रक्षा मंत्रालय
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आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत 17-19 नवंबर को झांसी, यूपी में तीन दिवसीय ’राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ का आयोजन होगा

Posted On: 15 NOV 2021 5:54PM by PIB Delhi

मुख्य अंश:

 

प्रधानमंत्री 19 नवंबर को एक भव्य समारोह में कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे/राष्ट्र को समर्पित करेंगे, कार्यक्रम का उद्घाटन 17 नवंबर को रक्षामंत्री करेंगे

पहलों में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना शामिल है, एनसीसी सीमा और तटीय योजना, एनसीसी पूर्व छात्र संघ और एनसीसी कैडेटों के लिए अनुकरण प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड पर भारत डायनामिक्स लिमिटेड की 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास

आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए सशस्त्र बलों को स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, ड्रोन/यूएवी और नौसेना के जहाजों के लिए उन्नत ईडब्ल्यू सूट सौंपना

शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर डिजिटल कियोस्क और एनडब्ल्यूएम मोबाईल ऐप का शुभारंभ

 

 

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) उत्तर प्रदेश के झांसी में 17-19 नवंबर, 2021 के दौरान आयोजित होने जा रहेराष्ट्र रक्षा समर्पण पर्वसमारोह में औपचारिक रूप से कई योजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेगा। ये कार्यक्रमआजादी का अमृत महोत्सवसमारोह के तहत आयोजित हो रहे हैं।

 

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर, 2021 को झांसी किले के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्रालय की कई नई पहलों का शुभारंभ करेंगे/राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस दिन बहादुरी और साहस की मिसाल एवं राष्ट्र रक्षा और भारत के स्वतंत्रता संघर्ष की महती राष्ट्रीय प्रतिमूर्ति रानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस भी है। रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह 17 नवंबर, 2021 को कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

 

राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर किया जा रहा है। रक्षामंत्री, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति 19 नवंबर, 2021 को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे।

 

शुभारंभ/राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली नई पहलों में शामिल होंगे:

 

100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना: हाल ही में मंत्रिमंडल ने पूरे देशमें 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। इन सैनिक स्कूलों की स्थापना निजी शिक्षण संस्थानों, एनजीओ यानी गैर-सरकारी संगठनों और राज्य सरकारों की साझेदारी में की जाएगी। प्रत्येक राज्य/संघ शासित प्रदेश में कम से कम एक सैनिक स्कूल प्रस्तावित है। ये 100 सैनिक स्कूल अगले दो वर्षों में स्थापित किए जाएंगे। सभी सैनिक स्कूलों लड़कियों को भी प्रवेश मिलेगा। प्रस्तावित 100 सैनिक स्कूलों की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

 

.  स्कूल की स्थापना निजी शिक्षण संस्थानों, एनजीओ और राज्य सरकारों द्वारा की जाएगी जबकि भारत सरकार की ओर से योग्यता साधन के आधार पर 50 प्रतिशत छात्रों के लिए शुल्क सहायता (अधिकतम 40,000 रुपये प्रति वर्ष तक) के 50 प्रतिशत के रूप में सहायता उपलब्ध होगी।

 

. स्थापित किए गए सैनिक स्कूल बुनियादी ढांचे, सुविधाओं, शिक्षकों के संदर्भ में सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूलों के बच्चों को सिर्फ अकादमिक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाता है बल्कि व्यक्तित्व विकास, मूल्यों और खेलों का भी स्वस्थ प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस संबंध में मानदंडों को सभी हितधारकों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जा रहा है। मानदंडों को अंतिम रूप देने के लिए 7 दिसंबर, 2021 को हितधारक परामर्श कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसकी अध्यक्षता रक्षामंत्री करेंगे।

 

. पहली बार, इन सैनिक स्कूलों में सिर्फ दिन में ठहरने वाले छात्रों यानी डे-स्कॉलर को सुबह सवेरे से लेकर शाम में देर तक ठहरने की अनुमति का विकल्प होगा जिससे वे पूरे दिन की शैक्षणिक और पाठ्येतर गतिविधियों में भाग ले पाएंगे।

