जल शक्ति मंत्रालय
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल जीवन मिशन पर पूर्वोत्तर राज्यों के पीएचईडी मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की


इस साल जेजेएम के अंतर्गत एनई राज्यों को केंद्रीय अनुदान के रूप में 9,800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है

जेजेएम से एनई क्षेत्र में करोड़ों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और रहन-सहन को आसान बनाने में सहायता मिलेगी : श्री गजेंद्र सिंह शेखावत

सम्मेलन में राज्यों में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन को तेज करने से जुड़े सभी पहलुओं पर समग्र रूप से विचार विमर्श किया गया

Posted On: 16 SEP 2021 7:48PM by PIB Delhi

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज यहां जल जीवन मिशन (जेजेएम) पर पूर्वोत्तर राज्यों के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) केमंत्रियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा और पूर्वोत्तर राज्यों के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के प्रभारी मंत्रियों के साथ ही हर राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता विभाग के सभी कर्मचारियों के समर्पण पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, इस मिशन से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र में करोड़ों लोगों का रहन सहन आसान होगा। देश में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी और व्यवधानों के बावजूद सरकार ने पिछले 22-23 महीनों में 4.78 करोड़ नए नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं, जबकि आजादी के बाद 70 साल में 3.23 कनेक्शन ही उपलब्ध कराए गए थे।

श्री शेखावत ने बताया कि केन्द्र सरकार का देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर समान रूप से जोर रहा है, इस साल जल जीवन मिशन के अंतर्गत एनई राज्यों के लिए केंद्रीय अनुदान के रूप में 9,800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। उन्होंने कहा, एनई राज्यों में घरों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए इस आवंटन से क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन मिलने का अनुमान है। यह मिशन न सिर्फ कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है जैसा कि इसका कार्य संबंधी प्राथमिक उद्देश्य है, बल्कि इसके तहत गुणवत्ता, मात्रा के साथ और नियमित रूप से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमित परिचालन व रखरखाव भी किया जाना है।  

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पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को दोहराते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के दूसरे हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर राज्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं। श्री शेखावत ने बताया कि जेजेएम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के विजन को आगे बढ़ाते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच के अंतर को पाटने में मदद मिलेगी, साथ ही जल जीवन मिशन हर घर तक नल के पानी की आपूर्ति के साथ इस विजन को साकार करने की ओर बढ़ रहा है। इससे महिलाओं और लड़कियों को कड़ी मेहनत से छुटकारा मिलेगा।

असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने भाषण में कहा कि जल जीवन मिशन काफी अहम है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के हर घर को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए खासा जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण घर और सार्वजनिक संस्थानों को नल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का विजन पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक बड़ा अवसर है और हम निर्धारित समयसीमा के भीतर लक्षित घरों और सार्वजनिक संस्थानों का 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री सरमा ने यह भी कहा कि राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए केन्द्र सरकार सभी जरूरी धनराशि और सहायता उपलब्ध करा रही है।

श्री सरमा ने गुवाहाटी में इस सम्मेलन के आयोजन के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि इससे सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने और एनई राज्यों में मिशन के तेज कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए एक अच्छा मंच उपलब्ध हुआ है।

आज के सम्मेलन में चर्चा में शामिल विषयों में योजना, कार्यान्वयन और प्रगति व अब तक हुई प्रगति शामिल थी, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में सभी शेष घरों को जल्द से जल्द नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकें। सम्मेलन का मुख्य जोर कार्यक्रम के कार्यान्वयन, रणनीति एवं योजना, अभी तक की गई प्रगति, समयबद्ध तरीके से लक्ष्य हासिल करने के लिए कार्यान्वयन की गति बढ़ाने के तरीके आदि से जुड़े अहम मुद्दों पर था। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन और इसे आगे बढ़ाने पर पीएचईडी के मंत्रियों के साथ संवाद किया, जिससे पूर्वोत्तर के दूरदराज के गांवों के सभी शेष घरों को जल्द से जल्द नल जल कनेक्शन मिल सके।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के मूल में जल आपूर्ति योजना से लेकर उसका कार्यान्वयन और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमित परिचालन व रखरखाव तक ‘सामुदायिक भागीदारी’ है। इस प्रकार, जेजेएम के अंतर्गत ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी)/ पानी समितियों, ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करना और मंजूरी जैसी सहायक गतिविधियों पर खासा जोर दिया गया है, जिसमें पेयजल स्रोत सुदृढ़ीकरण/संवर्धन, जल आपूर्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर, उत्सर्जित जल (ग्रे वाटर) का शोधन और पुन: उपयोग, गांव में जल आपूर्ति प्रणालियों के संचालन और रखरखाव जैसे घटक शामिल होंगे। उन्होंने बताया, राज्य विशेष रूप से हर गांव में ज्यादातर महिलाओं के साथ 5 लोगों को जल गुणवत्ता निगरानी और मिस्त्री, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, मोटर मैकेनिक, फिटर, पम्प संचालक आदि के लिए गहन प्रशिक्षण और कौशल कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

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