संस्कृति मंत्रालय
प्रधानमंत्री को भेंट किये गये प्रतिष्ठित उपहारों और यादगार वस्तुओं की ई-नीलामी में डेढ़ करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली नीरज चोपड़ा के भाले की लगी
Posted On:
07 OCT 2021 10:17PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किये जाने वाले प्रतिष्ठित उपहारों और यादगार वस्तुओं की ई-नीलामी का तीसरा दौर 17 सितंबर से सात अक्टूबर, 2021 तक चला। ई-नीलामी वेब पोर्टल www.pmmementos.gov.in पर की गई। ई-नीलामी से होने वाली आय नमामि गंगे मिशन को दी जायेगी। श्री नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो जीवनदायनी पवित्र गंगा नदी के संरक्षण और उसे अविरल बनाने के उच्च उद्देश्य को पूरा करने के लिये भेंट किये गये सभी उपहारों की नीलामी करवा देते हैं।
तीसरे दौर में 1348 यादगार वस्तुओं को ई-नीलामी के लिये रखा गया था, जिनके प्रति जनता में भारी उत्साह था। जनता ने बढ़-चढ़कर बोली में हिस्सा लिया, ताकि इतिहास की कोई न कोई मूल्यवान धरोहर पाने का अवसर मिल जाये। इस दौर की ई-नीलामी में टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलम्पिक खेलों से सम्बंधित स्मारिकाओं, अयोध्या राम मंदिर वाराणसी रुद्राक्ष प्रेक्षागृह के मॉडल तथा अन्य मूल्यवान तथा दिलचस्प वस्तुयें आकर्षण का केंद्र रहीं। इन वस्तुओं के लिये 8600 से अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं।
सजावटी गदा, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृति, चरखा और घंटी पर उनकी बुनियादी कीमत की तुलना में सबसे ऊंची बोली लगाई गई। सरदार पटेल की प्रतिमा के लिये सबसे अधिक 140 बोलियां लगीं। इसी तरह लकड़ी से बने गणपति (117 बोलियां), पुणे मेट्रो लाइन की यादगार (104 बोलियां) और विजय ज्योति की यादगार (98 बोलियां) पर बोलियां लगाई गईं। सबसे ऊंची बोली के संदर्भ में नीरज चोपड़ा का भाला था, जिस पर डेढ़ करोड़ रुपये की बोली लगाई गई। इसी तरह भवानी देवी की स्व-हस्ताक्षरित तलवार (1.25 करोड़ रुपये), सुमित अंटिल के भाले (1.002 करोड़ रुपये), टोक्यो 2020 पैरालिम्पिक में भारतीय दल के खिलाड़ियों के स्व-हस्ताक्षरित अंगवस्त्र (एक करोड़ रुपये) और लवलीन बोर्गोहेन के मुक्केबाजी वाले दस्तानों (91 लाख रुपये) पर बोलियां लगाई गईं।
उल्लेखनीय है कि ई-नीलामी से होने वाली आय को नमामि गंगे परियोजना में इस्तेमाल किया जायेगा। इससे नीलामी में हिस्सा लेने वालों को प्रेरणा मिली और हर भारतीय के लिये इस प्रिय उद्देश्य की पूर्ति के लिये उन लोगों को योगदान करने का मौका मिला। पिछले दो दौरों की तुलना में इस बार की ई-नीलामी में ज्यादा रकम मिलने की उम्मीद है। इस अभिनव कार्य से हर नागरिक को राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की प्रेरणा भी मिलती है।
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