सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय आय,उपभोग व्यय,बचत और पूंजी निर्माण का पहला संशोधित अनुमान
Posted On:
29 JAN 2021 5:30PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय आय,उपभोग व्यय,बचत और पूंजी निर्माण का पहला संशोधित अनुमानजारी किया है। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरा संशोधित अनुमान और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए तीसरा संशोधित अनुमान जारी किया है। (आधार वर्ष 2011-12 के अनुसार) ये संशोधित अनुमान संशोधन नीति के अंतर्गत जारी किए गए हैं। इससे पहले वित्त वर्ष 2011-12 से लेकर 2018-19 तक के अनुमान को 31 जनवरी 2020 को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से और वित्त वर्ष 2019-20 के अनन्तिम अनुमान को 29 मई 2020 को जारी किया गया था।
2. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पहला संशोधित अनुमान उद्योग-वार/संस्था-वार प्राप्त विस्तृत जानकारी का उपयोग कर संकलित किया गया है, जबकि इसके विपरीत 29 मई,2020 को अनन्तिम अनुमानों के जारी होने के समय नियोजित बेंचमार्क-संकेतक विधि का उपयोग किया गया था। हालांकि, वर्ष 2019-20 में कोरोना के कारण कॉर्पोरेट फाइलिंग में आई गिरावट के मद्देनज़र जब इस सेक्टर से संबंधित अधिक सटीक और व्यापक डाटा प्राप्त होगा, उस समय इस सेक्टर का अनुमान व्यापक स्तर पर संशोधित हो सकता है।वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए कृषि उत्पादन पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों,औद्योगिक उत्पादन (वार्षिक औद्योगिकी सर्वेक्षण (एएसआई) के अनंतिम परिणाम: 2018-19 और एएसआई के अंतिम परिणाम: 2017-18); बजट दस्तावेजों में उपलब्ध सरकारी आंकड़े (संशोधित अनुमान के स्थान पर वर्ष 2018-19 के लिए वास्तविक आंकड़े); 2017-18 में एमजीटी-7आंकड़ों की उपलब्धता के कारण गैर-वित्तीय निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र का पुनर्वर्गीकरण; कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए),भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई),नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) आदि जैसी विभिन्न स्रोत एजेंसियों से उपलब्ध व्यापक डाटा और राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय से प्राप्त अतिरिक्त डाटा (डीईएस) के उपयोग के कारण जीडीपी और अन्य सकल आंकड़ों के अनुमानों में संशोधन हुए हैं।
3. सकल स्तर पर अनुमानों की मुख्य विशेषताओं को निम्नलिखित अनुच्छेदों (पैराग्राफ्स) में बताया गया है।
सकल घरेलू उत्पाद
4. वित्त वर्ष 2018-19 में 188.87 लाख करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए नॉमिनल जीडीपी अथवा मौजूदा कीमतों पर आधारित जीडीपी का 203.51 लाख करोड़ रुपये का अनुमान किया गया है। यह दर्शाता है कि 2018-19 में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि के विपरीत 2019-20 में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि रहेगी।
5. वर्ष 2019-20 और 2018-19 के लिए वास्तविक जीडीपी अथवा स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी क्रमशः 145.69 लाख करोड़ रुपये और 140.03 लाख करोड़ रुपये रहेगी,जो 2019-20 के दौरान 4.0 प्रतिशत की वृद्धि और 2018-19 के दौरान 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
उद्योग के आधार पर विश्लेषण
