वित्‍त मंत्रालय

पीएफआरडीए ने भारत में जागरूकता और पेंशन कवरेज बढ़ाने के योजनाबद्ध उपायों के साथ आज एनपीएस दिवस मनाया


कुल एनपीएस और एपीवाई सदस्यों की संख्या 460.79 लाख और कुल एयूएम 6,67,786 करोड़ रुपये तक पहुंचा

गैर सरकारी एनपीएस सदस्यों की कुल संख्या लगभग 31 लाख और एयूएम 1 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ

Posted On: 01 OCT 2021 6:39PM by PIB Delhi

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने देश भर में अपनी सभी पंजीकृत मध्यवर्तियों के साथ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली दिवस (एनपीएस दिवस) मनाया। यह अभियान आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों और नागरिकों को एक नियमित आय के रूप में पेंशन के माध्यम से सेवानिवृत्ति पर वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने के उद्देश्य से एनपीएस से जुड़ने को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।

पेंशन नियामक ने अपने मुख्यालयों पर दिन भर चले कार्यक्रम के दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया और अपने कार्यालयों व शाखाओं पर एनपीएस जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा उपस्थिति के बिंदुओं (वितरण चैनल- बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक) द्वारा समर्थन दिया था। इस दिन अपने योगदान के रूप में, भारतीय स्टेट बैंक ने अपने योनो मोबाइल ऐप और कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप में एनपीएस नामांकनों की शुरुआत की।

पीएफआरडीए चेयरपर्सन श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, हम एनपीएस दिवस के ऐलान से काफी खुश हैं। यह एनपीएस दिवस इत्तिफाक से अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवसके साथ मनाया जा रहा है। अभी तक इस सफर में, एनपीएस ने इस वित्त वर्ष के शुरुआती छह महीनों में एनपीएस पंजीकरण में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और 12 वर्ष की अवधि के दौरान हमारा रिटर्न (सीएजीआर में) 10 प्रतिशत से ज्यादा रहा है। 25 सितंबर, 2021 तक कुल कॉर्पस बढ़कर 6.67 लाख करोड़ रुपये और कुल सदस्यों की संख्या 4.60 करोड़ हो गई है।

उन्होंने एक पेंशन योजना लेने की आवश्यकता पर बात की और बताया कि कैसे एनपीएस अपने लचीले स्वरूत और फायदों के साथ एक सदस्य की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है।

 

पीएफआरडीए के बारे में

पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) भारत में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली और पेंशन योजनाओं, जिन पर वह लागू होता है, के विनियमन, प्रोत्साहन और क्रमगत विकास सुनिश्चित करने के लिए संसद के कानून के द्वारा स्थापित एक सांविधिक निकाय है। शुरुआत में एनपीएस 1 जनवरी, 2004 से सेवाओं से जुड़ने वाले केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिसूचित की गई थी और बाद में इसे लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया। एनपीएस का स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (नागरिकों/अनिवासी/विदेशी) और कॉरपोरेटे से जुड़े कर्मचारियों के लिए विस्तार कर दिया गया था।

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