पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

विश्व ने वादे के अनुरूप जलवायु से जुड़े वित्त-पोषण और कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों की सुपुर्दगी के लिए काफी लंबा इंतजार किया है: श्री भूपेंद्र यादव


हमें वैश्विक जलवायु से जुड़ी आकांक्षाओं के लिए अपने लक्ष्यों को नहीं बदलना चाहिए और नए मानक नहीं निर्धारित करने चाहिए: जी-20 जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत

Posted On: 23 JUL 2021 8:38PM by PIB Delhi

जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन,  केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने जोर देकर कहा कि जी-20 को इस दशक में वैश्विक जलवायु के बारे में तत्काल कदम उठाने के विज्ञान के आह्वान पर सक्रियता दिखानी चाहिए।

इटली के नेपल्स में आज आयोजित जी -20 ऊर्जा एवं जलवायु संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आभासी माध्यम से भाग लिया।

जलवायु परिवर्तन के बारे में विभिन्न सत्रों में बोलते हुए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने पेरिस समझौते, जिसमें प्रति व्यक्ति उत्सर्जन, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में अंतर और सतत विकास के अधूरे एजेंडे को ध्यान में रखते हुए संबंधित ऐतिहासिक जिम्मेदारियों, वादे के अनुरूप जलवायु से जुड़े वित्त-पोषण और कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों की सुपुर्दगी पर जोर दिया गया था, को ध्यान में रखते हुए पूर्ण उत्सर्जन में तेजी से कटौती करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

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श्री यादव ने कहा कि भारत बहुपक्षीय रूप से सहमत करार और इससे जुड़े पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में शामिल होने और उनका नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम है।

केन्द्रीय मंत्री ने 2030 तक 450 गीगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली की स्थापना, जैव-ईंधन के क्षेत्र में उन्नत आकांक्षा, भारत के एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) और शहरी जलवायु से जुड़ी कार्रवाई के संबंध में भारत द्वारा की गई अन्य विभिन्न पहलों के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख किया।

केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यूएनएफसीसीसी और इसके पेरिस समझौते के केंद्र में संबंधित क्षमताओं और राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां निहित हैं। श्री यादव ने कहा, "हमें वैश्विक जलवायु से जुड़ी आकांक्षाओं के लिए अपने लक्ष्यों को नहीं बदलना चाहिए और नए मानक नहीं निर्धारित करने चाहिए।" उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने उत्सर्जन की तीव्रता को कम करने की अपनी 2020 से पूर्व की स्वैच्छिक प्रतिबद्धता को हासिल करके एक अनुकरणीय संकल्प शक्ति का प्रदर्शन किया है। .

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि, "शहरीकरण में हो रही बढ़ोतरी के साथ ही शहरी क्षेत्रों में हरित स्थान बनाना और उन्हें संरक्षित करना और जैव विविधता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।" साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि भारत के शहरी क्लाइमेट कदमों में क्लाइमेट स्मार्ट शहरों का आकलन ढांचा, स्थायी आवास पर राष्ट्रीय मिशन, शहरों के लिए जलवायु केंद्र, क्लाइमेट स्मार्ट शहरों का गठबंधन, क्लाइमेट प्रैक्टिशनर्स का इंडिया नेटवर्क, अर्बन फॉरेस्ट्री आदि शामिल है।

भारत ने स्थायी रिकवरी, शहरों, वित्तीय प्रवाह आदि पर जी-20 के कार्यों का भी स्वागत किया।

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