6. वर्तमान और स्थायी (2011-12) कीमतों पर अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत कीमतों पर ग्रॉस वैल्यु ऐडेड (जीडीए) को क्रमशः विवरण संख्या 4.1 और 4.2 में प्रस्तुत किया गया है। सकल स्तर पर 2018-19 के दौरान 10.7 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 में आधार मूल्य पर नॉमिनल जीवीए में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहाँ तक वास्तविक जीवीए अर्थात् स्थायी (2011-12) आधार मूल्य पर जीवीए का संबंध है, 2018-19 में 5.9 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
7. 2011-12 से 2019-20 के दौरान कुल जीवीए के मामले में अर्थव्यवस्था के बड़े क्षेत्रों की हिस्सेदारी और वार्षिक वृद्धि दर का नीचे उल्लेख किया गया हैः
वर्ष
|
मौजूदा कीमतों पर जीवीए में हिस्सेदारी (% में)
|
स्थायी (2011-12) कीमतों पर जीवीए में वृद्धि (% में)
|
सकल जीवीए
(लाख करोड़ रुपये में)
|
प्राथमिक
|
द्वितीय
|
तृतीय
|
सभी
|
प्राथमिक
|
द्वितीय
|
तृतीय
|
सभी
|
वर्तमान
|
स्थायी
|
2011-12
|
21.7
|
29.3
|
49.0
|
100.0
|
|
|
|
|
81.1
|
81.1
|
2012-13
|
21.3
|
28.7
|
50.0
|
100.0
|
1.4
|
3.6
|
8.3
|
5.4
|
92.0
|
85.5
|
2013-14
|
21.4
|
27.9
|
50.6
|
100.0
|
4.8
|
4.2
|
7.7
|
6.1
|
103.6
|
90.6
|
2014-15
|
20.9
|
27.3
|
51.8
|
100.0
|
1.2
|
6.7
|
9.8
|
7.2
|
115.0
|
97.1
|
2015-16
|
20.1
|
27.6
|
52.3
|
100.0
|
2.1
|
9.5
|
9.4
|
8.0
|
125.7
|
104.9
|
2016-17
|
20.4
|
27.0
|
52.6
|
100.0
|
7.3
|
7.5
|
8.5
|
8.0
|
139.7
|
113.3
|
2017-18
|
20.4
|
27.0
|
52.5
|
100.0
|
4.5
|
7.1
|
6.3
|
6.2
|
155.1
|
120.3
|
2018-19
|
19.8
|
26.8
|
53.4
|
100.0
|
2.2
|
5.8
|
7.2
|
5.9
|
171.6
|
127.4
|
2019-20
|
20.3
|
24.7
|
55.0
|
100.0
|
3.3
|
-1.1
|
7.2
|
4.1
|
184.6
|
132.7
|
8. 2019-20 के दौरान वास्तविक जीवीए की वृद्धि 2018-19 की तुलना में कम रही है। ऐसा मुख्य रूप से ‘खनन और उत्खनन’,‘विनिर्माण’,‘बिजली,गैस,जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं’,‘निर्माण’,‘व्यापार,मरम्मत,होटल और रेस्तरां’और ‘वित्तीय सेवाओं’में अपेक्षाकृत कम वृद्धि के कारण हुआ है, जिसे विवरणसंख्या 4.2 से देखा जा सकता है। पिछले वित्त वर्ष में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि,वानिकी,मत्स्य पालन और खनन और उत्खनन), द्वितीय क्षेत्र (विनिर्माण,बिजली,गैस,जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएंऔर निर्माण कार्य), तृतीय क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) की वृद्धि दर क्रमशः 2.2, 5.8 और 7.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 3.3, -1.1 और 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
शुद्ध राष्ट्रीय आय
9. वर्ष 2018-19 में 167.05 लाख करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 में मौजूदा कीमतों पर नॉमिनल शुद्ध राष्ट्रीय आय अर्थात एनएनआई 179.94 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष के 10.3 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 के दौरान 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय
10. वर्ष 2019-20 के लिए मौजूदा कीमतों पर सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय के 206.98 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2018-19 में इसके लिए 191.78 लाख करोड़ रुपये का अनुमान था, जो वर्ष 2018-19 में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2019-20 में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।