 

. प्रस्तावित सैनिक स्कूल के शिक्षकों को भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान, गांधीनगर के माध्यम से अध्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जल्द ही संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

 

. प्रत्येक सैनिक स्कूल को खेल और युवा मामलों के मंत्रालय केवन स्कूल, वन स्पोर्टकी अवधारणा औरखेलो इंडियायोजना के अनुसार एक चिन्हित खेल विधा में उत्कृष्टता प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

 

. वर्तमान सरकारी और निजी स्कूलों के साथ-साथ ग्रीनफील्ड स्कूल भी योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक निजी/एनजीओ/राज्य सरकार से रुचि की अभिव्यक्ति मंगाने के लिए एक वेबसाइट शुरू की गई है। प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है और 89 रुचि की अभिव्यक्ति पहले ही प्राप्त हो चुकी है। सैनिक स्कूलों के लिए सहयोग करने के इच्छुक अन्य लोग   https://sainikschool.ncog.gov.in/. पर आवेदन कर सकते हैं।

 

एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ: चाहे वह सशस्त्र बल हो राजनीति, उद्योग, नौकरशाही, कला और संस्कृति या अकादमिक, समाज के सभी क्षेत्रों में व्यावहारिक रूप से अनेक प्रमुख नेता हैं जो  राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) से उभरे हैं। अनेक लोग एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान देने के इच्छुक हैं। एनसीसी के पूर्व छात्रों को एनसीसी के साथ फिर से जोड़ने के लिए एक औपचारिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से, एनसीसी पूर्व छात्र संघ यानी एलुमनाई एसोसिएशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

 

एनसीसी पूर्व छात्र संघ से लाखों पूर्व एनसीसी कैडेटों की मांग को पूरा करने की उम्मीद है। एनसीसी पूर्व छात्र संघ से एनसीसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में सहायता करने की अपेक्षा की जाती है। पूर्व एनसीसी कैडेट प्रधानमंत्री को 19 नवंबर को एसोसिएशन के पहले सदस्य के रूप में नामांकित करके एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ करने का प्रस्ताव है। एनसीसी पूर्व छात्र संघ सभी एनसीसी पूर्व छात्रों के लिए खुला है और इसकी सदस्यता प्राप्त करना बेहद आसान है।

 

 

सदस्यता के लिए आवेदन करने और अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। वही वेबसाइट www.nccauto.gov.in/alumni पर उपलब्ध होगा जिसे 19 नवंबर के बाद लाइव कर दिया जाएगा। एनसीसी एलुमनाई एसोसिएशन की आजीवन सदस्यता के लिए 100 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसका भुगतान यह वेबसाइट ऑनलाइन भी किया जा सकता है।

 

एनसीसी कैडेटों के लिए अनुकरण प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ: रक्षा मंत्रालय एनसीसी के तीनों अंगों-थलसेना, वायुसेना और नौसेना के लिए अनुकरण प्रशिक्षण सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इससे देशभर के एनसीसी कैडेट अपने-अपने क्षेत्रों में प्रशिक्षित हो सकेंगे। एनसीसी के आर्मी विंग के लिए राइफल फायरिंग सिम्युलेटर लगाए जा रहे हैं। एयर विंग के लिए माइक्रोलाइट फ्लाइंग सिम्युलेटर लगाए जा रहे हैं। नौसेना विंग के लिए रोइंग सिम्युलेटर स्थापित किए जा रहे हैं। सिम्युलेटर्स की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव इस प्रकार है:

 

क्रम संख्या.

