नियामक अनुमोदन के संबंध में अमेरिकी चिंताओं और एशियाई  भैंस के मांस के लिए बाजार पहुंच तथा प्राकृतिक स्रोतों से पकड़े गए झींगे के लिए बाजार पहुंच की बहाली के संबंध में भारत की चिंताओं पर भी सहमत हुए।

17. अमेरिकी पक्ष ने सस्ती दरों पर चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच और अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी की उपलब्धता के बीच संतुलन बनाने के लिए भारतीय पक्ष द्वारा किए जा रहे कार्यों को स्वीकार किया। इस संबंध में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कुछ चिकित्सा उपकरण उत्पादों पर मूल्य विनियमन के लिए व्यापार मार्जिन युक्तिकरण (टीएमआर) दृष्टिकोण के हालिया आवेदन का स्वागत किया और भारत ने बताया कि अन्य चिकित्सा उपकरणों के लिए टीएमआर का व्यापक आवेदन संबंधित अधिकारियों द्वारा विचाराधीन है।

18. संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण तक पहुंचने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए अपना समर्थन जताया और ईंधन उद्देश्यों के लिए भारत को इथेनॉल की आपूर्ति करने में रुचि व्यक्त की। मंत्रियों ने अपने संबंधित इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए सहयोग बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की।

19. मंत्रियों ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में डिजिटल सेवाओं सहित सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और द्विपक्षीय सेवाओं के व्यापार तथा निवेश को बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच पेशेवर व्यक्तियों और कुशल श्रमिकों, छात्रों, निवेशकों तथा व्यापार यात्रियों की आवाजाही द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने में बहुत योगदान देती है। इस संबंध में, भारतीय पक्ष ने पूरी तरह से टीकाकरण द्वारा भारतीयों को संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की अनुमति देने के हालिया अमेरिकी निर्णय का स्वागत किया। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने वीजा मुद्दों पर अपनी भागीदारी जारी रखने और पेशेवरों, कुशल श्रमिकों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिक कर्मियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के अपने साझा संकल्प को आगे भी जारी रखने का फैसला किया। मंत्रियों ने सामाजिक सुरक्षा समग्रता समझौते पर चल रही चर्चा को स्वीकार किया और इस तरह के समझौते का पालन करने पर आगे की भागीदारी का स्वागत किया।

20. मंत्रियों ने माना कि विधिक (कानूनी), नर्सिंग और लेखा सेवाएं व्यापार तथा निवेश में वृद्धि को सुविधाजनक बना सकती हैं और वे इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के और विस्तार के लिए उत्प्रेरक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सेवाओं के महत्व पर चर्चा की और दोनों पक्ष इस क्षेत्र में कार्य जारी रखने पर सहमत हुए।

21. मंत्रियों ने आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल व्यापार की विशाल क्षमता का उपयोग करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया और टीपीएफ एवं  सूचना संवाद एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) कार्यकारी समूह एवं जी 20 तथा विश्व व्यापार संगठन सहित अन्य प्रासंगिक बहुपक्षीय मंचों पर आम समझ बनाने और द्विपक्षीय  सहयोग के लिए मिलकर काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने तथा ऐसे संयुक्त सिद्धांतों को अपनाने का पता लगाने का संकल्प लिया जो यह सुनिश्चित करते हैं कि विचारों, वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त आदान-प्रदान के लिए इंटरनेट खुला रहे।

22. मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बकाया विश्व व्यापार संगठन के विवादों पर पारस्परिक रूप से सहमत समाधान खोजने के लिए आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की।

उभरते मुद्दों पर सहयोग

23. मंत्रियों ने रोजगार और कामकाजी आबादी के लिए अवसर पैदा करने में व्यापार के महत्व पर जोर देते हुए व्यापार और श्रम के बीच संबंधों पर जानकारी का आदान-प्रदान भी किया। मंत्रियों ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में कामकाजी लोगों के कल्याण में सुधार में व्यापार की भूमिका पर आपसी दृष्टिकोण साझा किए। मंत्रियों ने लचीलेपन और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाल श्रम और जबरन श्रम के मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की ।

24. मंत्रियों ने व्यापार और पर्यावरण के मामलों के बीच संबंधों पर दृष्टिकोण साझा किए और नवीकरणीय ऊर्जा तथा अन्य स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ाने के दृष्टिकोणों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें भारत – संयुक्तराज्य अमेरिका (यूएस) जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रारूप 2030 सहभागिता (क्लाइमेट एंड क्लीन एनर्जी एजेंडा 2030 पार्टनरशिप) के अनुरूप शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना और वित्त जुटाने का लक्ष्य तथा सहमति के अनुसार नवीन स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के पैमानों को अपनाना शामिल है ।

25. मंत्रियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए मानकों और अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की कि आवश्यकताएं अब आवश्यकता से अधिक व्यापार प्रतिबंधक नहीं हैं और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के अनुरूप हैं। उन्होंने नियम बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता के महत्व का भी उल्लेख किया और अच्छी नियामक प्रथाओं को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।

26. मंत्रियों ने विश्व व्यापार संगठन व्यापार सुविधा समझौते के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर केंद्रित कार्यशालाओं को फिर से शुरू करने पर भी अपनी सहमति व्यक्त की।

27. मंत्रियों ने संबंधों की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करने के लिए दोनों अर्थव्यवस्थाओं को सभी क्षेत्रों में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित करते हुए अपनी बात का समापन किया। वे इस बात पर सहमत हुए कि टीपीएफ को आपसी विश्वास पैदा करने के लिए लगातार ठोस परिणाम देने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह का दृष्टिकोण द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी भविष्य में योगदान देगा और इसे अगले स्तर पर ले जाएगा, ताकि दोनों देश दोनों अर्थव्यवस्थाओं में अंतर्निहित पूरकताओं से लाभान्वित हो सकें। इससे दोनों देशों में आर्थिक समृद्धि, रोजगार सृजन और आजीविका में सुधार होगा। इस संबंध में उन्होंने टीपीएफ कार्यकारी समूह को मार्च 2022 तक ठोस प्रगति करने के लिए कार्य योजना विकसित करने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को कार्य समूहों की गतिविधि की समीक्षा करने के लिए नियमित संपर्क में रहने और विशिष्ट व्यापार परिणामों के एक सेट की पहचान करने का निर्देश दिया, जिसे 2022 के मध्य तक होने वाली एक अंतर-सत्रीय व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) बैठक के लिए अंतिम रूप दिया जा सकता है।

28. मंत्रियों ने 2022 के अंत से पहले व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) के काम को अधिक ऊर्जा देने और मंत्री स्तर पर टीपीएफ को फिर से संगठित करने के लिए कार्य करते रहने पर सहमति व्यक्त की।

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