बचत
11. वर्ष 2018-19 के दौरान 57.77 लाख करोड़ रुपये की सकल बचत की तुलना में वर्ष 2019-20 में सकल बचत के 63.86 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है। वहीं जीएनडीआई के लिए सकल बचत की दर वर्ष 2018-19 के लिए 30.1 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 के लिए 30.9 प्रतिशत का अनुमान है।
12. वर्ष 2019-20 में घरेलू क्षेत्र की सकल बचत का अनुमान 39.91 लाख करोड़ रुपये है।निजी वित्तीय निगमों की बचत वर्ष 2018-19 में 1.83 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 2.71 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि गैर-वित्तीय निगमों की बचत वर्ष 2018-19 के दौरान 20.53 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 के दौरान 21.86 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। सरकार की बचत का वर्ष 2018-19 के दौरान (-) 2.82 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में (-) 3.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
पूंजी निर्माण
13. वर्तमान और स्थिर कीमतों पर सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) का अनुमान दो अलग-अलग तरीकों से लगाया जाता हैः- (1) सकल बचत के रूप में धन और व्युत्पन्न के प्रवाह और दुनियाभर से आने वाले (आरओडब्ल्यू) शुद्ध पूंजी प्रवाह के माध्यम से, और (2) संपत्ति के प्रकार से व्युत्पन्न वस्तु प्रवाह के दृष्टिकोण से। धन वाले दृष्टिकोण के प्रवाह के माध्यम से प्राप्त होने वाले जीसीएफ अनुमानों को सटीक और निश्चित अनुमान माना जाता है।उद्योंगों के उपयोग और संस्थानिक क्षेत्रों के द्वारा प्राप्त जीसीएफ में मूल्यवान चीज़ों को शामिल नहीं किया जाता, और इसलिए ये अनुमान वस्तु प्रवाह आधारित दृष्टिकोण से प्राप्त अनुमानों की तुलना में सामान्यतः कम होते हैं।
14. वर्ष 2018-19 के दौरान 61.73 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2019-20 में मौजूदा कीमतों पर जीसीएफ के 65.51 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं दूसरी तरफ जीडीपी के लिए जीसीएफ की दर वर्ष 2018-19 में 32.7 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2019-20 में 32.2 प्रतिशत है। जीडीपी के लिए जीसीएफ की दर (कीमती चीज़ों के अलावा) वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए क्रमशः 31.5 प्रतिशत और 31.2 प्रतिशत है। वर्ष 2011-12 से 2019-20 के दौरान पूंजी निर्माण की दर बचत की दर से काफी ज्यादा रही है, इसके पीछे मुख्य कारण आरओडब्ल्यू से प्राप्त होने वाला सकारात्मक शुद्ध पूंजी प्रवाह है।
15. कुल जीसीएफ (मौजूदा कीमतों पर) में हिस्सेदारी के मामले में गैर वित्तीय निगमों का सर्वाधिक योगदान रहा है। इनकी हिस्सेदारी वर्ष 2018-19 में 48.9 प्रतिशत और 2019-20 में 47.4 प्रतिशत रही है। जीसीएफ में घरेलू क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2018-19 में 38.6 प्रतिशत और 2019-20 में 38.5 प्रतिशत है, जबकि जीसीएफ में सरकार की हिस्सेदारी वर्ष 2018-19 में 11.6 प्रतिशत और 2019-20 में 12.9 प्रतिशत है।
