रक्षा मंत्रालय
                
                
                
                
                
                
                    
                    
                        प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर वेबिनार में मुख्य भाषण दिया
                    
                    
                        
सरकार का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, पूर्वानुमेयता और व्यापार के लिए सुगमता सुनिश्चित करना है: श्री नरेन्द्र मोदी
रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय बजट को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए ख़ुशी प्रकट की; घरेलू रक्षा खरीद के लिए 70,221 करोड़ रुपये
सरकार ने 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' मंत्र के तहत निर्यातोन्मुखी रक्षा उद्योग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया: श्री राजनाथ सिंह
                    
                
                
                    Posted On:
                22 FEB 2021 6:34PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली में रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर 'वेबिनार ऑन बजट अनाउंसमेंट्स 2021-2022 : गैल्वनाइज़िंग एफर्ट्स फ़ॉर आत्मनिर्भर भारत' में प्रमुख भाषण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वेबिनार काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 
श्री मोदी ने कहा कि 2014 से ही सरकार की कोशिश रही है कि रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, पूर्वानुमेयता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने लाइसेंस रद्द करने, नियमन रद्द करने, निर्यात का संवर्धन करने, विदेशी निवेश उदारीकरण आदि लाने के लिए कदम उठाए हैं। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तेजस लड़ाकू विमान विकसित करने पर हमारे इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताया है और आज तेजस आसमान में शान से उड़ रहा है। कुछ हफ्ते पहले तेजस के लिए 48,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया था। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने रक्षा से संबंधित 101 महत्वपूर्ण वस्तुओं की सूची बनाई है, जिनका निर्माण हमारे स्थानीय उद्योगों की मदद से स्वदेश में किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि एक टाइमलाइन तय की गई है ताकि घरेलू उद्योग इन जरूरतों को पूरा करने की योजना बना सके। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे राजभाषा में नकारात्मक सूची कहा जाता है लेकिन यह आत्मनिर्भरता की भाषा में एक सकारात्मक सूची है। यह वो सकारात्मक सूची है जिस पर देश की विनिर्माण क्षमता बढ़ेगी, जिससे रोजगार पैदा होगा और हमारी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर भारत की निर्भरता कम होगी।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय बजट को वायदे, क्षमता और प्रगति के स्वस्थ मिश्रण के रूप में सराहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बजट के आगे दिखने वाले एजेंडे से देश की रक्षा और सुरक्षा को साथ मिलेगा। 
श्री राजनाथ सिंह ने कहा, "बजट में आर्थिक विकास में तेजी लाने और कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को पलटने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया है।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर भारत के विजन ने इस वर्ष के बजट में रक्षा क्षेत्र के प्रति दृष्टिकोण को परिभाषित किया। रक्षा बजट में पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष) के ऊपर पूंजी परिव्यय में 18.75 प्रतिशत और वर्ष भर पहले 30 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है जो पिछले डेढ़ दशक में सबसे अधिक है। 
श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में खरीद निर्णयों को चलाने वाले खतरे की धारणाओं, आकांक्षाओं, क्षमता और क्षमता विकास पहलों और तकनीकी प्रगति को प्रमुख कारक बताया। उन्होंने सशस्त्र बलों की आकांक्षाओं और रक्षा विनिर्माताओं द्वारा वास्तविक सुपुर्दगी के बीच अंतर को कम करने के लिए सशस्त्र बलों और रक्षा क्षेत्र के विनिर्माताओं के बीच घनिष्ठ सहयोग को रेखांकित किया। 
रक्षा मंत्री ने कहा कि 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' नवीनतम तकनीकी प्रगति के साथ हमेशा अवगत रहने और एक ही समय में मितव्ययी बने रहने का एकमात्र मंत्र है। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल घरेलू विनिर्माण बल्कि निर्यातोन्मुखी रक्षा उद्योग को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। 