विंग

वर्तमान सिम्युलेटर्स की संख्या

प्रस्तावित सिम्युलेटर्स

1

आर्मी

1

98

2

वायुसेना

6

44

3

नौसेना

10

61

 

राइफल फायरिंग सिम्युलेटर अब सभी ग्रुप मुख्यालयों में उपलब्ध होंगे। सिम्युलेटर की बढ़ती संख्या के साथ उम्मीद है कि सभी एनसीसी कैडेटों को इस संबंध में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। इन सिमुलेटर्स को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और इनकी स्थापना के लिए आदेश दे दिया गया है। इस कार्यक्रम को 19 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित करने का प्रस्ताव है।

 

एनसीसी सीमा और तटीय योजना: बता दें कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को लालकिले की प्राचीर से घोषणा की थी कि सीमा और तटीय क्षेत्रों में एनसीसी का विस्तार किया जाएगा। देश की सीमा और तटीय क्षेत्रों को समर्पित एक लाख कैडेटों द्वारा एनसीसी के विस्तार की योजना को सितंबर 2020 में रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। सीमा और तटीय जिलों के जिला कलेक्टरों को बतौर अध्यक्ष और पंचायतों के मुखिया समेत संबंधित हितधारकों और स्थानीय एनसीसी अधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल कर एक समिति का गठन किया गया था जिसे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूल/कॉलेजों की पहचान करना था जहां योजना के तहत एनसीसी शुरू किया जाना चाहिए। इस प्रकार, 1,283 स्कूलों और कॉलेजों की पहचान की गई, जिनमें से 896 सीमावर्ती क्षेत्रों में हैं और 255 तटीय क्षेत्रों में। इसके अलावा, 132 तालुका आवास वायुसेना स्टेशनों में हैं। इस योजना के कार्यान्वयन से 27 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को लाभ हुआ है।

 

कोविड-19 की बाधाओं के बावजूद, अक्टूबर 2020 में चिन्हित शैक्षणिक संस्थानों में एनसीसी शुरू की गई। इन शैक्षणिक संस्थानों के एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों को ऑनलाइन के साथ-साथ कैम्पटी और ग्वालियर में स्थित एनसीसी प्रशिक्षण अकादमी में भी प्रशिक्षित किया गया। चूंकि कोविड -19 ने शारीरिक प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए एनसीसी कैडेटों को ऑनलाइन माध्यम से सैद्धांतिक घटक का प्रशिक्षण दिया गया। जहां-जहां स्कूल/कॉलेज खुले थे, वहां शारीरिक प्रशिक्षण भी दिया जाता था।

 

एनसीसी के साथ शैक्षणिक संस्थानों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार वितरण:

 

क्रम संख्या

राज्य/संघ शासित प्रदेश 

सीमा/तटवर्ती इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों की संख्या

1

जम्मू-कश्मीर

50

2

लद्दाख,

19

3

पंजाब

288

4

राजस्थान

62

5

हिमाचल प्रदेश,

35

6

उत्तराखंड,

53

7

उत्तर प्रदेश,

125

8

अरुणाचल प्रदेश

31

9

असम

52

10

पश्चिम बंगाल,

49

11

मणिपुर

22

12

मेघालय

60

13

मिजोरम

18

14

नागालैंड

22

15

सिक्किम

11

16

 त्रिपुरा

5

17

बिहार

37

18

गुजरात

92

19

आंध्रप्रदेश

28

20

गोवा

10

21

कर्नाटक

14

22

केरल

42

23

महाराष्ट्र

29

24

ओडिशा

22

25

पुडुचेरी

36

26

तमिलनाडु

61

27

तेलंगाना

10

 

राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के तहत 19 नवंबर को पिछले एक साल की योजना के क्रियान्वयन को प्रदर्शित किया जाएगा।

 

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड पर भारत डायनामिक्स लिमिटेड की 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास:

 

सरकार ने देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने का फैसला लिया है। ये दोनों गलियारे तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में हैं। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के संयोजन स्थल यानी नोड आगरा, अलीगढ़, झांसी, चित्रकूट, लखनऊ और कानपुर में अवस्थित हैं। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड के लिए राज्य सरकार ने करीब 1,034 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा दी है।

 

भारत डायनामिक्स लिमिटेडए एक रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (डीपीएसयू) है जो झांसी नोड में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के लिए प्रणोदन प्रणाली का एक संयंत्र स्थापित कर रहा है। यह झांसी में 183 एकड़ जमीन में फैला होगा। इस संयंत्र में 400 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे 150 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 500 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री 19 नवंबर को इस परियोजना की आधारशिला रखेंगे।