16. मौजूदा कीमतों पर जीसीएफ के भीतरसकल निर्धारित पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) वर्ष 2018-19 में 55.13 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 58.51 लाख करोड़ रुपये है। जीडीपी के लिए जीएफसीएफ की दर वर्ष 2018-19 में 29.2 प्रतिशत और वर्ष 2019-20 में 28.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मौजूदा कीमतों परइंवेंटरीज़ के शेयरों में वर्ष 2018-19 में 3.18 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 में 1.94 लाख करोड़ रुपये का बदलाव होने का अनुमान है,जबकि कीमती सामानों का अनुमान वर्ष 2018-19 में 2.26 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 में 1.95 लाख करोड़ रुपये है।
17. स्थिर कीमतों (2011-12) पर जीडीपी के लिए जीसीएफ की दर वर्ष 2018-19 में 36.0 प्रतिशत और वर्ष 2019-20 में 36.4 प्रतिशत थी।
उपभोग व्यय
17. मौजूदा कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) वर्ष 2018-19 के 112.22 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 123.09 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। जीडीपी के मामले में मौजूदा कीमतों पर पीएफसीई की दरें वर्ष 2018-19 और 2019-20 में क्रमशः 59.4 प्रतिशत और 60.5 प्रतिशत हैं।
18. स्थिर कीमतों (2011-12) पर पीएफसीई के वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में क्रमशः 78.84 लाख करोड़ रुपये और 83.22 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसी दौरान जीडीपी के लिए पीएफसीई की दरें वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में क्रमशः 56.3 प्रतिशत और 57.1 प्रतिशत हैं।
20. मौजूदा कीमतों पर सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) के वर्ष 2018-19 में 20.38 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 22.85 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।स्थिर कीमतों (2011-12) पर जीएफसीई के वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के दौरान क्रमशः 14.29 लाख करोड़ रुपये और 15.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
प्रति व्यक्ति अनुमान
21. मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय अर्थात् प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय वर्ष 2018-19 औरवर्ष 2019-20 के लिए क्रमशः1,25,883 रुपये और 1,34,186 रुपये रहने का अनुमान है। मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति पीएफसीई वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के लिए क्रमशः 84,567 रुपये और 91,790 रुपये अनुमानित है।
जीडीपी अनुमानों में संशोधन का सारांश
23. विभिन्न एजेंसियों के नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के इस्तेमाल से वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के लिए जीवीए के दोनों स्तरों और विकास के अनुमानों में कुछ बदलाव हुए हैं। वर्ष 2017-18 और 2018-19 के अनुमानों में संशोधनों के कारणों को 31.01.2020 को जारी किया गया था, जिनका यहाँ अनुलग्नक में उल्लेख किया गया है।
वर्ष 2019-20 के अनुमानों में संशोधन
24. निम्नलिखितविवरण अनन्तिम अनुमानों(मई 2020 में जारी किए गए) और 2019-20 के लिए जीवीए के पहले संशोधित अनुमानों के बीच परिवर्तमन के प्रमुख कारणों को दर्शाते हैं।
क्षेत्र
|
2019-20 में जीवीए की वृद्धि
(2011-12 की कीमतों के आधार पर)
|
परिवर्तन के प्रमुख कारण
|
अनन्तिम अनुमान, मई 2020
|
पहला संशोधित अनुमान, जनवरी 2021
|
प्राथमिक[i]
|
3.9
|
3.3
|
