शिक्षा मंत्रालय

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य देश के युवाओं को 21वीं सदी का भविष्योन्मुख, सामाजिक रूप से जागरूक वैश्विक नागरिक बनाना है: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान


शिक्षा मंत्री ने समाज के समग्र और समावेशी विकास के लिए एक समावेशी नवाचार मॉडल विकसित करने पर जोर दिया

राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान (एनआईटीआईई) मुंबई ने 26वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया

Posted On: 31 OCT 2021 5:20PM by PIB Delhi

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि भारत में शिक्षा क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य हमारे युवाओं को 21वीं सदी का भविष्योन्मुख, सामाजिक रूप से जागरूक, वैश्विक नागरिक बनाना है। राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान (एनआईटीआईई), मुंबई के 26वें दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन संबोधित करने के दौरान यह बात कही।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/32M0N.jpeg

केंद्रीय मंत्री श्री प्रधान ने देश के समन्वित और समग्र विकास के विचार पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे प्रौद्योगिकी और ज्ञान के तालमेल और समावेशी नवाचार का एक मॉडल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करता हूं जो समाज को समावेशी और समग्र विकास की ओर ले जाता हो। तभी हम 21वीं सदी का नया भारत बनाने के सपने को साकार कर सकते हैं।’’

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/IMG-20211031-WA00024CU1.jpg

उन्होंने एनआईटीआईई की, परिवर्तन फोरम पहल के लिए प्रशंसा की। इस मंच के माध्यम से, संस्थान वैज्ञानिक कौशल के निर्माण, जागरूकता को बढ़ावा देने, मानवीय मूल्यों और व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर प्रौद्योगिकी से लैस स्व-शिक्षण वीडियो प्रदान करके ग्रामीण छात्रों के बीच सामाजिक चेतना को बढ़ा रहा है।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर, आईआईटी कानपुर के अध्यक्ष एवं इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन और एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने भी विशिष्ट अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित किया। आईआईटी कानपुर के अध्यक्ष और इसरो के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. के राधाकृष्णन ने कहा कि वर्तमान प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों से, हमारा लक्ष्य भविष्य के लिए तैयार समाज बनना है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में, हमने सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, ऊर्जा क्षेत्र आदि में संभावित परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों का तेजी से विकास देखा है।'

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/IMG-20211031-WA0003ZBY5.jpg

उन्होंने आगे कहा कि परिवर्तन ने काफी हलचल पैदा की है। परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियां समाज के जीवन जीने, संचार, यात्रा, खरीदारी, सोने और मनोरंजन करने के तरीके को बदल रही हैं।

एआईसीटीई के अध्यक्ष, डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, 'हमने वर्तमान युग में कोविड-19 महामारी के रूप में एक नई चुनौती देखी है। हमारे देश में शिक्षा प्रणाली कुछ ही समय में ऑनलाइन शिक्षा में स्थानांतरित हो गई। हमारे देश की विशाल जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, यह एक असाधारण उपलब्धि है।'

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/1SD5V.jpeg

दीक्षांत समारोह में, औद्योगिक इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीआईई) के 49वें बैच, औद्योगिक प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीआईएम) का 26 वां बैच, औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीआईएसईएम) के 19वें बैच विनिर्माण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएमएम) के छठे बैच और परियोजना प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीपीएम), पीजीपीईएक्स-वीएलएफएम के दूसरे बैच और फेलो बैच के तीसरे बैच के छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/2DDFV.jpeg

एनआईटीआईई वर्तमान में एक वर्षीय एक्जीक्यूटिव डिप्लोमा प्रोग्राम पीजीपीईएक्स-वीएलएफएम और फेलो प्रोग्राम के साथ-साथ औद्योगिक इंजीनियरिंग, औद्योगिक प्रबंधन और सतत प्रबंधन में स्नातकोत्तर स्तर पर केंद्रित शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पेशकश करता है।

1963 में अपनी स्थापना के बाद से, एनआईटीआईई राष्ट्र के निर्माण नवजागरण में भागीदारी के साथ-साथ औद्योगिक इंजीनियरिंग शिक्षा और अनुसंधान में विचारशील अग्रणी संस्थान बनने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।

*****

एमजी/एएम/केसीवी/डीवी



(Release ID: 1768253) Visitor Counter : 386


Read this release in: English , Marathi