 

रक्षा क्षेत्र मेंआत्मनिर्भर भारतकी अवधारणा पर जोर: रक्षा मंत्रालय ने पिछले दो साल के दौरान रक्षा क्षेत्र मेंआत्मनिर्भर भारतकी अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना, घरेलू उद्योग के लिए पूंजी खरीद बजट का 64 प्रतिशत निर्धारित करना, इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) की पहल के तहत स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देना, पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करना अन्य के साळज्ञ रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर की स्थापना शामिल है।

 

आत्मानिर्भर भारतपर जोर देने के प्रमाण के तौर पर, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना अपने उपयोग के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित प्लेटफाॅर्म को अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा 19 नवंबर को औपचारिक रूप से तीन प्लेटफॉर्म संबंधित सेवाओं के प्रमुखों को सौंपे जाएंगे। ये प्लेटफॉर्म रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), डीपीएसयू और रक्षा उद्योग और स्टार्टअप के योगदान के साथ पूर्ण विकसित भारतीय रक्षा उद्योग इकोसिस्टम को दर्शाते हैं।

 

प्रधानमंत्री हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, एचएएल द्वारा डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को वायु सेना प्रमुख को सौंपेंगे। एचएएल के हेलीकॉप्टर डिवीजन में एलसीएच एक नया संकलन है। यह दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर 5-8 टन वर्ग का एक समर्पित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और गोपनीयता की विशेषता भी शामिल है और इसे दुश्मन की वायु रक्षा, काउंटर विद्रोह, खोज और बचाव, टैंक विरोधी, काउंटर सर्फेस फोर्स ऑपरेशंस इत्यादि जैसी भूमिकाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। एलसीएच दुनिया में एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर जो हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर और टेक-ऑफ कर सकता है।

 

प्रधानमंत्री भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन/यूएवी को थल सेनाध्यक्ष को भी सौंपेंगे। भारतीय सेना ने विस्तृत परीक्षण और परीक्षण के बाद इन ड्रोनों को भारतीय उद्योग/स्टार्टअप से खरीदने का फैसला किया है। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय यूएवी की तैनाती भी भारतीय ड्रोन उद्योग के पारिस्थितिकी तंत्र के पूर्ण विकसित होने का प्रमाण है।

 

प्रधानमंत्री भारतीय विमान वाहक विक्रांत सहित नौसैनिक जहाजों के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए गए और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित उन्नत ईडब्ल्यू सूट सौंपेंगे। उन्नत ईडब्ल्यू सूट का उपयोग विभिन्न नौसैनिक जहाजों में किया जाएगा, जिसमें विध्वंसक, युद्धपोत आदि शामिल हैं और यहआत्मनिर्भर भारतकी दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कियोस्क: राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (एनडब्ल्यूएम) में दो इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क स्थापित किए गए हैं ताकि आगंतुकों को अपनी उपस्थिति दर्ज करने और शहीद नायकों को आभासी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यह संवर्धित वास्तविकता से युक्त सुविधा एनडब्ल्यूएम निदेशालय के समग्र मार्गदर्शन में बीईएल द्वारा डिजाइन और स्थापित की गई है। इससे आगंतुक बटन को महज क्लिक करके एक या अधिक चयनित शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर पाता है। यह सुविधा 19 नवंबर को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित की जाएगी।

 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का मोबाइल एप: एनडब्ल्यूएम निदेशालय ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का एक मोबाइल एप भी बनाया है। ऐप 360 डिग्री अनुभव के साथ एनडब्ल्यूएम का आभासी सफर कराता है। यह गूगल प्लेस्टोर और आईस्टोर पर उपलब्ध है। ऐप बहुभाषी बातचीत में समक्ष है और एनडब्ल्यूएम परिसर में स्थापित 166 ब्लूटूथ संकेत की मदद से आगंतुकों को सफर में मदद करता इन संकेतों के आधार पर, आगंतुक एनडब्ल्यूएम में लोकेशन के आधार पर 21 भाषाओं में कमेंट्री सुन सकते हैं।

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