कृषि,वन और मत्स्य पालन क्षेत्र ने पीई (अनन्तिम अनुमान) में उपयोग किए गए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के बजाय चौथे अग्रिम अनुमान के आधार पर फसल क्षेत्र के अद्यतन अनुमानों के कारण संशोधन किया है।इसके अलावा,बागवानी क्षेत्र के लिएपीई के दूसरे अग्रिम अनुमानों के बजाय तीसरे अग्रिम अनुमानों का उपयोग किया गया है।पशुधन,वन,मत्स्य पालन मेंसंशोधन नवीनतम उत्पादन के उपयोग और भारत की स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट (ISFR) 2019 और भारतीय पशुधन गणना (ILC) रिपोर्ट 2019 की प्रासंगिक जानकारी के उपयोग के कारण हुआ है।इसके अलावा, खनन और उत्खनन में नवीनतम संशोधित आंकड़ों के समावेश के कारण इसके मूल्य वर्धन में संशोधन किया गया है।
|
द्वितीयक[ii]
|
0.7
|
-1.1
|
संस्थाओं के आधार पर संशोधित आंकड़ों के समावेश के कारण द्वितीयक क्षेत्र के अनुमानों में गिरावट आई है।
|
तृतीय[iii]
|
5.5
|
7.2
|
बजट अनुमानों के बजाय केंद्रीय और राज्य के बजट दस्तावेजों से संशोधित अनुमानों के इस्तेमाल और बड़ी संख्या में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों की वित्तीय रिपोर्टों के वास्तविक विश्लेषण के साथ कंपनियों के एक छोटे नमूनों की एडवांस फाइलिंग से प्राप्त प्रमुख वित्तीय संकेतकों की अदला-बदली से इस क्षेत्र में संशोधन हुए हैं।
|
आधार मूल्यों पर कुल जीवीए
|
3.9
|
4.1
|
|
जीडीपी
|
4.2
|
4.0
|
|
विस्तृत विवरण
25. इन अनुमानों के संबंध में अधिक जानकारी इस प्रेस विज्ञप्ति के विवरण संख्या 1 से 9 में उपलब्ध है।
आगामी विज्ञप्ति
26. जीडीपी के संबंध में भविष्य में जारी की जाने वाली विज्ञप्तियों का विवरण नीचे दिया गया हैः
अ. वर्ष 2020-21 के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान और वर्ष 2020-21 के लिए पहली तिमाही (अप्रैल-जून), दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर), और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए तिमाही अनुमान संबंधी विज्ञप्ति 26 फरवरी 2021 को जारी की जाएगी।
ब. वर्ष 2020-21 के लिए अनन्तिम अनुमान और वित्त वर्ष 2020-21 की सभी चारों तिमाही के अनुमानों से संबंधित विज्ञप्ति 31 मई 2021 को जारी की जाएगी।
विवरणों की सूची
- विवरण 1.1 – मौजूदा कीमतों पर राष्ट्रीय खातों की मुख्य बातें
- विवरण 1.2 – स्थिर कीमतों (2011-12) पर राष्ट्रीय खातों की मुख्य बातें
- विवरण 2 – प्रति व्यक्ति आय, उत्पाद और अन्तिम उपभोग
- विवरण 3.1 – मौजूदा कीमतों पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त आउटपुट और उद्योगों के उपयोग से प्राप्त पूंजी निर्माण
- विवरण 3.2 –स्थिर कीमतों (2011-12) पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त आउटपुट और उद्योगों के उपयोग से प्राप्त पूंजी निर्माण
- विवरण 4.1 – मौजूदा आधारभूत कीमतों पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त ग्रॉस वैल्यु ऐडेड
- विवरण 4.2 – स्थिर (2011-12)आधारभूत कीमतों पर आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त ग्रॉस वैल्यु ऐडेड
- विवरण 5 – सकल पूंजी निर्माण के लिए वित्तीय व्यवस्था
- विवरण 6.1 – मौजूदा कीमतों पर उद्योग के उपयोग से प्राप्त सकल पूंजी निर्माण
- विवरण 6.2 – स्थिर (2011-12) कीमतों पर उद्योग के उपयोग से प्राप्त सकल पूंजी निर्माण
- विववरण 7.1 – मौजूदा कीमतों पर संपत्ति और संस्थानिक क्षेत्र से सकल फिक्स्ड पूंजी निर्माण