रक्षा मंत्री ने कहा, 'घरेलू उद्योग को चलाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक 'आत्मनिर्भर भारत' है, उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य के लिए रक्षा उद्योग के निर्माण के लिए अधिक आरंभिक लागत की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर है ताकि विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने, घरेलू रक्षा क्षेत्र के साथ संयुक्त उद्यम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। 
श्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने हाल ही में आयोजित एयरो इंडिया 2021 के दौरान हिंदुस्तान एयरोऑटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को दिए गए 48,000 करोड़ रुपये के 83 स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए, तेजस के हालिया आदेश का उल्लेख करते हुए अगले पांच वर्षों में सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजनाओं पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि स्वदेश में डिजाइन किए गए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर के लिए अनुबंध पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है । 
रक्षा मंत्री ने घरेलू उद्योग से अधिक खरीद सुनिश्चित करने के लिए पूंजीगत खरीद बजट को घरेलू और विदेशी पूंजी खरीद मार्गों में विभाजित करने का ज़िक्र भी किया। "मंत्रालय ने घरेलू खरीद पर 2021-22 के लिए परिव्यय का लगभग 63 प्रतिशत यानी घरेलू रक्षा खरीद के लिए लगभग 70,221 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। इस वृद्धि का घरेलू खरीद में वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसका एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित हमारे उद्योगों पर मल्टीप्लायर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा इससे रक्षा क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा ।
रक्षा मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 75,000 करोड़ रुपये के एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएन) को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 87 प्रतिशत 'मेक इन इंडिया' से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय पूंजी अधिग्रहण की समयसीमा में देरी को कम करने पर भी काम कर रहा है। 
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने देश में अभिनव रक्षा प्रौद्योगिकी और समर्थन स्टार्ट-अप बेस को बड़ा बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021-22 के दौरान रक्षा मंत्रालय ने इनोवेशन्स फ़ॉर डिफेंस एक्सीलेंस स्टार्टअप्स से अधिग्रहण के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये चैनलाइज करने की योजना बनाई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा की गई पहलों के परिणामस्वरूप पिछले छह वर्षों में रक्षा निर्यात में 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) द्वारा 2020 में प्रकाशित आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने दुनिया के शीर्ष 25 निर्यातकों की सूची में प्रवेश किया। 
एसआईडीएम, फिक्की, पीएचडीसीसी और एसोचैम के उद्योग विज्ञों ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय की नीतियों की सराहना की और विचार के लिए कुछ सुझाव दिए।
अपने समापन भाषण में रक्षा मंत्री ने उनके प्रस्तावों का जवाब देते हुए निम्नलिखित घोषणाएं की: 
1. निर्यात न की जाने वाली वस्तुओं की एक और सूची मार्च 2021 में अधिसूचित की जाएगी। 
2. लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों (एलयूएच) के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को दिया जाएगा ताकि भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के साथ हेलीकॉप्टरों को सशस्त्र बलों में शामिल किया जा सके। 
3. निजी क्षेत्र से किया जाने वाला अधिग्रहण 15 प्रतिशत तक सीमित नहीं होगा बल्कि इससे काफी आगे जाएगा। 
4. 'एओएन' अनुबंध रूपांतरण को दो साल के भीतर करीबी निगरानी के साथ पूरा किया जाएगा। 
5. 500 करोड़ रुपये से 2,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा प्रतिस्पर्धी आधार पर की जाएगी और इसे एक वर्ष के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा। 
6. स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड ऑफ फंड बनाया गया है । निधि के उपयोग में रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को पूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी । 
7. इस वर्ष कम से कम पांच मेक-1 परियोजनाओं को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की जाएगी । 
सैन्य मामलों के सचिव एवं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, उद्योग जगत के प्रमुखों ने भी वेबिनार को संबोधित किया । रक्षा मंत्रालय के नागरिक और सैन्य क्षेत्र के
वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग प्रतिनिधियों और नवोन्मेषकों ने वेबिनार में भाग लिया ।
एमजी/एएम/एबी-
                
                
                
                
                
                (Release ID: 1709449)
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