विद्युत मंत्रालय

कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने और पारेषण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम

Posted On: 06 AUG 2021 6:30PM by PIB Delhi

विद्युत मंत्रालय ने संशोधित मानक बोली दस्तावेज (एसबीडी) जारी किए हैं जिसमें शुल्‍क दर आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) पर अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) परियोजनाओं के आवंटन के लिए अनुरोध प्रस्‍ताव (आरएफपी) और पारेषण सेवा अनुबंध (टीएसए) शामिल हैं।

विद्युत मंत्रालय बिजली के विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए प्रतिबद्ध है। विद्युत क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में पारेषण उत्पादन और वितरण को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। टीबीसीबी पर आईएसटीएस परियोजना के आवंटन के लिए एसबीडी के संशोधन से पारेषण क्षेत्र में पीपीपी को बढावा मिलेगा और पारेषण क्षेत्र में अधिक निजी निवेश आकर्षित होगा।

केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय टैरिफ नीति 2016 के अनुरूप आईएसटीएस प्रणाली को टीबीसीबी के जरिये विकसित किया गया है। इसमें आईएसटीएस प्रणाली की उन श्रेणियों को छोड़ दिया गया है जो सामरिक, तकनीकी उन्नयन अथवा समयबद्ध प्रकृति की हैं।

अंतिम एसबीडी को 2008 में जारी किया गया था। बुनियादी ढांचे के विकास के नवीनतम मॉडल, अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रथाओं और हितधारकों की मांग पर विचार करते हुए एसबीडी को संशोधित करने और निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने की एक काफी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। व्यापक हितधारकों के परामर्श के आधार पर टीबीसीबी पर आईएसटीएस प्रणाली के आवंटन के लिए संशोधित एसबीडी तैयार किए गए हैं।

संशोधित एसबीडी के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:

(क) चयनित बोलीदाता के साथ ट्रांसमिशन सर्विस एग्रीमेंट (टीएसए) पर अब लॉन्ग टर्म ट्रांसमिशन कस्टमर्स (एलटीटीसी) के बजाय सीटीयू द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। पहले एलटीटीसी द्वारा टीएसए पर हस्ताक्षर न करने के कारण आईएसटीएस परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया को समय पर पूरा नहीं किया जा सकता था। इस प्रावधान से बोली प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।

(ख) अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप निगरानी, ​​क्‍वालिटी एश्‍योरेंस और लागत एवं समय से संबंधित मुद्दों को निर्धारण करने के लिए निर्माण चरण के दौरान स्वतंत्र इंजीनियर के प्रावधान को एसबीडी में शामिल किया गया है। इससे विवादों को कम करने के साथ-साथ उचित जोखिम को साझा करने में मदद मिलेगी।

(ग) बोली प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं को सटीक लाइन मार्ग सर्वेक्षण न दिए जाने के कारण कई पारेषण लाइनों के पूरा होने में देरी होती है। परिणामस्‍वरूप कई बार बोली जमा करने से पहले बोलीदाता अपना खुद का सर्वेक्षण कराते हैं। पारेषण लाइन मार्ग सर्वेक्षण को कहीं अधिक सटीक सुनिश्चित करने के लिए पारेषण लाइन मार्ग सर्वेक्षण को पहले से ही तैयार करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में प्रत्येक बोलीदाता द्वारा किए गए पारेषण लाइन मार्ग सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं होगी और बोलीदाताओं को बोली लगाने से पहले लाइन के निर्माण में शामिल सभी पहलुओं के बारे में पता होगा।

(घ) पहले के एसबीडी में ऐसा प्रावधान था कि बोली प्रक्रिया शुरू होने की तारीख से 145 दिनों के भीतर सभी बोली प्रक्रिया को पूरा करना आवश्‍यक है। संशोधित एसबीडी में बोली प्रक्रिया पूरी करने का समय घटाकर 91 दिन कर दिया गया है। इसके अलावा यह निर्धारित किया गया है कि पूरी बोली प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन माध्‍यम से पूरी की जाएगी।

(ड.) प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास का पर्याप्त अनुभव रखने वाले ईपीसी ठेकेदारों को एसबीडी के अनुसार शुद्ध हैसियत एवं अन्य मानदंडों को पूरा करने के साथ बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई है।

(च) अधिक स्पष्टता लाने और बोलीदाताओं के लिए जोखिम को कम करने के लिए कानून में बदलाव, समाप्ति एवं अनुवर्ती भुगतान से संबंधित प्रावधानों को बदल दिया गया है।

(छ) 35 वर्ष की अनुबंध अवधि की समाप्ति के बाद टीबीसीबी परिसंपत्तियों की स्थिति के बारे में डेवलपर के लिए कहीं अधिक स्पष्टता लाने के लिए आईएसटीएस परियोजना के निष्पादन के तरीके को बिल्ड-ओन-ऑपरेट-मेंटेन (बूम) से बदलकर बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर कर दिया गया है।  

(ज) कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए बोलीदाताओं को अब वास्तविक टीएसए अवधि के लिए एक पारेषण शुल्‍क दर का उल्‍लेख करने की आवश्यकता होगी।

ऐसी परिकल्पना की गई है कि संशोधित एसबीडी पारेषण क्षेत्र में निजी डेवलपरों के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देगा, जोखिम साझा करने के मामले में डेवलपरों की चिंताओं को दूर करेगा, पारेषण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगा और पारेषण लाइनों को समय पर पूरा करने की सुविधा प्रदान करेगा। इन सभी प्रावधानों से पारेषण क्षेत्र में अधिक निजी निवेश आएगा।

****

एमजी/एएम/एसकेसी/एसएस  



(Release ID: 1743778) Visitor Counter : 222


Read this release in: English