- विवरण 7.2 - स्थिर (2011-12) कीमतों पर संपत्ति और संस्थानिक क्षेत्र से सकल फिक्स्ड पूंजी निर्माण
- विवरण 8.1 –मौजूदा कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय
- विवरण 8.2 - स्थिर (2011-12) कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय
- विवरण 9 – संस्थानिक क्षेत्र – मौजूदा कीमतों पर मुख्य आर्थिक संकेतक
विवरणों के संबंध में टिप्पणी
फॉर्मुला
1. आधारभूत कीमतों पर जीवीए (उत्पादन दृष्टिकोण) = आधारभूत कीमत पर उत्पादन - मध्यवर्ती खपत
2.आधारभूत कीमतों पर जीवीए (आय दृष्टिकोण) = CE + OS / MI + CFC + उत्पादन कर, कम उत्पादन सब्सिडी (i)
3. जीडीपी = ∑ आधारभूत मूल्य पर जीवीए + उत्पादन कर, कम उत्पादन सब्सिडी (ii)
4. एनडीपी/एनएनआई = जीडीपी/जीएनआई-सीएफसी
5. जीएनआई = जीडीपी + आरओडब्ल्यू से प्राप्त शुद्ध प्राथमिक आय (कम भुगतान प्राप्त)
6. प्राथमिक आय = सीई + संपत्ति एवं उद्यमों से प्राप्त आय
7. एनएनडीआई = एनएनआई + आरओडब्ल्यू से अन्य मौजूदा हस्तांतरण, शुद्ध (कम भुगतान प्राप्त)
8. जीएनडीआई = एनएनडीआई + सीएफसी = जीएनआई + आरओडब्ल्यू से अन्य मौजूदा हस्तांतरण (iii), शुद्ध (कम भुगतान प्राप्त)
9. सकल पूंजी निर्माण (iv) (वित्तीय)= सकल बचत + आरओडब्ल्यू से शुद्ध पूंजी प्रवाह
10. जीसीएफ (व्यय)= जीएफसीएफ + सीआईएस + कीमती सामान
11. सरकार की सकल प्रयोज्य आय = जीएफसीई + सरकार की सकल बचत
12. घरेलू क्षेत्र की सकल प्रयोज्य आय (जीडीआई) = जीएनडीआई – सरकारी की जीडीआई – सभी निगमों की कुल बचत
13. एनएनडीआई =एनएनआई + आरओडब्ल्यू से प्राप्त अन्य मौजूदा हस्तांतरण,शुद्ध (कम भुगतान प्राप्त)
14. जीएनडीआई = एनएनडीआई + सीएफसी = जीएनआई + आरओडब्ल्यू से प्राप्त अन्य मौजूदा हस्तांतरण, शुद्ध (कम भुगतान प्राप्त)
15. सकल पूंजी निर्माण(iv) (वित्तीय )= कुल बचत + आरओडब्ल्यू से कुल पूंजी प्रवाह
16. जीसीएफ (व्यय) = जीएफसीएफ + सीआईएस + कीमती सामान
17. सरकारी की सकल प्रयोज्य आय = जीएफसीई + सरकार की कुल बचत
18. घरेलू क्षेत्र की सकल प्रयोज्य आय (जीडीआई) = जीएनडीआई – सरकार की जीडाई – सभी निगमों की कुल बचत
फॉर्मुला के संबंध में टिप्पणी
- उत्पादन करों या सब्सिडी को उत्पादन के संबंध में भुगतान या प्राप्त किया जाता है, और ये वास्तविक उत्पादन की मात्रा से स्वतंत्र होते हैं। इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैः
उत्पादन कर - भूमि राजस्व, टिकट और पंजीकरण शुल्क और पेशेवरों पर कर
उत्पादन सब्सिडी - रेलवे को सब्सिडी, गाँव और छोटे उद्योगों को सब्सिडी।
- उत्पाद करों या सब्सिडी को उत्पाद के प्रति यूनिट पर भुगतान या प्राप्त किया जाता है। इसके कुछ उदाहरण निम्न हैं:
उत्पाद कर- उत्पाद शुल्क, बिक्री कर, सेवा कर और आयात निर्यात शुल्क
उत्पाद सब्सिडी- खाद्य, पेट्रोलियम और उर्वरक सब्सिडी।
- iii. अन्य मौजूदा हस्तांतरण प्राथमिक आय के अलावा अन्य मौजूदा हस्तांतरण को बताते हैं।
- iv. इस फॉर्मुले से प्राप्त जीसीएफ के अनुमान को “निश्चित” अनुमान के रूप में लिया जाता है।
अनुलग्नक
वर्ष 2017-18 और 2018-19 के अनुमानों में संशोधन के कारण
प्रमुख आंकड़ों में संशोधन
मौजूदा और स्थिर (2011-12) कीमतों पर प्रमुख आंकड़ों में संशोधन के स्तर को निम्नलिखिति तालिका में दर्शाया गया हैः
राष्ट्रीय आय के प्रमुख आंकड़े और उनमें हुए परिवर्तन (प्रतिशत में)
(लाख करोड़ रुपये में)
क्र.सं
|
श्रेणी
|
2017-18
|
2018-19
|
दूसरा आरई
|
तीसरा आरई
|
% परिवर्तन
|
पहला आरई
|
दूसरा आरई
|
% परिवर्तन
|
मौजूदा कीमतों पर
|
1
|
आधारभूत कीमतों पर जीवीए
|
155.13
|
155.06
|
-0.05
|
171.40
|
171.61
|
0.12
|
2
|
जीडीपी
|
170.98
|
170.90
|
-0.05
|
189.71
|
188.87
|
-0.44
|
3
|
जीएनआई
|
169.13
|
169.05
|
-0.05
|
187.69
|
186.85
|
-0.45
|
4
|
एनएनआई
|
151.50
|
151.40
|
-0.07
|
167.89
|
167.05
|
-0.50
|
5
|
जीएनडीआई
|
173.19
|
173.11
|
-0.05
|
192.63
|
191.78
|
-0.44
|
स्थिर (2011-12) कीमतों पर
|
1
|
आधारभूत कीमतों पर जीवीए
|
120.74
|
120.34
|
-0.33
|
128.03
|
127.44
|
-0.46
|
2
|
जीडीपी
|
131.75
|
131.45
|
-0.23
|
139.81
|
140.03
|
0.16
|
3
|
जीएनआई
|
130.29
|
129.99
|
-0.28
|
138.29
|
138.51
|
0.16
|
4
|
एनएनआई
|
115.41
|
115.09
|
-0.28
|
122.20
|
122.40
|
0.16
|
जीवीए/जीडीपी अनुमानों में संशोधन के कारण नीचे दिए गए हैं:-
वर्ष 2017-18
- वर्ष 2017-18 में बड़ी संख्या में कंपनियों (लगभग 6.8 लाख) के लिए प्रमुख व्यावसायिक गतिविधि पर एमसीए से प्राप्त एमजीटी -7 डाटा की उपलब्धताने औद्योगिक गतिविधि कोड का उपयोग करने के बजाय कंपनियों के बड़े पैमाने पर पुनर्वर्गीकरण को सीआईएन में अन्तर्निहित किया है।पुनर्वर्गीकरण की प्रक्रिया के दौरान, एमजीटी -9 डाटा (सूचीबद्ध कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट से प्राप्त) और वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण से प्राप्त गतिविधियों की जानकारी का भी उपयोग किया गया है।इसलिए गैर-वित्तीय निजी कॉरपोरेट क्षेत्र और फलस्वरूप मौजूदा और स्थिर कीमतों के स्तर पर 2017-18 के लिए संपूर्ण अर्थव्यवस्था का अनुमानविकास के प्रभाव को ही नहीं बल्कि पुनर्वर्गीकरण को भी दर्शाता है।वैसे तो पुनर्वर्गीकरण ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, लेकिन विशेष रूप से इसका प्रभाव खनन, व्यापार, रियल एस्टेट, भंडारण और अन्य सेवाओं में है।
- कुछ राज्यों और डीईएस से कुछ फसलों, पशुधन उत्पादों, मछली और वन उत्पादों के उत्पादन और कीमतों के अद्यतन अनुमानों के उपयोग और आईएलसी 2019 तथा आईएसएफआर 2019 से प्राप्त जानकारियों का इस्तेमाल।
- एएसआईः 2017-18 के अनन्तिम परिणामों के बजाय अंतिम परिणामों का इस्तेमाल।
- राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों से प्राप्त अद्यतन सूचनाओं का इस्तेमाल।
वर्ष 2018-19
- कुछ राज्यों और डीईएस से कुछ फसलों, पशुधन उत्पादों, मछली और वन उत्पादों के उत्पादन और कीमतों के अद्यतन अनुमानों के उपयोग और आईएलसी 2019 तथा आईएसएफआर 2019 से प्राप्त जानकारियों का इस्तेमाल।
- गैर वित्तीय निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए ऑग्मेंटेड (पुनर्वर्गीकृत) डाटा का इस्तेमाल।
- केन्द्रीय और राज्य सरकारों के बजट में व्यय और प्राप्ति के विभिन्न उत्पादों के लिए संशोधित अनुमान के स्थान पर वास्तविक अनुमान का उपयोग।
- स्थानीय निकायों और स्वायत्त संस्थानों से संबद्ध अद्यतन सूचनाओं का उपयोग।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संबंधित अद्यतन वार्षिक रिपोर्ट का इस्तेमाल।
- सकारी बैंकों, पोस्टल जीवन बीमा (पीएलआई) और डाक घर बचत खाता (पीओएसबी), गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और वित्तीय सहायकों के लिए हाल ही में प्राप्त हुए अद्यतन डाटा का प्रयोग।
संपूर्ण प्रेस विज्ञप्ति के लिए यहाँ क्लिक करें।
***
एमजी/एएम/पीजी
(Release ID: 1709519)
Visitor Counter : 442